लखनऊ के डॉ.राज नारायण बंधु अस्पताल में नवजात बच्चें की मौत के मामले में निदेशक द्वारा बैठाई गई जांच टीम ने मंगलवार को जांच शुरू कर दी। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक राजीव दीक्षित की अगुवाई में जांच टीम ने पीड़ित पक्ष से दस्तावेज मांगकर, KGMU के क्वीन मेरी से भी पीड़ित महिला के ऑपेरशन की डिटेल जुटाई। 7 दिन के भीतर इस मामले की जांच कर, रिपोर्ट निदेशक को सौंपनी हैं। वहीं, जानकीपुरम में नियमित वैक्सीनेशन के बाद मासूम बच्ची की मौत के मामले में भी लखनऊ सीएमओ ऑफिस की तरफ से जांच शुरू करने की बात कही गई। परिजनों का आरोप था कि बच्ची का टीकाकरण करने के लिए पहुंची आशा कार्यकर्ता को बच्ची के बुखार आने की बात कही गई थी पर आशा कार्यकर्ता ने उनकी नहीं सुनी और बच्ची को तीन इंजेक्शन लगाए। इसके बाद से बच्ची की हालत बिगड़ गई और फिर निजी अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। ये था पूरा मामला लोकबंधु अस्पताल से गंभीर हालत में गर्भवती को क्वीनमेरी रेफर कर दिया। यहां जन्म के बाद बच्चे की मौत हो गई। सोमवार को नाराज परिजनों ने लोकबंधु अस्पताल में हंगामा किया। निदेशक से शिकायत की। निदेशक ने कमेटी गठित कर जांच का आश्वासन देकर परिजनों को शांत कराया।ये था पूरा मामला जानकारी के मुताबिक अमेठी के कोटवा बसंतपुर निवासी अभिषेक शुक्ला के पत्नी पारुल शुक्ला (27) गर्भवती थी। लोकबंधु की स्त्री रोग विभाग से उनका इलाज चल रहा था। परिजनों का आरोप हैं कि प्रेगनेंसी के दौरान पांचवें माह पर टीफा जांच कराने के लिए महिला डॉक्टर से कहा तो उन्होंने मना कर दिया था। महिला डॉक्टर ने टीफा जांच लिखी इसके बाद जब 25 फरवरी को गर्भावस्था के अंतिम माह पर लोकबंधु अस्पताल दिखाने पहुंचे, तब महिला डॉक्टर ने टीफा जांच लिखी। टीफा अल्ट्रासाउंड जांच निजी डायग्नोस्टिक से कराई। जांच रिपोर्ट देखते ही 26 फरवरी की सुबह डॉक्टर ने पत्नी को भर्ती कर लिया। डॉक्टरों ने रात 8 बजे पत्नी को क्वीनमेरी रेफर कर दिया। यहां प्रसव के बाद बच्चे की मौत हो गई। 7 दिन में जांच रिपोर्ट देने के दिए निर्देश लोकबंधु अस्पताल के निदेशक डॉ. सरोज कुमार ने बताया कि 3 सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर दी गई है। टीम के अगुवाई को खुद मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ राजीव दीक्षित कर रहे हैं वह स्वयं रेडियोलॉजिस्ट भी हैं। ऐसे में जांच के दौरान गड़बड़ी होने की आशंका नहीं हालांकि मरीज को समय रहते हायर सेंटर डिस्चार्ज कर दिया गया था। 2 महीने की बच्ची की हुई थी मौत जानकीपुरम इलाके में नियमित वैक्सीनेशन के बाद मासूम बच्ची की हालत बिगड़ गई। परिजनों ने बच्ची को नजदीकी निजी अस्पताल में भर्ती कराया। यहां इलाज के दौरान बच्ची की मौत हो गई। परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने बच्ची का पोस्टमार्टम कराया है। बच्ची को तीन इंजेक्शन लगाए परिजनों के मुताबिक 2 महीने की बेटी अराध्या को शनिवार को क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता, बच्ची का टीकाकरण करने के लिए गई थी। परिजनों ने बच्ची को बुखार होने की बात कही। आरोप है कि आशा कार्यकर्ता ने उनकी नहीं सुनी और बच्ची को तीन इंजेक्शन लगाए। इसमें एक रोटा वायरस, पेंटा व पीसीवी वैक्सीन लगाई थी। शनिवार रात बच्ची की नाक से खून आने के साथ मुंह से झाग निकलने लगा। परिजन बच्ची को निजी अस्पताल ले गए। इलाज के बाद भी सुधार नहीं हुआ। देर रात बच्ची की मौत हो गई। 6 बच्चों को एक ही वॉयल से लगी थी वैक्सीन सीएमओ ऑफिस के प्रवक्ता योगेश रघुवंशी ने बताया कि वॉयल से 6 बच्चों को स्वास्थ्यकर्मी ने टीका लगाया था। सभी बच्चे पूरी तरह से स्वस्थ हैं। इनमें वैक्सीन का कोई भी दुष्प्रभाव देखने को नहीं मिला है। लखनऊ के डॉ.राज नारायण बंधु अस्पताल में नवजात बच्चें की मौत के मामले में निदेशक द्वारा बैठाई गई जांच टीम ने मंगलवार को जांच शुरू कर दी। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक राजीव दीक्षित की अगुवाई में जांच टीम ने पीड़ित पक्ष से दस्तावेज मांगकर, KGMU के क्वीन मेरी से भी पीड़ित महिला के ऑपेरशन की डिटेल जुटाई। 7 दिन के भीतर इस मामले की जांच कर, रिपोर्ट निदेशक को सौंपनी हैं। वहीं, जानकीपुरम में नियमित वैक्सीनेशन के बाद मासूम बच्ची की मौत के मामले में भी लखनऊ सीएमओ ऑफिस की तरफ से जांच शुरू करने की बात कही गई। परिजनों का आरोप था कि बच्ची का टीकाकरण करने के लिए पहुंची आशा कार्यकर्ता को बच्ची के बुखार आने की बात कही गई थी पर आशा कार्यकर्ता ने उनकी नहीं सुनी और बच्ची को तीन इंजेक्शन लगाए। इसके बाद से बच्ची की हालत बिगड़ गई और फिर निजी अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। ये था पूरा मामला लोकबंधु अस्पताल से गंभीर हालत में गर्भवती को क्वीनमेरी रेफर कर दिया। यहां जन्म के बाद बच्चे की मौत हो गई। सोमवार को नाराज परिजनों ने लोकबंधु अस्पताल में हंगामा किया। निदेशक से शिकायत की। निदेशक ने कमेटी गठित कर जांच का आश्वासन देकर परिजनों को शांत कराया।ये था पूरा मामला जानकारी के मुताबिक अमेठी के कोटवा बसंतपुर निवासी अभिषेक शुक्ला के पत्नी पारुल शुक्ला (27) गर्भवती थी। लोकबंधु की स्त्री रोग विभाग से उनका इलाज चल रहा था। परिजनों का आरोप हैं कि प्रेगनेंसी के दौरान पांचवें माह पर टीफा जांच कराने के लिए महिला डॉक्टर से कहा तो उन्होंने मना कर दिया था। महिला डॉक्टर ने टीफा जांच लिखी इसके बाद जब 25 फरवरी को गर्भावस्था के अंतिम माह पर लोकबंधु अस्पताल दिखाने पहुंचे, तब महिला डॉक्टर ने टीफा जांच लिखी। टीफा अल्ट्रासाउंड जांच निजी डायग्नोस्टिक से कराई। जांच रिपोर्ट देखते ही 26 फरवरी की सुबह डॉक्टर ने पत्नी को भर्ती कर लिया। डॉक्टरों ने रात 8 बजे पत्नी को क्वीनमेरी रेफर कर दिया। यहां प्रसव के बाद बच्चे की मौत हो गई। 7 दिन में जांच रिपोर्ट देने के दिए निर्देश लोकबंधु अस्पताल के निदेशक डॉ. सरोज कुमार ने बताया कि 3 सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर दी गई है। टीम के अगुवाई को खुद मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ राजीव दीक्षित कर रहे हैं वह स्वयं रेडियोलॉजिस्ट भी हैं। ऐसे में जांच के दौरान गड़बड़ी होने की आशंका नहीं हालांकि मरीज को समय रहते हायर सेंटर डिस्चार्ज कर दिया गया था। 2 महीने की बच्ची की हुई थी मौत जानकीपुरम इलाके में नियमित वैक्सीनेशन के बाद मासूम बच्ची की हालत बिगड़ गई। परिजनों ने बच्ची को नजदीकी निजी अस्पताल में भर्ती कराया। यहां इलाज के दौरान बच्ची की मौत हो गई। परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने बच्ची का पोस्टमार्टम कराया है। बच्ची को तीन इंजेक्शन लगाए परिजनों के मुताबिक 2 महीने की बेटी अराध्या को शनिवार को क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता, बच्ची का टीकाकरण करने के लिए गई थी। परिजनों ने बच्ची को बुखार होने की बात कही। आरोप है कि आशा कार्यकर्ता ने उनकी नहीं सुनी और बच्ची को तीन इंजेक्शन लगाए। इसमें एक रोटा वायरस, पेंटा व पीसीवी वैक्सीन लगाई थी। शनिवार रात बच्ची की नाक से खून आने के साथ मुंह से झाग निकलने लगा। परिजन बच्ची को निजी अस्पताल ले गए। इलाज के बाद भी सुधार नहीं हुआ। देर रात बच्ची की मौत हो गई। 6 बच्चों को एक ही वॉयल से लगी थी वैक्सीन सीएमओ ऑफिस के प्रवक्ता योगेश रघुवंशी ने बताया कि वॉयल से 6 बच्चों को स्वास्थ्यकर्मी ने टीका लगाया था। सभी बच्चे पूरी तरह से स्वस्थ हैं। इनमें वैक्सीन का कोई भी दुष्प्रभाव देखने को नहीं मिला है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
लखनऊ में नवजात की मौत की जांच शुरू:लोकबंधु अस्पताल पर इलाज में लापरवाही का आरोप, 3 सदस्यीय टीम जांच कर रही
