लखनऊ के सरकारी लोकबंधु अस्पताल के सेकेंड फ्लोर पर आग लग गई। घटना सोमवार रात 9 बजकर 25 मिनट की है। अंबेडकर जयंती होने के कारण अस्पताल का अधिकतर प्रशासनिक अमला मौके पर नहीं था। आग जिस फ्लोर पर लगी, वहां फीमेल मेडिसिन, ICU और HDU जैसे वार्ड हैं। अकेले इस फ्लोर पर कम से कम 40 से 50 मरीज भर्ती थे। इसके अलावा उनके तीमारदार भी थे। प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो आग लगने के बाद मौके से ऑन ड्यूटी डॉक्टर और स्टाफ भाग गए। इससे कई महिला मरीजों और नवजात मरीजों की जान पर बन आई। जिन मरीजों की कंडीशन क्रिटिकल थी, उनके परिजन परेशान हो गए। बड़ी संख्या में मरीजों के परिजन ही किसी तरह से उन्हें निकाल कर बाहर लाए। इस दौरान पूरे अस्पताल परिसर में अंधेरा था। ऑक्सीजन सप्लाई बंद होने के कारण ICU में भर्ती 61 साल के मरीज राजकुमार प्रजापति की मौत हो गई। डॉक्टरों ने बताया- हर कोशिश की गई की मरीजों को कोई नुकसान न पहुंचे। आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है। जान की परवाह किए बगैर मरीजों को बचाया फायर ब्रिगेड की टीम कांच तोड़कर अंदर घुसी। कर्मचारी और तीमारदार जान की परवाह किए बगैर मरीजों को बचाने में जुट गए। मुंह पर कपड़ा बांधकर कर्मचारी वार्ड में घुसे। धुएं की वजह से वार्ड में कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था। गंभीर रोगियों को मरीजों को लखनऊ के सिविल अस्पताल और बलरामपुर अस्पताल ले जाया गया। फिलहाल घटना की जांच के आदेश दिए गए हैं। एक मरीज की मौत
अस्पताल में भर्ती 61 साल के मरीज राजकुमार का BP लो होने के कारण 13 अप्रैल को भर्ती किया गया था। ऑक्सीजन निकालने के कुछ देर बाद ही उनकी मौत हो गई है। मौके से डॉक्टर और स्टाफ भाग गया था। सिर्फ एक एम्पलाई ही अंतिम समय तक था। मृतक के 2 बेटे और 2 बेटी हैं। पत्नी का नाम लक्ष्मी हैं। हुसैनगंज के छितवापुर के रहने वाले हैं। मृतक के साथ मौके पर बेटे दीपेंद्र प्रजापति और दामाद सूरज थे। पूरा अस्पताल धुआं…धुआं आग की वजह से पूरे अस्पताल में धुआं ही धुआं भर गया। बिजली कटने से पूरे अस्पताल में अंधेरा हो गया। आग लगने पर बदहवास मरीज और उनके घरवाले बाहर की तरफ भागने लगे। कुछ तीमारदार अपने मरीजों को स्ट्रेचर पर ले गए। लोकबंधु अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ अजय शंकर त्रिपाठी का कहना है- अभी तक की छानबीन में आग लगने का कारण शार्ट सर्किट ही सामने आया है। सीएम ने फोन लगाया, डिप्टी सीएम मौके पर पहुंचे लोकबंधु अस्पताल में लगी आग की घटना का मुख्यमंत्री योगी ने संज्ञान लिया। उन्होंने फोन पर अधिकारियों से घटना की पूरी जानकारी ली। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, डीएम विशाख जी अय्यर, मंडलायुक्त रोशन जैकब, मेयर सुषमा खर्कवाल, नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह, पुलिस कमिश्नर अमरेंद्र सिंह सेंगर, DCP साउथ निपुण अग्रवाल भी लोकबंधु अस्पताल पहुंचे थे। अब हादसे की देखें 4 तस्वीरें डिप्टी सीएम बोले- 200 मरीजों को बाहर निकाला गया डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया- ग्राउंड फ्लोर पर धुआं दिखा था। अस्पताल के डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ ने तुरंत मरीजों को वहां से शिफ्ट करना शुरू किया। करीब 200 मरीजों को वहां से शिफ्ट किया गया है। इनका विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। दमकल विभाग के कर्मचारी और अधिकारी आग बुझाने की कोशिश किए। कोई मरीज हताहत नहीं हुआ। 2-3 गंभीर मरीजों को KGMU के ICU वार्ड में शिफ्ट किया गया है। घबराने की कोई बात नहीं है, सभी लोग सुरक्षित हैं। आग के बाद अस्पताल में काफी मात्रा में धुआं हो गया। जिन्हें बाहर निकाला गया। धुआं बाहर निकलने के बाद बिजली चालू की जाएगी। इसके बाद देखा जाएगा कि कहां कितना नुकसान हुआ है। डीएम बोले- तुरंत आग पर पाया काबू लखनऊ के डीएम विशाख जी ने बताया- लोकबंधु हॉस्पिटल में लगी आग को काबू पा लिया गया था। सभी मरीजों को सकुशल सिविल और बलरामपुर हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। DCP साउथ निपुण अग्रवाल ने बताया कि थाना कृष्णानगर पुलिस को रात 10 बजे अस्पताल में आग लगने की जानकारी मिली। तत्काल पर्याप्त मात्रा में फायर, पुलिसकर्मी और एम्बुलेंस को मौके पर भेजा गया। आग पर तुरंत काबू पा लिया गया। जो लोग अस्पताल में भर्ती थे, उनको रेस्क्यू करके नजदीकी अस्पताल में भेजा गया है। मेयर बोलीं- बड़ी घटना होने से बच गई मेयर सुषमा खर्कवाल ने बताया- एनआईसीयू से नवजात बच्चों और आईसीयू के मरीजों को लोहिया अस्पताल, सिविल अस्पताल, केजीएमयू भेजा गया है। गर्भवती महिलाओं को हजरतगंज के झलकारी बाई और क्वीन मैरी भेजा गया है। फिलहाल अस्पताल में कोई मरीज नहीं है। पूरा अस्पताल खाली है। बड़ी घटना होने से बच गई। ईश्वर की शुक्रगुजार हूं। आसपास के पार्षद भी आ गए थे। जिससे जो बन पड़ा, उसने मरीजों मदद की। सभी को बाहर निकालने में मदद की। मरीज बोले- अंदर पूरा अंधेरा हो गया था, कुछ समझ नहीं आ रहा था काकोरी के मरीज रमजान ने बताया कि वह 4 दिनों से अस्पताल में भर्ती थे। अचानक से अस्पताल में भाग शुरू हो गई। इसके बाद सभी मरीज भागने लगे। तीमारदार चीख रहे थे। अंदर बहुत खौफनाक मंजर था। मेरा ऑपरेशन होना था, लेकिन अभी घर जा रहे हैं। बाद में इलाज करवाएंगे। साथ में पत्नी और दो बच्चे भी हैं। हम लोग काफी डरे हुए हैं। अंदर पूरा अंधेरा हो गया था, कुछ समझ नहीं आ रहा था। आग से बचकर बाहर निकले एक अन्य मरीज ने बताया कि हम लोग लेटे थे। अचानक धुआं दिखने लगा। फिर आग की लपटें दिखने लगीं। इसके बाद हम लोग तेजी से बाहर की तरफ भागे। तीन किलोमीटर दूर से देखा आग लखनऊ के रहने वाले महेश रावत का घर लोकबंधु अस्पताल से करीब 3 किलोमीटर दूर है। अस्पताल में उनकी बुआ का इलाज चल रहा है। महेश ने बताया कि मैं घर की छत पर था। अचानक अस्पताल