लखनऊ के गुडंबा इलाके में छात्रा से नशे में धुत लड़कों ने अश्लीलता की। छात्रा लखनऊ में रहने वाले अपने दोस्त के रूम पर रुकी थी। इस दौरान युवक के दोस्तों ने शराब पार्टी की। इसके बाद छात्रा को कमरे में बंद करके उसके साथ मारपीट की। छात्रा के कपड़े उतरवाकर आपत्तिजनक वीडियो भी बनाई। छात्र ने गुडंबा थाने में केस दर्ज कराया है। 6 जुलाई को छात्रा कबीर नगर से लखनऊ आई थी। गुडंबा स्थित सुलभ आवास में रहने वाले दोस्त वीरेंद्र मिश्रा के साथ रुकी थी। छात्र ने बताया वह 7 जुलाई को अपना एग्जाम देने निकल गई। जब वह दोस्त के रूम पर वापस लौटी तो वीरेंद्र मिश्रा आपने कुछ दोस्तों के साथ शराब पार्टी कर रहा था। पार्टी में उसके दोस्त सत्येंद्र, धन्नी और अमन मौजूद थे। पार्टी को देखकर छात्रा दूसरे रूम में चली गई। कुछ देर बाद वीरेंद्र उसके कमरे में आया। उसको घसीटकर अपने कमरे में ले गया। जब छात्रा ने विरोध किया तो अपने दोस्तों के संग मिलकर करीब 4 घंटे तक बंधक बनाकर रखा। उसे थप्पड़ मारता रहा। छात्रा का आरोप है वीरेंद्र और उसके दोस्तों ने नशे में धुत होकर उसके सारे कपड़े उतरवाए। इसके बाद उसका आपत्तिजनक वीडियो बनाया। किसी तरह आरोपियों के चंगुल से बचकर निकली और पुलिस को सूचना दी। पुलिस के पहुंचने से पहले आरोपी भाग गए थे। इंस्पेक्टर गुडंबा ने बताया- छात्रा की शिकायत पर केस दर्ज किया गया है। आरोपियों की तलाश की जा रही है। लखनऊ के गुडंबा इलाके में छात्रा से नशे में धुत लड़कों ने अश्लीलता की। छात्रा लखनऊ में रहने वाले अपने दोस्त के रूम पर रुकी थी। इस दौरान युवक के दोस्तों ने शराब पार्टी की। इसके बाद छात्रा को कमरे में बंद करके उसके साथ मारपीट की। छात्रा के कपड़े उतरवाकर आपत्तिजनक वीडियो भी बनाई। छात्र ने गुडंबा थाने में केस दर्ज कराया है। 6 जुलाई को छात्रा कबीर नगर से लखनऊ आई थी। गुडंबा स्थित सुलभ आवास में रहने वाले दोस्त वीरेंद्र मिश्रा के साथ रुकी थी। छात्र ने बताया वह 7 जुलाई को अपना एग्जाम देने निकल गई। जब वह दोस्त के रूम पर वापस लौटी तो वीरेंद्र मिश्रा आपने कुछ दोस्तों के साथ शराब पार्टी कर रहा था। पार्टी में उसके दोस्त सत्येंद्र, धन्नी और अमन मौजूद थे। पार्टी को देखकर छात्रा दूसरे रूम में चली गई। कुछ देर बाद वीरेंद्र उसके कमरे में आया। उसको घसीटकर अपने कमरे में ले गया। जब छात्रा ने विरोध किया तो अपने दोस्तों के संग मिलकर करीब 4 घंटे तक बंधक बनाकर रखा। उसे थप्पड़ मारता रहा। छात्रा का आरोप है वीरेंद्र और उसके दोस्तों ने नशे में धुत होकर उसके सारे कपड़े उतरवाए। इसके बाद उसका आपत्तिजनक वीडियो बनाया। किसी तरह आरोपियों के चंगुल से बचकर निकली और पुलिस को सूचना दी। पुलिस के पहुंचने से पहले आरोपी भाग गए थे। इंस्पेक्टर गुडंबा ने बताया- छात्रा की शिकायत पर केस दर्ज किया गया है। आरोपियों की तलाश की जा रही है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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बेटों ने प्रॉपर्टी के साथ किया बूढ़ी मां का बंटवारा:कानपुर में हर बेटे के साथ 3-3 महीने रहती हैं; बोलीं- जलील करके रोटी देते हैं
बेटों ने प्रॉपर्टी के साथ किया बूढ़ी मां का बंटवारा:कानपुर में हर बेटे के साथ 3-3 महीने रहती हैं; बोलीं- जलील करके रोटी देते हैं कानपुर में 4 बेटों ने प्रॉपर्टी बांटने के बाद बूढ़ी मां का भी बंटवारा कर लिया। 89 साल की बुजुर्ग महिला अब 3-3 महीने चारों बेटों के साथ रहती है। यहां तक भी गनीमत थी, मगर उनके बड़े बेटे और पोतों ने उन्हें जमकर मारा-पीटा। जब यातनाएं हद से ज्यादा हो गईं, तो बुधवार को माया देवी पांडेय रोते हुए थाने पहुंचीं। बताया- मेरे 4 बेटे हैं। 8 साल पहले सभी ने मेरा बंटवारा कर दिया था। 3-3 महीने रखने को राजी हुए और जैसे-तैसे रोटी देते हैं। आज मेरे ही घर में मुझे जमकर पीटा गया। पढ़िए 89 साल की बूढ़ी मां का दर्द… 100 गज के मकान को चार हिस्सों में बांटा
डब्ल्यू वन साकेतनगर में रहने वाली माया देवी पांडेय ने किदवई नगर थाने में FIR लिखवाई। इसमें उन्होंने कहा- मेरे पति राम गोपाल पांडेय होजरी का काम करते थे। उन्होंने अपनी कमाई से 100 गज का एक मकान बनवाया था। करीब 35 साल पहले उनकी मौत हो गई थी। मेरे चार बेटे विवेक कुमार, चंद्र प्रकाश, मनोज कुमार और विनय कुमार हैं। पति की मौत के कुछ साल बाद तक सब कुछ ठीक चलता रहा। हम सभी लोग पति के बनवाए घर में हंसी-खुशी रहते थे। करीब 8 साल पहले घर के बंटवारे का नंबर आया। इस पर मैंने 100 गज के मकान को 4 बराबर हिस्सों में बांटकर बेटों को दे दिया। इसी के बाद मेरे बुरे दिन शुरू हो गए। कोई बेटा मुझे साथ रखने को तैयार नहीं हो रहा था। पोते ने कमरे आकर की मारपीट
माया देवी ने बताया- हमारे घर में हर समय बस एक ही चर्चा होने लगी कि मुझे कौन अपने साथ रखेगा और कौन खाना खिलाएगा? इसको लेकर चारों बेटों में आपस में झगड़ा भी होने लगा। रोज-रोज के झगड़े के चलते मैंने यह बात बर्रा में रहने वाली अपनी छोटी बेटी विनीता को बताई। इसके बाद विनीता हमारे घर आई और उसने तय किया कि मैं चारों बेटों के पास 3-3 महीने रहूंगी। इसके बाद मेरी जिंदगी ऐसे ही चलने लगी। मैं बारी-बारी से अपने चारों बेटों के पास 3-3 महीने रहने लगी। आजकल मैं अपने बड़े लड़के के पास रह रही हूं, लेकिन उसका व्यवहार भी मेरे प्रति ठीक नहीं है। पिछले एक महीने में ही वह मुझसे कई बार गाली-गलौच कर चुका है। मेरा बड़ा बेटा और पोता मुझसे मारपीट करते हैं
माया देवी ने बताया- मेरे बड़े बेटे विवेक के 3 बेटे साहिल पांडे और वीरू पांडे और विकास पांडे हैं। ये सभी बीते दिनों रात 10 बजे अचानक कमरे में आकर मुझसे गाली-गलौच करने लगे। मुझे तमाचे मारे। धमकी देते हैं कि तुम्हारे छोटे बेटों को भी मार डालेंगे। तुम्हारा वंश खत्म कर देंगे। मेरा बेटा भी अपने बेटों का ही पक्ष ले रहा है। बाबूपुरवा ACP अमरनाथ यादव ने बताया कि वृद्धा की तहरीर ले ली गई है। उसके बेटे और 3 पोतों के खिलाफ मारपीट और जान से मारने की धमकी देने की रिपोर्ट दर्ज की गई है। जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी। यह खबर भी पढ़ें मिर्जापुर में प्रॉपर्टी के साथ मां-बाप का बंटवारा; एक ही दिन हुई दोनों की मौत मिर्जापुर की यह कहानी पढ़कर आपको अमिताभ बच्चन की फिल्म ‘बागबान’ याद आ जाएगी। फिल्म की तरह यहां भी प्रॉपर्टी के साथ बुजुर्ग मां-बाप का बंटवारा हो गया। दोनों को उम्र के आखिरी पड़ाव पर अलग-अलग रहने का दुख झेलना पड़ा। बंटवारे के वक्त तय होता है कि 85 साल के नारायण गुप्ता छोटे बेटे के साथ रहेंगे। उनकी 82 साल की पत्नी केवली देवी बड़े बेटे के साथ रहेंगी। दोनों घरों के बीच की दूरी सिर्फ 300 मीटर है, मगर बुढ़ापे ने इस दूरी को बहुत लंबा बना दिया। पढ़ें पूरी खबर
कानपुर में रावण का मंदिर, सिर्फ आज खुलता है:देवी-देवताओं के पहरेदार के तौर पर विराजमान; सुबह मनाया जाता जन्मदिन, भक्तों में सबसे ज्यादा छात्र
कानपुर में रावण का मंदिर, सिर्फ आज खुलता है:देवी-देवताओं के पहरेदार के तौर पर विराजमान; सुबह मनाया जाता जन्मदिन, भक्तों में सबसे ज्यादा छात्र कानपुर में रावण का एक ऐसा मंदिर है, जो पूरे उत्तर भारत में कहीं नहीं है। शिवाला स्थित लंकेश का दशानन मंदिर सिर्फ आज के दिन यानि विजयादशमी के दिन ही खोला जाता है। भोर पहर में ही मंदिर का ताला खोलकर साफ-सफाई के साथ ही पूजा-अर्चना शुरू होती है। चढ़ाया जाता है तरोई का फूल
मंदिर के पुजारी ने बताया कि रावण को पीली चीजें बहुत पसंद थी, इसलिए उन्हें तरोई का पीला फूल विशेष तौर पर चढ़ाया जाता है। साथ ही सरसों के तेल का दीपक ही उन्हें अर्पित किया जाता है। सुबह मंदिर खोलने के साथ ही दशानन का जन्मदिन भी मनाया जाता है। पुजारी बोले- प्रभु रावण से बड़ा विद्वान कोई नहीं
दशानन मंदिर के पुजारी पंडित राम बाजपेई ने बनाया कि करीब 200 साल मूर्ति स्थापना के हो गए हैं। जयपुर से खास दशानन की मूर्ति को लाया गया था। लोग कहते हैं कि पूरे देश में रावण जलाया जाता है, हम पूजते हैं। तो हम सभी रावण की विद्वानता की पूजा करते हैं। ये विद्धान पंडित हुआ करते थे। जो 9 ग्रहों को अपने वश में कर सकता था। उससे बड़ा पंडित कोई नहीं हो सकता है। प्रभु रावण के अहंकार का पुतला दहन करते हैं। जो दर्शन करने आते हैं वो प्रभु रावण से उनके जैसी बुद्धि और विद्या मांगने आते हैं। भक्त यहां सरसों के तेल का दीपक और तरोई के फूल को चढ़ाते हैं और अपनी मान्यता मांगते हैं। साल में सिर्फ विजयादशमी के दिन ही मंदिर खोला जाता है। सुबह रावण का मनाते हैं जन्मदिन
पुजारी आगे बताते हैं कि पुराणों के मुताबिक अश्विनी मास शुक्ल पक्ष की दशमी को इनका जन्म भी हुआ था। प्रात:काल मंदिर खोलकर दूध, दही, घी, शक्कर से स्नान कराते हैं। भोग लगाते हैं और महाआरती की जाती है। पूरे दिन दर्शन के बाद रावण दहन होने के बाद पूरे साल के लिए मंदिर को फिर बंद कर दिया जाता है। यहां छात्र बड़ी संख्या में आते हैं और भक्तों में 60 फीसदी छात्र होते हैं। प्रहरी के तौर पर स्थापित हैं रावण
भक्त संतोष पाठक कहते हैं कि हम लोग बचपन से इस मंदिर में आते हैं। सुबह से ही बड़ी संख्या में लोग दर्शन के लिए आते हैं। बड़ी संख्या में छात्र यहां रावण के दर्शन के लिए आते हैं और अपने विद्या, धन, बल, बुद्धि मांगते हैं। यहां पर रावण को कैलाश मंदिर, मां छिन्नमस्तिका और राधा-कृष्ण मंदिर के प्रहरी के तौर पर रावण को स्थापित किया गया है। दूर-दूर से दर्शन के लिए पहुंचते हैं भक्त
शिवाला के स्थानीय निवासी सुरेंद्र शुक्ला कहते हैं कि दशानन के दर्शन के लिए बड़ी दूर-दूर से यहां लोग दर्शन करने आते हैं। रावण बुराई का प्रतीक रहा। ब्राह्मण के अलावा इनकी ज्ञान को पूजते हैं, बल्कि अहंकार को नहीं पूजते हैं। कैलाश मंदिर में सभी भगवान विराजमान
मुकेश पांडेय बताते हैं कि रावण ब्रह्म जीव हैं। भले ही राम आए, लेकिन राम के साथ रावण का भी नाम लिया जाता है। यहां बड़ी संख्या में लोग दर्शन के लिए आते हैं। उन्नाव के रहने वाले शुक्ला परिवार द्वारा इनको स्थापित कराया गया था। कैलाश मंदिर में 56 करोड़ देवी-देवता विराजमान हैं, इनको भी स्थापित किया गया है। अब बात मंदिर से जुड़ी पुरानी मान्यताओं की…
इस मंदिर का निर्माण करीब 200 साल पहले महाराज गुरु प्रसाद शुक्ल ने कराया था। इस मंदिर को बनाने के पीछे कई धार्मिक तर्क भी हैं। कहते हैं कि रावण बहुत विद्वान था और भगवान शिव का परम भक्त भी, भोले बाबा को खुश करने के लिए मां छिन्नमस्तिका देवी की रावण आराधना करता था। मां ने पूजा से प्रसन्न होकर रावण को यह वरदान दिया था कि उनकी पूजा सफल तभी होगी जब श्रद्धालु रावण की पहले पूजा करेंगे। कहते हैं कि शिवाला में 1868 में किसी राजा ने मां छिन्नमस्तिका का मंदिर बनवाया था। यहां रावण की एक मूर्ति भी प्रहरी के रूप में स्थापित की गई।
लखनऊ में डॉक्टरों का विरोध फिर शुरू:बोले- सिक्योरिटी के नाम पर सिर्फ आश्वासन; भगवान तो छोड़िए, इंसान तक नहीं समझा जा रहा
लखनऊ में डॉक्टरों का विरोध फिर शुरू:बोले- सिक्योरिटी के नाम पर सिर्फ आश्वासन; भगवान तो छोड़िए, इंसान तक नहीं समझा जा रहा फेडरेशन ऑफ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (FIMA) के राष्ट्रीय महासचिव और KGMU के रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. दिव्यांश सिंह कहते हैं कि कोलकाता की घटना के बाद से 2 महीने से देशभर में प्रोटेस्ट कर रहे हैं। इस बीच चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने जब काम पर लौटने की गुहार लगाई तो हम सभी वापस काम पर लौट आए, पर हालात अभी भी बदले नहीं हैं। कैंपस@लखनऊ सीरीज के 17वें एपिसोड में KGMU के रेजिडेंट डॉ. दिव्यांश सिंह से बातचीत.. डॉ. दिव्यांश कहते हैं कि, व्यवस्था में बदलाव लाने की बात तो दूर, ऐसा लगता है कि अब पहले से ज्यादा घटनाएं बढ़ गई हैं। पिछले 14 दिन में KGMU के डॉक्टर्स पर 2 बार हमला हुआ। उसमें भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। कोलकाता के मामले में अभी तक न्याय नहीं मिला है। डॉक्टरों के साथ मारपीट रोकने के लिए कानून लाया जाने वाला था। उसकी कोई चर्चा नहीं है। कुछ दिन पहले डॉ. वैभव की गाड़ी से एक टक्कर हुई। उन पर चार्ज फ्रेम कर दिया गया कि उन्होंने शराब के नशे में गाड़ी चलाई। जबकि हकीकत यह है कि जो 2 लड़के थे वो खुद शराब के नशे में थे। वो गांजा बेचने का काम करते थे। डॉक्टरों को भगवान छोड़िए, इंसान भी नहीं समझा जा रहा। यही कारण है कि हम जस्टिस अभया के लिए चाहते हैं। जस्टिस डॉ. वैभव के लिए। बस यही चाहते हैं कि किसी के साथ कोई अन्याय न हो। डॉ. मेघा आर्या ने कहा कि सिक्योरिटी के लिए देशभर के डॉक्टर प्रोटेस्ट कर रहे हैं। लेकिन सिर्फ आश्वासन मिल रहा है। कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही। डॉ. पलक कहती हैं कि सरकार ने हम लोगों को पर्याप्त सिक्योरिटी देने की बात कही है पर अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया है। डॉ. आयुषी सिंह कहती हैं कि डॉक्टरों को सुरक्षा प्रदान करने का सिर्फ आश्वासन ही मिला है। अभी तक कुछ हुआ नहीं। डॉक्टरों पर हमले की घटनाएं रुक नहीं रही। KGMU में भी ऐसी शिकायत आ रही है, अन्य जगहों पर भी ऐसे ही हालात हैं।