लखनऊ में रविवार सुबह बांग्लादेशियों ने निगमकर्मियों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। महिला सुपरवाइजर को पकड़ कर खींच ले गए। कपड़े फाड़ दिए। टीम ने किसी तरह सुपरवाइजर को छुड़ाया। बवाल की सूचना मिलते ही मेयर सुषमा खर्कवाल मौके पर पहुंचीं। मेयर ने कहा- बांग्लादेशी नगर निगम के कर्मचारियों को पीटेंगे और पार्षद प्रतिनिधि पर डंडों से हमला होगा तो मेरे मेयर रहने का क्या मतलब? जेसीपी साहब इनके खिलाफ कार्रवाई करो, नहीं तो धरने पर बैठूंगी। नगर निगम टीम सुबह 7 बजे इंदिरा नगर में जोन-7 में अवैध ठेलों के खिलाफ कार्रवाई करने पहुंची थी। ठेले हटाने को लेकर विवाद हो गया। अचानक 200 लोग जुट गए और टीम पर हमला कर दिया। भाजपा विधायक ओपी श्रीवास्तव और जॉइंट सीपी अमित वर्मा भी मौके पर पहुंचे। विधायक ने कहा शहर में जितने भी बांग्लादेशी रह रहे हैं, उन्हें चिह्नित करके कार्रवाई हो। उनकी अवैध झुग्गियां भी तत्काल हटाई जाएं। पहले देखें बवाल की तस्वीरें … लखनऊ में हुए बवाल की अपडेट्स के लिए लाइव ब्लॉग से गुजर जाइए… लखनऊ में रविवार सुबह बांग्लादेशियों ने निगमकर्मियों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। महिला सुपरवाइजर को पकड़ कर खींच ले गए। कपड़े फाड़ दिए। टीम ने किसी तरह सुपरवाइजर को छुड़ाया। बवाल की सूचना मिलते ही मेयर सुषमा खर्कवाल मौके पर पहुंचीं। मेयर ने कहा- बांग्लादेशी नगर निगम के कर्मचारियों को पीटेंगे और पार्षद प्रतिनिधि पर डंडों से हमला होगा तो मेरे मेयर रहने का क्या मतलब? जेसीपी साहब इनके खिलाफ कार्रवाई करो, नहीं तो धरने पर बैठूंगी। नगर निगम टीम सुबह 7 बजे इंदिरा नगर में जोन-7 में अवैध ठेलों के खिलाफ कार्रवाई करने पहुंची थी। ठेले हटाने को लेकर विवाद हो गया। अचानक 200 लोग जुट गए और टीम पर हमला कर दिया। भाजपा विधायक ओपी श्रीवास्तव और जॉइंट सीपी अमित वर्मा भी मौके पर पहुंचे। विधायक ने कहा शहर में जितने भी बांग्लादेशी रह रहे हैं, उन्हें चिह्नित करके कार्रवाई हो। उनकी अवैध झुग्गियां भी तत्काल हटाई जाएं। पहले देखें बवाल की तस्वीरें … लखनऊ में हुए बवाल की अपडेट्स के लिए लाइव ब्लॉग से गुजर जाइए… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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एकनाथ शिंदे ने जताया सदा सरवणकर पर भरोसा, चौथी बार माहिम सीट से बने उम्मीदवार
एकनाथ शिंदे ने जताया सदा सरवणकर पर भरोसा, चौथी बार माहिम सीट से बने उम्मीदवार <p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra News: </strong>एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना ने माहिम से एक बार फिर पार्टी के वरिष्ठ नेता सदा सरवणकर (Sada Sarvankar) को विधानसभा चुनाव का टिकट दिया है. यहां मुकाबला दिलचस्प होने जा रहा है क्योंकि राज ठाकरे (Raj Thackeray) के बेटे अमित ठाकरे (Amit Thackeray) यहां से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत करने जा रहे हैं. मनसे ने 45 प्रत्याशियों की दूसरी लिस्ट जारी की जिसमें अमित का नाम भी शामिल है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सदा सरवणकर तीन बार के विधायक हैं. उन्होंने 2004, 2014 और 2019 का चुनाव जीता है. माहिम विधानसभा सीट मुंबई दक्षिण लोकसभा सीट के अंतर्गत आती है. 1962 से 1985 तक यहां कभी प्रजा सोशलिस्ट पार्टी, कांग्रेस तो कभी जनता पार्टी ने चुनाव जीता. 1990 से 2004 तक अविभाजित शिवसेना के सुरेश गंभीर ने चार बार इस सीट का प्रतिनिधित्व किया है. 2009 में यह सीट राज ठाकरे की मनसे के पास चली गई जब नितिन सरदेसाई माहिम से निर्वाचित हुए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>2008 में दादर सीट को माहिम में किया गया शामिल</strong><br />2014 में अविभाजित शिवसेना ने सदा सरवणकर को टिकट दिया और वह विजयी हुए. 2019 में भी उन्होंने अपने जीत का प्रदर्शन बरकरार रखा. बता दें कि 2004 में सदा सरवणकर ने दादर से चुनाव जीता था जिस विधानसभा क्षेत्र को 2008 में माहिम में मिला दिया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>2009 शिवसेना छोड़ थामा था कांग्रेस का दामन</strong><br />कुछ समय तक सदा सवरणकर कांग्रेस में भी रहे हैं. उन्होंने टिकट ना मिलने पर 2009 में कांग्रेस ज्वाइन कर ली थी. उन्हें 2009 में माहिम से चुनाव में उतारा गया लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा. 2014 में <a title=”महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/maharashtra-assembly-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव</a> से पहले वह फिर शिवसेना में लौट आए. 2022 में शिवसेना के विभाजन पर <a title=”एकनाथ शिंदे” href=”https://www.abplive.com/topic/eknath-shinde” data-type=”interlinkingkeywords”>एकनाथ शिंदे</a> गुट के साथ चले गए थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सदा सरवणकर 1992 से 2004 के बीच बीएमएसी के कॉर्पोरेटर रहे हैं. 2004 में शिवसेना ने उन्हें दादर से विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए कहा और वह पार्टी की उम्मीद पर खरे भी उतरे. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें- <a title=”Maharashtra: पुणे में 21 बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार, फर्जी वोटर के साथ आधार और पैन कार्ड बरामद” href=”https://www.abplive.com/states/maharashtra/pune-police-arrest-21-bangladeshi-nationals-fake-voter-card-aadhaar-card-and-pan-card-recovered-2809169″ target=”_self”>Maharashtra: पुणे में 21 बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार, फर्जी वोटर के साथ आधार और पैन कार्ड बरामद</a></strong></p>
कनकधाम आश्रम के 90 लाख रुपये फ्रॉड कर बैंक से निकाले, पुलिस को साध्वी की तलाश, रखा ईनाम
कनकधाम आश्रम के 90 लाख रुपये फ्रॉड कर बैंक से निकाले, पुलिस को साध्वी की तलाश, रखा ईनाम <div id=”:140″ class=”Am aiL Al editable LW-avf tS-tW tS-tY” tabindex=”1″ role=”textbox” spellcheck=”false” aria-label=”Message Body” aria-multiline=”true” aria-owns=”:19o” aria-controls=”:19o” aria-expanded=”false”>
<p style=”text-align: justify;”><strong>MP News:</strong> अयोध्या के राम मंदिर निर्माण में एक करोड़ 11 लाख रुपये का चंदा देने वाले स्वर्गीय कनक बिहारी दास के कनकधाम स्थित आश्रम के 90 लाख रुपये फर्जी दस्तावेजों के जरिए बैंक से निकलाने वाली साध्वी के विदेश फरार हो जाने की आशंका जताई जा रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पुलिस ने फरार साध्वी पर 10,000 रुपये का ईनाम घोषित किया है, जबकि आक्रोशित रघुवंशी समाज ने भी सुराग देने वाले को 50,000 रुपये का ईनाम दिए जाने की घोषणा की है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>छिंदवाड़ा के चौरई थाने में श्याम सिंह ने शिकायत दर्ज कराई थी कि भोपाल के कोलार इलाके में फ्लैट में रहने वाली कथित रीना रघुवंशी उर्फ साध्वी लक्ष्मी दास ने कनकधाम आश्रम के महंत कनक बिहारी दास के खाते से 90 लाख रुपये की राशि निकाली है. इस मामले में पुलिस ने धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>श्याम सिंह ने भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के प्रबंधक पंकज शर्मा पर भी सांठगांठ कर राशि निकालने का भी आरोप लगाया है. इसके अलावा अन्य लोगों के खिलाफ भी शिकायत की गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>साउथ अफ्रीका में रहते हैं रिश्तेदार</strong><br />छिंदवाड़ा आईजी अनिल कुशवाहा के मुताबिक साध्वी लक्ष्मी दास पर ₹10000 का ईनाम रखा गया है. पुलिस भोपाल सहित अन्य ठिकानों पर उनकी तलाश कर रही है. बताया यह भी जा रहा है कि रीना रघुवंशी के रिश्तेदार साउथ अफ्रीका में रहते हैं. घटना के बाद से ही उनके माता-पिता भी लापता है. यह आशंका जताई जा रही है कि साध्वी भी साउथ अफ्रीका जा सकती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>न्यायालय में लगे अग्रिम जमानत</strong><br />परसोली के श्याम सिंह की शिकायत पर पुलिस ने कार्रवाई कर दी है. दूसरी तरफ साध्वी की ओर से न्यायालय के समक्ष अग्रिम जमानत के लिए एप्लीकेशन लगाई गई है. श्याम सिंह का आरोपी की साध्वी ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए एसबीआई से अपना मोबाइल नंबर इंटरनेट बैंकिंग के लिए स्वीकृत करा लिया. इसके बाद उसने 90 लाख रुपये की कनक धाम की राशि को अपने खाते में ट्रांसफर कर लिया और फरार हो गई.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जाने-माने महंत थे कनक बिहारी दास</strong><br />श्री राम जानकी मंदिर कनकधाम के कनक बिहारी दास महाराज जीवन भर ब्रह्मचारी रहे थे. उन्होंने साल 2018 में वसीयत लिखी थी जिसमें श्याम सिंह को उनके उत्तराधिकारी बताया था. कनक बिहारी दास उस समय सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने अयोध्या में बन रहे <a title=”राम मंदिर” href=”https://www.abplive.com/topic/ram-mandir” data-type=”interlinkingkeywords”>राम मंदिर</a> के लिए एक करोड़ 11 लाख रुपये आश्रम की ओर से दान दिया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दूसरी तरफ साध्वी एक और वसीयत का दावा करते हुए खुद को कनक बिहारी दास का उत्तराधिकारी बता रही है. हालांकि उनके फरार हो जाने से दावों की पोल खुल गई है. कनक बिहारी दास का 17 अप्रैल 2023 को सागर- नरसिंहपुर मार्ग पर सड़क दुर्घटना में निधन हो गया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”इंदौर में महिला सब इंस्पेक्टर ने सातवीं मंजिल से कूदकर दी जान, डिप्रेशन का थी शिकार” href=”https://www.abplive.com/states/madhya-pradesh/indore-sub-inspector-neha-sharma-suicide-jumped-from-seventh-floor-was-diagnosed-with-depression-ann-2777543″ target=”_self”>इंदौर में महिला सब इंस्पेक्टर ने सातवीं मंजिल से कूदकर दी जान, डिप्रेशन का थी शिकार</a></strong></p>
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बंटेंगे तो कटेंगे पर मायावती का नारा- जुड़ेंगे तो बढ़ेंगे:कहा- उपचुनाव में बसपा के उतरने से भाजपा-सपा परेशान, पोस्टरबाजी में जुटीं
