लखनऊ SGPGI के निदेशक प्रो.राधा कृष्ण धीमन को 3 साल का एक्सटेंशन दिया गया है। शुक्रवार को राजभवन की तरफ से इसका आदेश जारी कर दिया गया। एक दिन पहले ही यूपी सरकार की कैबिनेट बैठक में SGPGI के निदेशक पद के लिए 65 साल की आयु की सीमा को बढ़ाकर 68 साल किया था। वहीं निदेशक पद पर प्रो. धीमन को एक्सटेंशन मिलने पर SGPGI के 90 डॉक्टरों ने विरोध दर्ज कराया है। फैकल्टी फोरम अध्यक्ष बोले- SGPGI की अस्मिता को खतरा धीमान के एक्सटेंशन पर SGPGI के फैकल्टी फोरम के अध्यक्ष प्रो.अमिताभ आर्या ने कहा- दिल्ली एम्स के निदेशक की रिटायरमेंट ऐज 65 साल है, अब तक SGPGI के निदेशक के रिटायरमेंट की भी यही ऐज थी। पर अचानक से SGPGI के निदेशक की ऐज को 3 साल बढ़ाकर 68 साल कर दिया। ये SGPGI का एक्ट कहता है कि ये संस्थान at par with AIIMS दिल्ली हुआ है। ऐसे में अब लग रहा कि इस संस्थान की अस्मिता खतरे में है। प्रो.धीमन बोले- मरीजों को बेस्ट मेडिकल केयर देना ही लक्ष्य इधर, एक्सटेंशन मिलने के बाद दैनिक भास्कर से बातचीत में SGPGI के निदेशक प्रो.आरके धीमन ने बताया कि मरीजों को बेस्ट मेडिकल केयर देना उनका पहला लक्ष्य है। इस दिशा में उनके प्रयास आगे भी जारी रहेंगे। इसके अलावा एडवांस पीडियाट्रिक सेंटर और सालोनी हार्ट सेंटर का शिलान्यास हुआ है। इसको भी पूरा करना है। टीचिंग, ट्रेनिंग और रिसर्च पर भी पूरा फोकस है। 5 साल में संस्थान को बेस्ट दिया है और आगे भी ये जारी रहेगा। कार्यकाल के अंतिम दिन मिला एक्सटेंशन राज्यपाल आनंदी बेन पटेल की तरफ से जारी किए गए आदेश में कहा गया कि SGPGI के निदेशक प्रो.आरके धीमन का कार्यकाल 7 फरवरी 2025 को समाप्त हो रहा है। SGPGI अधिनियम, 1983 (यथासंशोधित, 2025) की धारा-12-क (2) के अन्तर्गत उनको तीन वर्ष की अतिरिक्त अवधि अथवा अग्रिम आदेशों, जो भी पहले हो, तक के लिए के निदेशक के दायित्वों के निर्वहन की अतिरिक्त अवधि प्रदान किया जाता है। कइयों की उम्मीदों पर फिरा पानी प्रो.आरके धीमन का कार्यकाल बढ़ने से निदेशक पद पर दावा करने वाले संस्थान के कई डॉक्टरों की उम्मीदों पर पानी फिर गया। हालांकि, उनका कार्यकाल खत्म होने के अटकलों के बीच संस्थान के फैकल्टी फोरम ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। गवर्नर और मुख्यमंत्री को दर्ज कराई आपत्ति SGPGI फैकल्टी फोरम के महासचिव डॉ.पुनीत गोयल ने कहा- SGPGI के एक्ट में संशोधन के लिए जो तय नियम है, उसे फॉलो नहीं किया गया है। कोई भी प्रस्ताव लाने से पहले उसे गवर्निंग बॉडी से पास कराना चाहिए, ये नहीं किया गया। ऐसे में पूरी प्रक्रिया सवालों के घेरे में है। दावा – 90 डॉक्टरों ने जताया विरोध पहले निदेशक पद की भर्ती के लिए प्रोसेस शुरू की गई थी। पर अचानक से एक्सटेंशन दे दिया गया। निदेशक की रिटायरमेंट ऐज बढ़ाने के विरोध में संस्थान के 90 डॉक्टर एकमत है। इस मामले में गवर्नर, मुख्यमंत्री और चीफ सेक्रेटरी को पत्र लिखकर भी आपत्ति जताई गई है। ये दिग्गज थे निदेशक पद की दौड़ में कुछ महीने पहले ही राजभवन की तरफ से SGPGI के निदेशक पद की भर्ती का ज्ञापन निकाला गया था। इस भर्ती में बड़े और दिग्गज डॉक्टरों ने अप्लाई किया था। इनमें KGMU की कुलपति प्रो.सोनिया नित्यानंद भी शामिल थीं। इसके अलावा KGMU के कई बड़े और नामी डॉक्टरों ने भी अप्लाई किया था। इमरजेंसी मेडिसिन के प्रमुख डॉ.आरके सिंह, रेडियोथेरेपी के प्रमुख डॉ.शालीन कुमार, कॉर्डियोलॉजी के प्रमुख डॉ.आदित्य कपूर, नेफ्रोलॉजी के प्रमुख डॉ.