रोहतक में पैसे व गहने सहित गाड़ी चोरी का मामला सामने आया है। वारदात उस समय हुई जब पीड़ित अपनी पत्नी को अस्पताल से डिलीवरी के लिए लेकर आया था। पीछे से अज्ञात चोर ने गाड़ी को चोरी कर लिया जिसकी शिकायत पुलिस को दे दी। जिला झज्जर के गांव आसौदा निवासी मंजीत ने सिविल लाइन पुलिस थाना में शिकायत दर्ज करवाई। शिकायत में बताया कि उसकी पत्नी गर्भवती हैं। 10 अगस्त को वह अपनी पत्नी की डिलीवरी के लिए अत्री नर्सिंग होम में लेकर आया था। जहां पर उसने अपनी पत्नी को दाखिल करवा दिया। वहीं उन्होंने अपनी गाड़ी नर्सिंग होम के सामने सोनीपत रोड पर खड़ी की थी। जो उन्होंने करीब दो साल पहले वर्ष 2022 में खरीदी थी। उसने अपनी गाड़ी में ही सभी दस्तावेज रखें थे। साथ ही उसकी पत्नी के सोने के गहने (2 अंगुठी व एक चैन) और लगभग 40,000 रुपए रखे हुए थे। उसने अपनी गाड़ी 11 अगस्त को तलाशी, तो वह नहीं मिली। जिसको कोई नाम पता ना मालूम व्यक्ति चोरी करके ले गया। जिसके बाद मामले की सूचना पुलिस को दे दी। पुलिस ने मामले की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचकर आरंभ कर दी। रोहतक में पैसे व गहने सहित गाड़ी चोरी का मामला सामने आया है। वारदात उस समय हुई जब पीड़ित अपनी पत्नी को अस्पताल से डिलीवरी के लिए लेकर आया था। पीछे से अज्ञात चोर ने गाड़ी को चोरी कर लिया जिसकी शिकायत पुलिस को दे दी। जिला झज्जर के गांव आसौदा निवासी मंजीत ने सिविल लाइन पुलिस थाना में शिकायत दर्ज करवाई। शिकायत में बताया कि उसकी पत्नी गर्भवती हैं। 10 अगस्त को वह अपनी पत्नी की डिलीवरी के लिए अत्री नर्सिंग होम में लेकर आया था। जहां पर उसने अपनी पत्नी को दाखिल करवा दिया। वहीं उन्होंने अपनी गाड़ी नर्सिंग होम के सामने सोनीपत रोड पर खड़ी की थी। जो उन्होंने करीब दो साल पहले वर्ष 2022 में खरीदी थी। उसने अपनी गाड़ी में ही सभी दस्तावेज रखें थे। साथ ही उसकी पत्नी के सोने के गहने (2 अंगुठी व एक चैन) और लगभग 40,000 रुपए रखे हुए थे। उसने अपनी गाड़ी 11 अगस्त को तलाशी, तो वह नहीं मिली। जिसको कोई नाम पता ना मालूम व्यक्ति चोरी करके ले गया। जिसके बाद मामले की सूचना पुलिस को दे दी। पुलिस ने मामले की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचकर आरंभ कर दी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
भास्कर अपडेट्स:हरियाणा में एक सीट पर चौटाला परिवार होगा आमने-सामने; दिग्विजय और कांता लड़ सकते हैं चुनाव
भास्कर अपडेट्स:हरियाणा में एक सीट पर चौटाला परिवार होगा आमने-सामने; दिग्विजय और कांता लड़ सकते हैं चुनाव राजस्थान व पंजाब से सटी हरियाणा के सिरसा जिले की डबवाली विधानसभा सीट पर इस बार देवीलाल परिवार में घमासान दिखने को मिल सकता है। सिरसा जिला हमेशा इस परिवार का गढ़ रहा, लेकिन धीरे-धीरे यह खिसकता जा रहा है। पिछले चुनाव में ऐलनाबाद से अभय चौटाला व रानियां से रणजीत चौटाला जीतकर विधानसभा पहुंचे। डबवाली से देवीलाल परिवार से माने जाने वाले अमित सिहाग भी पहुंचे, लेकिन इस बार डबवाली में इस परिवार में आमने-सामने की टक्कर हो सकती है। जजपा ने दिग्विजय को यहां से उम्मीदवार घोषित कर दिया है। इसलिए यह सीट पहले ही सुर्खियों में आ गई है। दिग्विजय करीब 6 माह से सक्रिय हैं। वहीं, इनेलो के प्रधान महासचिव अभय चौटाला की पत्नी कांता चौटाला भी मैदान में दिखाई दे सकती हैं। उनका पार्टी में दो-तीन संभावित उम्मीदवारों में सबसे ऊपर नाम है। वे पिछले दो-तीन साल से डबवाली में सक्रिय हैं। वहीं, दूसरी तरफ यदि पिछली बार की तरह कांग्रेस ने इसलिए खास है यह सीट
इस सीट पर पूर्व में देवीलाल भी विधायक रहे हैं। बाद में यह सीट आरक्षित हो गई। 2009 अनारक्षित हुई तो देवीलाल के पोते अजय चौटाला यहां से विधायक बने। जेबीटी भर्ती मामले में उन्हें जेल होने पर 2014 में उनकी पत्नी नैना चौटाला यहां से इनेलो के टिकट पर जीतकर विधानसभा पहुंचीं। 2019 में मुकाबले अमित सिहाग और आदित्य देवीलाल में रहा, जिसमें अमित जीते। यानी इस सीट पर लगभग हर बार देवीलाल परिवार का ही कब्जा रहा है।
अभय सिंह चौटाला और पवन बेनीवाल फिर साथ-साथ:कांग्रेस छोड़ इनेलो में शामिल, भाजपा और कांग्रेस से अभय सिंह के सामने लड़ा था चुनाव
अभय सिंह चौटाला और पवन बेनीवाल फिर साथ-साथ:कांग्रेस छोड़ इनेलो में शामिल, भाजपा और कांग्रेस से अभय सिंह के सामने लड़ा था चुनाव हरियाणा के सिरसा जिले की ऐलनाबाद विधानसभा से 3 बार अभय चौटाला के सामने चुनाव लड़ने वाले पवन बैनीवाल ने रविवार रात इनेलो जॉइन कर ली। पवन बैनीवाल 2 बार BJP और 1 बार कांग्रेस की टिकट पर अभय चौटाला को चुनौती दे चुके हैं मगर हर बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। मगर बरसों पुरानी दोस्ती के खातिर दोनों नेताओं ने आपसी गिले शिकवे भुलाकर एक होना बेहतर समझा। दोनों नेताओं के बीच करीब 10 साल पहले राजनीतिक मतभेद पैदा हो गए थे जिसके चलते पवन बैनीवाल इनेलो छोड़ भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे। भाजपा ने उनको अभय सिंह चौटाला के सामने 2014 और 2019 में चुनाव लड़वाया था। इसके बाद किसान आंदोलन के समय पवन बैनीवाल ने भाजपा को अलविदा कह कांग्रेस का दामन थाम लिया था। ऐलनाबाद उपचुनाव में कांग्रेस की टिकट पर पवन ने अभय को तीसरी बार चुनौती मगर अबकी बार तीसरे नंबर पर रहे। रविवार शाम को अभय सिंह चौटाला दड़बा कलां स्थित पवन बैनीवाल के घर पर पहुंचे जहां पर पवन बैनीवाल ने अपने समर्थकों सहित उनका स्वागत किया और कांग्रेस छोड़कर इनेलो का दामन थामा। राजनीतिक रूप से दूर हुए थे सामाजिक रूप से एक थे : पवन बैनीवाल इस मौके पर पवन बैनीवाल ने कहा कि वह पहले इनेलो और अभय सिंह सिंह चौटाला के साथ रहे थे, लेकिन किसी बात को लेकर मनमुटाव के चलते उन्होंने अलग-अलग रास्ते अपना कर लिए थे। उन्होंने कहा कि उन्होंने अभय सिंह चौटाला के सामने 3 बार चुनाव भी लड़ा है लेकिन पारिवारिक और सामाजिक रिश्ते कभी भी कमजोर नहीं हुए और अब समय की नजाकत को देखते हुए एक बार फिर साथ हुए हैं और अब अभय सिंह चौटाला चुनाव में जो भी ड्यूटी लगाएंगे वह पूरी तरह निभाएंगे। पवन मेरा अजीज और छोटा भाई : अभय चौटाला इस मौके पर इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला ने कहा कि पवन बैनीवाल उसका सदा अजीज रहा है और छोटा भाई है और किसी एक बात को लेकर उनके बीच गलत फहमियां हो गई थी और अब सारे गिले शिकवे दूर हो गए हैं। उन्होंने कहा कि पवन बैनीवाल के साथ भाजपा और कांग्रेस ने विश्वासघात किया है। इसी प्रकार आदित्य चौटाला के साथ भी नाइंसाफी हुई थी। इसी को लेकर उन्होंने पुराने साथियों को एक साथ मिलाने का फैसला किया है।
हरियाणा के 2 सीनियर IAS अफसरों में ‘पावर स्ट्रगल’:उद्योग महानिदेशक ने अधिकारियों की मीटिंग बुलाई; श्रम सचिव बोले- यह आपके अधिकार में नहीं, कैंसिल करो
हरियाणा के 2 सीनियर IAS अफसरों में ‘पावर स्ट्रगल’:उद्योग महानिदेशक ने अधिकारियों की मीटिंग बुलाई; श्रम सचिव बोले- यह आपके अधिकार में नहीं, कैंसिल करो हरियाणा सरकार में डिप्टी कमिश्नरों की मीटिंग बुलाने को लेकर 2 विभागों में टकराव हो गया है। उद्योग विभाग के IAS अधिकारी ने मीटिंग बुलाई तो श्रम विभाग के अधिकारी ने इस पर कड़ा एतराज जताते हुए उन्हें चिट्ठी लिख दी। उन्होंने मीटिंग को कैंसिल करने के लिए तक कह दिया। यह मीटिंग इंडस्ट्री और कंन्स्ट्रक्शन साइट के वर्करों की सुरक्षा को लेकर बुलाई गई थी। इसी को लेकर उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के महानिदेशक सीजी रजनी कांतन और श्रम विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद मोहन शरण आमने-सामने हो गए। हरियाणा की ब्यूरोक्रेसी में अब 2 सीनियर IAS की पावर स्ट्रगल की लड़ाई की खूब चर्चा है। हालांकि औपचारिक तौर पर दोनों अधिकारी इसको लेकर खुलकर कुछ नहीं कह रहे। सिलसिलेवार ढंग से पढ़ें 2 IAS अधिकारियों की लड़ाई… 1. उद्योग एवं वाणिज्य विभाग महानिदेशक ने बुलाई मीटिंग
उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के महानिदेशक सीजी रजनी कांतन की तरफ से HEPC, हरियाणा के डिप्टी चीफ एग्जीक्यूटिव अफसर के लिए सहायक निदेशक ( एचईपीसी ) ने 22 जुलाई , 2024 को पत्र जारी किया था। इसमें कहा गया था, हरियाणा राज्य में अभी हाल में इंडस्ट्रियल एंड कंस्ट्रक्शन स्थलों की दुर्घटनाओं की रिपोर्टिग ध्यान में आई है। इस संबंध में इंडस्ट्रियल एंड कंस्ट्रक्शन एस्टेबलिशमेंट्स के लिए एक विशेष जागरूकता अभियान विभागों और इंडस्ट्रियल एसोसिएशंस के साथ पूरे राज्य में चलाया जाना है। 2. मीटिंग में 8 विभागों के अफसर और 8 जिलों के DC भी बुलाए
उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के महानिदेशक की अध्यक्षता में 25 जुलाई को एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए यह मीटिंग बुलाई गई थी। पत्र में कहा गया था कि जागरूकता अभियान के मद्देनजर संबंधित जिला अधिकारी मीटिंग अटैंड करें। इन अधिकारियों में जिला राजस्व एवं आपदा प्रबंधन, फायर एंड इमरजेंसी सेवाएं विभाग, चीफ इलेक्ट्रिकल इंस्पेक्टोरेट, एचएसआईआईडीसी, बॉक्लर इंस्पेक्टोरेट, श्रम विभाग, पेट्रोलियम एंड एक्सप्लोसिव सेफ्टी ऑर्गेनाइजेशन (PESO), इंडस्ट्रियल एसोसिएशंस के प्रतिनिधि शामिल हो चुके हैं। यह पत्र 10 जिलों पंचकूला, नूह, अंबाला, सिरसा, भिवानी, चरखी दादरी, महेंद्रगढ़, जींद, पलवल, फतेहाबाद के डिप्टी कमिश्नरों को भी भेजा गया था। जिसमें उन्हें जरूरी तौर पर मीटिंग अटैंड करने को कहा गया था। 3. श्रम विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा- यह आपके अधिकार में नहीं
इसके बाद श्रम विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद मोहन शरण ने उद्योग एवं वाणिज्य विभाग महानिदेशक को चिट्ठी भेजी। जिसमें लिखा कि श्रम विभाग के अधिकारियों की तरफ से मेरे संज्ञान में एक पत्र लाया गया है। पत्र में 8 अफसरों की एक टीम द्वारा इंडस्ट्रियल एंड कंस्ट्रक्शन एस्टेबलिशमेंट्स के लिए एक विशेष सुरक्षा जागरूकता अभियान के बारे में लिखा गया है। यह पत्र श्रम विभाग के साथ चर्चा किए बगैर जारी किया गया है, चूंकि कंस्ट्रक्शन साइट्स उद्योग विभाग के अधीन नहीं आती हैं। इसलिए इस पत्र को संशोधित किया जाए या इसे श्रम विभाग के साथ चर्चा होने तक होल्ड कर लिया जाए। 4. जब तक चिट्ठी लिखी, मीटिंग निपट चुकी थी
मजे की बात यह है कि जब तक श्रम विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने यह लेटर लिखा, मीटिंग निपट चुकी थी। जिसमें उनके बुलाए अधिकारी भी शामिल हुए थे। अब सरकार की नाक तले 2 सीनियर अधिकारियों की इस तरह की लड़ाई को लेकर खूब चर्चा हो रही है। सूत्रों के अनुसार सरकार भी इस मामले में सक्रिय हो चुकी है। हालांकि मामला टॉप ब्यूरोक्रेसी से जुड़े होने की वजह से सार्वजनिक तौर पर कुछ भी कहने से बचा जा रहा है।