लखनऊ ट्रांसपोर्ट नगर में गिरी बिल्डिंग की जांच LDA टीम ने शुरू कर दी है। इस दौरान बिल्डिंग मालिक से LDA ने दो दिन के अंदर पूरा स्ट्रक्चर मांगा है। वहीं, गुजरात से आई टीम ने भी दूसरे दिन बिल्डिंग की जांच की। हालांकि, अभी तक किसी भी जांच में कुछ भी स्पष्ट नहीं आया है। गुजरात से आई नेशनल फोरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी की टीम के दो सदस्यों ने मौके पर पहुंचकर मलबे से नमूना एकत्र किया और नाप भी की। विशेषज्ञों के अनुसार, सीटीएम (कम्प्रेशन टेस्टिंग मशीन) से कॉलम व बीम की मजबूती की जांच की जाएगी। इसके अलावा यूटीएम (यूनिवर्सल टेस्टिंग मशीन) से कॉलम व बीम में इस्तेमाल हुई सरिया, कंक्रीट का टेन्साइल टेस्ट किया जाएगा। इससे यह पता लगाया जाएगा कि कॉलम व बीम बिल्डिंग का भार सहने लायक थे या नहीं। LDA की टीम ने जांच शुरू किया
LDA के अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा की अध्यक्षता में बनी समिति ने भी जांच शुरू कर दी है। कमेटी में मुख्य नगर नगर नियोजक कौशलेंद्र गौतम, उप सचिव अतुल कृष्ण सिंह, अधिशासी अभियन्ता अजय गोयल, उप सचिव माधवेश कुमार शामिल हैं। अपर सचिव ने बताया तीनों बिल्डिंग के मानचित्र का परीक्षण कराया गया है। फिलहाल सभी का नक्शा पास है। अब इनके नक्शे के अनुसार अथवा विपरीत निर्माण की रिपोर्ट मांगी गई है। अगर निर्माण अवैध पाया जाएगा तो विधि अनुसार कार्रवाई की जाएगी। निर्माण के समय हुई लापरवाही की जांच कर रहा LDA
समिति बिल्डिंग के तकनीकी पहलू की बजाए प्राधिकरण स्तर पर इसके निर्माण के समय हुई लापरवाही की जांच कर रही है। आवंटन व मानचित्र के संबंध में रिपोर्ट देगी। यह भी देखेगी की बिल्डिंग का निर्माण किन इंजीनियरों के समय पास हुआ था, क्योंकि बिल्डिंग का एक मंजिल अवैध बना हुआ था। अधिकारियों का कहना है कि सिर्फ भूखंड संख्या 54/1 ही नहीं आसपास के अन्य भूखंडों पर बनी बिल्डिंग के निर्माण में भी नक्शे के विपरीत काम किया गया है। ध्वस्त हुई बिल्डिंग का मानचित्र का नक्शा सिर्फ एक मंजिल का ही पास थास जबकि यह तीन मंजिल बनी हुई थी। दो दिन में मांगी गई स्ट्रक्चरल रिपोर्ट
ढही बिल्डिंग की लाइन में बनी तीसरी बिल्डिंग की मजबूती के प्रमाण पत्र के बारे में LDA ने भवन मालिक को दो दिन का और समय दिया है। LDA 13 सितंबर तक बिल्डिंग की मजबूती की ऑडिट रिपोर्ट देने को कहा है। ऑडिट रिपोर्ट स्ट्रक्चरल इंजीनियर की ही मान्य होगी। दो दिनों के भीतर रिपोर्ट न देने पर प्राधिकरण इसे सील कर देगा। LDA के इंजीनियरों व अधिकारियों ने मंगलवार को भूखंड संख्या 56 पर बनी बिल्डिंग का निरीक्षण किया था। इसके कुछ हिस्से में दरार मिली थी। इसके बाद बिल्डिंग मालिक से स्ट्रक्चरल इंजीनियर से जांच कराकर प्रमाण पत्र देने को कहा था। स्ट्रक्चरल इंजीनियर इस बात का प्रमाणपत्र देगा कि यह बिल्डिंग पूरी तरह से मजबूत व सुरक्षित है या नहीं। बगल की बिल्डिंग के ध्वस्त होने का कोई असर इस पर आया है या नहीं? बिल्डिंग मालिक ने प्राधिकरण के इंजीनियरों से इसके लिए दो दिन की और मोहलत मांगी थी। उधर, प्राधिकरण के इंजीनियरों ने बताया कि इस बिल्डिंग की ममटी व अन्य हिस्से में दरार आई है। संभवत: भूखंड संख्या 54 पर बनी बिल्डिंग के ढहने का असर इस पर भी आया है। धमक की वजह से इसमें क्रैक आया है। दो दिन में रिपोर्ट नहीं आई तो बिल्डिंग को सील किया जाएगा। मुख्य अभियंता का चार्ज वापस
