<p style=”text-align: justify;”><strong>Kukrail Nadi Latest News:</strong> राजधानी लखनऊ में कुकरैल नदी को उसके पुराने अस्तित्व में वापस लाने के साथ ही अगल-बगल बने प्रतिष्ठानों, मकानों पर हो रही कार्रवाइयों के बीच अब कुकरैल के नदी के दोनों तरफ 50-50 मीटर की दूरी तक हर तरीके के नक्शे पास करने पर रोक लग गई है. अब दोनों तरफ किसी भी तरीके का कोई नया कंस्ट्रक्शन नहीं हो सकता है और अगर किसी ने कोई मकान, दुकान बना भी ली तो उसे न बिजली, पानी का कनेक्शन नहीं दिया जाएगा न ही राशन कार्ड समेत अन्य सरकारी सुविधाएं दी जायेंगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सिंचाई विभाग में इस संबंध में आदेश जारी करते हुए कहा कि शासन के मंशा अनुरूप कुकरैल नदी को संवारने का काम तेजी से चल रहा है. आपको बता दें कि कुकरैल के किनारे सरकारी जमीन पर अवैध निर्माणों को हटाया जा रहा है. कुछ दिनों पहले अकबरनगर प्रथम और द्वितीय में करीब 1400 अवैध कब्जों को ध्वस्त किया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>नदी के 50 मीटर तक नए काम पर रोक</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>कुकरैल नदी बीकेटी के अस्ति गांव से निकलकर निशातगंज के पेपर मिल के पास गोमती नदी में जाकर मिलती है. उसकी कुल लंबाई 28 किलोमीटर है. इस पूरे 28 किलोमीटर के नदी के रास्ते में नदी के दोनों तरफ 50 मीटर तक किसी भी तरीके के निर्माण पर रोक लगा दी गई है. इस संबंध में सिंचाई विभाग शारदा सहायक खंड के मुख्य अभियंता ने आदेश जारी किया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अधिकारी फ्लड जोन चिन्हित करने में जुटे</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>कुकरैल नदी के दोनों तरफ अभी तक फ्लड जोन को लेकर संशय बरकरार है. अधिकारी नक्शे पर फ्लड जोन जनहित कर रहे हैं. इसको लेकर अभी फिलहाल 50 मीटर तक सभी निर्माण, अतिक्रमण, व्यावसायिक गतिविधियां, पट्टे नीलामी और प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है. इसके साथ ही इन जगहों पर पहले से चली आ रही गतिविधियों को बंद करने के भी आदेश दिए जा रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”हाथरस के बाबा नारायण साकार हरि की हादसे पर पहली प्रतिक्रिया, जारी की चिट्ठी, जानें क्या कहा?” href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/hathras-baba-narayan-sakar-hari-first-reaction-after-stamped-wrote-letter-2729297″ target=”_self”>हाथरस के बाबा नारायण साकार हरि की हादसे पर पहली प्रतिक्रिया, जारी की चिट्ठी, जानें क्या कहा?</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Kukrail Nadi Latest News:</strong> राजधानी लखनऊ में कुकरैल नदी को उसके पुराने अस्तित्व में वापस लाने के साथ ही अगल-बगल बने प्रतिष्ठानों, मकानों पर हो रही कार्रवाइयों के बीच अब कुकरैल के नदी के दोनों तरफ 50-50 मीटर की दूरी तक हर तरीके के नक्शे पास करने पर रोक लग गई है. अब दोनों तरफ किसी भी तरीके का कोई नया कंस्ट्रक्शन नहीं हो सकता है और अगर किसी ने कोई मकान, दुकान बना भी ली तो उसे न बिजली, पानी का कनेक्शन नहीं दिया जाएगा न ही राशन कार्ड समेत अन्य सरकारी सुविधाएं दी जायेंगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सिंचाई विभाग में इस संबंध में आदेश जारी करते हुए कहा कि शासन के मंशा अनुरूप कुकरैल नदी को संवारने का काम तेजी से चल रहा है. आपको बता दें कि कुकरैल के किनारे सरकारी जमीन पर अवैध निर्माणों को हटाया जा रहा है. कुछ दिनों पहले अकबरनगर प्रथम और द्वितीय में करीब 1400 अवैध कब्जों को ध्वस्त किया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>नदी के 50 मीटर तक नए काम पर रोक</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>कुकरैल नदी बीकेटी के अस्ति गांव से निकलकर निशातगंज के पेपर मिल के पास गोमती नदी में जाकर मिलती है. उसकी कुल लंबाई 28 किलोमीटर है. इस पूरे 28 किलोमीटर के नदी के रास्ते में नदी के दोनों तरफ 50 मीटर तक किसी भी तरीके के निर्माण पर रोक लगा दी गई है. इस संबंध में सिंचाई विभाग शारदा सहायक खंड के मुख्य अभियंता ने आदेश जारी किया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अधिकारी फ्लड जोन चिन्हित करने में जुटे</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>कुकरैल नदी के दोनों तरफ अभी तक फ्लड जोन को लेकर संशय बरकरार है. अधिकारी नक्शे पर फ्लड जोन जनहित कर रहे हैं. इसको लेकर अभी फिलहाल 50 मीटर तक सभी निर्माण, अतिक्रमण, व्यावसायिक गतिविधियां, पट्टे नीलामी और प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है. इसके साथ ही इन जगहों पर पहले से चली आ रही गतिविधियों को बंद करने के भी आदेश दिए जा रहे हैं.</p>
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