हरियाणा में रविवार को कमजोर पड़ा मानसून सोमवार यानी आज से फिर सक्रिय हो गया है। इसे देखते हुए मौसम विभाग ने भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। प्रदेश के 18 जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। अन्य चार जिलों को येलो अलर्ट पर रखा गया है। मौसम विभाग ने इस दौरान बिजली गिरने की भी संभावना जताई है। साथ ही 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं भी चलेंगी। वहीं, प्रदेश में नमी की मात्रा अधिक होने के कारण उमस भरी गर्मी लोगों के पसीने छुड़ा रही है। 24 घंटे के दौरान सिरसा सबसे गर्म जिला रहा, यहां अधिकतम तापमान 40.4 डिग्री दर्ज किया गया। वहीं, प्रदेश में न्यूनतम तापमान 25.0 से 31.0 डिग्री के बीच दर्ज किया गया। इन जिलों में अलर्ट हरियाणा के जिन जिलों में बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, उनमें पंचकूला, अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल, यमुनानगर, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, झज्जर, गुरुग्राम, नूंह, पलवल, फरीदाबाद, रोहतक, सोनीपत, पानीपत, भिवानी और चरखी दादरी शामिल हैं। मौसम विभाग ने इन जिलों में आंधी के साथ भारी बारिश की संभावना जताई है। इस कारण कमजोर पड़ गया था मानसून मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि हरियाणा में मानसून की गति धीमी पड़ गई थी। रविवार को मानसून के असर के कारण छिटपुट स्थानों पर ही बारिश दर्ज की गई। दरअसल, मानसून की गतिविधियां मानसून टर्फ लाइन पर निर्भर करती हैं, यह जहां से भी गुजरती है, उसके दोनों ओर बारिश की गतिविधियां होती हैं। 1 से 5 जुलाई के दौरान प्रदेश में अच्छी बारिश की उम्मीद है। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार जून में प्रदेश में सामान्य बारिश 55.3 मिमी होती है, जबकि इस महीने में मात्र 29.3 मिमी बारिश दर्ज की गई। जून में 47% कम बारिश हरियाणा में जून महीने में सामान्य से 47 प्रतिशत कम बारिश हुई। फरीदाबाद और पानीपत को छोड़कर सभी जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई। वहीं, मानसून की सक्रियता कम हुई है। मौसम विशेषज्ञों की मानें तो सोमवार से मानसून एक बार फिर सक्रिय हो जाएगा। जून में अंबाला और पंचकूला में सामान्य से 90 फीसदी कम बारिश हुई, यमुनानगर में सामान्य से 86 फीसदी कम बारिश हुई, कैथल और करनाल में 80 फीसदी कम बारिश हुई, चरखी दादरी में 76 फीसदी कम बारिश हुई, कुरुक्षेत्र में 68 फीसदी कम बारिश हुई, महेंद्रगढ़ में 58 फीसदी कम बारिश हुई। वहीं फतेहाबाद में 55 फीसदी कम बारिश हुई, हिसार में 45 फीसदी कम बारिश हुई, भिवानी में 41 फीसदी कम बारिश हुई, रेवाड़ी में 36 फीसदी कम बारिश हुई, रोहतक में 34 फीसदी कम बारिश हुई, सिरसा में 31 फीसदी कम बारिश हुई, पलवल में 29 फीसदी कम बारिश हुई, सोनीपत में 28 फीसदी कम बारिश हुई और झज्जर में 24 फीसदी कम बारिश हुई। हरियाणा में रविवार को कमजोर पड़ा मानसून सोमवार यानी आज से फिर सक्रिय हो गया है। इसे देखते हुए मौसम विभाग ने भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। प्रदेश के 18 जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। अन्य चार जिलों को येलो अलर्ट पर रखा गया है। मौसम विभाग ने इस दौरान बिजली गिरने की भी संभावना जताई है। साथ ही 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं भी चलेंगी। वहीं, प्रदेश में नमी की मात्रा अधिक होने के कारण उमस भरी गर्मी लोगों के पसीने छुड़ा रही है। 24 घंटे के दौरान सिरसा सबसे गर्म जिला रहा, यहां अधिकतम तापमान 40.4 डिग्री दर्ज किया गया। वहीं, प्रदेश में न्यूनतम तापमान 25.0 से 31.0 डिग्री के बीच दर्ज किया गया। इन जिलों में अलर्ट हरियाणा के जिन जिलों में बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, उनमें पंचकूला, अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल, यमुनानगर, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, झज्जर, गुरुग्राम, नूंह, पलवल, फरीदाबाद, रोहतक, सोनीपत, पानीपत, भिवानी और चरखी दादरी शामिल हैं। मौसम विभाग ने इन जिलों में आंधी के साथ भारी बारिश की संभावना जताई है। इस कारण कमजोर पड़ गया था मानसून मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि हरियाणा में मानसून की गति धीमी पड़ गई थी। रविवार को मानसून के असर के कारण छिटपुट स्थानों पर ही बारिश दर्ज की गई। दरअसल, मानसून की गतिविधियां मानसून टर्फ लाइन पर निर्भर करती हैं, यह जहां से भी गुजरती है, उसके दोनों ओर बारिश की गतिविधियां होती हैं। 1 से 5 जुलाई के दौरान प्रदेश में अच्छी बारिश की उम्मीद है। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार जून में प्रदेश में सामान्य बारिश 55.3 मिमी होती है, जबकि इस महीने में मात्र 29.3 मिमी बारिश दर्ज की गई। जून में 47% कम बारिश हरियाणा में जून महीने में सामान्य से 47 प्रतिशत कम बारिश हुई। फरीदाबाद और पानीपत को छोड़कर सभी जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई। वहीं, मानसून की सक्रियता कम हुई है। मौसम विशेषज्ञों की मानें तो सोमवार से मानसून एक बार फिर सक्रिय हो जाएगा। जून में अंबाला और पंचकूला में सामान्य से 90 फीसदी कम बारिश हुई, यमुनानगर में सामान्य से 86 फीसदी कम बारिश हुई, कैथल और करनाल में 80 फीसदी कम बारिश हुई, चरखी दादरी में 76 फीसदी कम बारिश हुई, कुरुक्षेत्र में 68 फीसदी कम बारिश हुई, महेंद्रगढ़ में 58 फीसदी कम बारिश हुई। वहीं फतेहाबाद में 55 फीसदी कम बारिश हुई, हिसार में 45 फीसदी कम बारिश हुई, भिवानी में 41 फीसदी कम बारिश हुई, रेवाड़ी में 36 फीसदी कम बारिश हुई, रोहतक में 34 फीसदी कम बारिश हुई, सिरसा में 31 फीसदी कम बारिश हुई, पलवल में 29 फीसदी कम बारिश हुई, सोनीपत में 28 फीसदी कम बारिश हुई और झज्जर में 24 फीसदी कम बारिश हुई। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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फरीदाबाद थाने में 30 हजार लेकर बेटी को छोड़ा:बोले-तूने बेटी को पीटा, जेल जा सकता है; स्कैनर ने ट्रांसफर कराए रुपए