मुख्य नगर नियोजक (CTP) कौशलेंद्र गौतम से मुख्य अभियंता का चार्ज ले लिया गया। अब अधीक्षण अभियन्ता (सिविल) अवनीन्द्र कुमार सिंह को मुख्य अभियन्ता की जिम्मेदारी दी गई है। एलडीए वीसी प्रथमेश कुमार ने इस सम्बंध में आदेश जारी किया है। लखनऊ ट्रांसपोर्ट नगर में गिरी बिल्डिंग की जांच LDA टीम ने शुरू कर दी है। इस दौरान बिल्डिंग मालिक से LDA ने दो दिन के अंदर पूरा स्ट्रक्चर मांगा है। वहीं, गुजरात से आई टीम ने भी दूसरे दिन बिल्डिंग की जांच की। हालांकि, अभी तक किसी भी जांच में कुछ भी स्पष्ट नहीं आया है। गुजरात से आई नेशनल फोरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी की टीम के दो सदस्यों ने मौके पर पहुंचकर मलबे से नमूना एकत्र किया और नाप भी की। विशेषज्ञों के अनुसार, सीटीएम (कम्प्रेशन टेस्टिंग मशीन) से कॉलम व बीम की मजबूती की जांच की जाएगी। इसके अलावा यूटीएम (यूनिवर्सल टेस्टिंग मशीन) से कॉलम व बीम में इस्तेमाल हुई सरिया, कंक्रीट का टेन्साइल टेस्ट किया जाएगा। इससे यह पता लगाया जाएगा कि कॉलम व बीम बिल्डिंग का भार सहने लायक थे या नहीं। LDA की टीम ने जांच शुरू किया
LDA के अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा की अध्यक्षता में बनी समिति ने भी जांच शुरू कर दी है। कमेटी में मुख्य नगर नगर नियोजक कौशलेंद्र गौतम, उप सचिव अतुल कृष्ण सिंह, अधिशासी अभियन्ता अजय गोयल, उप सचिव माधवेश कुमार शामिल हैं। अपर सचिव ने बताया तीनों बिल्डिंग के मानचित्र का परीक्षण कराया गया है। फिलहाल सभी का नक्शा पास है। अब इनके नक्शे के अनुसार अथवा विपरीत निर्माण की रिपोर्ट मांगी गई है। अगर निर्माण अवैध पाया जाएगा तो विधि अनुसार कार्रवाई की जाएगी। निर्माण के समय हुई लापरवाही की जांच कर रहा LDA
समिति बिल्डिंग के तकनीकी पहलू की बजाए प्राधिकरण स्तर पर इसके निर्माण के समय हुई लापरवाही की जांच कर रही है। आवंटन व मानचित्र के संबंध में रिपोर्ट देगी। यह भी देखेगी की बिल्डिंग का निर्माण किन इंजीनियरों के समय पास हुआ था, क्योंकि बिल्डिंग का एक मंजिल अवैध बना हुआ था। अधिकारियों का कहना है कि सिर्फ भूखंड संख्या 54/1 ही नहीं आसपास के अन्य भूखंडों पर बनी बिल्डिंग के निर्माण में भी नक्शे के विपरीत काम किया गया है। ध्वस्त हुई बिल्डिंग का मानचित्र का नक्शा सिर्फ एक मंजिल का ही पास थास जबकि यह तीन मंजिल बनी हुई थी। दो दिन में मांगी गई स्ट्रक्चरल रिपोर्ट
ढही बिल्डिंग की लाइन में बनी तीसरी बिल्डिंग की मजबूती के प्रमाण पत्र के बारे में LDA ने भवन मालिक को दो दिन का और समय दिया है। LDA 13 सितंबर तक बिल्डिंग की मजबूती की ऑडिट रिपोर्ट देने को कहा है। ऑडिट रिपोर्ट स्ट्रक्चरल इंजीनियर की ही मान्य होगी। दो दिनों के भीतर रिपोर्ट न देने पर प्राधिकरण इसे सील कर देगा। LDA के इंजीनियरों व अधिकारियों ने मंगलवार को भूखंड संख्या 56 पर बनी बिल्डिंग का निरीक्षण किया था। इसके कुछ हिस्से में दरार मिली थी। इसके बाद बिल्डिंग मालिक से स्ट्रक्चरल इंजीनियर से जांच कराकर प्रमाण पत्र देने को कहा था। स्ट्रक्चरल इंजीनियर इस बात का प्रमाणपत्र देगा कि यह बिल्डिंग पूरी तरह से मजबूत व सुरक्षित है या नहीं। बगल की बिल्डिंग के ध्वस्त होने का कोई असर इस पर आया है या नहीं? बिल्डिंग मालिक ने प्राधिकरण के इंजीनियरों से इसके लिए दो दिन की और मोहलत मांगी थी। उधर, प्राधिकरण के इंजीनियरों ने बताया कि इस बिल्डिंग की ममटी व अन्य हिस्से में दरार आई है। संभवत: भूखंड संख्या 54 पर बनी बिल्डिंग के ढहने का असर इस पर भी आया है। धमक की वजह से इसमें क्रैक आया है। दो दिन में रिपोर्ट नहीं आई तो बिल्डिंग को सील किया जाएगा। मुख्य अभियंता का चार्ज वापस
मुख्य नगर नियोजक (CTP) कौशलेंद्र गौतम से मुख्य अभियंता का चार्ज ले लिया गया। अब अधीक्षण अभियन्ता (सिविल) अवनीन्द्र कुमार सिंह को मुख्य अभियन्ता की जिम्मेदारी दी गई है। एलडीए वीसी प्रथमेश कुमार ने इस सम्बंध में आदेश जारी किया है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर