ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन हरियाणा की राज्य कमेटी की बैठक रोहतक के प्रभात भवन में प्रधान देवीराम की अध्यक्षता में हुई। बैठक में यूनियन के महासचिव विनोद कुमार ने कहा कि हरियाणा की भाजपा सरकार सफाई कर्मचारियों के साथ दुश्मनों जैसा व्यवहार कर रही है। 17 वर्षों से अस्थाई नौकरियों से परेशान सफाई कर्मचारी इस विधानसभा चुनाव से पहले स्थायी होने की उम्मीद लगाए बैठे थे। लेकिन भाजपा सरकार ने सफाई कर्मचारियों को स्थायी करने की बजाय मात्र 1000 रुपये की मामूली बढ़ोतरी करके उनके जख्मों पर नमक छिड़कने का काम किया है। वादे तोड़ने के आरोप साथ ही सरकार ने सफाई कर्मचारी पोर्टल बनाने की घोषणा करके अपनी मंशा साफ कर दी है कि भविष्य में इन सफाई कर्मचारियों को स्थायी नहीं किया जाएगा और ये लोग जीवन भर अस्थाई नौकरियों का दर्द झेलते रहेंगे। यूनियन महासचिव ने कहा कि हरियाणा सरकार ने 29 नवंबर को विकास एवं पंचायत विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव के साथ शहरी अस्थाई सफाई कर्मचारियों के बराबर वेतन देने, प्रतिवर्ष 3 प्रतिशत वेतन वृद्धि करने तथा सेवानिवृत्ति पर 2 लाख रुपए की एकमुश्त सहायता देने संबंधी हुए समझौते को लागू न करके अपना वादा तोड़ा है। हरियाणा सरकार के इस रवैये से यह बिल्कुल स्पष्ट हो गया है कि भाजपा और उसके नेता घोर दलित व सफाई कर्मचारी विरोधी हैं। अब हरियाणा के 11000 ग्रामीण सफाई कर्मचारी चुप नहीं बैठेंगे और इस अन्याय व शोषण के खिलाफ पूरे प्रदेश में आंदोलन का बिगुल बजाकर आंदोलन को तेज करेंगे। ये है रणनीति बैठक में आगामी आंदोलन की घोषणा की गई। बताया गया कि 10 व 11 जुलाई को सीआईटीयू के बैनर तले सभी जिलों में एक दिवसीय विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। 12 से 17 जुलाई तक काली पट्टी व बैज लगाकर ब्लॉक स्तर पर सरकार की शवयात्रा/पुतले जलाकर विरोध सप्ताह मनाया जाएगा। 21 जुलाई को कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा के फरीदाबाद आवास पर जोनल विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। 22 से 30 जुलाई तक प्रदेशाध्यक्ष देवीराम पलवल, मेवात, फरीदाबाद व गुड़गांव व सोनीपत में, वरिष्ठ उपाध्यक्ष बसाऊ, कैथल, पानीपत व जींद में, कोषाध्यक्ष संदीप सिंह महेंद्रगढ़, रेवाड़ी व झज्जर में, उप महासचिव जोगिंदर सिंह अंबाला, पानीपत व करनाल में तथा महासचिव विनोद कुमार सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, भिवानी, दादरी व रोहतक में जत्था अभियान का नेतृत्व करेंगे। इन पांच जत्थों को पूरे प्रदेश में चलाते हुए ब्लॉक स्तर पर जनसभाएं और जनसंपर्क अभियान चलाए जाएंगे। 1 और 2 अगस्त को सभी जिलों में सरकार के मंत्रियों के कार्यालयों पर और जहां मंत्री नहीं हैं, वहां उपायुक्त कार्यालयों पर 24 घंटे का धरना दिया जाएगा। अगर सरकार ने फिर भी सफाई कर्मचारियों की अनदेखी की तो 11 अगस्त को सीएम सिटी करनाल में प्रदेश स्तरीय जोनल प्रदर्शन किया जाएगा और सीएम आवास का घेराव कर आंदोलन को तेज किया जाएगा। ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन हरियाणा की राज्य कमेटी की बैठक रोहतक के प्रभात भवन में प्रधान देवीराम की अध्यक्षता में हुई। बैठक में यूनियन के महासचिव विनोद कुमार ने कहा कि हरियाणा की भाजपा सरकार सफाई कर्मचारियों के साथ दुश्मनों जैसा व्यवहार कर रही है। 17 वर्षों से अस्थाई नौकरियों से परेशान सफाई कर्मचारी इस विधानसभा चुनाव से पहले स्थायी होने की उम्मीद लगाए बैठे थे। लेकिन भाजपा सरकार ने सफाई कर्मचारियों को स्थायी करने की बजाय मात्र 1000 रुपये की मामूली बढ़ोतरी करके उनके जख्मों पर नमक छिड़कने का काम किया है। वादे तोड़ने के आरोप साथ ही सरकार ने सफाई कर्मचारी पोर्टल बनाने की घोषणा करके अपनी मंशा साफ कर दी है कि भविष्य में इन सफाई कर्मचारियों को स्थायी नहीं किया जाएगा और ये लोग जीवन भर अस्थाई नौकरियों का दर्द झेलते रहेंगे। यूनियन महासचिव ने कहा कि हरियाणा सरकार ने 29 नवंबर को विकास एवं पंचायत विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव के साथ शहरी अस्थाई सफाई कर्मचारियों के बराबर वेतन देने, प्रतिवर्ष 3 प्रतिशत वेतन वृद्धि करने तथा सेवानिवृत्ति पर 2 लाख रुपए की एकमुश्त सहायता देने संबंधी हुए समझौते को लागू न करके अपना वादा तोड़ा है। हरियाणा सरकार के इस रवैये से यह बिल्कुल स्पष्ट हो गया है कि भाजपा और उसके नेता घोर दलित व सफाई कर्मचारी विरोधी हैं। अब हरियाणा के 11000 ग्रामीण सफाई कर्मचारी चुप नहीं बैठेंगे और इस अन्याय व शोषण के खिलाफ पूरे प्रदेश में आंदोलन का बिगुल बजाकर आंदोलन को तेज करेंगे। ये है रणनीति बैठक में आगामी आंदोलन की घोषणा की गई। बताया गया कि 10 व 11 जुलाई को सीआईटीयू के बैनर तले सभी जिलों में एक दिवसीय विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। 12 से 17 जुलाई तक काली पट्टी व बैज लगाकर ब्लॉक स्तर पर सरकार की शवयात्रा/पुतले जलाकर विरोध सप्ताह मनाया जाएगा। 21 जुलाई को कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा के फरीदाबाद आवास पर जोनल विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। 22 से 30 जुलाई तक प्रदेशाध्यक्ष देवीराम पलवल, मेवात, फरीदाबाद व गुड़गांव व सोनीपत में, वरिष्ठ उपाध्यक्ष बसाऊ, कैथल, पानीपत व जींद में, कोषाध्यक्ष संदीप सिंह महेंद्रगढ़, रेवाड़ी व झज्जर में, उप महासचिव जोगिंदर सिंह अंबाला, पानीपत व करनाल में तथा महासचिव विनोद कुमार सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, भिवानी, दादरी व रोहतक में जत्था अभियान का नेतृत्व करेंगे। इन पांच जत्थों को पूरे प्रदेश में चलाते हुए ब्लॉक स्तर पर जनसभाएं और जनसंपर्क अभियान चलाए जाएंगे। 1 और 2 अगस्त को सभी जिलों में सरकार के मंत्रियों के कार्यालयों पर और जहां मंत्री नहीं हैं, वहां उपायुक्त कार्यालयों पर 24 घंटे का धरना दिया जाएगा। अगर सरकार ने फिर भी सफाई कर्मचारियों की अनदेखी की तो 11 अगस्त को सीएम सिटी करनाल में प्रदेश स्तरीय जोनल प्रदर्शन किया जाएगा और सीएम आवास का घेराव कर आंदोलन को तेज किया जाएगा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में हैट्रिक के लिए BJP की मेगा प्लानिंग:21% दलित वोटर टारगेट, खट्टर को सौंपी जिम्मेदारी, महासम्मेलन में पकड़ेंगे ‘संकल्प का लोटा’
हरियाणा में हैट्रिक के लिए BJP की मेगा प्लानिंग:21% दलित वोटर टारगेट, खट्टर को सौंपी जिम्मेदारी, महासम्मेलन में पकड़ेंगे ‘संकल्प का लोटा’ हरियाणा विधानसभा चुनाव में सरकार की हैट्रिक के लिए BJP ने दलित वोटरों को रिझाने की मेगा प्लानिंग की है। इसके लिए BJP इसी महीने कुरूक्षेत्र में दलित महासम्मेलन करने जा रही है। इसकी जिम्मेदारी पूर्व CM और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर को दी गई है। खट्टर इस महासम्मेलन में मुख्य मेहमान होंगे। लोकसभा चुनाव में 21% दलित वोटरों ने भाजपा को बड़ा झटका दिया था। जिस वजह से भाजपा राज्य की 10 में से 2 रिजर्व सीट सिरसा और अंबाला हार गई। कुछ सीटों पर दलित वोटरों के जाट वोटरों संग जुड़ने से भाजपा मामूली अंतर से लोकसभा चुनाव हार गई। भाजपा को डर है कि अगर यही स्थिति विधानसभा में भी रही तो फिर तीसरी बार सरकार बननी मुश्किल हो जाएगी। सबसे पहले 2 हिस्सों में BJP की प्लानिंग जानिए 1. 17 रिजर्व सीटों पर फोकस, जिला-विधानसभा स्तर के सम्मेलन हो चुके
भाजपा ने इसके लिए 17 रिजर्व सीटों से शुरुआत की। जहां जिला और विधानसभा स्तर पर सम्मेलन किए जा चुके हैं। जिसमें दलितों को केंद्र-राज्य की स्कीमें बता उनके सुझाव लेकर नई राज्य सरकार से लागू कराने का भरोसा दिया जा रहा है। चूंकि इसकी अगुआई खट्टर कर रहे हैं, इसलिए उनके करीबी चीफ मीडिया कोऑर्डिनेटर सुदेश कटारिया को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। कटारिया खुद भी दलित वर्ग से ही संबंधित हैं। उनकी अगुआई में खट्टर की टीम को दलितों के प्रभाव वाली सीटों पर काम करने का टास्क दिया गया है। 2. 15 हजार लोग बुला दलित सम्मेलन, खट्टर को संकल्प लोटा देंगी
भाजपा कुरुक्षेत्र के दलित महासम्मेलन को बड़े स्तर पर करने जा रही है। इसमें 15 हजार से ज्यादा दलित समुदाय के लोग बुलाए जाएंगे। जिनमें 10 हजार पुरुष और 5 हजार महिलाओं को लाने का टारगेट रखा गया है। दलित समुदाय से सीधे कनेक्ट के लिए इसमें महिलाएं लोटा लेकर आएंगी। यह संकल्प लोटा महिलाएं महासम्मेलन के चीफ गेस्ट मनोहर लाल खट्टर को देंगी। भाजपा ने इस मुहिम को ‘मनोहर लाल का परिवार’ नाम दिया है। जिसे चुनाव में भी भुनाया जाएगा। भाजपा को दलितों की याद क्यों आई, 3 पॉइंट में समझें 1. लोकसभा में दोनों रिजर्व सीट हारे
हरियाणा में लोकसभा की 10 सीटें हैं। इनमें 2 सीटें रिजर्व हैं। कुछ महीने पहले हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा दोनों सीटें हार गई। सिरसा में कांग्रेस की कुमारी सैलजा ने भाजपा के अशोक तंवर को 2 लाख 68 हजार 497 वोटों से हरा दिया। अंबाला में भाजपा की बंतो कटारिया को कांग्रेस के MLA वरूण चौधरी से 49 हजार 36 वोटों हार मिली। 2. कांग्रेस 11 रिजर्व विधानसभा सीटें जीत गई, 2 पर AAP ने चौंकाया
राज्य की 10 लोकसभा सीटों के अधीन आती 90 विधानसभा सीटों में 17 SC वर्ग के लिए रिजर्व हैं। इसी साल के लोकसभा रिजल्ट को विधानसभा वाइज देखें तो इन 17 में भाजपा सिर्फ 4 ही जीत सकी। 11 पर कांग्रेस जीती तो 2 पर आम आदमी पार्टी (AAP) ने भाजपा से बढ़त बनाकर चौंका दिया। 3. वोट शेयर में 5 साल में बड़ी गिरावट
