लखनऊ में आदमखोर तेंदुए को पकड़ने के लिए 29 दिन चला रेस्कयू ऑपरेशन, 100 लोगों की लगी थी टीम

लखनऊ में आदमखोर तेंदुए को पकड़ने के लिए 29 दिन चला रेस्कयू ऑपरेशन, 100 लोगों की लगी थी टीम

<p style=”text-align: justify;”><strong>Lucknow News:</strong> सूबे की राजधानी लखनऊ में पिछले 3 महीनों से आतंक का पर्याय बना आदमखोर तेंदुआ लगातार अपना शिकार कई जानवरों को बना चुका था और जंगलों से निकलकर उसका प्रवेश शहरी इलाकों में भी देखा जा रहा था. जिसके चलते उसे पकड़ने के कई प्रयास किए गए लेकिन सब बेकार साबित हुए.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>जिसके बाद कानपुर प्राणी उद्यान के डॉक्टर नासिर को इस तेंदुए को पकड़ने के लिए बुलाया गया और 29 दिन तक लगातार रेस्क्यू करने के बाद आखिर जिस तेंदुए की दहशत पूरे लखनऊ बनी हुई थी, उसे खत्म कर दिया गया. कानपुर प्राणी उद्यान की टीम ने इसका रेस्क्यू कर अपनी काबिलियत और अनुभव का परिचय दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>29 दिन बाद तेंदुआ आया काबू में<br /></strong>उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ जहां एक ओर पूरे प्रदेश की सियासी घमसान देखने को मिलता है. कहीं न कहीं वहां के जंगलों में तेंदुए का आतंक देखा जा रहा था. पिछले तीन महीनों से जो तेंदुआ आतंक का पर्याय बन हुआ था उसे पकड़ने में वन विभाग की टीम को लगातार असफलता हासिल हो रही थी. जिसके बाद कानपुर प्राणी उद्यान के डॉक्टर नासिर को इस रेस्क्यू को करने लिए बुलाया गया और 29 दिनों तक चले इस रेस्क्यू को सफल किया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>तेंदुए को इंसानी खुशबू का एहसास न हो जिसके चलते डॉक्टर नासिर ने अनोखी तकनीक के सहारे इस तेंदुए को पकड़कर पिंजरे में कैद कर लिया. दअरसल इंसानी शरीर की खुशबू जानवरों को सूंघने में आसानी होती है, जिसके चलते वो अपने आस पास इंसान के होने की मौजूदगी को भांप जाते हैं और इसी के चलते इस तेंदुए को पकड़ना मुश्किल हो रहा था. लेकिन कानपुर &nbsp;के डॉक्टर नासिर ने अपने बदन पर मिट्टी और गोबर का लेप लगाया और कई दिनों तक नहाया भी नहीं जिससे आदमखोर जानवर को किसी इंसानी खुशबू की भनक न लगे जिसके बाद इसे पकड़ा गया.</p>
<p><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/xsfV2gDAXNY?si=sGM37hKtiO6EmtSI” width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>तेंदुए को दवाई का हाई डोज देकर बेहोश किया गया<br /></strong>5 मार्च को डॉक्टर नासिर ने पहली बार तेंदुए को अपने सामने देखा, डॉक्टर नासिर ने बताया कि उन्हें इससे पहले कई रेस्क्यू किए हैं. लेकिन इस तेंदुए को पकड़ना थोड़ा मुश्किल था. जब तेंदुए से आमना सामना हुआ तो तेंदुआ हमले की फिराक में था. लेकिन समय न बिताते हुए नसीर ने तत्काल ट्रेंकुलाइज गन की मदद से तेंदुए पर हमला कर दिया. जिसके बाद ताकतवर तेंदुए पर इस वार का कोई खास असर नहीं दिखा और वो और भी ज्यादा गुस्से में आकर हमलावर हो गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>&nbsp;जिसके बाद फिर डॉक्टर नासिर ने तेंदुए पर टॉप अप दवा की हाई डोज से हमला किया. जिसके चलते तेंदुआ कुछ दूर जाकर बेहोश हो गया. हालांकि इस दवा के असर के बावजूद तेंदुआ तकरीबन 800 मीटर तक भागता रहा लेकिन जैसे ही दवा का असर शरीर में ठीक से हुआ तेंदुआ बेहोश हो गया. जिसके बाद उसे पिंजरे में भर लिया गया.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>तेंदुए को पकड़ने के लिए 100 लोगों की टीम<br /></strong>इस रेस्क्यू में 8 लोगों की टीम शामिल थी. जिन्होंने इस तेंदुए को पकड़ने में अहम भूमिका निभाई. नासिर ने बताया कि उन्होंने अभी तक तकरीबन 35 रेस्क्यू किए हैं. &nbsp;उसमें लखनऊ के जंगलों में किया गया रेस्क्यू सबसे कठिन है. इस तेंदुए को पकड़ने के लिए पिछले 90 दिनों से 100 लोगों की टीम रेस्क्यू में जुटी हुई थी. बावजूद इसके ये पकड़ में नहीं आया, फिलहाल अब तेंदुआ वन विभाग की गिरफ्त में हैं और उसे कहां भेजना है इसका फैसला लखनऊ वन विभाग के अधिकारी करेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह भी पढ़ें- <strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/hizbul-mujahideen-terrorist-arrested-by-a-joint-team-of-moradabad-police-and-ats-up-ann-2899861″>हिजबुल मुजाहिद्दीन का आतंकवादी मुरादाबाद से गिरफ्तार, PoK में ली थी ट्रेनिंग, 18 साल से था फरार</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Lucknow News:</strong> सूबे की राजधानी लखनऊ में पिछले 3 महीनों से आतंक का पर्याय बना आदमखोर तेंदुआ लगातार अपना शिकार कई जानवरों को बना चुका था और जंगलों से निकलकर उसका प्रवेश शहरी इलाकों में भी देखा जा रहा था. जिसके चलते उसे पकड़ने के कई प्रयास किए गए लेकिन सब बेकार साबित हुए.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>जिसके बाद कानपुर प्राणी उद्यान के डॉक्टर नासिर को इस तेंदुए को पकड़ने के लिए बुलाया गया और 29 दिन तक लगातार रेस्क्यू करने के बाद आखिर जिस तेंदुए की दहशत पूरे लखनऊ बनी हुई थी, उसे खत्म कर दिया गया. कानपुर प्राणी उद्यान की टीम ने इसका रेस्क्यू कर अपनी काबिलियत और अनुभव का परिचय दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>29 दिन बाद तेंदुआ आया काबू में<br /></strong>उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ जहां एक ओर पूरे प्रदेश की सियासी घमसान देखने को मिलता है. कहीं न कहीं वहां के जंगलों में तेंदुए का आतंक देखा जा रहा था. पिछले तीन महीनों से जो तेंदुआ आतंक का पर्याय बन हुआ था उसे पकड़ने में वन विभाग की टीम को लगातार असफलता हासिल हो रही थी. जिसके बाद कानपुर प्राणी उद्यान के डॉक्टर नासिर को इस रेस्क्यू को करने लिए बुलाया गया और 29 दिनों तक चले इस रेस्क्यू को सफल किया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>तेंदुए को इंसानी खुशबू का एहसास न हो जिसके चलते डॉक्टर नासिर ने अनोखी तकनीक के सहारे इस तेंदुए को पकड़कर पिंजरे में कैद कर लिया. दअरसल इंसानी शरीर की खुशबू जानवरों को सूंघने में आसानी होती है, जिसके चलते वो अपने आस पास इंसान के होने की मौजूदगी को भांप जाते हैं और इसी के चलते इस तेंदुए को पकड़ना मुश्किल हो रहा था. लेकिन कानपुर &nbsp;के डॉक्टर नासिर ने अपने बदन पर मिट्टी और गोबर का लेप लगाया और कई दिनों तक नहाया भी नहीं जिससे आदमखोर जानवर को किसी इंसानी खुशबू की भनक न लगे जिसके बाद इसे पकड़ा गया.</p>
<p><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/xsfV2gDAXNY?si=sGM37hKtiO6EmtSI” width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>तेंदुए को दवाई का हाई डोज देकर बेहोश किया गया<br /></strong>5 मार्च को डॉक्टर नासिर ने पहली बार तेंदुए को अपने सामने देखा, डॉक्टर नासिर ने बताया कि उन्हें इससे पहले कई रेस्क्यू किए हैं. लेकिन इस तेंदुए को पकड़ना थोड़ा मुश्किल था. जब तेंदुए से आमना सामना हुआ तो तेंदुआ हमले की फिराक में था. लेकिन समय न बिताते हुए नसीर ने तत्काल ट्रेंकुलाइज गन की मदद से तेंदुए पर हमला कर दिया. जिसके बाद ताकतवर तेंदुए पर इस वार का कोई खास असर नहीं दिखा और वो और भी ज्यादा गुस्से में आकर हमलावर हो गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>&nbsp;जिसके बाद फिर डॉक्टर नासिर ने तेंदुए पर टॉप अप दवा की हाई डोज से हमला किया. जिसके चलते तेंदुआ कुछ दूर जाकर बेहोश हो गया. हालांकि इस दवा के असर के बावजूद तेंदुआ तकरीबन 800 मीटर तक भागता रहा लेकिन जैसे ही दवा का असर शरीर में ठीक से हुआ तेंदुआ बेहोश हो गया. जिसके बाद उसे पिंजरे में भर लिया गया.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>तेंदुए को पकड़ने के लिए 100 लोगों की टीम<br /></strong>इस रेस्क्यू में 8 लोगों की टीम शामिल थी. जिन्होंने इस तेंदुए को पकड़ने में अहम भूमिका निभाई. नासिर ने बताया कि उन्होंने अभी तक तकरीबन 35 रेस्क्यू किए हैं. &nbsp;उसमें लखनऊ के जंगलों में किया गया रेस्क्यू सबसे कठिन है. इस तेंदुए को पकड़ने के लिए पिछले 90 दिनों से 100 लोगों की टीम रेस्क्यू में जुटी हुई थी. बावजूद इसके ये पकड़ में नहीं आया, फिलहाल अब तेंदुआ वन विभाग की गिरफ्त में हैं और उसे कहां भेजना है इसका फैसला लखनऊ वन विभाग के अधिकारी करेंगे.</p>
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