लखनऊ के खातों से 96.66 लाख रोजना साइबर फ्राड:प्रशासनिक से लेकर न्यायिक अधिकारी भी हो रहे शिकार, 6 महीने में 4500 केस दर्ज

लखनऊ के खातों से 96.66 लाख रोजना साइबर फ्राड:प्रशासनिक से लेकर न्यायिक अधिकारी भी हो रहे शिकार, 6 महीने में 4500 केस दर्ज

लखनऊ में साइबर ठगी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। लोगों को अपनी जालसाजी का शिकार बनाकर ठग हर रोज करीब 1 करोड़ रुपए खाते से गायब कर रहे हैं। ठगों ने जज से लेकर मुख्य सचिव, IPS से लेकर सिपाही और आम लोगों तक को निशाना बना रहे हैं। ठग बातों में उलझा कर अकाउंट खाली कर देते हैं। इतना ही नहीं लखनऊ की ​​​​​​एकेटीयू संस्था में सेंधमारी कर 120 करोड़ रुपए निकाल लिए। जनवरी से जून तक 4500 शिकायतें
जनवरी 2024 से जून 2024 तक करीब 4500 शिकायत लखनऊ के साइबर सेल और साइबर थाना में रजिस्टर हुए हैं। जिसमें करीब 22 करोड़ की ठगी के मामले साइबर सेल में और 152 करोड़ की ठगी के मामले साइबर थाने में दर्ज हुए हैं। कुल साइबर ठगी के 174 करोड़ में सबसे बड़ा साइबर फ्रॉड एकेटीयू के खाते से 120 करोड़ हुआ है। हालांकि समय रहते खाता फ्रीज कर 119 करोड़ रुपए बचा लिए। सबसे ज्यादा ठगी ग्रीन गैस के नाम पर आजकल साइबर ठग रोज नए तरीकों से ठगी कर रहे हैं। लखनऊ में एक माह में 100 से ज्यादा ठगी ग्रीन गैस कनेक्शन के नाम पर की गई। वहीं 12 से अधिक मामले सीबीआई अधिकारी बनकर ठगी करने के आए। 500 से ज्यादा लकी ड्रा के नाम पर ठगी की गई। जबकि 150 मामले आईडी बदलकर रिश्तेदारों से पैसे मांगने के आए थे। साइबर थाने में 6 माह में 97 मामले दर्ज हुए (यहां पर एक करोड़ से ऊपर ठगी के मामले दर्ज होते हैं)। वहीं साइबर सेल में 4256 शिकायत दर्ज हुई। जिसमें ठगी के साथ ही सोशल साइट के साथ छेड़छाड़ और अश्लील फोटो अपलोड जैसे मामले शामिल हैं। क्षेत्र के हिसाब से बटे हैं साइबर फ्राड करने वालों के तरीके
साइबर सेल प्रभारी सतीश साहू ने बताया कि पिछले 6 महीनों की शिकायत और जांच में पता चला है कि साइबर ठग क्षेत्र में बंटे हुए हैं। पिछले दिनों दिल्ली से चार, कोलकाता से तीन और भरतपुर व मथुरा से 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में सामने आया कि ट्रेडिंग की ठगी में दिल्ली, नासिक और इंदौर के साइबर ठग एक्सपर्ट हैं। भरतपुर, मेवात और मथुरा में सीबीआई अधिकारी बनकर लोगों के साथ ठगी करते हैं। सोशल साइट पर खरीदारी और एटीएम से पैसा निकालने में जामताड़ा का गिरोह एक्टिव है। वहीं महाराष्ट्र, कोलकाता और उड़ीसा में बैंक कर्मी और कस्टम अधिकारी बनकर ठगी करते हैं। पिछले दिनों हुए उन मामलों को जानते हैं, जिसने साइबर सेल में काम करने वाले पुलिस कर्मियों को सोचने पर मजबूर कर दिया… केस एक – सीबीआई अधिकारी बनकर 29 लाख की ठगी
अलीगंज सेक्टर-डी निवासी विनय कटियार से साइबर ठगों ने 17 अप्रैल को फोन कर कहा कि आपके मोबाइल नंबर का इस्तेमाल आपराधिक गतिविधियों के लिए हो रहा है। अगर आप जांच में सहयोग करेंगे तो हम आप को बचा लेंगे। कुछ देर बाद ही उन्हें दोबारा से वीडियो कॉल आई। कॉल करने वाली महिला नवजोत सिम्मी ने खुद मुंबई सीबीआई में तैनात होने की बात कही। उसने कहा- आपके खिलाफ मनी लांड्रिंग के साथ नेशनल सीक्रेट एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। दिक्कत से बचाने का दावा करते हुए अकाउंट में जमा रुपयों का ऑडिट करने की बात कही। जाल में फंसाकर विनय से 29 लाख रुपए कई खातों में जमा कराए। केस दो – कस्टम अधिकारी बन ठगे 85 लाख रुपए
कस्टम केयर और सीबीआई का अफसर बनकर KGMU की डॉ. सौम्या गुप्ता को 15 अप्रैल को फोन किया। फोन करने वाले ने कहा- दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर एक पार्सल आया है, जिसमें फर्जी पासपोर्ट व ड्रग्स हैं। उसके बाद मामला सीबीआई में जाने की बात बताई। जेल भेजने का डर और अपनी बातों में फंसाकर करीब 85 लाख रुपए अपने खातों में ट्रांसफर करवा लिए। केस तीन – AKTU के खाते से 120 करोड़ की ठगी
साइबर ठगों ने अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी (AKTU) के फर्जी दस्तावेज बनाकर खाते से 120 करोड़ रुपए ट्रांसफर कर लिए। इसमें एक ठगों की टीम ने संस्थान का कर्मचारी बनकर तीन जून को बैंक कर्मियों को एक अरब की एफडी बनाने का झांसा देकर यह ठगी की। यह गैंग है यूपी में सक्रिय साइबर ठगी से बचने के लिए इन बातों का ध्यान रखें… लखनऊ में साइबर ठगी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। लोगों को अपनी जालसाजी का शिकार बनाकर ठग हर रोज करीब 1 करोड़ रुपए खाते से गायब कर रहे हैं। ठगों ने जज से लेकर मुख्य सचिव, IPS से लेकर सिपाही और आम लोगों तक को निशाना बना रहे हैं। ठग बातों में उलझा कर अकाउंट खाली कर देते हैं। इतना ही नहीं लखनऊ की ​​​​​​एकेटीयू संस्था में सेंधमारी कर 120 करोड़ रुपए निकाल लिए। जनवरी से जून तक 4500 शिकायतें
जनवरी 2024 से जून 2024 तक करीब 4500 शिकायत लखनऊ के साइबर सेल और साइबर थाना में रजिस्टर हुए हैं। जिसमें करीब 22 करोड़ की ठगी के मामले साइबर सेल में और 152 करोड़ की ठगी के मामले साइबर थाने में दर्ज हुए हैं। कुल साइबर ठगी के 174 करोड़ में सबसे बड़ा साइबर फ्रॉड एकेटीयू के खाते से 120 करोड़ हुआ है। हालांकि समय रहते खाता फ्रीज कर 119 करोड़ रुपए बचा लिए। सबसे ज्यादा ठगी ग्रीन गैस के नाम पर आजकल साइबर ठग रोज नए तरीकों से ठगी कर रहे हैं। लखनऊ में एक माह में 100 से ज्यादा ठगी ग्रीन गैस कनेक्शन के नाम पर की गई। वहीं 12 से अधिक मामले सीबीआई अधिकारी बनकर ठगी करने के आए। 500 से ज्यादा लकी ड्रा के नाम पर ठगी की गई। जबकि 150 मामले आईडी बदलकर रिश्तेदारों से पैसे मांगने के आए थे। साइबर थाने में 6 माह में 97 मामले दर्ज हुए (यहां पर एक करोड़ से ऊपर ठगी के मामले दर्ज होते हैं)। वहीं साइबर सेल में 4256 शिकायत दर्ज हुई। जिसमें ठगी के साथ ही सोशल साइट के साथ छेड़छाड़ और अश्लील फोटो अपलोड जैसे मामले शामिल हैं। क्षेत्र के हिसाब से बटे हैं साइबर फ्राड करने वालों के तरीके
साइबर सेल प्रभारी सतीश साहू ने बताया कि पिछले 6 महीनों की शिकायत और जांच में पता चला है कि साइबर ठग क्षेत्र में बंटे हुए हैं। पिछले दिनों दिल्ली से चार, कोलकाता से तीन और भरतपुर व मथुरा से 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में सामने आया कि ट्रेडिंग की ठगी में दिल्ली, नासिक और इंदौर के साइबर ठग एक्सपर्ट हैं। भरतपुर, मेवात और मथुरा में सीबीआई अधिकारी बनकर लोगों के साथ ठगी करते हैं। सोशल साइट पर खरीदारी और एटीएम से पैसा निकालने में जामताड़ा का गिरोह एक्टिव है। वहीं महाराष्ट्र, कोलकाता और उड़ीसा में बैंक कर्मी और कस्टम अधिकारी बनकर ठगी करते हैं। पिछले दिनों हुए उन मामलों को जानते हैं, जिसने साइबर सेल में काम करने वाले पुलिस कर्मियों को सोचने पर मजबूर कर दिया… केस एक – सीबीआई अधिकारी बनकर 29 लाख की ठगी
अलीगंज सेक्टर-डी निवासी विनय कटियार से साइबर ठगों ने 17 अप्रैल को फोन कर कहा कि आपके मोबाइल नंबर का इस्तेमाल आपराधिक गतिविधियों के लिए हो रहा है। अगर आप जांच में सहयोग करेंगे तो हम आप को बचा लेंगे। कुछ देर बाद ही उन्हें दोबारा से वीडियो कॉल आई। कॉल करने वाली महिला नवजोत सिम्मी ने खुद मुंबई सीबीआई में तैनात होने की बात कही। उसने कहा- आपके खिलाफ मनी लांड्रिंग के साथ नेशनल सीक्रेट एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। दिक्कत से बचाने का दावा करते हुए अकाउंट में जमा रुपयों का ऑडिट करने की बात कही। जाल में फंसाकर विनय से 29 लाख रुपए कई खातों में जमा कराए। केस दो – कस्टम अधिकारी बन ठगे 85 लाख रुपए
कस्टम केयर और सीबीआई का अफसर बनकर KGMU की डॉ. सौम्या गुप्ता को 15 अप्रैल को फोन किया। फोन करने वाले ने कहा- दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर एक पार्सल आया है, जिसमें फर्जी पासपोर्ट व ड्रग्स हैं। उसके बाद मामला सीबीआई में जाने की बात बताई। जेल भेजने का डर और अपनी बातों में फंसाकर करीब 85 लाख रुपए अपने खातों में ट्रांसफर करवा लिए। केस तीन – AKTU के खाते से 120 करोड़ की ठगी
साइबर ठगों ने अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी (AKTU) के फर्जी दस्तावेज बनाकर खाते से 120 करोड़ रुपए ट्रांसफर कर लिए। इसमें एक ठगों की टीम ने संस्थान का कर्मचारी बनकर तीन जून को बैंक कर्मियों को एक अरब की एफडी बनाने का झांसा देकर यह ठगी की। यह गैंग है यूपी में सक्रिय साइबर ठगी से बचने के लिए इन बातों का ध्यान रखें…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर