लखनऊ में छोटे इमामबड़े की खास ‘ईरानी दम चाय’:पांच घंटे उबले दूध में मिलाकर मलाई के साथ कुल्हड़ में की जाती है सर्व

लखनऊ में छोटे इमामबड़े की खास ‘ईरानी दम चाय’:पांच घंटे उबले दूध में मिलाकर मलाई के साथ कुल्हड़ में की जाती है सर्व

लखनऊ के लोग हमेशा से ही चाय के काफी शौकीन रहे हैं। चाहे वह खाने से पहले हो या बाद में, हर समय यहां चाय पसंद की जाती है। कुछ लोग तो ऐसे भी हैं जो खाने से पहले और बाद में चाय पीते जरूर हैं। ऐसा ही कुछ हम आपको आज ‘जायका’ में बताने जा रहे हैं। तो चलिए जानते हैं किस तरह से बनाई जाती है यह ईरानी दम चाय, जिसे लखनऊ के लोग बहुत ही शौक से पीते हैं। देर रात तक इस खास चाय को पीने के लिए लाइन लगती है। चौक इलाके के रहने वाले हामिद ने दैनिक भास्कर को चाय पर एक शेर सुनाया, ‘दुनिया में जो चाय का तलबगार न होगा, महशर में खुदा उसका मददगार न होगा।’ ईरानी दम चाय की कीमत 17 रुपए है। इस चाय को पीने के लिए लोग दूसरे शहरों से भी आते हैं। ऐसे बनाई जाती है यह चाय
शॉप के ऑनर तारिक अनवर कहते हैं, इस चाय को बनाने के लिए 300 ग्राम पत्ती को 9 लीटर पानी में उबाला जाता है। करीब एक घंटे उबालने के बाद दूध में मिलाने के बाद चाय तैयार होती है। इस चाय को तैयार करने के लिए दूध को भी करीब 5 घंटे तक उबाला जाता है। इस दौरान दूध में शक्कर भी मिला दी जाती है। जिससे कि इसका रंग पूरी तरह से लाल हो जाता है। यह चाय मलाई डालकर कुल्हड़ और कप में लोगों को सर्व की जाती है। इस चाय का टेस्ट देर तक पकाए गए दूध से ही आता है। मलाई के साथ सर्व करते हैं चाय
तारिक बताते हैं इस चाय को सर्व करने का तरीका बहुत ही अनोखा है। हम इसे मलाई के साथ सर्व करते हैं। पहले हम कुल्हड़ में दूध डालते हैं। फिर तांबे के बर्तन में पक रही चाय को इसके ऊपर डाल देते हैं। इसके ऊपर से हम मलाई डालते हैं। हम कई चूल्हों पर एक साथ दूध उबालते रहते हैं, ताकि लगातार मलाई बनती रहे। इस मलाई से ही चाय का जायका बढ़ता है। चाय में दम लगाने से बढ़ जाता है टेस्ट
शॉप ऑनर ने बताया कि ईरानी दम चाय के टेस्ट के पीछे एक और सीक्रेट है। चाय में दम लगाने से इसका टेस्ट और भी गजब का हो जाता है। उन्होंने चाय में दम लगाने की पूरी रैसिपी भी समझाई। पांच साल पहले मामू ने दिया आइडिया
तारिक बताते हैं कि साल 2015 में हमारे मामू ने इस चाय को बनाने का आइडिया दिया। हमने पहली बार लखनऊ के लोगों को यह चाय सर्व की। लोगों का रिस्पॉन्स देखकर हमने इसकी 2 और ब्रांच शुरू की। यहां पर लोगों का रिस्पॉन्स बढ़ता दिख रहा है। हमारी हर शॉप पर हजारों लोग चाय पीने आते हैं। कई लोग इसकी तारीफ करते हैं। क्योंकि इससे पहले लखनऊ में इस चाय को लोग नहीं जानते थे। करीब 70 साल पहले मुंबई में मिलती थी
