रोहतक में 141 दिव्यांगों को मिली 7 लाख की मशीन:गांव-गांव खुलेगा रेडक्रॉस ऑफिस, मोटराइज्ड व्हीलचेयर मिलेगी, शिविरों का इंतजार नहीं करना पड़ेगा

रोहतक में 141 दिव्यांगों को मिली 7 लाख की मशीन:गांव-गांव खुलेगा रेडक्रॉस ऑफिस, मोटराइज्ड व्हीलचेयर मिलेगी, शिविरों का इंतजार नहीं करना पड़ेगा

रोहतक जिले में दिव्यांगों को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए जिला विकास भवन में उपकरण वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। रेडक्रॉस सोसायटी के सहयोग से जरूरतमंद दिव्यांगों की पहचान कर उन्हें जरूरी मशीनें दी गईं। साथ ही मोटराइज्ड व्हीलचेयर के संबंध में भी चर्चा की गई। डीसी धीरेंद्र ने कहा कि दिव्यांगों को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए न केवल परिवार के सदस्यों को बल्कि पूरे समाज को अग्रणी भूमिका निभानी होगी। दिव्यांगों के जीवन को आसान बनाने के लिए सरकार प्राथमिकता के आधार पर काम कर रही है। सहायक उपकरणों के अभाव में दिव्यांगों का जीवन कठिन हो जाता है। लेकिन कृत्रिम उपकरणों के माध्यम से उनके जीवन को आसान बनाया जा सकता है। जिला स्तर पर एलिम्को कार्यालय स्थापित किए जाएंगे डीसी धीरेंद्र ने बताया कि जिला स्तर पर जल्द ही एलिम्को कार्यालय स्थापित किए जाएंगे। इसके बाद दिव्यांगों को उपकरण प्राप्त करने के लिए शिविरों का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। गांव स्तर पर जिला रेडक्रॉस सोसायटी के कार्यालय भी खोले जाएंगे, जहां स्वयंसेवक उपलब्ध रहेंगे। ये स्वयंसेवक न केवल दिव्यांगों की जांच करवाएंगे, बल्कि उन्हें उनकी जरूरत के अनुसार सुविधाएं भी उपलब्ध करवाएंगे। मोटर से चलने वाली व्हीलचेयर जल्द होगी उपलब्ध
डीसी ने बताया कि दिव्यांगजनों के आवाजाही में और अधिक तेजी लाने के लिए उन्हें मोटर से चलने वाली व्हीलचेयर उपलब्ध करवाने की दिशा में कार्य चल रहा है। जिला रेडक्रॉस सोसाइटी के सचिव श्याम सुंदर शर्मा ने बताया कि शिविर में 141 दिव्यांगजनों को 400 अलग-अलग प्रकार के सहायक उपकरण प्रदान किए गए हैं। उपकरणों पर 7 लाख आया खर्च
श्याम सुंदर शर्मा ने बताया कि वरिष्ठ नागरिकों को लगभग 7 लाख रुपए की राशि के उपकरण दिए गए हैं। इन उपकरणों में मोटराइज्ड ट्राई साइकिल, ट्राई साइकिल, व्हीलचेयर, छड़ी, बैसाखी, कान की मशीन, रोलेटर, सुगम्य केन, सीपी चेयर, वॉकर व कृत्रिम अंग शामिल हैं। रोहतक जिले में दिव्यांगों को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए जिला विकास भवन में उपकरण वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। रेडक्रॉस सोसायटी के सहयोग से जरूरतमंद दिव्यांगों की पहचान कर उन्हें जरूरी मशीनें दी गईं। साथ ही मोटराइज्ड व्हीलचेयर के संबंध में भी चर्चा की गई। डीसी धीरेंद्र ने कहा कि दिव्यांगों को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए न केवल परिवार के सदस्यों को बल्कि पूरे समाज को अग्रणी भूमिका निभानी होगी। दिव्यांगों के जीवन को आसान बनाने के लिए सरकार प्राथमिकता के आधार पर काम कर रही है। सहायक उपकरणों के अभाव में दिव्यांगों का जीवन कठिन हो जाता है। लेकिन कृत्रिम उपकरणों के माध्यम से उनके जीवन को आसान बनाया जा सकता है। जिला स्तर पर एलिम्को कार्यालय स्थापित किए जाएंगे डीसी धीरेंद्र ने बताया कि जिला स्तर पर जल्द ही एलिम्को कार्यालय स्थापित किए जाएंगे। इसके बाद दिव्यांगों को उपकरण प्राप्त करने के लिए शिविरों का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। गांव स्तर पर जिला रेडक्रॉस सोसायटी के कार्यालय भी खोले जाएंगे, जहां स्वयंसेवक उपलब्ध रहेंगे। ये स्वयंसेवक न केवल दिव्यांगों की जांच करवाएंगे, बल्कि उन्हें उनकी जरूरत के अनुसार सुविधाएं भी उपलब्ध करवाएंगे। मोटर से चलने वाली व्हीलचेयर जल्द होगी उपलब्ध
डीसी ने बताया कि दिव्यांगजनों के आवाजाही में और अधिक तेजी लाने के लिए उन्हें मोटर से चलने वाली व्हीलचेयर उपलब्ध करवाने की दिशा में कार्य चल रहा है। जिला रेडक्रॉस सोसाइटी के सचिव श्याम सुंदर शर्मा ने बताया कि शिविर में 141 दिव्यांगजनों को 400 अलग-अलग प्रकार के सहायक उपकरण प्रदान किए गए हैं। उपकरणों पर 7 लाख आया खर्च
श्याम सुंदर शर्मा ने बताया कि वरिष्ठ नागरिकों को लगभग 7 लाख रुपए की राशि के उपकरण दिए गए हैं। इन उपकरणों में मोटराइज्ड ट्राई साइकिल, ट्राई साइकिल, व्हीलचेयर, छड़ी, बैसाखी, कान की मशीन, रोलेटर, सुगम्य केन, सीपी चेयर, वॉकर व कृत्रिम अंग शामिल हैं।   हरियाणा | दैनिक भास्कर