नारायण प्रसाद, एंडोक्राइन सर्जरी के डॉ. गौरव अग्रवाल और अंजलि मिश्रा, न्यूक्लियर मेडिसिन विभाग के डॉ. अमिताभ आर्या, पैथालॉजी के डॉ.रामनवल राव के अलावा डॉ.संजय धीराज और CCM के प्रमुख डॉ.बी.पोद्दार शामिल हैं। ……………………… यह खबर भी पढ़े लखनऊ के तीन ब्लड बैंकों पर छापा:जांच में गड़बड़ियां पकड़ी गईं, मानक पूरा करने की चेतावनी दी लखनऊ के तीन ब्लड बैंक में बड़ी लापरवाही सामने आई है। सहायक आयुक्त (औषधि) बृजेश कुमार के निर्देश पर हुई औचक जांच में कई गंभीर खामियां पाई गईं। टीम ने समाधान चैरिटेबल ब्लड बैंक (हैदरगंज), वाइटल चैरिटेबल ब्लड बैंक (दुबग्गा) और अवध हॉस्पिटल ब्लड बैंक (श्रृंगार नगर) की जांच की। इस दौरान औषधि निरीक्षकों की टीम ने जब रिकॉर्ड और व्यवस्थाओं की पड़ताल की, तो वहां ब्लड डोनेशन, स्टोरेज, सेफ्टी और रजिस्टर में बड़ी गड़बड़ियां मिलीं। यहां पढ़े पूरी खबर लखनऊ SGPGI के निदेशक प्रो.राधा कृष्ण धीमन को 3 साल का एक्सटेंशन दिया गया है। शुक्रवार को राजभवन की तरफ से इसका आदेश जारी कर दिया गया। एक दिन पहले ही यूपी सरकार की कैबिनेट बैठक में SGPGI के निदेशक पद के लिए 65 साल की आयु की सीमा को बढ़ाकर 68 साल किया था। वहीं निदेशक पद पर प्रो. धीमन को एक्सटेंशन मिलने पर SGPGI के 90 डॉक्टरों ने विरोध दर्ज कराया है। फैकल्टी फोरम अध्यक्ष बोले- SGPGI की अस्मिता को खतरा धीमान के एक्सटेंशन पर SGPGI के फैकल्टी फोरम के अध्यक्ष प्रो.अमिताभ आर्या ने कहा- दिल्ली एम्स के निदेशक की रिटायरमेंट ऐज 65 साल है, अब तक SGPGI के निदेशक के रिटायरमेंट की भी यही ऐज थी। पर अचानक से SGPGI के निदेशक की ऐज को 3 साल बढ़ाकर 68 साल कर दिया। ये SGPGI का एक्ट कहता है कि ये संस्थान at par with AIIMS दिल्ली हुआ है। ऐसे में अब लग रहा कि इस संस्थान की अस्मिता खतरे में है। प्रो.धीमन बोले- मरीजों को बेस्ट मेडिकल केयर देना ही लक्ष्य इधर, एक्सटेंशन मिलने के बाद दैनिक भास्कर से बातचीत में SGPGI के निदेशक प्रो.आरके धीमन ने बताया कि मरीजों को बेस्ट मेडिकल केयर देना उनका पहला लक्ष्य है। इस दिशा में उनके प्रयास आगे भी जारी रहेंगे। इसके अलावा एडवांस पीडियाट्रिक सेंटर और सालोनी हार्ट सेंटर का शिलान्यास हुआ है। इसको भी पूरा करना है। टीचिंग, ट्रेनिंग और रिसर्च पर भी पूरा फोकस है। 5 साल में संस्थान को बेस्ट दिया है और आगे भी ये जारी रहेगा। कार्यकाल के अंतिम दिन मिला एक्सटेंशन राज्यपाल आनंदी बेन पटेल की तरफ से जारी किए गए आदेश में कहा गया कि SGPGI के निदेशक प्रो.आरके धीमन का कार्यकाल 7 फरवरी 2025 को समाप्त हो रहा है। SGPGI अधिनियम, 1983 (यथासंशोधित, 2025) की धारा-12-क (2) के अन्तर्गत उनको तीन वर्ष की अतिरिक्त अवधि अथवा अग्रिम आदेशों, जो भी पहले हो, तक के लिए के निदेशक के दायित्वों के निर्वहन की अतिरिक्त अवधि प्रदान किया जाता है। कइयों की उम्मीदों पर फिरा पानी प्रो.आरके धीमन का कार्यकाल बढ़ने से निदेशक पद पर दावा करने वाले संस्थान के कई डॉक्टरों की उम्मीदों पर पानी फिर गया। हालांकि, उनका कार्यकाल खत्म होने के अटकलों के बीच संस्थान के फैकल्टी फोरम ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। गवर्नर और मुख्यमंत्री को दर्ज कराई आपत्ति SGPGI फैकल्टी फोरम के महासचिव डॉ.पुनीत गोयल ने कहा- SGPGI के एक्ट में संशोधन के लिए जो तय नियम है, उसे फॉलो नहीं किया गया है। कोई भी प्रस्ताव लाने से पहले उसे गवर्निंग बॉडी से पास कराना चाहिए, ये नहीं किया गया। ऐसे में पूरी प्रक्रिया सवालों के घेरे में है। दावा – 90 डॉक्टरों ने जताया विरोध पहले निदेशक पद की भर्ती के लिए प्रोसेस शुरू की गई थी। पर अचानक से एक्सटेंशन दे दिया गया। निदेशक की रिटायरमेंट ऐज बढ़ाने के विरोध में संस्थान के 90 डॉक्टर एकमत है। इस मामले में गवर्नर, मुख्यमंत्री और चीफ सेक्रेटरी को पत्र लिखकर भी आपत्ति जताई गई है। ये दिग्गज थे निदेशक पद की दौड़ में कुछ महीने पहले ही राजभवन की तरफ से SGPGI के निदेशक पद की भर्ती का ज्ञापन निकाला गया था। इस भर्ती में बड़े और दिग्गज डॉक्टरों ने अप्लाई किया था। इनमें KGMU की कुलपति प्रो.सोनिया नित्यानंद भी शामिल थीं। इसके अलावा KGMU के कई बड़े और नामी डॉक्टरों ने भी अप्लाई किया था। इमरजेंसी मेडिसिन के प्रमुख डॉ.आरके सिंह, रेडियोथेरेपी के प्रमुख डॉ.शालीन कुमार, कॉर्डियोलॉजी के प्रमुख डॉ.आदित्य कपूर, नेफ्रोलॉजी के प्रमुख डॉ.नारायण प्रसाद, एंडोक्राइन सर्जरी के डॉ. गौरव अग्रवाल और अंजलि मिश्रा, न्यूक्लियर मेडिसिन विभाग के डॉ. अमिताभ आर्या, पैथालॉजी के डॉ.रामनवल राव के अलावा डॉ.संजय धीराज और CCM के प्रमुख डॉ.बी.पोद्दार शामिल हैं। ……………………… यह खबर भी पढ़े लखनऊ के तीन ब्लड बैंकों पर छापा:जांच में गड़बड़ियां पकड़ी गईं, मानक पूरा करने की चेतावनी दी लखनऊ के तीन ब्लड बैंक में बड़ी लापरवाही सामने आई है। सहायक आयुक्त (औषधि) बृजेश कुमार के निर्देश पर हुई औचक जांच में कई गंभीर खामियां पाई गईं। टीम ने समाधान चैरिटेबल ब्लड बैंक (हैदरगंज), वाइटल चैरिटेबल ब्लड बैंक (दुबग्गा) और अवध हॉस्पिटल ब्लड बैंक (श्रृंगार नगर) की जांच की। इस दौरान औषधि निरीक्षकों की टीम ने जब रिकॉर्ड और व्यवस्थाओं की पड़ताल की, तो वहां ब्लड डोनेशन, स्टोरेज, सेफ्टी और रजिस्टर में बड़ी गड़बड़ियां मिलीं। यहां पढ़े पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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दिल्ली में फाइनल वोटर लिस्ट जारी, 1.55 करोड़ से ज्यादा हुई वोटर्स की संख्या, सूची से हटे इतने नाम
दिल्ली में फाइनल वोटर लिस्ट जारी, 1.55 करोड़ से ज्यादा हुई वोटर्स की संख्या, सूची से हटे इतने नाम <p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi Election 2025:</strong> राजधानी दिल्ली में विधानसभा चुनाव से पहले सोमवार (6 जनवरी) को चुनाव आयोग ने अंतिम मतदाता सूची (Final Electroal Roll) जारी कर दिया है. चुनाव आयोग ने भी बताया कि इस बार दिल्ली चुनाव से पहले एक लाख 41 हजार से ज्यादा मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से हटाए गए हैं, जबकि तीन लाख आठ हजार से ज्यादा नए मतदाताओं का नाम लिस्ट में जोड़ा गया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इस सबके बीच चुनाव आयोग के डेटा के मुताबिक, दिल्ली की वीआईपी सीट में से एक जंगपुरा विधानसभा से पिछले दो महीने में दो हजार 394 मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से काटे गए हैं. नवंबर महीने में जंगपुरा विधानसभा से 268 लोगों के नाम वोटर लिस्ट से हटाए गए तो दिसंबर महीने में दो हजार 126 लोगों के नाम वोटर लिस्ट से हटा दिए गए. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जंगपुरा विधानसभा में जुड़ें इतने नए वोटर</strong><br />इतना ही नहीं चुनाव आयोग के डेटा के मुताबिक, नवंबर और दिसंबर महीने में जंगपुरा विधानसभा में दो हजार सात नए वोटर जोड़े गए. जहां नवंबर में 901 नए नाम जंगपुरा विधानसभा की वोटर लिस्ट में जुड़े तो दिसंबर महीने में 1106 नए नाम जंगपुरा विधानसभा की वोटर लिस्ट में जुड़े. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्यों खास है जंगपुरा विधानसभा सीट?</strong><br />बता दें इस बार दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहें हैं और उनके सामने बीजेपी के तरविंदर सिंह मारवाह और कांग्रेस के फरहाद सूरी मैदान में हैं. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बार जंगपुरा विधानसभा का चुनाव दिलचस्प होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कहां सबसे कम और कहां सबसे ज्यादा वोटर</strong><br />दिल्ली में इस बार वोटर लिस्ट में एक करोड़ 55 लाख 24 हजार से ज्यादा मतदाता हैं. वहीं चुनाव आयोग के मुताबिक, इस बार सबसे ज्यादा वोटर दिल्ली के विकासपुरी विधानसभा में हैं और सबसे कम वोटर दिल्ली की कैंट विधानसभा में हैं. </p>
<p><strong>ये भी पढ़ें- </strong><strong><a title=”अवैध हथियारों की सप्लाई करने वाला इंटरस्टेट गिरोह का सरगना गिरफ्तार, कई पिस्टल और कारतूस बरामद” href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/delhi-crime-news-police-arrested-jarnail-singh-interstate-gang-leader-supplying-illegal-weapons-cartridges-recovered-ann-2857615″ target=”_self”>अवैध हथियारों की सप्लाई करने वाला इंटरस्टेट गिरोह का सरगना गिरफ्तार, कई पिस्टल और कारतूस बरामद</a></strong></p>
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ज्ञानवापी में वजूखाने के ASI सर्वेक्षण की मांग को लेकर HC में सुनवाई टली, हफ्ते बाद होगी सुनवाई <p style=”text-align: justify;”><strong>Gyanvapi Masjid News:<span class=”Apple-converted-space”> </span></strong>वाराणसी के विवादित ज्ञानवापी परिसर में स्थित वजूखाने का आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया से वैज्ञानिक सर्वेक्षण कराए जाने की मांग से जुड़े मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में सोमवार को सुनवाई होनी थी, लेकिन इलाहाबाद हाईकोर्ट आज सुनवाई टल गई. अब इस मामले में इस हफ्ते बाद सुनवाई होगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है. अगली सुनवाई में याचिकाकर्ता राखी सिंह की तरफ से अदालत में जवाबी हलफनामा दाखिल किया जाएगा. इस मामले में ज्ञानवापी मस्जिद की इंतजामिया कमेटी पिछले महीने ही अपना जवाब दाखिल कर चुकी है. मस्जिद कमेटी की तरफ से कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट ने वजूखाना परिसर को पूरी तरह संरक्षित रखने का आदेश दिया है. ऐसे में उस जगह पर कोई सर्वेक्षण नहीं किया जा सकता है.</p>
<p><strong>वजूखाने के ASI सर्वेक्षण की मांग</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>इस बारे में वाराणसी की जिला अदालत का फैसला पूरी तरह सही है और राखी सिंह की अर्जी को खारिज कर दिया जाना चाहिए. श्रृंगार गौरी केस की मुख्य वादिनी राखी सिंह की तरफ से हाईकोर्ट में यह पुनरीक्षण यानी रिवीजन अर्जी दाखिल की गई है. इस अर्जी के जरिए ज्ञानवापी परिसर के बाकी हिस्से की तरह वजूखाने का भी वैज्ञानिक सर्वेक्षण आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया से कराए जाने की मांग की गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>2022 में कर दिया गया था वजूखाने को सील </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>इस अर्जी में कहा गया है कि सर्वे एजेंसी वजूखाने में मिले कथित शिवलिंग को बिना नुकसान पहुंचाए सर्वेक्षण कर सकती है. सर्वेक्षण की रिपोर्ट वाराणसी की जिला अदालत में चल रहे श्रृंगार गौरी केस के निपटारे में बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकती है. वजूखाने के हिस्से से भी हिंदुओं के कई प्रतीक चिन्ह मिल सकते हैं. मई 2022 में एडवोकेट कमीशन के दौरान कथित शिवलिंग मिलने के बाद वजू खाने को सील कर दिया गया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सुप्रीम कोर्ट ने दिया था ये आदेश</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिवीजन के आदेश पर वजूखाने को सील किया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने भी कथित शिवलिंग को संरक्षित रखने का आदेश दिया है. आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया पिछले साल वजू खाने को छोड़कर ज्ञानवापी परिसर के पूरे हिस्से का सर्वेक्षण कर चुका है. अधिवक्ता सौरभ तिवारी अदालत में याची राखी सिंह का पक्ष रख रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”सपा विधायक के घर में फांसी के फंदे पर लटकता मिला नौकरानी का शव, मौके पर फॉरेंसिक टीम पहुंची” href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/bhadohi-samajwadi-party-mla-zahid-baig-maid-died-under-suspicious-circumstances-in-his-house-2779736″ target=”_self”>सपा विधायक के घर में फांसी के फंदे पर लटकता मिला नौकरानी का शव, मौके पर फॉरेंसिक टीम पहुंची</a></strong></p>
मुक्तसर में संदिग्ध परिस्थितियों विवाहिता की मौत:परिजनों ने लगाए हत्या के आरोप, 10 माह पहले हुई थी शादी, 6 माह की थी गर्भवती
मुक्तसर में संदिग्ध परिस्थितियों विवाहिता की मौत:परिजनों ने लगाए हत्या के आरोप, 10 माह पहले हुई थी शादी, 6 माह की थी गर्भवती मुक्तसर जिले के विधानसभा मलोट में एक गर्भवती महिला की संदिग्ध परिस्थतियों में मौत हो गई। मृतका के मायके परिवार ने ससुराल पक्ष पर दहेज की मांग को लेकर मारपीट कर मारने के आरोप लगाए है। पिता की शिकायत पर पुलिस ने मृतका के पति, सास और ससुर के खिलाफ मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। दहेज की मांग करते थे ससुराल वाले मृतका के पिता राजेन्द्र सिंह निवासी घड़साना, श्रीगंगानगर, राजस्थान ने पुलिस चौकी पन्नीवाला में दर्ज करवाए बयानों में बताया कि उसकी लड़की रमनदीप कौर का विवाह 10 माह पहले गांव रानीवाला के निर्भय सिंह पुत्र गुरभेज सिंह के साथ हुआ था। विवाह के बाद ससुराल परिवार दहेज के लिए परेशान करने लगा। एक लाख रूपए और दहेज की मांग करता था। जिसे लेकर उन्होंने इस संबंधी मृतक रमनदीप कौर के ससुरालियों पर घड़साना में केस भी दर्ज किया था। परंतु पंचायत की दखल के बाद दोनों पक्षों का राजीनामा हो गया। उन्होंने पंचायत के कहने पर लड़की को उसके पति निर्भय के साथ गांव रानीवाला भेज दिया था। परिजनों को सौंपा शव उन्होंने बताया कि मृतका 6 माह की गर्भवती थी। अचानक लड़की की तबीयत खराब हुई तो उसके ससुराल परिवार द्वारा समय पर उपचार न करवाने के कारण उसके गर्भ में पल रहे बच्चे सहित उनकी लड़की की मौत हो गई। उक्त बयानों के आधार पर पुलिस चौकी पन्नीवाला के इंचार्ज गुरइकबाल द्वारा दर्ज करके मृतका के पति निर्भय सिंह, सास जसवीर कौर, ससुर गुरभेज सिंह निवासी गांव रानीवाला के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। इस मामले में अभी कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। पुलिस ने मृतका के शव का पोस्टमार्टम करवा परिजनों को सौंप दिया है।