मई में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा को 46.06% वोट शेयर मिला। 2019 के लोकसभा चुनाव में वोट शेयर 58% था। 5 साल में वोट परसेंट में यह 11.06% की गिरावट रही। वहीं, कांग्रेस का वोट शेयर 2019 में 28.42% के मुकाबले बढ़कर 43.73% हो गया। 5 साल में कांग्रेस का वोट शेयर 15.31% बढ़ा। दलित महासम्मेलन से भाजपा का मकसद क्या? दलित महासम्मेलन के जरिए भाजपा 3 बड़े मकसद को पाना चाहती है। पहला.. प्रदेश में 21% दलित वोटर है। राज्य में 17 सीटें दलित वर्ग के लिए रिजर्व हैं। ऐसे में भाजपा का सीधा निशाना यही सीटें हैं। इसके अलावा 35 सीटें ऐसी हैं, जहां दलित वोटरों का प्रभाव है। अगर वे किसी एक पार्टी के हक में हो जाएं तो फिर उनकी सीट जीतनी तय है। भाजपा इन्हें अपने पक्ष में या फिर एकजुटता को भी तोड़ना चाहती है। दूसरा.. कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में आरक्षण छीनने और संविधान बदलने का प्रचार किया। जिसका हरियाणा के दलित वोटरों पर बड़ा असर पड़ा। यही वजह है कि वे भाजपा से दूर हो गए। सम्मेलन के जरिए भाजपा कोशिश करेगी कि कांग्रेस की बातों को झूठा साबित करे। तीसरा.. लोकसभा चुनाव में 10 में से 5 सीटें हारने के बाद भाजपा की समीक्षा बैठक में सामने आया कि जाट और दलित वोटर उनके खिलाफ एकजुट हो गए। जिस वजह से वह रोहतक और सिरसा जैसी सीटों ढ़ाई से साढ़े 3 लाख वोटों से एकतरफा हार मिली। सोनीपत सीट महज 22 हजार से हार गए। कुरूक्षेत्र, गुरुग्राम और भिवानी-महेंद्रगढ़ हारते-हारते बचे। भाजपा इस एकजुटता को तोड़ना चाहती है। हरियाणा में 10 साल से सत्ता में भाजपा
हरियाणा में भाजपा लगातार 2 टर्म से सरकार चला रही है। 2014 में भाजपा ने विधानसभा की 90 में से 47 सीटें जीतकर अकेले बहुमत की सरकार बनाई। 2019 में भाजपा 40 सीटों पर सिमट गई लेकिन JJP के 10 विधायकों का साथ लेकर फिर सरकार बना ली। इस बार भाजपा के पास हैट्रिक लगाने का मौका है। केंद्रीय मंत्री खट्टर को ही जिम्मेदारी क्यों?
दलितों को मनाने का जिम्मा खट्टर को ही क्यों, इसकी वजह ये है कि खट्टर साढ़े 9 साल हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे। लगातार 2 टर्म में भाजपा की सरकार ने उनकी अगुआई में कामकाज किया। हालांकि मई महीने में लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा ने उन्हें सीएम कुर्सी से हटाकर लोकसभा चुनाव लड़ाया। करनाल से पहली बार सांसद बनकर वह केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री बना दिए गए। वहीं उनकी जगह ओबीसी वर्ग से नायब सैनी को सीएम बनाया गया लेकिन वह कार्यकाल के अंत में ज्यादा कुछ नहीं कर पाए। यही वजह है कि चुनाव भले ही भाजपा सैनी की अगुआई में लड़ रही लेकिन सरकार की हैट्रिक में खट्टर को भी जिम्मेदारी सौंपी गई है।
अल्पमत सरकार पर भाजपा प्रदेश महामंत्री का बयान:सुरेंद्र बोले- हुड्डा में दम है 29 विधायक पेश करके दिखाएं, केवल गुमराह करती कांग्रेस
अल्पमत सरकार पर भाजपा प्रदेश महामंत्री का बयान:सुरेंद्र बोले- हुड्डा में दम है 29 विधायक पेश करके दिखाएं, केवल गुमराह करती कांग्रेस हरियाणा में बीजेपी की सरकार अल्पमत में होने के दावे पर भाजपा प्रदेश महामंत्री सुरेंद्र पूनिया का बयान आया है। सुरेंद्र पूनिया ने पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा को चैलेंज देते हुए कहा कि अगर दम है तो वे अपने 29 विधायकों को राज्यपाल के समक्ष पेश करके दिखाएं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने सदा झूठ बोलकर लोगों को ठगने और गुमराह करने का काम किया। कांग्रेस को घेरते हुए सुरेंद्र पूनिया ने कहा कि कांग्रेस हरियाणा में अभी तक जिला अध्यक्ष तक नहीं बना पाई है, संगठन खड़ा करना तो दूर की बात है। उन्होंने कहा कि भाजपा के संगठन की ताकत पन्ना प्रमुख तक पहुंच चुकी है और नायब सरकार मजबूती के साथ जनसेवा के कार्यों में जुटी हुई है। कांग्रेस ने किया आधा काम
सुरेंद्र पूनिया ने कहा कि कांग्रेस की किसी भी योजना को उठाकर देख लें, कांग्रेस ने सदा आधा काम किया है। अधूरी चीजें देकर जनता को गुमराह करने में कांग्रेस को महारत हासिल है। उन्होंने कहा कि पूर्व सीएम हुड्डा गरीब लोगों को प्लाट देने की बात करते हैं। कांग्रेस शासन में दिए गए प्लाटों की रजिस्ट्रियां तक कांग्रेस ने नहीं दी, जबकि नायब सरकार रजिस्ट्रियों के साथ-साथ प्लाट पर कब्जा भी दे रही है। कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में झूठ बोलकर किया भ्रमित
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में झूठ बोलकर लोगों को भ्रमित किया। संविधान का सबसे ज्यादा दुरुपयोग अगर किसी ने किया है तो कांग्रेस ने किया है। देश में एमरजेंसी लगाकर लोगों के हक को खत्म करने वाली भी कांग्रेस है। अलग-अलग समय में संविधान में बदलाव करने वाली भी कांग्रेस है। कांग्रेस ने तो विपक्ष की सरकारों को बर्खास्त करने तक काम किया है।
फरीदाबाद में OYO में युवक ने खुद को मारी गोली:महिला के साथ रुका था होटल, दोनों के बीच हुआ था विवाद
फरीदाबाद में OYO में युवक ने खुद को मारी गोली:महिला के साथ रुका था होटल, दोनों के बीच हुआ था विवाद हरियाणा के फरीदाबाद जिले के सेक्टर 24 में सिटी लुक गेस्ट हाउस में स्थित OYO में शनिवार की देर शाम एक युवक और युवती का किसी बात को लेकर विवाद हो गया। जिसके चलते युवक ने खुद के सिर में साथ ले देसी कट्टे से गोली मार ली। घटना की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने गंभीर हालत में घायल युवक को फरीदाबाद के एक निजी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया जहां पर घायल युवक की हालत नाजुक बनी हुई है । महिला से पूछताछ कर रही पुलिस इस मामले की जानकारी देते हुए एसएचओ दर्पण ने बताया की युवक की पहचान शिवम उम्र 28 वर्ष निवासी उत्तर प्रदेश के बरेली के रहने वाले के रूप में हुई हैं। वहीं उसके साथ जो महिला थी वह पर्वतीय कॉलोनी इलाके की एक शादीशुदा महिला थी। एसएचओ दर्पण के मुताबिक खुद को गोली मारने वाले युवक की हालत नाजुक है। जिसके चलते अभी उसके बयान दर्ज नहीं किया जा सके। वहीं उसके साथ आई महिला से पुलिस पूछताछ कर रही है कि आखिर युवक के द्वारा खुद को गोली मारने की असल वजह क्या थी। यह तो महिला के बयान और घायल युवक के बयान के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा। फिलहाल महिला से पूछताछ जारी है। युवक इलाज जारी अस्पताल के मिली सूत्रों से जानकारी के मुताबिक घायल युवक के सिर में गोली फंसी हुई है। जिसका सीटी स्कैन एमआरआई कर दिया गया है। सिर की सर्जरी होनी बेहद जरूरी है। जिसके परिजनों का इंतजार किया जा रहा है। फिलहाल युवक के परिजनों को घटना की जानकारी दे दी गई है।