लखनऊ में खान-पान के जानकार हामिद हुसैन ने बताया, इस चाय को लखनऊ में लोग बहुत पसंद करते हैं। हालांकि इस चाय का ताल्लुक ईरान से नहीं है। इसका नाम सिर्फ ईरानी चाय है। इसके इतिहास की बात करें तो मुंबई में कई पारसियों के होटल ईरानी नाम से होते थे। यह चाय वहां सर्व की जाती थी। हम कह सकते हैं कि आजादी के बाद मुंबई से चलकर यह चाय देश के कई हिस्सों तक पहुंच गई। क्योंकि ईरान में दूध वाली चाय नहीं पी जाती है। दूध वाली चाय सिर्फ भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश में ही पी जाती है। भोपाल में भी मशहूर है यह चाय
इस चाय को मध्य प्रदेश के शहर भोपाल में काफी पसंद किया जाता है। पुराने भोपाल के लोग इसे खासा पसंद करते हैं। शहर में इसे ईरानी चाय या फिर नमक वाली चाय के नाम से जाना जाता है। भोपाल में इसकी करीब 70 से अधिक शॉप हैं, जहां इसे सर्व किया जाता है। फर्क बस इतना है कि लखनऊ में बनाई जाने वाली चाय में कैरेमल शुगर का इस्तेमाल होता है। जबकि भोपाल में इस चाय में हल्का सा सेंधा नमक का फ्लेवर डालकर बनाया जाता है। चाय को लेकर क्या बोले लोग… इस लिंक को भी पढ़ें… लखनऊ की शान, ऑथेंटिक कश्मीरी वाजवान:800 साल पुरानी डिश, खास अंदाज में चावल के साथ करते हैं सर्व अगर आप लखनऊ में रहते हैं और वादियों के खानपान के शौकीन हैं, तो आप यहां भी कश्मीर के वाजवान का लुत्फ ले सकते हैं, क्योंकि लखनऊ में ऑथेंटिकेट तरीके से दो वाजवान सर्व किए जा रहे हैं। अलीगंज के अलबोर्ज रेस्टोरेंट में कश्मीरी खानों को कश्मीरी खानसामों के जरिए ही तैयार किया जा रहा है, जिसे लखनऊ के लोग काफी पसंद कर रहे हैं। पढ़ें पूरी खबर… लखनऊ के लोग हमेशा से ही चाय के काफी शौकीन रहे हैं। चाहे वह खाने से पहले हो या बाद में, हर समय यहां चाय पसंद की जाती है। कुछ लोग तो ऐसे भी हैं जो खाने से पहले और बाद में चाय पीते जरूर हैं। ऐसा ही कुछ हम आपको आज ‘जायका’ में बताने जा रहे हैं। तो चलिए जानते हैं किस तरह से बनाई जाती है यह ईरानी दम चाय, जिसे लखनऊ के लोग बहुत ही शौक से पीते हैं। देर रात तक इस खास चाय को पीने के लिए लाइन लगती है। चौक इलाके के रहने वाले हामिद ने दैनिक भास्कर को चाय पर एक शेर सुनाया, ‘दुनिया में जो चाय का तलबगार न होगा, महशर में खुदा उसका मददगार न होगा।’ ईरानी दम चाय की कीमत 17 रुपए है। इस चाय को पीने के लिए लोग दूसरे शहरों से भी आते हैं। ऐसे बनाई जाती है यह चाय
शॉप के ऑनर तारिक अनवर कहते हैं, इस चाय को बनाने के लिए 300 ग्राम पत्ती को 9 लीटर पानी में उबाला जाता है। करीब एक घंटे उबालने के बाद दूध में मिलाने के बाद चाय तैयार होती है। इस चाय को तैयार करने के लिए दूध को भी करीब 5 घंटे तक उबाला जाता है। इस दौरान दूध में शक्कर भी मिला दी जाती है। जिससे कि इसका रंग पूरी तरह से लाल हो जाता है। यह चाय मलाई डालकर कुल्हड़ और कप में लोगों को सर्व की जाती है। इस चाय का टेस्ट देर तक पकाए गए दूध से ही आता है। मलाई के साथ सर्व करते हैं चाय
तारिक बताते हैं इस चाय को सर्व करने का तरीका बहुत ही अनोखा है। हम इसे मलाई के साथ सर्व करते हैं। पहले हम कुल्हड़ में दूध डालते हैं। फिर तांबे के बर्तन में पक रही चाय को इसके ऊपर डाल देते हैं। इसके ऊपर से हम मलाई डालते हैं। हम कई चूल्हों पर एक साथ दूध उबालते रहते हैं, ताकि लगातार मलाई बनती रहे। इस मलाई से ही चाय का जायका बढ़ता है। चाय में दम लगाने से बढ़ जाता है टेस्ट
शॉप ऑनर ने बताया कि ईरानी दम चाय के टेस्ट के पीछे एक और सीक्रेट है। चाय में दम लगाने से इसका टेस्ट और भी गजब का हो जाता है। उन्होंने चाय में दम लगाने की पूरी रैसिपी भी समझाई। पांच साल पहले मामू ने दिया आइडिया
तारिक बताते हैं कि साल 2015 में हमारे मामू ने इस चाय को बनाने का आइडिया दिया। हमने पहली बार लखनऊ के लोगों को यह चाय सर्व की। लोगों का रिस्पॉन्स देखकर हमने इसकी 2 और ब्रांच शुरू की। यहां पर लोगों का रिस्पॉन्स बढ़ता दिख रहा है। हमारी हर शॉप पर हजारों लोग चाय पीने आते हैं। कई लोग इसकी तारीफ करते हैं। क्योंकि इससे पहले लखनऊ में इस चाय को लोग नहीं जानते थे। करीब 70 साल पहले मुंबई में मिलती थी
लखनऊ में खान-पान के जानकार हामिद हुसैन ने बताया, इस चाय को लखनऊ में लोग बहुत पसंद करते हैं। हालांकि इस चाय का ताल्लुक ईरान से नहीं है। इसका नाम सिर्फ ईरानी चाय है। इसके इतिहास की बात करें तो मुंबई में कई पारसियों के होटल ईरानी नाम से होते थे। यह चाय वहां सर्व की जाती थी। हम कह सकते हैं कि आजादी के बाद मुंबई से चलकर यह चाय देश के कई हिस्सों तक पहुंच गई। क्योंकि ईरान में दूध वाली चाय नहीं पी जाती है। दूध वाली चाय सिर्फ भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश में ही पी जाती है। भोपाल में भी मशहूर है यह चाय
इस चाय को मध्य प्रदेश के शहर भोपाल में काफी पसंद किया जाता है। पुराने भोपाल के लोग इसे खासा पसंद करते हैं। शहर में इसे ईरानी चाय या फिर नमक वाली चाय के नाम से जाना जाता है। भोपाल में इसकी करीब 70 से अधिक शॉप हैं, जहां इसे सर्व किया जाता है। फर्क बस इतना है कि लखनऊ में बनाई जाने वाली चाय में कैरेमल शुगर का इस्तेमाल होता है। जबकि भोपाल में इस चाय में हल्का सा सेंधा नमक का फ्लेवर डालकर बनाया जाता है। चाय को लेकर क्या बोले लोग… इस लिंक को भी पढ़ें… लखनऊ की शान, ऑथेंटिक कश्मीरी वाजवान:800 साल पुरानी डिश, खास अंदाज में चावल के साथ करते हैं सर्व अगर आप लखनऊ में रहते हैं और वादियों के खानपान के शौकीन हैं, तो आप यहां भी कश्मीर के वाजवान का लुत्फ ले सकते हैं, क्योंकि लखनऊ में ऑथेंटिकेट तरीके से दो वाजवान सर्व किए जा रहे हैं। अलीगंज के अलबोर्ज रेस्टोरेंट में कश्मीरी खानों को कश्मीरी खानसामों के जरिए ही तैयार किया जा रहा है, जिसे लखनऊ के लोग काफी पसंद कर रहे हैं। पढ़ें पूरी खबर…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर