लखनऊ विश्वविद्यालय में स्टूडेंट्स का हंगामा, चीफ प्रॉक्टर से बहस:नो व्हीकल जोन में गाड़ी खड़ी करने को लेकर किया बवाल; कुलपति कार्यालय को घेरा

लखनऊ विश्वविद्यालय में स्टूडेंट्स का हंगामा, चीफ प्रॉक्टर से बहस:नो व्हीकल जोन में गाड़ी खड़ी करने को लेकर किया बवाल; कुलपति कार्यालय को घेरा

लखनऊ विश्वविद्यालय में छात्रों और विवि प्रशासन के बीच जमकर हंगामा हुआ। नो व्हीकल जोन में गाड़ी खड़ी करने को लेकर छात्र गुस्सा हैं। इनका आरोप है कि विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और कर्मचारी नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं और छात्रों को नियम का पालन करने के लिए कर रहे मजबूर किया जा रहा है। मंगलवार को सुबह से छात्रों का एक गुट विवि प्रशासन के खिलाफ खड़ा हो गया। नो व्हीकल जोन में गाड़ी से आ रहे प्रोफेसर और कर्मचारियों की गाड़ी रोककर उनका वीडियो बनाना शुरू कर दिया। उनसे ग्रीन कैंपस-क्लीन कैंपस नो व्हीकल जोन में गाड़ी लेकर आने के बारे में सवाल करने लगे। कई लोगों को बाहर भी लौटा दिया गया। इसी बात को लेकर छात्रों और विश्वविद्यालय प्रशासन के बीच जमकर बहस होने लगी। छात्रों ने विवि प्रशासन पर अड़ियल रवैए का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी करने लगे। छात्रों को समझाने पहुंचे चीफ प्रॉक्टर से हुई बहस
छात्रों का विरोध प्रदर्शन और नारेबाजी का मामला प्रॉक्टोरियल बोर्ड तक पहुंच गया। छात्रों को समझाने के लिए चीफ प्रॉक्टर राकेश द्विवेदी टीम के साथ पहुंचे। इस दौरान छात्रों ने चीफ प्रॉक्टर ​​​​कहा कि ग्रीन कैंपस पर स्टूडेंट को गाड़ी लेकर आने से रोका जाता है तो फैकल्टी और स्टॉफ को क्यों इजाजत दी गई है। ​इसी बात को लेकर छात्रों ने चीफ प्रॉक्टर के साथ तीखी बहस की। कुलपति कार्यालय का घेराव, धरने पर बैठे छात्र चीफ प्रॉक्टर के समझाने के बाद भी जब बात नहीं बनी तो गुस्साए छात्र कुलपति कार्यालय पहुंच गए। यहां पर कुलपति से मिलकर बात करना चाहा लेकिन कुलपति से बात नहीं हो सकी। इस दौरान सभी स्टूडेंट धरने पर बैठ गए। विश्वविद्यालय में स्टूडेंट और प्रॉक्टोरियल बोर्ड के बीच हुई झड़प और धरने की तस्वीरें..। प्रॉक्टोरियल बोर्ड के साथ हुई जबरदस्त नोंकझोंक मौके पर पहुंचे प्रॉक्टोरियल बोर्ड के सदस्यों के साथ स्टूडेंट्स की जबरदस्त बहस हुई। छात्रों ने जब भाषा के लहजे पर आपत्ति जताई तो प्रॉक्टोरियल बोर्ड के सदस्य की तरफ से जवाब आया कि माला नही पहनाऊंगा, न हो आदरणीय बोलूंगा। इस बीच मौके पर मौजूद पुलिस व सुरक्षा के जवानों ने जब बीच बचाव किया, तो उनपर भी स्टूडेंट्स ने पक्षपात करने का आरोप लगाया। क्लीन कैंपस – ग्रीन कैंपस के नियम सिर्फ स्टूडेंट्स के लिए स्टूडेंट्स का कहना था कि विश्वविद्यालय को ‘जब नो व्हीकल जोन’ घोषित किया गया हैं। तब आखिर कैसे बिना रोक टोक फैकल्टी और स्टॉफ सहित तमाम लोगों को आने जाने दिया जा रहा हैं। स्टूडेंट्स का आरोप था कि कैंपस के अंदर सभी नियम और कानून सिर्फ स्टूडेंट्स के लिए हैं, बाकी लोग सभी नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाते हैं। ‘पुलिस के दम पर नही चलेगी, ये अनदेखी नही चलेगी’ कुलपति कार्यालय के बाहर धरने पर छात्रों ने जमकर नारेबाजी की। इस दौरान ‘पुलिस के दम पर नही चलेगी’ और ‘ये अनदेखी नही चलेगी’ के नारे के बीच हंगामा होता रहा। हालांकि कुछ देर बाद छात्रों को कुलपति से मिलाया गया। इसके बाद धरना दे रहे छात्र विंध्यवासिनी शुक्ल ने बताया कि कुलपति को ज्ञापन सौंपकर इस मामले में कार्रवाई की मांग की गई हैं। उनके द्वारा ये भरोसा दिया गया हैं कि रजिस्ट्रार को 1-2 दिन में नियम बना कर इसको लागू करने को कहा गया। खबर लगातार अपडेट की जा रही है… लखनऊ विश्वविद्यालय में छात्रों और विवि प्रशासन के बीच जमकर हंगामा हुआ। नो व्हीकल जोन में गाड़ी खड़ी करने को लेकर छात्र गुस्सा हैं। इनका आरोप है कि विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और कर्मचारी नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं और छात्रों को नियम का पालन करने के लिए कर रहे मजबूर किया जा रहा है। मंगलवार को सुबह से छात्रों का एक गुट विवि प्रशासन के खिलाफ खड़ा हो गया। नो व्हीकल जोन में गाड़ी से आ रहे प्रोफेसर और कर्मचारियों की गाड़ी रोककर उनका वीडियो बनाना शुरू कर दिया। उनसे ग्रीन कैंपस-क्लीन कैंपस नो व्हीकल जोन में गाड़ी लेकर आने के बारे में सवाल करने लगे। कई लोगों को बाहर भी लौटा दिया गया। इसी बात को लेकर छात्रों और विश्वविद्यालय प्रशासन के बीच जमकर बहस होने लगी। छात्रों ने विवि प्रशासन पर अड़ियल रवैए का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी करने लगे। छात्रों को समझाने पहुंचे चीफ प्रॉक्टर से हुई बहस
छात्रों का विरोध प्रदर्शन और नारेबाजी का मामला प्रॉक्टोरियल बोर्ड तक पहुंच गया। छात्रों को समझाने के लिए चीफ प्रॉक्टर राकेश द्विवेदी टीम के साथ पहुंचे। इस दौरान छात्रों ने चीफ प्रॉक्टर ​​​​कहा कि ग्रीन कैंपस पर स्टूडेंट को गाड़ी लेकर आने से रोका जाता है तो फैकल्टी और स्टॉफ को क्यों इजाजत दी गई है। ​इसी बात को लेकर छात्रों ने चीफ प्रॉक्टर के साथ तीखी बहस की। कुलपति कार्यालय का घेराव, धरने पर बैठे छात्र चीफ प्रॉक्टर के समझाने के बाद भी जब बात नहीं बनी तो गुस्साए छात्र कुलपति कार्यालय पहुंच गए। यहां पर कुलपति से मिलकर बात करना चाहा लेकिन कुलपति से बात नहीं हो सकी। इस दौरान सभी स्टूडेंट धरने पर बैठ गए। विश्वविद्यालय में स्टूडेंट और प्रॉक्टोरियल बोर्ड के बीच हुई झड़प और धरने की तस्वीरें..। प्रॉक्टोरियल बोर्ड के साथ हुई जबरदस्त नोंकझोंक मौके पर पहुंचे प्रॉक्टोरियल बोर्ड के सदस्यों के साथ स्टूडेंट्स की जबरदस्त बहस हुई। छात्रों ने जब भाषा के लहजे पर आपत्ति जताई तो प्रॉक्टोरियल बोर्ड के सदस्य की तरफ से जवाब आया कि माला नही पहनाऊंगा, न हो आदरणीय बोलूंगा। इस बीच मौके पर मौजूद पुलिस व सुरक्षा के जवानों ने जब बीच बचाव किया, तो उनपर भी स्टूडेंट्स ने पक्षपात करने का आरोप लगाया। क्लीन कैंपस – ग्रीन कैंपस के नियम सिर्फ स्टूडेंट्स के लिए स्टूडेंट्स का कहना था कि विश्वविद्यालय को ‘जब नो व्हीकल जोन’ घोषित किया गया हैं। तब आखिर कैसे बिना रोक टोक फैकल्टी और स्टॉफ सहित तमाम लोगों को आने जाने दिया जा रहा हैं। स्टूडेंट्स का आरोप था कि कैंपस के अंदर सभी नियम और कानून सिर्फ स्टूडेंट्स के लिए हैं, बाकी लोग सभी नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाते हैं। ‘पुलिस के दम पर नही चलेगी, ये अनदेखी नही चलेगी’ कुलपति कार्यालय के बाहर धरने पर छात्रों ने जमकर नारेबाजी की। इस दौरान ‘पुलिस के दम पर नही चलेगी’ और ‘ये अनदेखी नही चलेगी’ के नारे के बीच हंगामा होता रहा। हालांकि कुछ देर बाद छात्रों को कुलपति से मिलाया गया। इसके बाद धरना दे रहे छात्र विंध्यवासिनी शुक्ल ने बताया कि कुलपति को ज्ञापन सौंपकर इस मामले में कार्रवाई की मांग की गई हैं। उनके द्वारा ये भरोसा दिया गया हैं कि रजिस्ट्रार को 1-2 दिन में नियम बना कर इसको लागू करने को कहा गया। खबर लगातार अपडेट की जा रही है…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर