लखनऊ के चिनहट इलाके में 15 साल की बेटी ने मुस्लिम समुदाय के प्रेमी के साथ मिलकर अपनी मां की हत्या कर दी थी। घटना के तीन घंटे के अंदर खुलासा करते हुए पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया। नाबालिग होने की वजह से दोनों की बाल सुधार गृह भेजा गया है। वहीं, बहन (मृतका उषा सिंह) के हत्यारे को सजा दिलवाने के लिए भाई पैरवी में लगे हैं। उनका मानना है कि आरोपी लड़का नाबालिग नहीं है। उसकी असल उम्र आधार कार्ड से न मानी जाए। उसकी मेडिकल जांच कराई जाए, जिससे उसकी असल उम्र पता चल सके। इसके बाद उसके लिए फांसी की मांग की जाएगी। एक्स-रे से पता चल जाएगा बालिग या नाबालिग डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी बताते हैं- कोई बालिग है या नाबालिग ये मेडिकल जांच में सामने आ जाता है। अगर हड्डी का फ्यूज नहीं है तो नाबालिग है, यदि जांच में हड्डी में फ्यूज मिलता है, तो बालिग है। डॉक्टर उम्र को निश्चित नहीं बताते हैं, वो आसपास की बताते हैं। लेकिन बालिग और नाबालिग में पता चल जाता है। ये एक्स-रे नॉर्मल एक्स-रे की तरह होता है, इसलिए रिपोर्ट में भी समय नहीं लगता है। तथ्य के साथ जुवनाइल कोर्ट में देनी होगी अर्जी एडवोकेट मोहम्मद हातिम बेग बताते हैं- नाबालिग आरोपी का केस जुवेनाइल कोर्ट में चलता है, इसके लिए वादी पक्ष को जुवेनाइल कोर्ट एविडेंस के साथ एप्लिकेशन देनी होती है। अगर मेडिकल रिपोर्ट में आरोपी बालिग निकलता है, तो बाल सुधार गृह से उसे जेल भेज दिया जाता है। लेकिन इसकी जांच के लिए तथ्य लाने होते हैं। जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड और स्कूल की मार्कशीट में जन्म तिथि अलग-अलग होनी चाहिए। अगर हर जगह एक उम्र दिख रही है, जिसके आधार पर नाबालिग माना गया है, तो मेडिकल जांच होना बहुत मुश्किल है। एक मामले का जिक्र करते हुए एडवोकेट हातिम बेग ने बताया- एक पॉक्सो का केस चल रहा था। जिसमें लड़की को नाबालिग दिखाया गया लेकिन उसके सारे डॉक्यूमेंट्स में जन्मतिथि अगल-अलग थी। इसके बाद उसकी जांच कराने की एप्लिकेशन दी गई। जिसमें लड़की बालिग सिद्ध हुई। इसके बाद जांच का तरीका भी बदल गया। उधर आरोपी लड़के से परिवार ने बनाई दूरी दोनों नाबालिग आरोपियों बाल गृह भेज दिया गया है। वहां पर दोनों की गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी। बाल सुधार गृह में नाबालिगों को ऐसा परीक्षण दिया जाएगा, जिससे वो दोबारा अपराध न करें। इसके लिए काउंसलिंग भी कराई जाएगी। आरोपी लड़के से कोई मिलने नहीं आया। उसकी मां किसी से इस बारे में बात नहीं करना चाहती है। उषा के भाई ने परिवार के न आने पर भी संदेह जताया है। आखिर क्या वजह है, जो परिवार नहीं आ रहा है। इसके पहले भी जेल गया था तो क्यों साथ में रखा। देर रात आकर इतनी बड़ी घटना की। इसके बाद घर चला गया। इस बात की किसी को भनक तक नहीं लगी। नाबालिग लड़की को ब्वॉयफ्रेंड ने उकसाया पुलिस पूछताछ में नाबालिग बेटी ने बताया कि उसका ब्वॉयफ्रेंड जेल से छूटने के बाद लगातार उकसाता था कि तुम्हारी मां ने हमें अलग किया और मुझे जेल भिजवाया। हम लोगों को उससे बदला लेना चाहिए। पहले तो लड़की नजरअंदाज करती रही लेकिन फिर उसके बहकावे में आ गई। वहीं आरोपी युवक ने अपना जुर्म कबूल किया। पुलिस को बताया कि प्यार में बाधा बन रही थी। उसके खिलाफ केस दर्ज कराकर जेल भिजवाया। इसके बाद से ही खटक रही थी। अब हत्या करके बदला पूरा कर लिया। लखनऊ के मोहान रोड पर लड़कों का बालगृह है, जहां पर आरोपी ब्वॉयफ्रेंड को भेजा गया है। वहीं लड़कियों का बाल सुधार गृह लखनऊ के राजेंद्र नगर में बना है। आधार कार्ड से हुई नाबालिग होने की पुष्टि दोनों के आधार कार्ड से नाबालिग होने का पता चला है। आरोपी बेटी नौंवी में थी। गलत चाल चलन के चलते स्कूल जाना बंद करवा दिया गया। इसकी वजह से 10वीं का पेपर नहीं दे पाई। जबकि आरोपी ब्वॉयफ्रेंड गाड़ी मैकेनिक का काम करता था। जहां काम मिल जाए, वहां लग जाता। उसके पढ़ाई का कोई प्रमाण पत्र नहीं मिला है। अब जानिए पूरा मामला… चिनहट के सेमरा गांव में रहने वाली उषा सिंह की 15 साल की बेटी को अपने घर से करीब 400 मीटर दूर रहने वाले एक लड़के से प्यार हो गया। लड़का मुस्लिम समुदाय को होने की वजह से उषा सिंह को यह रिश्ता पसंद नहीं आ रहा था। इसी बीच एक साल पहले उषा की बेटी उस लड़के के साथ घर से भाग गई। इसके बाद उषा सिंह ने लड़के के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी। लड़की को बरामद कर पुलिस ने लड़के को बाल सुधार गृह भेज दिया। बस यहीं से मां-बेटी के बीच दुश्मनी शुरू हो गई। बॉयफ्रेंड भी बेटी को मां के खिलाफ भड़काता रहा। 17-18 मई की आधी रात बेटी ने अपने बॉयफ्रेंड के साथ मिलकर मां को मौत के घाट उतार दिया। फिर बॉयफ्रेंड को उसके घर भेज दिया। ————————– यह खबर भी पढ़िए… हत्या से पहले मां की फोटो पर बनाया था क्रॉस, लखनऊ में डायरी में मिली तस्वीर, 7 साल की मन्नतों के बाद बेटी हुई थी ‘बहन को 7 साल की मन्नतों के बाद बेटी पैदा हुई थी। बहन ने उसके लिए दर-दर माथा टेका, अस्पतालों में दौड़ी। उसी बेटी ने उतनी ही बेरहमी से उसका गला रेत दिया। काश! यह पैदा ही न हुई होती, तो कम से कम हमारी बहन तो जिंदा होती।’ (पूरी खबर पढ़ें) लखनऊ के चिनहट इलाके में 15 साल की बेटी ने मुस्लिम समुदाय के प्रेमी के साथ मिलकर अपनी मां की हत्या कर दी थी। घटना के तीन घंटे के अंदर खुलासा करते हुए पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया। नाबालिग होने की वजह से दोनों की बाल सुधार गृह भेजा गया है। वहीं, बहन (मृतका उषा सिंह) के हत्यारे को सजा दिलवाने के लिए भाई पैरवी में लगे हैं। उनका मानना है कि आरोपी लड़का नाबालिग नहीं है। उसकी असल उम्र आधार कार्ड से न मानी जाए। उसकी मेडिकल जांच कराई जाए, जिससे उसकी असल उम्र पता चल सके। इसके बाद उसके लिए फांसी की मांग की जाएगी। एक्स-रे से पता चल जाएगा बालिग या नाबालिग डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी बताते हैं- कोई बालिग है या नाबालिग ये मेडिकल जांच में सामने आ जाता है। अगर हड्डी का फ्यूज नहीं है तो नाबालिग है, यदि जांच में हड्डी में फ्यूज मिलता है, तो बालिग है। डॉक्टर उम्र को निश्चित नहीं बताते हैं, वो आसपास की बताते हैं। लेकिन बालिग और नाबालिग में पता चल जाता है। ये एक्स-रे नॉर्मल एक्स-रे की तरह होता है, इसलिए रिपोर्ट में भी समय नहीं लगता है। तथ्य के साथ जुवनाइल कोर्ट में देनी होगी अर्जी एडवोकेट मोहम्मद हातिम बेग बताते हैं- नाबालिग आरोपी का केस जुवेनाइल कोर्ट में चलता है, इसके लिए वादी पक्ष को जुवेनाइल कोर्ट एविडेंस के साथ एप्लिकेशन देनी होती है। अगर मेडिकल रिपोर्ट में आरोपी बालिग निकलता है, तो बाल सुधार गृह से उसे जेल भेज दिया जाता है। लेकिन इसकी जांच के लिए तथ्य लाने होते हैं। जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड और स्कूल की मार्कशीट में जन्म तिथि अलग-अलग होनी चाहिए। अगर हर जगह एक उम्र दिख रही है, जिसके आधार पर नाबालिग माना गया है, तो मेडिकल जांच होना बहुत मुश्किल है। एक मामले का जिक्र करते हुए एडवोकेट हातिम