से आग की लपटें उठती देखीं। मैं तुरंत भागकर यहां आया। सायरन बजा तब हुई जानकारी मरीज मालती साहू ने बताया- मैं स्टोर रूम के बगल वाले वार्ड में एडमिट थी। पहले सायरन बजा, फिर भगदड़ मच गई। तब हमें आग लगने के बारे में पता चला। हमारे वार्ड में कुल 12 मरीज भर्ती थे। सभी को बाहर निकाला गया। आग लगने के आधे घंटा बाद फायर ब्रिगेड पहुंची थी। एक तीमारदार बोला- अफसर झूठ बोल रहे लखनऊ के आशियाना के रहने वाले विश्वजीत ने बताया कि अधिकारी झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने बताया, मुझसे अधिकारियों ने कहा कि तुम्हारे पिता को दूसरी अस्पताल में शिफ्ट किया गया है, लेकिन वह तो यहीं पड़े हैं। मेरे पिता बेड नंबर- 111 पर भर्ती थे। अस्पताल में आग लगने के बाद हमने उनको बाहर निकाला। उनको किसी भी अस्पताल में नहीं शिफ्ट किया गया है। —————————– यह खबर भी पढ़ें इंजीनियर परिवार की एक साथ 5 अर्थियां उठीं, लखनऊ में बच्ची का शव देख देवरानी चीखी….भाभी उठो न, श्री गोद में है लखनऊ में सोमवार को इंजीनियर परिवार के 5 लोगों अर्थियां एक साथ उठीं। यह देख वहां चीख-पुकार मच गई। देवरानी ने शव से लिपटकर चीखते हुए कहा- भाभी उठो, श्री आपकी गोद में है। अभी तो छुट्टियों का प्लान बना रही थीं…कहां चली गईं? इसके बाद रोते-रोते गश खाकर गिर पड़ी। यहां पढ़ें पूरी खबर लखनऊ के सरकारी लोकबंधु अस्पताल के सेकेंड फ्लोर पर आग लग गई। घटना सोमवार रात 9 बजकर 25 मिनट की है। अंबेडकर जयंती होने के कारण अस्पताल का अधिकतर प्रशासनिक अमला मौके पर नहीं था। आग जिस फ्लोर पर लगी, वहां फीमेल मेडिसिन, ICU और HDU जैसे वार्ड हैं। अकेले इस फ्लोर पर कम से कम 40 से 50 मरीज भर्ती थे। इसके अलावा उनके तीमारदार भी थे। प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो आग लगने के बाद मौके से ऑन ड्यूटी डॉक्टर और स्टाफ भाग गए। इससे कई महिला मरीजों और नवजात मरीजों की जान पर बन आई। जिन मरीजों की कंडीशन क्रिटिकल थी, उनके परिजन परेशान हो गए। बड़ी संख्या में मरीजों के परिजन ही किसी तरह से उन्हें निकाल कर बाहर लाए। इस दौरान पूरे अस्पताल परिसर में अंधेरा था। ऑक्सीजन सप्लाई बंद होने के कारण ICU में भर्ती 61 साल के मरीज राजकुमार प्रजापति की मौत हो गई। डॉक्टरों ने बताया- हर कोशिश की गई की मरीजों को कोई नुकसान न पहुंचे। आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है। जान की परवाह किए बगैर मरीजों को बचाया फायर ब्रिगेड की टीम कांच तोड़कर अंदर घुसी। कर्मचारी और तीमारदार जान की परवाह किए बगैर मरीजों को बचाने में जुट गए। मुंह पर कपड़ा बांधकर कर्मचारी वार्ड में घुसे। धुएं की वजह से वार्ड में कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था। गंभीर रोगियों को मरीजों को लखनऊ के सिविल अस्पताल और बलरामपुर अस्पताल ले जाया गया। फिलहाल घटना की जांच के आदेश दिए गए हैं। एक मरीज की मौत
अस्पताल में भर्ती 61 साल के मरीज राजकुमार का BP लो होने के कारण 13 अप्रैल को भर्ती किया गया था। ऑक्सीजन निकालने के कुछ देर बाद ही उनकी मौत हो गई है। मौके से डॉक्टर और स्टाफ भाग गया था। सिर्फ एक एम्पलाई ही अंतिम समय तक था। मृतक के 2 बेटे और 2 बेटी हैं। पत्नी का नाम लक्ष्मी हैं। हुसैनगंज के छितवापुर के रहने वाले हैं। मृतक के साथ मौके पर बेटे दीपेंद्र प्रजापति और दामाद सूरज थे। पूरा अस्पताल धुआं…धुआं आग की वजह से पूरे अस्पताल में धुआं ही धुआं भर गया। बिजली कटने से पूरे अस्पताल में अंधेरा हो गया। आग लगने पर बदहवास मरीज और उनके घरवाले बाहर की तरफ भागने लगे। कुछ तीमारदार अपने मरीजों को स्ट्रेचर पर ले गए। लोकबंधु अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ अजय शंकर त्रिपाठी का कहना है- अभी तक की छानबीन में आग लगने का कारण शार्ट सर्किट ही सामने आया है। सीएम ने फोन लगाया, डिप्टी सीएम मौके पर पहुंचे लोकबंधु अस्पताल में लगी आग की घटना का मुख्यमंत्री योगी ने संज्ञान लिया। उन्होंने फोन पर अधिकारियों से घटना की पूरी जानकारी ली। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, डीएम विशाख जी अय्यर, मंडलायुक्त रोशन जैकब, मेयर सुषमा खर्कवाल, नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह, पुलिस कमिश्नर अमरेंद्र सिंह सेंगर, DCP साउथ निपुण अग्रवाल भी लोकबंधु अस्पताल पहुंचे थे। अब हादसे की देखें 4 तस्वीरें डिप्टी सीएम बोले- 200 मरीजों को बाहर निकाला गया डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया- ग्राउंड फ्लोर पर धुआं दिखा था। अस्पताल के डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ ने तुरंत मरीजों को वहां से शिफ्ट करना शुरू किया। करीब 200 मरीजों को वहां से शिफ्ट किया गया है। इनका विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। दमकल विभाग के कर्मचारी और अधिकारी आग बुझाने की कोशिश किए। कोई मरीज हताहत नहीं हुआ। 2-3 गंभीर मरीजों को KGMU के ICU वार्ड में शिफ्ट किया गया है। घबराने की कोई बात नहीं है, सभी लोग सुरक्षित हैं। आग के बाद अस्पताल में काफी मात्रा में धुआं हो गया। जिन्हें बाहर निकाला गया। धुआं बाहर निकलने के बाद बिजली चालू की जाएगी। इसके बाद देखा जाएगा कि कहां कितना नुकसान हुआ है। डीएम बोले- तुरंत आग पर पाया काबू लखनऊ के डीएम विशाख जी ने बताया- लोकबंधु हॉस्पिटल में लगी आग को काबू पा लिया गया था। सभी मरीजों को सकुशल सिविल और बलरामपुर हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। DCP साउथ निपुण अग्रवाल ने बताया कि थाना कृष्णानगर पुलिस को रात 10 बजे अस्पताल में आग लगने की जानकारी मिली। तत्काल पर्याप्त मात्रा में फायर, पुलिसकर्मी और एम्बुलेंस को मौके पर भेजा गया। आग पर तुरंत काबू पा लिया गया। जो लोग अस्पताल में भर्ती थे, उनको रेस्क्यू करके नजदीकी अस्पताल में भेजा गया है। मेयर बोलीं- बड़ी घटना होने से बच गई मेयर सुषमा खर्कवाल ने बताया- एनआईसीयू से नवजात बच्चों और आईसीयू के मरीजों को लोहिया अस्पताल, सिविल अस्पताल, केजीएमयू भेजा गया है। गर्भवती महिलाओं को हजरतगंज के झलकारी बाई और क्वीन मैरी भेजा गया है। फिलहाल अस्पताल में कोई मरीज नहीं है। पूरा अस्पताल खाली है। बड़ी घटना होने से बच गई। ईश्वर की शुक्रगुजार हूं। आसपास के पार्षद भी आ गए थे। जिससे जो बन पड़ा, उसने मरीजों मदद की। सभी को बाहर निकालने में मदद की। मरीज बोले- अंदर पूरा अंधेरा हो गया था, कुछ समझ नहीं आ रहा था काकोरी के मरीज रमजान ने बताया कि वह 4 दिनों से अस्पताल में भर्ती थे। अचानक से अस्पताल में भाग शुरू हो गई। इसके बाद सभी मरीज भागने लगे। तीमारदार चीख रहे थे। अंदर बहुत खौफनाक मंजर था। मेरा ऑपरेशन होना था, लेकिन अभी घर जा रहे हैं। बाद में इलाज करवाएंगे। साथ में पत्नी और दो बच्चे भी हैं। हम लोग काफी डरे हुए हैं। अंदर पूरा अंधेरा हो गया था, कुछ समझ नहीं आ रहा था। आग से बचकर बाहर निकले एक अन्य मरीज ने बताया कि हम लोग लेटे थे। अचानक धुआं दिखने लगा। फिर आग की लपटें दिखने लगीं। इसके बाद हम लोग तेजी से बाहर की तरफ भागे। तीन किलोमीटर दूर से देखा आग लखनऊ के रहने वाले महेश रावत का घर लोकबंधु अस्पताल से करीब 3 किलोमीटर दूर है। अस्पताल में उनकी बुआ का इलाज चल रहा है। महेश ने बताया कि मैं घर की छत पर था। अचानक अस्पताल से आग की लपटें उठती देखीं। मैं तुरंत भागकर यहां आया। सायरन बजा तब हुई जानकारी मरीज मालती साहू ने बताया- मैं स्टोर रूम के बगल वाले वार्ड में एडमिट थी। पहले सायरन बजा, फिर भगदड़ मच गई। तब हमें आग लगने के बारे में पता चला। हमारे वार्ड में कुल 12 मरीज भर्ती थे। सभी को बाहर निकाला गया। आग लगने के आधे घंटा बाद फायर ब्रिगेड पहुंची थी। एक तीमारदार बोला- अफसर झूठ बोल रहे लखनऊ के आशियाना के रहने वाले विश्वजीत ने बताया कि अधिकारी झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने बताया, मुझसे अधिकारियों ने कहा कि तुम्हारे पिता को दूसरी अस्पताल में शिफ्ट किया गया है, लेकिन वह तो यहीं पड़े हैं। मेरे पिता बेड नंबर- 111 पर भर्ती थे। अस्पताल में आग लगने के बाद हमने उनको बाहर निकाला। उनको किसी भी अस्पताल में नहीं शिफ्ट किया गया है। —————————– यह खबर भी पढ़ें इंजीनियर परिवार की एक साथ 5 अर्थियां उठीं, लखनऊ में बच्ची का शव देख देवरानी चीखी….भाभी उठो न, श्री गोद में है लखनऊ में सोमवार को इंजीनियर परिवार के 5 लोगों अर्थियां एक साथ उठीं। यह देख वहां चीख-पुकार मच गई। देवरानी ने शव से लिपटकर चीखते हुए कहा- भाभी उठो, श्री आपकी गोद में है। अभी तो छुट्टियों का प्लान बना रही थीं…कहां चली गईं? इसके बाद रोते-रोते गश खाकर गिर पड़ी। यहां पढ़ें पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
लखनऊ के सरकारी लोकबंधु अस्पताल में भीषण आग:200 मरीज दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट, ऑक्सीजन की सप्लाई बंद होने से बुजुर्ग की मौत
