करनाल ACB द्वारा पकड़े गए इंस्पेक्टर व एएफएसओ का मामला:टीम के हाथ लगी डायरी व मोबाइल कॉल की रिकॉर्डिंग, निदेशक ने दोनों को किया निलंबित

करनाल ACB द्वारा पकड़े गए इंस्पेक्टर व एएफएसओ का मामला:टीम के हाथ लगी डायरी व मोबाइल कॉल की रिकॉर्डिंग, निदेशक ने दोनों को किया निलंबित

हरियाणा में करनाल के कुंजपुरा में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग से जुड़े अफसरों के खिलाफ चल रही एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) की जांच ने टर्निंग प्वाइंट लिया है। एसीबी की टीम को खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के AFAO व इंस्पेक्टर की एक डायरी और मोबाइल से कई अहम सुराग मिले हैं। सूत्रों की मानें तो डायरी में रिश्वत का पूरा हिसाब-किताब दर्ज है, जिसमें बताया गया है कि किस राशन डिपो से कितनी रिश्वत वसूली गई। इसके साथ ही, आरोपियों के मोबाइल से बातचीत की रिकॉर्डिंग और अन्य सबूत मिले हैं, जो इस भ्रष्टाचार के खेल को उजागर कर रहे है। वहीं खाद्य, नागरिक आपूर्ति एंव उपभोक्ता मामले विभाग के निदेशक राजेश जोगपाल द्वारा बड़ा दोनों अधिकारियों पर बड़ा एक्शन लिया है। उनके द्वारा एएफएसओ राजेंद्र व इंस्पेक्टर नीरज वधवा को तुरंत प्रभाव निलंबित करने के निर्देश जारी कर दिए है। किस से कितना लेना और कौन देखकर नहीं गया, डायरी में दर्ज सूत्रों की माने आरोपियों ने रिश्वत का हिसाब डायरी में लिख रखा था। किस डिपो होल्डर से पैसे आए और किससे बाकी हैं, सब कुछ डायरी में दर्ज है। रिश्वत देने में देरी करने वाले डिपो होल्डरों को कॉल कर मीटिंग के लिए बुलाया जाता था। यहां तक कि डिपो होल्डर के ग्रुप में मैसेज डालकर उन्हें स्पष्ट कर दिया जाता था कि पैसे लेकर कार्यालय पहुंचें। शिकायतकर्ता विकास ने बताया कि यह सिलसिला लंबे समय से चल रहा था, और अब तक 14 डिपो होल्डर खुलकर सामने आ चुके है। मोबाइल की रिकॉर्डिंग ने खोला राज ​​​​​​​एसीबी की टीम को आरोपियों के मोबाइल से कई राज मिले हैं। इनमें रिश्वत की बातचीत की रिकॉर्डिंग भी शामिल है। इन सबूतों के आधार पर एसीबी ने कार्रवाई तेज कर दी है। टीम ने आरोपियों की प्रोपर्टी की जांच भी शुरू कर दी है ताकि पता लगाया जा सके कि रिश्वत के पैसे कहां-कहां खर्च हुए। फिलहाल तीनों आरोपी जेल में हैं, और उनके पास से 82 हजार रुपए की नकदी भी बरामद की गई है। धमकियां देकर वसूली करते थे आरोपी ​​​​​​​जांच में खुलासा हुआ है कि कुंजपुरा क्षेत्र के 31 राशन डिपो से दो अलग-अलग तरीकों से रिश्वत ली जाती थी। पहली, राशन डिपो के कमीशन का एक हिस्सा, जो विभाग द्वारा दिया जाता था। कमीशन से पहले पांच प्रतिशत और बाद में तीन से चार प्रतिशत की मांग की जाती थी। दूसरी, हर महीने वितरित होने वाले राशन पर 20 रुपए प्रति क्विंटल की दर से वसूली की जाती थी। पैसे न देने पर सप्लाई रोकने की धमकी दी जाती थी, जो निरीक्षक के अधिकार क्षेत्र में था। हरियाणा में करनाल के कुंजपुरा में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग से जुड़े अफसरों के खिलाफ चल रही एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) की जांच ने टर्निंग प्वाइंट लिया है। एसीबी की टीम को खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के AFAO व इंस्पेक्टर की एक डायरी और मोबाइल से कई अहम सुराग मिले हैं। सूत्रों की मानें तो डायरी में रिश्वत का पूरा हिसाब-किताब दर्ज है, जिसमें बताया गया है कि किस राशन डिपो से कितनी रिश्वत वसूली गई। इसके साथ ही, आरोपियों के मोबाइल से बातचीत की रिकॉर्डिंग और अन्य सबूत मिले हैं, जो इस भ्रष्टाचार के खेल को उजागर कर रहे है। वहीं खाद्य, नागरिक आपूर्ति एंव उपभोक्ता मामले विभाग के निदेशक राजेश जोगपाल द्वारा बड़ा दोनों अधिकारियों पर बड़ा एक्शन लिया है। उनके द्वारा एएफएसओ राजेंद्र व इंस्पेक्टर नीरज वधवा को तुरंत प्रभाव निलंबित करने के निर्देश जारी कर दिए है। किस से कितना लेना और कौन देखकर नहीं गया, डायरी में दर्ज सूत्रों की माने आरोपियों ने रिश्वत का हिसाब डायरी में लिख रखा था। किस डिपो होल्डर से पैसे आए और किससे बाकी हैं, सब कुछ डायरी में दर्ज है। रिश्वत देने में देरी करने वाले डिपो होल्डरों को कॉल कर मीटिंग के लिए बुलाया जाता था। यहां तक कि डिपो होल्डर के ग्रुप में मैसेज डालकर उन्हें स्पष्ट कर दिया जाता था कि पैसे लेकर कार्यालय पहुंचें। शिकायतकर्ता विकास ने बताया कि यह सिलसिला लंबे समय से चल रहा था, और अब तक 14 डिपो होल्डर खुलकर सामने आ चुके है। मोबाइल की रिकॉर्डिंग ने खोला राज ​​​​​​​एसीबी की टीम को आरोपियों के मोबाइल से कई राज मिले हैं। इनमें रिश्वत की बातचीत की रिकॉर्डिंग भी शामिल है। इन सबूतों के आधार पर एसीबी ने कार्रवाई तेज कर दी है। टीम ने आरोपियों की प्रोपर्टी की जांच भी शुरू कर दी है ताकि पता लगाया जा सके कि रिश्वत के पैसे कहां-कहां खर्च हुए। फिलहाल तीनों आरोपी जेल में हैं, और उनके पास से 82 हजार रुपए की नकदी भी बरामद की गई है। धमकियां देकर वसूली करते थे आरोपी ​​​​​​​जांच में खुलासा हुआ है कि कुंजपुरा क्षेत्र के 31 राशन डिपो से दो अलग-अलग तरीकों से रिश्वत ली जाती थी। पहली, राशन डिपो के कमीशन का एक हिस्सा, जो विभाग द्वारा दिया जाता था। कमीशन से पहले पांच प्रतिशत और बाद में तीन से चार प्रतिशत की मांग की जाती थी। दूसरी, हर महीने वितरित होने वाले राशन पर 20 रुपए प्रति क्विंटल की दर से वसूली की जाती थी। पैसे न देने पर सप्लाई रोकने की धमकी दी जाती थी, जो निरीक्षक के अधिकार क्षेत्र में था।   हरियाणा | दैनिक भास्कर