बेग ने बताया- एक पॉक्सो का केस चल रहा था। जिसमें लड़की को नाबालिग दिखाया गया लेकिन उसके सारे डॉक्यूमेंट्स में जन्मतिथि अगल-अलग थी। इसके बाद उसकी जांच कराने की एप्लिकेशन दी गई। जिसमें लड़की बालिग सिद्ध हुई। इसके बाद जांच का तरीका भी बदल गया। उधर आरोपी लड़के से परिवार ने बनाई दूरी दोनों नाबालिग आरोपियों बाल गृह भेज दिया गया है। वहां पर दोनों की गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी। बाल सुधार गृह में नाबालिगों को ऐसा परीक्षण दिया जाएगा, जिससे वो दोबारा अपराध न करें। इसके लिए काउंसलिंग भी कराई जाएगी। आरोपी लड़के से कोई मिलने नहीं आया। उसकी मां किसी से इस बारे में बात नहीं करना चाहती है। उषा के भाई ने परिवार के न आने पर भी संदेह जताया है। आखिर क्या वजह है, जो परिवार नहीं आ रहा है। इसके पहले भी जेल गया था तो क्यों साथ में रखा। देर रात आकर इतनी बड़ी घटना की। इसके बाद घर चला गया। इस बात की किसी को भनक तक नहीं लगी। नाबालिग लड़की को ब्वॉयफ्रेंड ने उकसाया पुलिस पूछताछ में नाबालिग बेटी ने बताया कि उसका ब्वॉयफ्रेंड जेल से छूटने के बाद लगातार उकसाता था कि तुम्हारी मां ने हमें अलग किया और मुझे जेल भिजवाया। हम लोगों को उससे बदला लेना चाहिए। पहले तो लड़की नजरअंदाज करती रही लेकिन फिर उसके बहकावे में आ गई। वहीं आरोपी युवक ने अपना जुर्म कबूल किया। पुलिस को बताया कि प्यार में बाधा बन रही थी। उसके खिलाफ केस दर्ज कराकर जेल भिजवाया। इसके बाद से ही खटक रही थी। अब हत्या करके बदला पूरा कर लिया। लखनऊ के मोहान रोड पर लड़कों का बालगृह है, जहां पर आरोपी ब्वॉयफ्रेंड को भेजा गया है। वहीं लड़कियों का बाल सुधार गृह लखनऊ के राजेंद्र नगर में बना है। आधार कार्ड से हुई नाबालिग होने की पुष्टि दोनों के आधार कार्ड से नाबालिग होने का पता चला है। आरोपी बेटी नौंवी में थी। गलत चाल चलन के चलते स्कूल जाना बंद करवा दिया गया। इसकी वजह से 10वीं का पेपर नहीं दे पाई। जबकि आरोपी ब्वॉयफ्रेंड गाड़ी मैकेनिक का काम करता था। जहां काम मिल जाए, वहां लग जाता। उसके पढ़ाई का कोई प्रमाण पत्र नहीं मिला है। अब जानिए पूरा मामला… चिनहट के सेमरा गांव में रहने वाली उषा सिंह की 15 साल की बेटी को अपने घर से करीब 400 मीटर दूर रहने वाले एक लड़के से प्यार हो गया। लड़का मुस्लिम समुदाय को होने की वजह से उषा सिंह को यह रिश्ता पसंद नहीं आ रहा था। इसी बीच एक साल पहले उषा की बेटी उस लड़के के साथ घर से भाग गई। इसके बाद उषा सिंह ने लड़के के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी। लड़की को बरामद कर पुलिस ने लड़के को बाल सुधार गृह भेज दिया। बस यहीं से मां-बेटी के बीच दुश्मनी शुरू हो गई। बॉयफ्रेंड भी बेटी को मां के खिलाफ भड़काता रहा। 17-18 मई की आधी रात बेटी ने अपने बॉयफ्रेंड के साथ मिलकर मां को मौत के घाट उतार दिया। फिर बॉयफ्रेंड को उसके घर भेज दिया। ————————– यह खबर भी पढ़िए… हत्या से पहले मां की फोटो पर बनाया था क्रॉस, लखनऊ में डायरी में मिली तस्वीर, 7 साल की मन्नतों के बाद बेटी हुई थी ‘बहन को 7 साल की मन्नतों के बाद बेटी पैदा हुई थी। बहन ने उसके लिए दर-दर माथा टेका, अस्पतालों में दौड़ी। उसी बेटी ने उतनी ही बेरहमी से उसका गला रेत दिया। काश! यह पैदा ही न हुई होती, तो कम से कम हमारी बहन तो जिंदा होती।’ (पूरी खबर पढ़ें) उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
लखनऊ में महिला के मर्डर की इनसाइड स्टोरी:मामा बोले- भांजी का बॉयफ्रेंड नाबालिग नहीं, उसकी जांच कराकर फांसी दिलवाऊंगा
