लखनऊ में ट्रांसपोर्ट नगर में एक 3 मंजिला बिल्डिंग अचानक भरभराकर गिर गई। हादसे के वक्त तेज बारिश हो रही थी। हादसे में अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है। 27 लोगों को मलबे से निकालने के बाद लोकबंधु हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। अभी भी 13 से ज्यादा लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है। लोगों को बचाने के लिए दीवार काटकर रास्ता बनाया गया। वहीं, शाम करीब 7 बजे ड्रोन से भी मलबे में फंसे लोगों को सर्च किया गया। अचानक हुए हादसे के बाद अफरा-तफरी मच गई। आसपास के लोग मौके पर पहुंचे। उन्होंने मलबे में दबे लोगों को बाहर निकालने की कोशिश की। सूचना मिलते ही एडवांस NDRF की एक टीम, SDRF की दो टीमें, फायर बिग्रेड और पुलिस फोर्स मौके पर पहुंच गईं। सभी टीमें रेस्क्यू में जुटी हैं। उधर, घटना से जुड़े वीडियो भी सामने आए। हादसे का शिकार हुई बिल्डिंग हरमिलाप राकेश सिंघल की है। उन्होंने इसे किराए पर दिया था। बिल्डिंग में कई कंपनियों का गोदाम बना था। LDA अधिकारियों का कहना है, साल 2010 में बिल्डिंग का नक्शा पास कराया गया था। कुमकुम सिंघल के नाम से नक्शा पास है। हादसे की तस्वीरें देखिए… लखनऊ में ट्रांसपोर्ट नगर में एक 3 मंजिला बिल्डिंग अचानक भरभराकर गिर गई। हादसे के वक्त तेज बारिश हो रही थी। हादसे में अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है। 27 लोगों को मलबे से निकालने के बाद लोकबंधु हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। अभी भी 13 से ज्यादा लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है। लोगों को बचाने के लिए दीवार काटकर रास्ता बनाया गया। वहीं, शाम करीब 7 बजे ड्रोन से भी मलबे में फंसे लोगों को सर्च किया गया। अचानक हुए हादसे के बाद अफरा-तफरी मच गई। आसपास के लोग मौके पर पहुंचे। उन्होंने मलबे में दबे लोगों को बाहर निकालने की कोशिश की। सूचना मिलते ही एडवांस NDRF की एक टीम, SDRF की दो टीमें, फायर बिग्रेड और पुलिस फोर्स मौके पर पहुंच गईं। सभी टीमें रेस्क्यू में जुटी हैं। उधर, घटना से जुड़े वीडियो भी सामने आए। हादसे का शिकार हुई बिल्डिंग हरमिलाप राकेश सिंघल की है। उन्होंने इसे किराए पर दिया था। बिल्डिंग में कई कंपनियों का गोदाम बना था। LDA अधिकारियों का कहना है, साल 2010 में बिल्डिंग का नक्शा पास कराया गया था। कुमकुम सिंघल के नाम से नक्शा पास है। हादसे की तस्वीरें देखिए… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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Uttarakhand: उत्तराखंड सरकार ग्लेशियर्स के अध्ययन के लिए भेजेगी टीम, क्या बोले साइंटिस्ट?
Uttarakhand: उत्तराखंड सरकार ग्लेशियर्स के अध्ययन के लिए भेजेगी टीम, क्या बोले साइंटिस्ट? <p style=”text-align: justify;”><strong>Uttarakhand News:</strong> उत्तराखंड में ग्लेशियर की हालत ठीक नहीं है. उत्तराखंड में ग्लेशियर हर साल 15 से 20 मीटर तक पिघल रहे है, जो कि खतरे का संकेत है. इसको लेकर एबीपी लाइव ने खबर चलाई थी. वाडिया इंस्टिट्यूट के डायरेक्टर डॉक्टर साईं ने बताया था कि ग्लोबल वार्मिंग और इंसानों का बढ़ता दखल ग्लेशियरों के लिए खतरा बनता जा रहा है. हर साल 15 से 20 मीटर तक ये ग्लेशियर पिघल रहे है, जो कि एक बड़े खतरे का संकेत है.उत्तराखंड राज्य सरकार अब इन ग्लेशियरों के अध्ययन के लिए एक टीम बना कर ग्लेशियरों पर भेजने वाली है ताकि इनका सही से परीक्षण हो सके.</p>
<p style=”text-align: justify;”>आपको बता दें कि उत्तराखंड के आपदा प्रबंधन सचिव डॉ. सिन्हा ने बताया है कि जलवायु परिवर्तन के कारण हिमालयी ग्लेशियरों के लिए भी खतरा उत्पन्न हो रहा है. इसलिए इनका अध्ययन भी जरूरी है. उन्होंने बताया कि ग्लेशियर और उनके आस पास बनी झीलों का अध्ययन करने के लिए जल्द एक दल बनाया जाएगा. जो इन ग्लेशियर और झीलों का अध्ययन करने जाएगा. इससे हमें सही और सटीक जानकारी मिल पाएगी कि ग्लेशियर कैसे पिघल रहे है या कितने पिघल रहे है. साथ ही ग्लेशियरों को पिघलने से जो झीलें बनी है. इन सब की जानकारी ये दल लेकर आएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यूएसडीएमए देगा सेटेलाइट फोन</strong><br />यूजेवीएनएल के अधिशासी निदेशक पंकज कुलश्रेष्ठ ने बताया कि उन्होंने सेटेलाइट फोन भी खरीद लिए हैं. आपदा के समय यदि संचार व्यवस्था ठप हो जाए तो इनसे संवाद करने में बड़ी मदद मिलेगी. सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने कहा कि यदि और सेटेलाइट फोन की जरूरत हो तो यूएसडीएमए से ले सकते हैं. उन्होंने बांधों के पास उपलब्ध सेटेलाइट फोन के नंबर भी यूएसडीएमए के कंट्रोल रूम से साझा करने को कहा. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>विष्णुप्रयाग बांध परियोजना की एसओपी उपलब्ध कराएं</strong><br />सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. सिन्हा ने जेपी ग्रुप की विष्णुप्रयाग बांध परियोजना के प्रतिनिधियों को सख्त हिदायत दी कि वे जल्द से जल्द अपनी एसओपी, इमरजेंसी एक्शन प्लान और शैडो कंट्रोल यूएसडीएमए के राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के साथ साझा करने को कहा. यूएसडीएमए की मौसम विशेषज्ञ डॉ. पूजा राणा ने बताया कि शैडो कंट्रोल में बांध के साथ-साथ यूएसडीएमए के कंट्रोल रूम से भी संचालन किया जा सकता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढ़ें: <strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/aligarh-ancient-temple-some-people-shameful-act-hindu-community-anger-two-people-arrested-2724373″>Aligarh News: प्राचीन मंदिर में कुछ लोगों ने की शर्मनाक हरकत, हिंदू समुदाय में आक्रोश, दो लोग हुए गिरफ्तार</a></strong></p>
पंजाब में DAP खाद के सैंपल फेल:दो लैब की रिपोर्ट में हुई पुष्टि, मोहाली जिले में खाद की सप्लाई रोकी, कंपनी को नोटिस
पंजाब में DAP खाद के सैंपल फेल:दो लैब की रिपोर्ट में हुई पुष्टि, मोहाली जिले में खाद की सप्लाई रोकी, कंपनी को नोटिस पंजाब में सहकारी सभाओं को सप्लाई की गई डीएपी खाद के सैंपल फेल हुए हैं। यह सप्लाई लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के बीच हुई थी। विभाग के एक उच्च अधिकारी ने बताया कि जिला मोहाली के सैंपल फेल हुए हैं। जिस कंपनी के खाद के सैंपल फेल हुए हैं। उसकी खाद मानकों के मुताबिक नहीं थी। उसकी खाद की बिक्री बंद कर दी है। सहकारी सभाओं व कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। अन्य जिलों में भी सैंपल भरे जा रहे हैं। लुधियाना व फरीदकोट लैब की रिपोर्ट में खुलासा राज्य में आज से धान की बिजाई शुरू हो रही है। ऐसे में 1.15 लाख मीट्रिक टन डीएपी की जरूरत है। जबकि 31 जुलाई तक 16 लाख मीट्रिक टन यूरिया खाद की जरूरत है। मार्कफैड की तरफ डीएपी की सप्लाई सहकारी सभाओं को दी गई है। मोहाली में भारत एग्रो प्रोडक्ट कंपनी की तरफ से सप्लाई हुई थी। मोहाली में खिजराबाद, मछलीकलां व गुनोमाजरा सहकारी सभा व दो स्टोर से खाद के सैंपल भरे गए थे। इनकी जांच लुधियाना व फरीदकोट की लैब में हुई थी। डीएपी खाद में फासफोर्स की मात्रा 46 फीसदी तक होनी चाहिए, जो कि 20 फीसदी ही निकली है। ऐसे में यह खाद मानकों पर सही नहीं उतरी है। उसके बैच नंबर का रिकॉर्ड भी जुटा लिया गया चार जिलों के सैंपल हुए पास खेती विभाग के एक सीनियर अधिकारी बताते हैं कि जैसे ही यह मामला सामने आया था, उसके बाद चार जिलों में सैंपल लिए गए थे। उनकी रिपोर्ट सही पाई गई। इसके बाद अन्य जिलों में बिक्री पर रोक नहीं लगाई गई। जबकि मोहाली के खेतीबाड़ी विभाग के अधिकारी ने नाम न लिखने की शर्त पर बताया था कि पहले खाद का एक सैंपल भरा था, जो कि उन्हें संदिग्ध लगा था। उसके बाद सात सैंपल भरे गए, जो कि फेल हुए हैं।
‘विधायकों को खुश करने के लिए बनाए थे नए जिले’, BJP ने अशोक गहलोत पर लगाए कई बड़े आरोप
‘विधायकों को खुश करने के लिए बनाए थे नए जिले’, BJP ने अशोक गहलोत पर लगाए कई बड़े आरोप <p style=”text-align: justify;”><strong>BJP on Cancellation of Rajasthan New Districts:</strong> राजस्थान बीजेपी अध्यक्ष मदन राठौड़ ने रविवार को कहा कि अशोक गहलोत ने विधायकों को खुश करने के लिए जल्दबाजी में नए जिलों के गठन की घोषणा की थी, ताकि उनकी अस्थिर सरकार को समर्थन मिल सके. राजस्थान सरकार ने शनिवार (28 दिसंबर) को पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा बनाए गए 17 जिलों में से 9 को रद्द करने का निर्णय लेते हुए कहा कि यह न तो व्यावहारिक है और न ही जनहित में है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में तीन नए संभागों को भी रद्द कर दिया गया. अब राज्य में केवल सात संभाग और 41 जिले रह जाएंगे. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’विधायकों को खुश करने के लिए बने थे नए जिले'</strong><br />मदन राठौड़ ने दावा किया कि अशोक गहलोत ने पूर्व सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारी रामलुभाया की अध्यक्षता में समिति बनाई थी, लेकिन नए जिलों की घोषणा के बाद खुद रामलुभाया ने आश्चर्य जताया. उन्होंने कहा कि इसका साफ मतलब है कि अशोक गहलोत ने समिति को अंधेरे में रखा और विधायकों को खुश करने के लिए जिलों का बंटवारा किया ताकि उनकी अस्थिर सरकार का समर्थन कम न हो जाए. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अशोक गहलोत बोले- ‘मेरा फैसला सही था'</strong><br />पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इन आरोपों को खारिज किया कि नए जिलों की घोषणा चुनाव से पहले राजनीतिक फायदे के लिए की गई. उन्होंने कहा, ‘‘अब कई नौकरशाह दावा कर रहे हैं कि नए जिले अव्यावहारिक थे, लेकिन बीजेपी यह जानते हुए भी कि निर्णय सही था, हम पर हमला करने के लिए इसे ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रही है.’’ </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’जिले बनाए, लेकिन नहीं दी वित्तीय मदद'</strong><br />मदन राठौड़ ने एक बयान में कहा कि बीजेपी सरकार ने सभी जिलों की समीक्षा के बाद पूर्व प्रशासनिक अधिकारी ललित पंवार की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की. कैबिनेट समिति बनाई और उनकी रिपोर्ट के बाद कैबिनेट बैठक में नौ जिलों और तीन संभाग को समाप्त करने का प्रस्ताव किया है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि गहलोत सरकार ने नए जिलों की घोषणा तो कर दी लेकिन न तो उन जिलों के संचालन के लिए वित्तीय व्यवस्था की और न ही उनके कार्यालय संसाधनों आदि की व्यवस्था की. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’कभी मांग नहीं उठी, फिर भी बन गए जिले'</strong><br />उन्होंने आरोप लगाया कि अशोक गहलोत तो पांच साल तक सरकार बचाने में जुटे रहे. गहलोत सरकार ने बिना गहन चिंतन किए चुनावी आचार संहिता लगने से एक दिन पहले अचानक नए जिलों की घोषणा कर दी. अशोक गहलोत ने ऐसे भी नए जिले बना दिए, जिसकी कभी किसी ने कोई मांग तक नहीं की थी. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/rajasthan/rajasthan-current-accidents-in-kota-and-jhalawar-three-children-died-2852524″>राजस्थान: कहीं खेत में खेल रहे बच्चों पर गिरा हाईटेंशन तार, कहीं पतंग की वजह से लगा करंट, 3 मासूमों की मौत</a></strong></p>