लखनऊ एसिड अटैक…आरोपी के पिता बोले-असली गुनहगार लड़की का भाई:उसने ही खरीदकर दिया, बेटे को फंसा रहा; पड़ोसियों ने कहा-पुलिस ने झूठी कहानी बनाई

लखनऊ एसिड अटैक…आरोपी के पिता बोले-असली गुनहगार लड़की का भाई:उसने ही खरीदकर दिया, बेटे को फंसा रहा; पड़ोसियों ने कहा-पुलिस ने झूठी कहानी बनाई

मेरे बेटे के साथ साजिश रची जा रही। 3 जुलाई की शाम 4 बजे मेरे पास फोन आया था, पापा मैं आ रहा हूं। 7.30 बजे ओयल पहुंचने पर किसी और के फोन से मेरे पास फोन आया। बेटे ने कहा- वह बेहजम के लिए निकल रहा है। उसे किसी की बाइक मिल गई है। करीब 8.30 बजे मैं उसे बेहजम से घर लेकर आया। कुछ देर बाद अभिषेक की मम्मी खाना लेकर आईं। बस थाली आ ही पाई थी कि रात करीब 9 बजे थाना नीमगांव की पुलिस और लखनऊ क्राइम ब्रांच की टीम आ गई। घर का गेट खुला ही था। नीमगांव इंस्पेक्टर ने अभिषेक का नाम पूछा और मेरे बेटे को पकड़कर क्राइम ब्रांच के हवाले कर दिया। मैं पूछता ही रह गया कि क्या हुआ? जब गांव वालों के साथ थाने गया, तब पता चला कि बेटे पर एसिड अटैक का आरोप है। असल गुनहगार लड़की का मौसेरा भाई है। उसने ही एसिड खरीदकर दिया था। अब वो लड़की का कवच बना बैठा है। मेरे बेटे को फंसा रहा है। यह कहना है लखनऊ में लड़की पर एसिड अटैक करने के आरोपी अभिषेक के पिता कोमल वर्मा का। अभिषेक लखीमपुर खीरी जिले में थाना नीमगांव इलाके के अंडूबेहड़ गांव का रहने वाला है। उसको पुलिस ने 3 जुलाई को वारदात वाले दिन ही एनकाउंटर के बाद गिरफ्तार कर लिया था। दैनिक भास्कर की टीम आरोपी अभिषेक के घर पहुंची। आसपास के लोगों और घरवालों से बात की… पहले एक नजर पूरे मामले पर… लखनऊ में 3 जुलाई को सुबह 8 बजे छात्रा अपने मौसेरे भाई की काउंसिलिंग करवाने मेडिकल कॉलेज जा रही थी। दोनों चौक में लोहिया पार्क के पास सड़क पर खड़े थे। तभी एक युवक आया और छात्रा पर एसिड फेंक दिया। इससे छात्रा के चेहरे का आधा हिस्सा बुरी तरह से झुलस गया। बचाने आया भाई भी जख्मी हो गया। पुलिस ने दोनों को KGMU में भर्ती कराया। छात्रा पर एसिड फेंकने के तुरंत बाद के CCTV फुटेज से आरोपी की पहचान हुई। पुलिस ने एसिड फेंकने वाले अभिषेक को आधी रात एनकाउंटर कर पकड़ लिया। उसके पैर में गोली लगी थी। अब चलते हैं एसिड अटैक कांड के आरोपी अभिषेक के गांव… अभिषेक का परिवार लखनऊ गया, घर में मौसा-मौसी मिले
लखीमपुर में जिला मुख्यालय से 50 किमी दूर थाना नीमगांव इलाके में अंडूबेहड़ गांव है। इसी गांव में अभिषेक वर्मा का घर है। यहां पहुंचने पर हमारी मुलाकात उसके मौसा-मौसी से हुई। उन्होंने बताया कि वे लोग घर पर नहीं थे। उनको घटना की जानकारी मिली, इसके बाद यहां आए। घर पर कोई नहीं था, इसलिए अभिषेक के माता-पिता ने उनको घर पर रोका है। माता-पिता अभिषेक के लिए दौड़-भाग कर रहे हैं। मौसा-मौसी ने बताया- हमें घटना के बारे में कुछ नहीं पता। इसके बाद हमने गांव वालों से बात की। उन्होंने बताया- अभिषेक रात करीब साढ़े 8 बजे घर आया था। पुलिस उसको घर से ही उठाकर ले गई थी। पुलिस जो एनकाउंटर दिखा रही है, वह फर्जी है। जब पुलिस घर से ले गई, तो लखनऊ में एनकाउंटर कैसे दिखा सकती है। पुलिस ने झूठी कहानी बनाई है। अभिषेक ऐसा कर ही नहीं सकता। इसके पीछे कोई बहुत बड़ी साजिश है। अभिषेक के पड़ोसियों की बातचीत से पहले पढ़िए उसके पिता ने जो बताया… पूरे मामले में हर्षित का ही हाथ है
अभिषेक के पिता कोमल वर्मा ने बताया- मेरे दो बेटे हैं। अभिषेक बड़ा है। छोटा बेटा निखिल लखनऊ में बी-टेक कर रहा है। मैं अपने दोनों बच्चों को मेहनत-मजदूरी करके पढ़ा रहा हूं। अभिषेक और हर्षित दोनों कक्षा-3 से साथ में ही पढ़ाई करते थे। लखीमपुर ग्रीन फील्ड से ही दोनों ने साथ में 12वीं किया है। अभिषेक एक साल से लखनऊ में कॉम्पिटिशन की तैयारी कर रहा है। कभी ऐसा कुछ सुनने को नहीं मिला कि वह किसी लड़की के चक्कर में है। गांव में भी सभी लोग मेरे बेटे की तारीफ ही करते हैं। असली दोषी हर्षित तिवारी है। उसी के कहने पर अभिषेक ने यह सब किया है। पुलिस को उसे पकड़ना चाहिए। उसका मोबाइल लेकर जांच करनी चाहिए, तभी सच्चाई सामने आएगी। पहले हर्ष उसको जो लिखकर भेजता था, वह आगे उसको भेजता था। हर्ष ने अभिषेक का इस्तेमाल किया है। दोनों रात में एक साथ THAR से साथ घूमे
जेल में मिलने गए अपने मामा को अभिषेक ने बताया कि घटना के एक दिन पहले हर्षित ने एक THAR गाड़ी 6 हजार रुपए किराए पर ली थी। उस दिन दोनों साथ में घूमे और एक अच्छे रेस्टोरेंट में खाना खाया। इसके बाद हर्षित जिसकी गाड़ी लाया था, उसको देने चला गया। उसने अपनी बाइक अभिषेक को दे दी। हर्षित ने ही अभिषेक को एसिड खरीदकर दिया है। जितना दोष मेरे बेटे अभिषेक का है, उससे कहीं ज्यादा हर्षित उर्फ हर्ष तिवारी का है। वह इस समय पीड़ित लड़की का कवच बना है। अगर मामले की छानबीन की जाए, तो सच सामने आ जाएगा। भास्कर रिपोर्टर की अभिषेक के रूम पार्टनर से भी फोन पर बात हुई… RPF की तैयारी कर रहा था अभिषेक
अभिषेक के रूम पार्टनर सौरभ ने बताया- उसने अभी RPF का फॉर्म भरा था। वह उसी तैयारी कर रहा था। लखनऊ में रहकर वह ऑनलाइन क्लास कर रहा था। हम लोग 4 महीने से साथ में ही रुकते थे। इधर 1 महीने से वह घर पर है। इस समय मैं BKT में रूम लेकर रह रहा हूं। सौरभ ने बताया- हर्ष कौन है, मैं नहीं जानता। अगर कभी रूम पर आता, तो मैं जानता। इन 4 महीनों में हर्ष कभी अभिषेक से रूम पर मिलने नहीं आया। बाकी अभिषेक ज्यादातर समय अपने रूम पर ही बिताता था। इस दौरान कभी अभिषेक का कोई दोस्त रूम पर नहीं आया। अब चलते हैं अभिषेक के गांव और जानते हैं उसके पड़ोसियों ने क्या कहा… मेरे बेटे के साथ साजिश रची जा रही। 3 जुलाई की शाम 4 बजे मेरे पास फोन आया था, पापा मैं आ रहा हूं। 7.30 बजे ओयल पहुंचने पर किसी और के फोन से मेरे पास फोन आया। बेटे ने कहा- वह बेहजम के लिए निकल रहा है। उसे किसी की बाइक मिल गई है। करीब 8.30 बजे मैं उसे बेहजम से घर लेकर आया। कुछ देर बाद अभिषेक की मम्मी खाना लेकर आईं। बस थाली आ ही पाई थी कि रात करीब 9 बजे थाना नीमगांव की पुलिस और लखनऊ क्राइम ब्रांच की टीम आ गई। घर का गेट खुला ही था। नीमगांव इंस्पेक्टर ने अभिषेक का नाम पूछा और मेरे बेटे को पकड़कर क्राइम ब्रांच के हवाले कर दिया। मैं पूछता ही रह गया कि क्या हुआ? जब गांव वालों के साथ थाने गया, तब पता चला कि बेटे पर एसिड अटैक का आरोप है। असल गुनहगार लड़की का मौसेरा भाई है। उसने ही एसिड खरीदकर दिया था। अब वो लड़की का कवच बना बैठा है। मेरे बेटे को फंसा रहा है। यह कहना है लखनऊ में लड़की पर एसिड अटैक करने के आरोपी अभिषेक के पिता कोमल वर्मा का। अभिषेक लखीमपुर खीरी जिले में थाना नीमगांव इलाके के अंडूबेहड़ गांव का रहने वाला है। उसको पुलिस ने 3 जुलाई को वारदात वाले दिन ही एनकाउंटर के बाद गिरफ्तार कर लिया था। दैनिक भास्कर की टीम आरोपी अभिषेक के घर पहुंची। आसपास के लोगों और घरवालों से बात की… पहले एक नजर पूरे मामले पर… लखनऊ में 3 जुलाई को सुबह 8 बजे छात्रा अपने मौसेरे भाई की काउंसिलिंग करवाने मेडिकल कॉलेज जा रही थी। दोनों चौक में लोहिया पार्क के पास सड़क पर खड़े थे। तभी एक युवक आया और छात्रा पर एसिड फेंक दिया। इससे छात्रा के चेहरे का आधा हिस्सा बुरी तरह से झुलस गया। बचाने आया भाई भी जख्मी हो गया। पुलिस ने दोनों को KGMU में भर्ती कराया। छात्रा पर एसिड फेंकने के तुरंत बाद के CCTV फुटेज से आरोपी की पहचान हुई। पुलिस ने एसिड फेंकने वाले अभिषेक को आधी रात एनकाउंटर कर पकड़ लिया। उसके पैर में गोली लगी थी। अब चलते हैं एसिड अटैक कांड के आरोपी अभिषेक के गांव… अभिषेक का परिवार लखनऊ गया, घर में मौसा-मौसी मिले
लखीमपुर में जिला मुख्यालय से 50 किमी दूर थाना नीमगांव इलाके में अंडूबेहड़ गांव है। इसी गांव में अभिषेक वर्मा का घर है। यहां पहुंचने पर हमारी मुलाकात उसके मौसा-मौसी से हुई। उन्होंने बताया कि वे लोग घर पर नहीं थे। उनको घटना की जानकारी मिली, इसके बाद यहां आए। घर पर कोई नहीं था, इसलिए अभिषेक के माता-पिता ने उनको घर पर रोका है। माता-पिता अभिषेक के लिए दौड़-भाग कर रहे हैं। मौसा-मौसी ने बताया- हमें घटना के बारे में कुछ नहीं पता। इसके बाद हमने गांव वालों से बात की। उन्होंने बताया- अभिषेक रात करीब साढ़े 8 बजे घर आया था। पुलिस उसको घर से ही उठाकर ले गई थी। पुलिस जो एनकाउंटर दिखा रही है, वह फर्जी है। जब पुलिस घर से ले गई, तो लखनऊ में एनकाउंटर कैसे दिखा सकती है। पुलिस ने झूठी कहानी बनाई है। अभिषेक ऐसा कर ही नहीं सकता। इसके पीछे कोई बहुत बड़ी साजिश है। अभिषेक के पड़ोसियों की बातचीत से पहले पढ़िए उसके पिता ने जो बताया… पूरे मामले में हर्षित का ही हाथ है
अभिषेक के पिता कोमल वर्मा ने बताया- मेरे दो बेटे हैं। अभिषेक बड़ा है। छोटा बेटा निखिल लखनऊ में बी-टेक कर रहा है। मैं अपने दोनों बच्चों को मेहनत-मजदूरी करके पढ़ा रहा हूं। अभिषेक और हर्षित दोनों कक्षा-3 से साथ में ही पढ़ाई करते थे। लखीमपुर ग्रीन फील्ड से ही दोनों ने साथ में 12वीं किया है। अभिषेक एक साल से लखनऊ में कॉम्पिटिशन की तैयारी कर रहा है। कभी ऐसा कुछ सुनने को नहीं मिला कि वह किसी लड़की के चक्कर में है। गांव में भी सभी लोग मेरे बेटे की तारीफ ही करते हैं। असली दोषी हर्षित तिवारी है। उसी के कहने पर अभिषेक ने यह सब किया है। पुलिस को उसे पकड़ना चाहिए। उसका मोबाइल लेकर जांच करनी चाहिए, तभी सच्चाई सामने आएगी। पहले हर्ष उसको जो लिखकर भेजता था, वह आगे उसको भेजता था। हर्ष ने अभिषेक का इस्तेमाल किया है। दोनों रात में एक साथ THAR से साथ घूमे
जेल में मिलने गए अपने मामा को अभिषेक ने बताया कि घटना के एक दिन पहले हर्षित ने एक THAR गाड़ी 6 हजार रुपए किराए पर ली थी। उस दिन दोनों साथ में घूमे और एक अच्छे रेस्टोरेंट में खाना खाया। इसके बाद हर्षित जिसकी गाड़ी लाया था, उसको देने चला गया। उसने अपनी बाइक अभिषेक को दे दी। हर्षित ने ही अभिषेक को एसिड खरीदकर दिया है। जितना दोष मेरे बेटे अभिषेक का है, उससे कहीं ज्यादा हर्षित उर्फ हर्ष तिवारी का है। वह इस समय पीड़ित लड़की का कवच बना है। अगर मामले की छानबीन की जाए, तो सच सामने आ जाएगा। भास्कर रिपोर्टर की अभिषेक के रूम पार्टनर से भी फोन पर बात हुई… RPF की तैयारी कर रहा था अभिषेक
अभिषेक के रूम पार्टनर सौरभ ने बताया- उसने अभी RPF का फॉर्म भरा था। वह उसी तैयारी कर रहा था। लखनऊ में रहकर वह ऑनलाइन क्लास कर रहा था। हम लोग 4 महीने से साथ में ही रुकते थे। इधर 1 महीने से वह घर पर है। इस समय मैं BKT में रूम लेकर रह रहा हूं। सौरभ ने बताया- हर्ष कौन है, मैं नहीं जानता। अगर कभी रूम पर आता, तो मैं जानता। इन 4 महीनों में हर्ष कभी अभिषेक से रूम पर मिलने नहीं आया। बाकी अभिषेक ज्यादातर समय अपने रूम पर ही बिताता था। इस दौरान कभी अभिषेक का कोई दोस्त रूम पर नहीं आया। अब चलते हैं अभिषेक के गांव और जानते हैं उसके पड़ोसियों ने क्या कहा…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर