हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर साम-दाम-दंड-भेद का आरोप लगाकर चुनाव में धांधली का आरोप लगाया था। इस पर पलटवार करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि यह भाजपा सरकार की बौखलाहट है जो सामने आ गई है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार को पता चल गया है कि हरियाणा में उनका सूपड़ा साफ हो रहा है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि उनका लालन-पालन राजनीतिक परिवार में हुआ है, इसलिए उन्हें राजनीति की अच्छी जानकारी है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि हरियाणा में कोई भी स्थायी नौकरी नहीं है, इसलिए कांग्रेस के सत्ता में आने पर भाजपा सरकार द्वारा चलाई जा रही जनविरोधी नीतियों को बंद किया जाएगा। हरियाणा में कांग्रेस की सरकार आने पर युवाओं को 2 लाख तक नौकरियां दी जाएंगी। एग्जिट पोल से बेहतर होंगे नतीजे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि एग्जिट पोल से भी बेहतर नतीजे आने की उम्मीद है।लोगों ने दिल खोलकर कांग्रेस को वोट दिया है, इसलिए 4 जून को नतीजे इससे भी बेहतर होंगे। जो भी जनता का फैसला आएगा, वह उन्हें मंजूर होगा। ग्रुप सी और ग्रुप डी की नौकरियां को लेकर हाई कोर्ट के फैसले पर भाजपा सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट जाने की बात पर भी प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने जानबूझकर भर्तियों में कमी छोड़ी है। जिसके चलते युवाओं के भविष्य पर तलवार लटक रही है, कांग्रेस सरकार आने पर 2 लाख युवाओं को नौकरी दी जाएगी। 10 साल में परेशान हो चुकी है जनता पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि मौजूदा भाजपा सरकार की गलत नीतियों के कारण 10 साल में जनता परेशान हो चुकी है। जिसके परिणाम स्वरूप इंडिया गठबंधन की सरकार केंद्र में होगी और हरियाणा में कांग्रेस की सरकार होगी। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपने आवास पर कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर रहे थे। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर साम-दाम-दंड-भेद का आरोप लगाकर चुनाव में धांधली का आरोप लगाया था। इस पर पलटवार करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि यह भाजपा सरकार की बौखलाहट है जो सामने आ गई है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार को पता चल गया है कि हरियाणा में उनका सूपड़ा साफ हो रहा है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि उनका लालन-पालन राजनीतिक परिवार में हुआ है, इसलिए उन्हें राजनीति की अच्छी जानकारी है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि हरियाणा में कोई भी स्थायी नौकरी नहीं है, इसलिए कांग्रेस के सत्ता में आने पर भाजपा सरकार द्वारा चलाई जा रही जनविरोधी नीतियों को बंद किया जाएगा। हरियाणा में कांग्रेस की सरकार आने पर युवाओं को 2 लाख तक नौकरियां दी जाएंगी। एग्जिट पोल से बेहतर होंगे नतीजे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि एग्जिट पोल से भी बेहतर नतीजे आने की उम्मीद है।लोगों ने दिल खोलकर कांग्रेस को वोट दिया है, इसलिए 4 जून को नतीजे इससे भी बेहतर होंगे। जो भी जनता का फैसला आएगा, वह उन्हें मंजूर होगा। ग्रुप सी और ग्रुप डी की नौकरियां को लेकर हाई कोर्ट के फैसले पर भाजपा सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट जाने की बात पर भी प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने जानबूझकर भर्तियों में कमी छोड़ी है। जिसके चलते युवाओं के भविष्य पर तलवार लटक रही है, कांग्रेस सरकार आने पर 2 लाख युवाओं को नौकरी दी जाएगी। 10 साल में परेशान हो चुकी है जनता पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि मौजूदा भाजपा सरकार की गलत नीतियों के कारण 10 साल में जनता परेशान हो चुकी है। जिसके परिणाम स्वरूप इंडिया गठबंधन की सरकार केंद्र में होगी और हरियाणा में कांग्रेस की सरकार होगी। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपने आवास पर कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर रहे थे। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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रोहतक में शिवरात्रि पर उमड़ी भक्तों की भीड़:श्री सिद्धेश्वर महादेव मंदिर में कांवड़ियों की लंबी कतारें; MLA भारत भूषण भी पहुंचे शिवरात्रि पर रोहतक में बम-बम के जयकारे गूंजे। इसके लिए मंदिरों को पहले से ही सजाया गया था। सुबह से ही मंदिरों में श्रद्धालुओं की कतार लग गई। जिसके बाद लोगों ने शिव मंदिरों में पहुंचकर बेलपत्र, दूध, दही, फलों से जलाभिषेक किया। साथ ही अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की। सावन का महीना भगवान शिव की पूजा के लिए विशेष माना जाता है। सावन शिवरात्रि का भी विशेष महत्व है। इसलिए रोहतक के मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। वहीं, रात 12 बजे के बाद कावड़ लेकर आए कांवड़ियों ने भी शिवलिंग पर जलाभिषेक करना शुरू कर दिया। कांवड़ियों ने चढ़ाया गंगाजल सावन शिवरात्रि पर शिवलिंग का जलाभिषेक करने के लिए श्रद्धालु हरिद्वार से गंगाजल लेकर आए। कांवड़ को लेकर लोगों में काफी उत्साह था। पिछले कई दिनों से रोहतक की सड़कों पर कावड़ियों की कतारें लगी हुई थीं। शिवरात्रि पर कावड़ियों ने मंदिरों में विधि-विधान से कावड़ चढ़ाई और जलाभिषेक किया। इस दौरान कावड़ियों के परिवार के सदस्य भी पूजा-अर्चना के लिए मंदिर पहुंचे। रोहतक व कलानौर विधायक पहुंचे मंदिर कलानौर विधायक शकुंतला खटक व रोहतक विधायक भारत भूषण बत्रा कलानौर स्थित श्री सिद्धेश्वर महादेव मंदिर पहुंचे। उन्होंने मंदिर में पूजा-अर्चना की तथा माथा टेककर आशीर्वाद लिया। प्राचीन श्री सिद्धेश्वर महादेव मंदिर में शिवरात्रि पर जागरण का भी आयोजन किया गया। जिसमें गुरु महाराज व गुरु गद्दियों के संत मौजूद रहे।
हरियाणा में इनेलो के ‘चश्मे’ पर JJP की नजर:दुष्यंत चौटाला बोले- इस बार भी 6% वोट नहीं मिले तो सिंबल फ्रीज होगा, हम दावा करेंगे
हरियाणा में इनेलो के ‘चश्मे’ पर JJP की नजर:दुष्यंत चौटाला बोले- इस बार भी 6% वोट नहीं मिले तो सिंबल फ्रीज होगा, हम दावा करेंगे हरियाणा में राजनीतिक दिग्गज चौटाला परिवार में इंडियन नेशनल लोक दल (INLD) यानी इनेलो पर अधिकार की लड़ाई शुरू होने वाली है। इसके संकेत इनेलो से निकाले गए पूर्व डिप्टी CM दुष्यंत चौटाला ने दिए हैं। जो अभी जननायक जनता पार्टी (JJP) के वरिष्ठ नेता हैं। दुष्यंत ने कहा-” चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार 2 लोकसभा इलेक्शन में 6% से ज्यादा वोट शेयर की जरूरत होती है। मगर, इनेलो के 2019 लोकसभा चुनाव में 2 प्रतिशत के लगभग वोट आए थे। दुष्यंत ने कहा कि इस चुनाव में भी इनेलो के वोट शेयर 2 प्रतिशत तक ही रह सकते हैं। ऐसे में इनेलो का सिंबल छिन सकता है।” अगर अगर इनेलो का सिंबल चश्मा चुनाव आयोग छीनता है तो जजपा इस पर दावा ठोक सकती है। ऐसे समझें इनेलो से सिंबल छिनने के खतरे का गणित…
चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार किसी भी पार्टी को लगातार 2 चुनाव (लोकसभा व विधानसभा) में निर्धारित वोट नहीं मिलते हैं तो स्टेट पार्टी का दर्जा छिन जाता है। लोकसभा चुनाव में 6% वोट और एक सीट या 8% वोट की जरूरत होती है। विधानसभा में 6% वोट और 2 सीटें होनी चाहिए। नियम के अनुसार, अगर लगातार 2 चुनाव (2 लोस व 2 विस) में ये सब नहीं होता है तो पार्टी का चुनाव चिह्न भी छिन सकता है। इनेलो ने 2019 के लोकसभा चुनाव में 1.89% और विधानसभा चुनाव में 2.44% ही वोट हासिल किए थे। इसके अलावा 2019 के चुनाव भाजपा की लहर ने हरियाणा में सभी दलों का सूपड़ा साफ कर दिया। 10 की 10 सीटों पर भाजपा के प्रत्याशी विजयी हुए। इस चुनाव में इनेलो को एक भी सीट नहीं मिली। इसके बाद विधानसभा चुनाव हुआ। इस चुनाव में इनेलो के अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद जताई जा रही थी, लेकिन यहां भी निराशा हाथ लगी। अभय चौटाला के अलावा सभी प्रत्याशी हार गए। इस बार भी कम से कम 6% वोट और एक सीट या 8% वोट नहीं मिले तो स्टेट पार्टी का दर्जा व चश्मे का चुनाव निशान तक छिन सकता है। हरियाणा में मुश्किल में चौटाला परिवार की दोनों पार्टियां…. इनेलो के आगे अस्तित्व बचाने की लड़ाई कभी हरियाणा की राजनीति की दशा-दिशा तय करने वाली इनेलो के लिए अब अस्तित्व बचाने की चुनौती है। इनेलो के लिए चश्मा चुनाव चिन्ह बचाना ही मुश्किल हो रहा है। जिसके लिए उन्हें इस बार 6% मत हासिल करना इसलिए जरूरी है। 4 महीने बाद प्रदेश में विधानसभा चुनाव हैं। ऐसे में सिंबल छिन गया तो इनेलो के लिए मुश्किल हो सकती है। इसी वजह से अभय चौटाला खुद कुरूक्षेत्र से चुनाव लड़ रहे जबकि परिवार की दूसरी सदस्य सुनैना चौटाला को हिसार से चुनाव लड़ाया गया है। इनेलो ने 5 सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं। इनमें अंबाला, कुरुक्षेत्र, सिरसा, हिसार की सीटें शामिल हैं, जबकि करनाल में एनसीपी के वीरेंद्र मराठा को इनेलो ने अपना समर्थन दे रखा है सरकार से साथ टूटने पर बगावत से जूझती जजपा
वहीं दूसरी तरफ जजपा साढ़े 4 साल सत्ता का सुख लेने के बाद लोकसभा चुनाव से ठीक पहले अलग हो गई। इसके बाद जजपा में ही बगावत शुरू हो गई। जजपा के 10 में से 5 विधायक बागी हो गए।इनमें से विधायक जोगीराम सिहाग ने खुलकर भाजपा की समर्थन किया। रामकुमार गौतम ने देशहित के बहाने भाजपा के समर्थन की बात की। देवेंद्र बबली ने इशारों में कांग्रेस को समर्थन का ऐलान किया। बाकी बचे रामनिवास सुरजाखेड़ा और ईश्वर सिंह ने सीधे किसी का समर्थन नहीं किया लेकिन पार्टी के प्रति बागी तेवर बरकरार हैं। इनमें से विधायक सुरजाखेड़ा और सिहाग की तो विधानसभा सदस्यता भंग करने के लिए भी जजपा ने स्पीकर को चिट्ठी लिख दी है। जजपा नेतृत्व के साथ 5 विधायक, जिनमें खुद दुष्यंत चौटाला, उनकी मां नैना चौटाला, अनूप धानक, रामकरण काला और अमरजीत ढांडा हैं। इस बार जजपा प्रदेश की 10 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही है। दुष्यंत की मां नैना चौटाला हिसार से उम्मीदवार है। कैसे मिलता है राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा
दरअसल इसके लिए केंद्रीय चुनाव आयोग के नियम 1968 का पालन किया जाता है। जिसके मुताबिक किसी पार्टी को राष्ट्रीय दल का दर्जा हासिल करने के लिए 4 या उससे ज्यादा राज्यों में लोकसभा चुनाव या विधानसभा चुनाव लड़ना होता है। इसके साथ ही इन चुनावों में उस पार्टी को कम से कम 6 प्रतिशत वोट हासिल करने होते हैं। परिवार में आपसी कलह से टूटी थी इनेलो
2018 में पारिवार में आपसी कलह के चलते इनेलो में बड़ी टूट हुई थी। अभय चौटाला के भाई अजय चौटाला ने अपने बेटों दुष्यंत और दिग्विजय के अलावा कई अन्य नेताओं के साथ पार्टी को अलविदा कह दिया। इसके बाद हरियाणा में जन नायक जनता पार्टी यानि जजपा का गठन हुआ। अब स्थिति ये है कि हरियाणा में न इनेलो का व्यापक प्रभाव देखने को मिलता है और न ही जजपा का। जजपा और इनेलो में फूट का सबसे ज्यादा फायदा राष्ट्रीय पार्टी भाजपा और कांग्रेस को हुआ है। 2019 विधानसभा चुनाव में जजपा ने जीती थी 10 सीटें
इनेलो टूटने के बाद बनी जजपा ने पहली बार 2019 में विधानसभा लड़ा था। जजपा ने प्रदेश की सभी 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में जजपा ने 10 सीटें जीते थी। हिसार के सांसद रहे दुष्यंत चौटाला के नेतृत्व में यह चुनाव लड़ा गया था। इस चुनाव में उचाना, बाढड़ा, टोहाना, बरवाला, नारनौंद, जुलाना, गुहला, उकलाना, नरवाना और शाहबाद विधानसभा सीटें जीते थीं। 10 विधायक चुने जाने के बाद जजपा ने भाजपा को समर्थन देकर हरियाणा में 2019 में नई सरकार का गठन किया था। नई सरकार में दुष्यंत चौटाला को भाजपा ने डिप्टी सीएम बनाया था।
कारपेंटर फूलचंद की हत्या के दोषी को उम्रकैद
कारपेंटर फूलचंद की हत्या के दोषी को उम्रकैद भास्कर न्यूज | अम्बाला सुंदर नगर के कारपेंटर फूल चंद की पैसों के विवाद में चाकू घोंप कर हत्या करने के दोषी भरत कुमार को एडिशनल सेशन जज राजन वालिया की कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई है। सरकारी वकील रणदीप सिंह संधू ने बताया कि हत्या की धारा 302 में दोषी पर 1 लाख जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना न देने पर एक साल अतिरिक्त सजा काटनी होगी। वहीं, आर्म्स एक्ट की धारा में एक साल की सजा व 10 हजार रुपए जुर्माना लगाया है। जुर्माना न देने पर एक माह अतिरिक्त सजा काटनी होगी। दोनों सजाएं समानांतर चलेंगी। इस संबंध में पड़ाव पुलिस ने 22 जुलाई 2020 को मृतक फूल चंद के पिता सुंदर नगर निवासी िशव पूजन के बयान पर भरत कुमार के खिलाफ हत्या एवं आर्म्स एक्ट में केस दर्ज किया था। मृतक फूलचंद के पिता शिव पूजन ने अपने बयान दर्ज कराए थे कि उसका 37 वर्षीय बेटा फूलचंद कारपेंटर का काम करता था, जिसकी सुंदर नगर में पानी की टंकी के पास दुकान थी। रेलेवे से ड्यूटी के बाद वह अपने बेटे के पास चला जाता था। घटना वाले दिन वह बेटे के साथ दुकान पर था। बेटे फूलचंद ने रेलवे कॉलोनी में मकान बना रहे भरत कुमार के यहां लकड़ी का काम किया था। दोनों के बीच लकड़ी की पैमाइश को लेकर विवाद था। उसके बेटे ने अपने किए हुए काम के पैसा मांगे थे। भरत कुमार ने 21 जुलाई 2020 की शाम साढ़े 7 बजे उसके बेटे से पहले पैसों को लेकर बहस की और फिर अपनी कार से चाकू निकाल फूलचंद के पेट में घोंप दिया था। सिविल अस्पताल कैंट से रेफर किए गए फूलचंद ने पीजीआई ले जाते वक्त दम तोड़ दिया था।