बंटेंगे तो कटेंगे पर मायावती का नारा- जुड़ेंगे तो बढ़ेंगे:कहा- उपचुनाव में बसपा के उतरने से भाजपा-सपा परेशान, पोस्टरबाजी में जुटीं योगी के ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ और अखिलेश के ‘जुड़ेंगे तो जीतेंगे’ नारों के बीच अब मायावती की भी एंट्री हो गई है। उन्होंने शनिवार को कहा- उपचुनाव में बसपा के उतरने से सपा-भाजपा की नींद उड़ गई है। जनता का ध्यान भटकाने के लिए दोनों दल पोस्टरबाजी कर रहे हैं। भाजपा के बंटेंगे तो कटेंगे और सपा के जुड़ेंगे तो जीतेंगे के नारों की बजाय वास्तव में होना यह चाहिए कि बसपा से जुड़ेंगे तो आगे बढ़ेंगे और सुरक्षित रहेंगे। मायावती ने कहा- बसपा इस बार उपचुनाव में सभी 9 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। इससे भाजपा और सपा दोनों की नींद उड़ी हुई है। क्योंकि, बसपा ने एकाध चुनाव को छोड़कर यहां काफी समय से उपचुनाव में हिस्सा नहीं लिया था। इसलिए दोनों पार्टियों (सपा और भाजपा) अभी तक जो उपचुनाव हो रहे थे, उनमें अंदर ही अंदर आपस में मिल-बांटकर चुनाव लड़ रहे थे। लेकिन, इस बार उपचुनाव में जब बसपा भी मैदान में डटी है। इससे इन दोनों पार्टियों और उनके गठबंधन दलों की परेशानी बढ़ गई है। इससे जनता का ध्यान बांटने के लिए भाजपा बटेंगे तो कटेंगे और सपा कह रही है कि जुड़ेंगे तो जीतेंगे। इन नारों को प्रचारित करने और पोस्टरबाजी करने में दोनों दल लगे हैं। वास्तव में होना यह चाहिए कि बसपा से जुड़ेंगे तो आगे बढ़ेंगे और सुरक्षित भी रहेंगे। मायावती ने आगे कहा- मतदाताओं को इन नारों से सावधान रहना चाहिए। सपा के शासन में गुंडे माफिया ही सरकार चलाते रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि सपा अपने गुंडों को उपचुनाव जीतने के हथकंडे अपना रही है। भाजपा और सपा के गठबंधन से दूर रहोगे तो आगे बढ़ोगे। लोगों को विरोधी पार्टियों के बहकावे में नहीं आना चाहिए। अखिलेश ने कहा- भाजपा का ‘नकारात्मक-नारा’ उनकी नाकामी का प्रतीक
शनिवार सुबह सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने X पर पोस्ट कर बंटेंगे तो कटेंगे नारे पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा- उनका (बीजेपी) ‘नकारात्मक-नारा’ उनकी निराशा-नाकामी का प्रतीक है। इस नारे ने साबित कर दिया है कि उनके जो गिनती के 10% मतदाता बचे हैं, अब वो भी खिसकने की कगार पर हैं। इसीलिए ये उनको डराकर एक करने की कोशिश में जुटे हैं, लेकिन ऐसा कुछ होने वाला नहीं है। अखिलेश यादव ने कहा- ‘नकारात्मक-नारे’ का असर भी होता है। दरअसल इस ‘निराश-नारे’ के आने के बाद उनके बचे-खुचे समर्थक ये सोचकर और भी निराश हैं कि जिन्हें हम ताकतवर समझ रहे थे, वो तो सत्ता में रहकर भी कमजोरी की ही बातें कर रहे हैं। जिस ‘आदर्श राज्य’ की कल्पना हमारे देश में की जाती है, उसके आधार में ‘अभय’ होता है, ‘भय’ नहीं। ये सच है कि ‘भयभीत’ ही ‘भय’ बेचता है, क्योंकि जिसके पास जो होगा, वो वही तो बेचेगा। देश के इतिहास में ये नारा ‘निकृष्टतम-नारे’ के रूप में दर्ज होगा। उनके राजनीतिक पतन के अंतिम अध्याय के रूप में आखिरी ‘शाब्दिक कील-सा’ साबित होगा। देश और समाज के हित में उन्हें अपनी नकारात्मक नजर और नजरिए के साथ अपने सलाहकार भी बदल लेने चाहिए। ये उनके लिए भी हितकर साबित होगा। एक अच्छी सलाह ये है कि ‘पालें तो अच्छे विचार पालें’ और आस्तीनों को खुला रखें। साथ ही बांहों को भी, इसी में उनकी भलाई है। सकारात्मक समाज कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा। अब जानते हैं कि पूरा मामला क्या है
दरअसल, भाजपा के नेता खासकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी सभाओं में नारे लगा रहे हैं कि बंटोगे तो कटोगे। कहा जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में जातीय वोटों के बंटवारे को लेकर भाजपा चिंतित है। ऐसे में हिंदुत्व के एजेंडे को धार देने के लिए भाजपा अब पूरे देश में इस नारे का सहारा ले रही है। वहीं, सपा की ओर से होर्डिंग लगवाई गई कि जुड़ेंगे तो जीतेंगे। इसको लेकर सोशल मीडिया पर भी दो दिनों से घमासान मचा है। मायावती के उपचुनाव में उतरने से किसे नफा-नुकसान
लोकसभा चुनाव में मायावती का वोट शेयर कांग्रेस के वोट शेयर से भी नीचे आ गया था। कांग्रेस और सपा ने मिलकर चुनाव लड़ा। 17 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली कांग्रेस का वोट शेयर 9.46 रहा, जबकि 79 सीटों पर चुनाव लड़ने के बाद बसपा का वोट शेयर 9.39 रहा। बसपा को इस चुनाव में सबसे ज्यादा नुकसान इंडी गठबंधन ने किया। ऐसे में माना जा रहा है कि मायावती के दम-खम के साथ चुनाव लड़ने का नुकसान कहीं न कहीं इंडी अलायंस को हो सकता है। भाजपा चाहती है कि बसपा चुनाव लड़े
पिछले कई चुनावों में बसपा के वोट बैंक का एक बड़ा हिस्सा भाजपा की ओर जाता रहा है। राजनीतिक जानकारों का कहना है, मायावती के दमदारी से चुनाव लड़ने से भाजपा को कम नुकसान होगा। भाजपा भी चाहती थी कि बसपा पूरी मजबूती के साथ उपचुनाव लडे़। भाजपा के लिए यह चुनाव करो या मरो का है। अभी बसपा के अलावा किसी पार्टी ने प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की है। बसपा ने तीन प्रत्याशियों के नाम तय कर कहीं न कहीं यह संकेत देने की कोशिश की है कि इस चुनाव में सभी वर्गों को हिस्सेदारी देगी। यूपी में ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ जैसे रहेंगे भाजपा के नारे
अब भाजपा ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ और ‘एक रहेंगे तो नेक रहेंगे’ के नारे के साथ ही हिंदुत्व के एजेंडे को आगे बढ़ा रही है। यूपी में विधानसभा की 9 सीटों पर होने वाले उपचुनाव, महाराष्ट्र, झारखंड चुनाव से लेकर आगे तक राष्ट्रवाद के चुनावी मुद्दे इसी लाइन के इर्द-गिर्द रहेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 26 अगस्त, 2024 को जन्माष्टमी के अवसर पर आगरा में आयोजित कार्यक्रम में कहा था- राष्ट्र से बढ़कर कुछ नहीं हो सकता। राष्ट्र तब सशक्त रहेगा, जब तक हम एक रहेंगे और नेक रहेंगे। बंटेंगे तो कटेंगे। आप बांग्लादेश में देख रहे हैं न, वो गलतियां नहीं होनी चाहिए। योगी की इन लाइनों ने भविष्य में भाजपा के लिए सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और हिंदुत्व के एजेंडे की दिशा तय कर दी थी। ……………….. यह खबर भी पढ़ें नसीम ही नहीं…इकरा-इमरान मसूद भी जा चुके हैं मंदिर, अफजाल ने भगवान शिव को घंटा चढ़ाया था; बेटी ने भी की थी पूजा मुस्लिम नेताओं के मंदिर जाने की बात नई नहीं है। इससे पहले भी सपा के कई नेता अलग-अलग मंदिरों की चौखट पर न सिर्फ माथा टेक चुके हैं, बल्कि आरती और पूजा में भी हिस्सा ले चुके हैं। चुनाव जीतने के बाद सपा सांसद अफजाल अंसारी और इकरा हसन मंदिर पहुंचे थे। अफजाल ने तो मंदिर में घंटा भी चढ़ाया था। वहीं, लोकसभा चुनाव के वक्त अफजाल की बेटी नुसरत मंदिर गई थीं। चुनावी प्रचार के दौरान कांग्रेस सांसद इमरान मसूद भी मंदिर पहुंचे थे। इनकी चुनरी ओढ़े हुए तस्वीर सामने आई थी। हालांकि, किसी मौलाना ने इन नेताओं के खिलाफ कोई फतवा नहीं जारी किया था। यहां पढ़ें पूरी खबर