पशुपालन कर्मचारी ने नौकरी के नाम पर 35 लाख हड़पे:नारनौल में CET मेरिट लिस्ट में नाम का दिया आश्वासन; वीएलडीए बोला-आरोप निराधार

पशुपालन कर्मचारी ने नौकरी के नाम पर 35 लाख हड़पे:नारनौल में CET मेरिट लिस्ट में नाम का दिया आश्वासन; वीएलडीए बोला-आरोप निराधार

महेंद्रगढ़ के नारनौल में युवक ने पशुपालन विभाग में कार्यरत वीएलडीए पर नौकरी के नाम पर 35 लाख रुपए लेने का आरोप लगाया है। युवक की शिकायत पर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। वहीं आरोपी का कहना है कि उसके ऊपर लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं। मूल रूप से रेवाड़ी के रहने वाले तथा फिलहाल नारनौल की पीडब्ल्यूडी कालोनी के रहने वाले हितेष ने पुलिस को बताया कि उसने एमटेक की हुई है। वह सरकारी नौकरी पाने के लिए कई बार सरकार द्वारा निकाले गए एग्जाम दे चुका। लगभग सभी पोस्ट के लिए दिए गए एग्जाम में वह कुछ नंबरों से ही रह जाता था। जिसकी जानकारी पशुपालन विभाग में गांव पटीकरा में कार्यरत सत्येंद्र को भी थी। क्योंकि उसके पिता के अच्छे दोस्त होने कि वजह से अक्सर वह नारनौल उसके घर में आता था। आरोपी बोला-कई लोगों को दिलवा चुके सरकारी नौकरी सत्येंद्र सिंह का ट्रांसफर कहीं और हो जाने की वजह से काफी दिनों बाद वह अगस्त-2023 को उसके नारनौल स्थित घर पर आया था। उसने फिर मुझे सरकारी नौकरी दिलवाने की बात दोहराई और कहा कि वह पहले भी कई लोगों को सरकारी नौकरी दिलवा चुका है। कई बड़े बिगड़े हुए सरकारी कार्यों को भी आसानी से करवा चुका है। हालांकि पैसे देकर कभी भी नौकरी नहीं पाना चाहता था, लेकिन उसने उस रोज अपने मोबाइल में कुछ लोगों की फोटो दिखा कर मुझे बताया की में इनको भी सरकारी नौकरी दिलवा चुका है। नौकरी व अच्छा स्टेशन दिलवाने का विश्वास दिया हितेष ने कहा कि वह CET का प्री एग्जाम क्लियर कर चुका था, लेकिन BC-B का नया सर्टिफिकेट ना होने की वजह से CET के फाइनल एग्जाम के लिए रोल नंबर रोक दिए गए थे। इस बात का जिक्र करने पर, सत्येंद्र सिंह ने विश्वास दिलवाया कि वह नौकरी व अच्छा स्टेशन दिलवा देगा। उसके बाद उसने मैरिट लिस्ट में नाम आने का आश्वासन भी दिया। इन सभी बातों से उसने विश्वास जीत लिया और मुझे मानसिक रूप से अपने जाल में फंसा कर मुझसे कुल 35 लाख रुपए ऐंठ लिए। जिनमें कैश तथा बैंक ट्रांजैक्शन शामिल हैं। लिस्ट में नाम नहीं आया तो कई बार किया संपर्क हितेष के मुताबिक, जब उसका लिस्ट में नाम नहीं आया तो, सत्येन्द्र सिंह से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उससे कोई संपर्क नहीं हो सका। उसके बाद कई बार संपर्क करने के बाद उससे बात हुई। जिसमें उसने 20 नवंबर 2024 को पैसे वापस लौटा देने का वादा किया, जो की बाद में उसने बढ़ाकर 20 दिसंबर 2024 कर दिया। लेकिन वह 20 दिसंबर 2024 तक भी पैसे वापस नहीं कर सका। सभी आरोप झूठे – सत्येंद्र वहीं इस बारे में सत्येंद्र सिंह ने कहा कि उस पर लगाए गए सभी आरोप झूठे व निराधार हैं। हितेष ने उसको कभी पैसे दिए ही नहीं। महेंद्रगढ़ के नारनौल में युवक ने पशुपालन विभाग में कार्यरत वीएलडीए पर नौकरी के नाम पर 35 लाख रुपए लेने का आरोप लगाया है। युवक की शिकायत पर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। वहीं आरोपी का कहना है कि उसके ऊपर लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं। मूल रूप से रेवाड़ी के रहने वाले तथा फिलहाल नारनौल की पीडब्ल्यूडी कालोनी के रहने वाले हितेष ने पुलिस को बताया कि उसने एमटेक की हुई है। वह सरकारी नौकरी पाने के लिए कई बार सरकार द्वारा निकाले गए एग्जाम दे चुका। लगभग सभी पोस्ट के लिए दिए गए एग्जाम में वह कुछ नंबरों से ही रह जाता था। जिसकी जानकारी पशुपालन विभाग में गांव पटीकरा में कार्यरत सत्येंद्र को भी थी। क्योंकि उसके पिता के अच्छे दोस्त होने कि वजह से अक्सर वह नारनौल उसके घर में आता था। आरोपी बोला-कई लोगों को दिलवा चुके सरकारी नौकरी सत्येंद्र सिंह का ट्रांसफर कहीं और हो जाने की वजह से काफी दिनों बाद वह अगस्त-2023 को उसके नारनौल स्थित घर पर आया था। उसने फिर मुझे सरकारी नौकरी दिलवाने की बात दोहराई और कहा कि वह पहले भी कई लोगों को सरकारी नौकरी दिलवा चुका है। कई बड़े बिगड़े हुए सरकारी कार्यों को भी आसानी से करवा चुका है। हालांकि पैसे देकर कभी भी नौकरी नहीं पाना चाहता था, लेकिन उसने उस रोज अपने मोबाइल में कुछ लोगों की फोटो दिखा कर मुझे बताया की में इनको भी सरकारी नौकरी दिलवा चुका है। नौकरी व अच्छा स्टेशन दिलवाने का विश्वास दिया हितेष ने कहा कि वह CET का प्री एग्जाम क्लियर कर चुका था, लेकिन BC-B का नया सर्टिफिकेट ना होने की वजह से CET के फाइनल एग्जाम के लिए रोल नंबर रोक दिए गए थे। इस बात का जिक्र करने पर, सत्येंद्र सिंह ने विश्वास दिलवाया कि वह नौकरी व अच्छा स्टेशन दिलवा देगा। उसके बाद उसने मैरिट लिस्ट में नाम आने का आश्वासन भी दिया। इन सभी बातों से उसने विश्वास जीत लिया और मुझे मानसिक रूप से अपने जाल में फंसा कर मुझसे कुल 35 लाख रुपए ऐंठ लिए। जिनमें कैश तथा बैंक ट्रांजैक्शन शामिल हैं। लिस्ट में नाम नहीं आया तो कई बार किया संपर्क हितेष के मुताबिक, जब उसका लिस्ट में नाम नहीं आया तो, सत्येन्द्र सिंह से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उससे कोई संपर्क नहीं हो सका। उसके बाद कई बार संपर्क करने के बाद उससे बात हुई। जिसमें उसने 20 नवंबर 2024 को पैसे वापस लौटा देने का वादा किया, जो की बाद में उसने बढ़ाकर 20 दिसंबर 2024 कर दिया। लेकिन वह 20 दिसंबर 2024 तक भी पैसे वापस नहीं कर सका। सभी आरोप झूठे – सत्येंद्र वहीं इस बारे में सत्येंद्र सिंह ने कहा कि उस पर लगाए गए सभी आरोप झूठे व निराधार हैं। हितेष ने उसको कभी पैसे दिए ही नहीं।   हरियाणा | दैनिक भास्कर