फरीदाबाद थाने में 30 हजार लेकर बेटी को छोड़ा:बोले-तूने बेटी को पीटा, जेल जा सकता है; स्कैनर ने ट्रांसफर कराए रुपए हरियाणा के फरीदाबाद में एक नाबालिग लड़की के लापता होने के केस में उसके पिता से पुलिस थाने में 30 हजार रुपए लिए गए। आरोप है कि थाने में मौजूद एक महिला पुलिस कर्मी, वकील व NGO के सदस्य ने व्यक्ति को कहा कि तुमने बेटी के साथ मारपीट की है, बेटी ने बयान दर्ज कराए हैं, हम चाहे तो तुझे जेल भेज सकते हैं। बेटी को छोड़ने की एवज में 30 हजार रुपए लिए गए। थाना कोतवाली SHO ने मामले में जांच की बात कही है। फरीदाबाद में संजय कॉलोनी इलाके में स्टोर चलाने वाले एक व्यक्ति ने पत्रकारों को बताया कि उसकी एक 13 साल की बेटी है। दो दिन पहले उसकी बेटी अचानक से लापता हो गई। परिवार ने बेटी की गुमशुदगी की शिकायत संजय कॉलोनी पुलिस चौकी में की हुई थी। पुलिस ने इस पर केस दर्ज किया था। महिला सिपाही ने फोन कर बुलाया उसने बताया कि आज थाना कोतवाली से एक पुलिसकर्मी महिला का फोन आया। उसको बताया गया कि उसकी बेटी थाना कोतवाली में है, वह आकर ले जाए। जब अपनी बेटी को लेने के लिए वह थाने में पहुंचा तो वहां पर मौजूद महिला पुलिसकर्मी , एक वकील ने उन्हें काफी डराया धमकाया। उसे बताया कि तूने अपनी बेटी के साथ मारपीट की है, तेरी बेटी ने यह बयान दर्ज कराए हैं। यदि हम चाहे तो तुझे जेल भेज सकते हैं। थाने में अलग कमरे में ले गई महिला लड़की के पिता ने पुलिस को कहा कि यदि बच्चा गलती करता है तो उसे डांटना भी पड़ता है। उसने बेटी के साथ कोई मारपीट नहीं की है। इस बीच एक NGO की सदस्य उसे उसे थाने के अलग कमरे में लेकर गई। उससे कहा कि तू कितना कमाता है। उसने बताया कि वह लगभग 40 हजार कमा लेता है। उसने कहा कि तू इस मामले को यही रफा दफा कर ले, बता कितने रुपए दे सकता है। उसने NGO सदस्य से कहा कि आप ही बता दो। बोलीं- हम 3-4 हैं 30 हजार में काम नहीं चलेगा व्यक्ति के अनुसार उसने उससे 30 हजार रुपए की डिमांड की। उससे कहा कि हम तीन-चार हैं। 30 हजार में काम नहीं चलेगा। उसने कहा कि 20 हजार रुपए ले लो। लेकिन वह नहीं मानी और उसको फोन का स्कैनर दिखाकर उस पर 30 हजार रुपए ट्रांसफर करा लिए। उसे डरा धमका कर उसकी बेटी को लौटने की एवज में 30 हजार रुपए लीेने का आरोप उसने लगाया है। थाने में ही उससे रिश्वत लेकर उसकी बेटी को छोड़ा है। SHO बोले- शिकायत दें, कार्रवाई करेंगे फरीदाबाद के थाना कोतवाली के एसएचओ मजबूर ने बताया कि थाने में 30 हजार रुपए लेने के मामले में अभी उन्हें पीड़ित पिता की तरफ से कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। यदि किसी ने उनसे थाने में उनकी बेटी को लौटाने की एवज में रुपए लिए हैं, तो वह शिकायत दे सकते हैं। उनकी दी गई शिकायत के आधार पर जांच कर उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
ओपी जिंदल बीड़ी पीते, दोस्तों संग ताश खेलते:देवीलाल ने बिजली काटी तो राजनीति में उतरे; बेटा BJP सांसद, पत्नी का टिकट कटा
ओपी जिंदल बीड़ी पीते, दोस्तों संग ताश खेलते:देवीलाल ने बिजली काटी तो राजनीति में उतरे; बेटा BJP सांसद, पत्नी का टिकट कटा 1976 की बात है। चौधरी देवीलाल हरियाणा के मुख्यमंत्री थे। उन दिनों जिंदल ग्रुप के मालिक ओम प्रकाश जिंदल हिसार में अपना उद्योग जमा रहे थे। कुछ मुद्दों को लेकर देवीलाल से उनकी तकरार थी। एक दिन जिंदल ने कहा- ‘देवीलाल क्या कर लेंगे, मैं उनसे नहीं डरता।’ ये बात देवीलाल तक पहुंची, तो वे गुस्से से लाल हो गए। जिंदल ग्रुप की बिजली काट दी गई। प्रदूषण के नियमों के उल्लंघन के आरोप में जिंदल के प्लांट पर कार्रवाई भी हो गई। प्लांट में अफरातफरी मच गई। कर्मचारी यूनियन की बैठक में हिंसा भड़क गई। बचाव में सुरक्षाकर्मियों ने गोलियां चला दीं, जिससे एक की मौत और 17 लोग जख्मी हो गए। जिंदल पर IPC की धारा 302 के तहत केस दर्ज किया गया। कंपनी के 20 लोग गिरफ्तार कर लिए गए। ओपी जिंदल पर लिखी किताब ‘द मैन हु टॉक्ड टू मशीन्स’ में उनके भाई सीताराम जिंदल बताते हैं- ‘पुलिस ओपी को गिरफ्तार करने के लिए जगह-जगह छापेमारी कर रही थी। वे मेरे घर में छिपे रहे। छठे दिन पुलिस को कहीं से खबर मिल गई और वो दरवाजे पर आ गई। पुलिस ने दरवाजा खुलावकर अंदर तलाशी ली, लेकिन ओपी तब तक पीछे के दरवाजे से भाग निकले।’ ओपी ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई और गिरफ्तारी से बच गए। इस घटना के बाद ओपी को सत्ता की जरूरत महसूस होने लगी थी। उन्होंने जनता के बीच जाना शुरू कर दिया। सामाजिक और धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लेने लगे। हालांकि, छोटे भाई सीताराम जिंदल उन्हें बार-बार मना करते रहे कि राजनीति के बारे में मत सोचिए, राजनीति बहुत गंदी चीज होती है। ओपी जिंदल नहीं माने और 1991 में हिसार विधानसभा से चुनाव जीतकर पहली बार विधायक बने। ओपी जिंदल तीन बार विधायक और एक बार सांसद रहे। हरियाणा सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे। उनकी पत्नी सावित्री जिंदल हरियाणा सरकार में मंत्री रहीं। बेटा नवीन जिंदल तीन बार सांसद बन चुके हैं। आज जिंदल की दूसरी पीढ़ी राजनीति में है। हरियाणा के ताकतवर राजनीतिक परिवारों की सीरीज ‘परिवार राज’ के पांचवें एपिसोड में जिंदल ग्रुप के फाउंडर रहे ओपी जिंदल परिवार की कहानी… 7 अगस्त 1930, गांधी जी का सविनय अवज्ञा आंदोलन चरम पर था। इसी दिन दिल्ली से 161 किलोमीटर दूर हिसार के नलवा में नेतराम जिंदल और चंद्रावली जिंदल के घर एक बेटे का जन्म हुआ, नाम रखा गया ओम प्रकाश जिंदल। उनका परिवार मूल रूप से रोहतक जिले के कानी गांव से आता था, लेकिन परदादा मंगनीराम 1850 में नलवा आकर बस गए। ओपी ने गांव के स्कूल से महज छठी तक पढ़ाई की। उनके पिता को नलवा गांव में 200 एकड़ जमीन विरासत में मिली थी। पिता के साथ ओपी भी खेतों पर जाया करते थे। 17 साल की उम्र में जिंदल की शादी हो गई। तब उनकी पत्नी विद्या देवी 13 साल की थीं। उनके तीन बेटे पृथ्वीराज, सज्जन कुमार, रतन कुमार और चार बेटियां सरोज, निर्मला, उर्मिला और आशा हुईं। ओपी जिंदल, 20 साल के हुए तो उनके पिता ने कहा कि अगर पैसा कमाना चाहते हो, तो गांव को छोड़ दो। 1950 में जिंदल घर छोड़कर ओडिशा चले गए। यहां कटमांजी कस्बे में उन्होंने तारपीन के तेल का कारोबार शुरू किया। कुछ समय बाद वे दार्जिलिंग और फिर कोलकाता चले गए। खेत में पाइप का ढेर देखकर ओपी को सूझा बिजनेस का आइडिया इतिहासकार डॉ. एमएम जुनेजा अपनी किताब ‘शून्य से शिखर’ में लिखते हैं- ‘ 1951 की बात है। ओपी तब कोलकाता में थे। एक दिन वे खेतों में घूम रहे थे। एक खेत में उन्हें पाइप का एक ढेर दिखा। जिस पर ‘मेड इन इंग्लैंड‘ लिखा हुआ था। ओपी ने कहा कि इन पाइपों का इस्तेमाल भारत में हो रहा है, तो ये पाइप तो भारत बनाए क्यों नहीं जा सकते। इसके बाद ओपी ने कटे और पुराने पाइपों का कारोबार शुरू किया। वे असम से नीलामी में ऐसे पाइप खरीदते और कोलकाता लाकर बेच देते। दरअसल, दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान असम, अमेरिकी सैनिकों का बड़ा ठिकाना था। युद्ध के बाद वे लोहे और स्टील से बना बहुत सा सामान यहीं छोड़ गए थे।’ 1952 में ओपी ने कोलकाता के पास लिलुआ में पाइप बेंड और सॉकेट बनाने की फैक्ट्री लगाई। इसका नाम ‘जिंदल इंडिया लिमिटेड’ रखा गया। वे पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर के टाटा ट्यूब्स और ओडिशा के कलिंगा ट्यूब्स से स्क्रैप खरीदा करते थे। करीब 8 साल कोलकाता में काम करने के बाद 1960 में वे अपने गृह जिले हिसार लौट आए। हिसार में ओपी ने दोस्तों को बताया कि वे यहां भी कोलकाता की तरह फैक्ट्री खोलेंगे, तो उनके दोस्त हंसने लगे। उन्हें लगा कि ओपी मजाक कर रहे हैं। शुरुआत में ओपी ने हिसार में बाल्टी बनाने की फैक्ट्री लगाई। उनका ये बिजनेस चल गया। अच्छी आमदनी होने लगी। दो साल बाद यानी, 1962 में उन्होंने जिंदल इंडिया लिमिटेड नाम से एक फैक्ट्री खोली। इसके बाद 1969 में जिंदल स्ट्रिप्स लिमिटेड की शुरुआत की। आज इसका नाम स्टेनलेस है। पत्नी की मौत के बाद 19 साल छोटी साली से शादी की 1964 में ओपी जिंदल की पत्नी विद्या देवी कैंसर के कारण चल बसीं। उस वक्त ओपी की उम्र 34 साल थी और उनके ऊपर 7 बच्चों की जिम्मेदारी थी। सबसे छोटी बेटी आशा तब एक साल की थीं, जिसे उनके छोटे भाई सीताराम जिंदल ने गोद ले लिया। परिवार ने तय किया कि बच्चों की देखभाल के लिए विद्या देवी की छोटी बहन सावित्री सबसे बेहतर रहेगीं। सावित्री की तब 15 साल थी। वे ओपी के बड़े बेटे पृथ्वीराज से 2 साल बड़ी थीं। सावित्री जिंदल के 3 बच्चे बेटा नवीन जिंदल और दो बेटी सारिका और सीमा का जन्म हुआ। हार का बदला लेने के लिए भजनलाल ने भी जिंदल प्लांट की बिजली कटवा दी ओपी जिंदल और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल अच्छे दोस्त थे। 1991 में बंसीलाल ने हरियाणा विकास पार्टी बनाई, तो ओपी जिंदल उसके संस्थापक सदस्यों में से एक थे। ओपी ने बंसीलाल की पार्टी के टिकट पर 1991 में हरियाणा विधानसभा चुनाव का चुनाव लड़ा। दूसरी तरफ कांग्रेस से ओमप्रकाश महाजन प्रत्याशी थे। चौधरी भजनलाल का उन्हें पूरा समर्थन था। भजनलाल ने इस चुनाव को प्रतिष्ठा का सवाल बना लिया था, लेकिन जिंदल चुनाव जीत गए। ओपी जिंदल के वकील रहे एडवोकेट पीके रंधीर बताते हैं- ‘ विधानसभा चुनाव में ओपी की जीत से भजनलाल को ठेस पहुंची थी। 25 अक्टूबर 1991 को भजनलाल सरकार ने जिंदल की फैक्ट्री में बिजली और पानी कटवा दिया। इसी साल उनके घर सेल्स टैक्स का छापा भी पड़ा। हालांकि, सेशन कोर्ट के आदेश पर बिजली का कनेक्शन फिर से जोड़ दिया गया।’ 1996 में ओपी जिंदल ने कुरुक्षेत्र सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा। जिंदल ने इनेलो प्रत्याशी कैलाशो देवी को हराया। 1998 के लोकसभा चुनाव में ओपी हिसार से चुनाव में उतरे, लेकिन हार गए। इसी साल चौधरी बंसीलाल और ओपी जिंदल के बीच अगरोहा मेडिकल कॉलेज को लेकर मतभेद हो गए। एक साल बाद ओपी ने बंसीलाल का साथ छोड़कर कांग्रेस जॉइन कर ली। ओपी ने फिर कुरुक्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ा। इस बार भी वे हार गए। इसके बाद वे 2000 में हिसार से विधायक बने। 2005 विधानसभा चुनाव में उन्हें फिर से हिसार टिकट मिला और वे जीतने में कामयाब रहे। प्रदेश में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार बनी। ओपी को ऊर्जा मंत्री बनाया गया। बीड़ी पीते थे ओपी, खाली वक्त में दोस्तों के साथ ताश खेलते थे एक बार ओपी जिंदल से मिलने कुछ वीआईपी उनके घर पहुंचे। उन लोगों ने गार्ड से कहा कि हमें ओपी जिंदल से मिलना है। गार्ड ने बगीचे की तरफ इशारा किया। बनियान और पाजामा पहने हुए एक शख्स खटिया पर बैठकर अखबार पढ़ रहा था। उस शख्स को देखर उन लोगों ने गार्ड से कहा- नहीं, नहीं, हमें सेठ से मिलना है। बड़ा सेठ, चेयरमैन साहब।’ पास खड़े ओपी के भाई सीताराम जिंदल हंसने लगे। उन्होंने कहा कि जो शख्स खटिया पर बैठकर अखबार पढ़ रहा है, वो जिंदल साहब ही हैं। ओपी जिंदल बीड़ी पीते थे। वे अपने प्लांट्स में भी बनियान पहनकर बीड़ी पीते हुए दिख जाते थे। उन्हें भूने हुए चने बहुत पसंद थे। खाली वक्त में टीवी या सिनेमा देखने के बजाय वे मन बहलाने के लिए दोस्तों के साथ ताश खेलते थे। ओपी जिंदली पर लिखी किताब ‘द मैन हू टॉक्ड टू मशीन्स’ किताब में इस किस्से का जिक्र है। मंत्री बनने के 21 दिन बाद हेलिकॉप्टर क्रैश में जिंदल की मौत 1 अप्रैल 2005, ओपी जिंदल को दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में एक सरकारी कार्यक्रम में शामिल होना था। सुबह 11:30 में उनके हेलिकॉप्टर चंडीगढ़ एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए उड़ान भरी। हेलिकॉप्टर में जिंदल के साथ बंसीलाल के बेटे सुरेंद्र सिंह, पायलट टीएस चौहान, ओपी जिंदल के समधी वेद गोयल और गनमैन विनोद यादव सवार थे। रास्ते में सरसावा एयरबेस साफ दिखाई दे रहा था। पायलट ने 12:17 बजे सरसावा के एयर ट्रैफिक कंट्रोलर से आगे बढ़ने की इजाजत ले ली। दोपहर करीब 12:30 बजे यूपी के सहारनपुर के पास अचानक हेलिकॉप्टर का इंजन फेल हो गया। जिंदल ने पायलट से कहा कि हेलिकॉप्टर लैंड करा दो। इसी बीच हेलिकॉप्टर तेजी से हिलने लगा और कुछ ही पलों बाद क्रैश हो गया। इस हादसे में ओपी जिंदल, सुरेंद्र सिंह, पायलट टीएस चौहान की मौत हो गई। जबकि, ओपी जिंदल के समधी वेद गोयल और गनमैन विनोद यादव को रीढ़ की हड्डी में चोटें आईं, लेकिन दोनों को बचा लिया गया। वेद गोयल बताते हैं, ‘जिंदल कभी सीट बेल्ट नहीं बांधते थे। उस दिन भी उन्होंने सीट बेल्ट नहीं बांधी थी। हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ, तो उनका सिर जोर से खिड़की से टकराया और खून बहने लगा। मैंने भी उस दिन सीट बेल्ट नहीं बांधी थी, लेकिन मैं बीच में था इसलिए बच गया।’ पति की मौत के बाद राजनीति में उतरीं सावित्री जिंदल ओपी जिंदल 2004 में बेटे नवीन जिंदल को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी बना चुके थे, लेकिन उनकी मौत के बाद विरासत को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी सावित्री जिंदल ने उठाई। वह जिंदल की मौत के बाद खाली हुई हिसार सीट से विधायक बनीं। 2009 में दोबारा सावित्री ने हिसार विधानसभा सीट पर जीत हासिल की। इस बार उन्हें कांग्रेस की हुड्डा सरकार में नगर निकाय मंत्री भी बनाया गया। 2023 में एशिया वन मैंगजीन को दिए इंटरव्यू में सावित्री कहती हैं- ‘एक आम भारतीय महिला की तरह मैं घर पर रहकर परिवार की देखभाल कर रही थी, लेकिन पति की मौत के बाद मुझे कारोबार और उनकी राजनीतिक विरासत संभालना पड़ा।’ सावित्री जिंदल कभी कॉलेज नहीं गईं, लेकिन पति की मौत के बाद उन्होंने बिजनेस को न सिर्फ संभाला बल्कि कामयाबी की नई ऊंचाइयों तक लेकर गईं। फॉर्च्यून इंडिया की हालिया रिपोर्ट में सावित्री जिंदल देश की टॉप 10 अमीरों की सूची में चौथे स्थान पर हैं। उनके पास 2.77 लाख करोड़ रुपए की संपत्ति है। ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स के मुताबिक जिंदल ग्रुप की चेयरपर्सन सावित्री जिंदल की संपत्ति में पिछले 2 साल में भारी इजाफा हुआ है। 2020 में फोर्ब्स ने उन्हें 349वें नंबर पर रखा था। 2021 में वे 234वें और 2022 में 91वें नंबर पर पहुंच गईं। 2022 में ब्लूमबर्ग ने सावित्री को एशिया की सबसे अमीर महिला बताया था। 2004 में राजनीति मे उतरे नवीन, कोयला घोटाले के दाग लगे ओपी जिंदल ने सभी बेटों में व्यापार की हिस्सेदारी बांट दी थी। वहीं, राजनीति में उन्होंने दूसरे पत्नी से हुए इकलौते बेटे नवीन जिंदल को अपना उत्तराधिकारी बनाया। 2004 में ओपी चुनावी सभाओं में नवीन को साथ ले जाने लगे। 2004 के लोकसभा चुनाव में नवीन जिंदल कुरुक्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे और जीते भी। इसके बाद 2009 में भी वे कुरुक्षेत्र से सांसद बने। साल 2012, केंद्र में यूपीए की सरकार थी। नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक यानी, CAG ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि निजी कंपनियों को कोयले की खदानें देने से सरकार को 1.86 लाख करोड़ का नुकसान हुआ। सरकार पर आरोप लगा कि उसने बिना बोली लगाए कंपनियों को खदानें आवंटित की थीं। कैग की रिपोर्ट के मुताबिक एसार पावर, हिंडाल्को, टाटा स्टील, टाटा पावर, जिंदल स्टील एंड पावर सहित 25 कंपनियों को विभिन्न राज्यों में ये खदानें दी गई थीं। सीबीआई ने पूरे प्रकरण की जांच की और कांग्रेस सांसद नवीन जिंदल पर एफआईआर दर्ज की। कोयला घोटाले में नवीन जिंदल की गिरफ्तारी की मांग को लेकर 2013 में जिंदल हाउस के बाहर प्रदर्शन कर रहे भाजपा और हरियाणा जनहित कांग्रेस यानी, HJP के कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया था। तब हरियाणा में भाजपा और HJP का प्रदेश में गठबंधन था। लाठीचार्ज में दोनों दलों के करीब 25 कार्यकर्ता घायल हुए। BJP कार्यकर्ताओं ने जिंदल हाउस के गेट पर कालिख पोत दी। कोयला घोटाले का खामियाजा 2014 के लोकसभा चुनाव में जिंदल परिवार को भुगतना पड़ा। नवीन कुरुक्षेत्र से चुनाव हार गए। इसी साल हुए विधानसभा चुनाव में सावित्री जिंदल भी अपनी हिसार सीट हार गईं। इसके बाद जिंदल परिवार 10 साल राजनीति से दूर रहा। 2024 लोकसभा चुनाव से ठीक पहले नवीन जिंदल और उसके बाद उनकी मां सावित्री जिंदल बीजेपी में शामिल हो गए। बीजेपी के टिकट पर नवीन हिसार लोकसभा सीट से संसद पहुंचे। हालांकि, इस बार विधानसभा चुनाव में सावित्री जिंदल को बीजेपी से टिकट नहीं मिला। अब उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। मां का टिकट कटने के बाद एक इंटरव्यू में नवीन जिंदल ने बताया- ‘मैं पार्टी के टिकट वितरण के फैसले को सही मानता हूं, लेकिन मां के फैसले का भी सम्मान करता हूं। कुल मिलाकर 9 भाई-बहन मां के साथ हैं। पूरा हिसार मेरा परिवार है। मां ने अपने परिवार की सेवा के लिए जो भी फैसला लिया है, मैं उसका सम्मान करता हूं और साथ भी दूंगा।’
करनाल में कांग्रेस की यात्रा के दौरान चोरी:दुकानदार ने जेब से कैश व मोबाइल फोन निकाला, हुड्डा का स्वागत करते समय घटना
करनाल में कांग्रेस की यात्रा के दौरान चोरी:दुकानदार ने जेब से कैश व मोबाइल फोन निकाला, हुड्डा का स्वागत करते समय घटना कांग्रेस की हरियाणा मांगे हिसाब यात्रा के दौरान करनाल के इंद्री में काफिले का स्वागत करने आए एक दुकानदार का पर्स और मोबाइल फोन चोरी हो गया। पर्स में करीब 15 हजार रुपये और दो एटीएम कार्ड थे। पीड़ित ने मामले की शिकायत पुलिस को दी है। इंद्री थाना पुलिस ने शिकायत के आधार पर केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इंद्री के गांव बीड़ भादसो निवासी राजकुमार इंद्री में मेडिकल स्टोर चलाते हैं। शुक्रवार शाम को रोहतक के सांसद दीपेंद्र हुड्डा की हरियाणा मांगे हिसाब यात्रा दुकान के सामने से गुजर रही थी। राजकुमार ने शिकायत में बताया है कि सांसद के स्वागत के लिए दुकान के बाहर काफी संख्या में लोग मौजूद थे। स्वागत करने के लिए दुकान के बाहर आया था पीड़ित ने बताया कि जब दीपेंद्र हुड्डा उसकी दुकान के बाहर से गुजर रहे थे, तो वह उनका स्वागत करने के लिए दुकान के बाहर आया था। इस दौरान पर्स और मोबाइल फोन चोरी हो गया। मोबाइल और फोन चोरी होने का एहसास दीपेंद्र हुड्डा के काफिले के जाने के बाद हुआ। राजकुमार ने बताया कि वह किसी को कॉल करने के लिए फोन निकालना चाहता था, लेकिन उसकी जेब से मोबाइल गायब था। जब उसने पीछे की जेब चेक की तो उसमें से पर्स भी गायब था। जिसके बाद उसके होश उड़ गए। पीड़ित ने बताया कि उसके पर्स में 15 हजार की नगदी थी। साथ ही पीएनबी और कोटक महिंद्रा बैंक के दो एटीएम भी थे। आरोपी मेरे फोन का भी दुरुपयोग कर सकते हैं और एटीएम कार्ड का भी दुरुपयोग कर सकते हैं। शिकायत पर केस दर्ज इंद्री थाने के जांच अधिकारी जितेंद्र कुमार ने बताया कि राजकुमार ने पर्स और मोबाइल चोरी होने की शिकायत दी है। शिकायत के आधार पर अज्ञात चोरों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।