लखनऊ से मेरठ के बीच वंदे भारत ट्रेन 1 सितंबर से चलनी शुरू हो जायेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 31 अगस्त को इसका उद्घाटन करेंगे। रविवार को यह ट्रेन लखनऊ से रवाना होगी और सोमवार को मेरठ से चलेगी। ट्रेन हफ्ते में केवल छह दिन इस ट्रेन का संचालन किया जायेगा। मंगलवार को इस ट्रेन संचालन ठप रहेगा। लखनऊ से आवाजाही करेगी तीसरी वंदे भारत ट्रेन मेरठ से लखनऊ के बीच 459 किमी की दूरी तय करने में इस ट्रेन 7.10 घंटे का समय लगेगा। मुरादाबाद और बरेली में इस ट्रेन का ठहराव तय किया गया है। मेरठ से ट्रेन सुबह 6.35 बजे रवाना होगी और दो घंटो बाद मुरादाबाद में 8.35 बजे पहुंचेगी। 9.56 पर यह ट्रेन बरेली पहुंच जायेगी। बरेली से रवाना होने के बाद सीधे लखनऊ दोपहर में 01:45 बजे पहुंच जायेगी। वापसी में यह ट्रेन दोपहर 2.45 बजे लखनऊ से चलेगी, जो कि रात दस बजे मेरठ पहुंच जायेगी। रेलवे अधिकारियों के अनुसार ये मंडल की तीसरी वंदे भारत ट्रेन है। पिछले साल मई में देहरादून से आनंद विहार के लिए वंदे भारत की शुरुआत की गई थी। इस साल मार्च में देहरादून से लखनऊ के लिए वंदे भारत का चलाई गई। दोनों ही ट्रेनें अभी भी चल रही है। लखनऊ से 2:45 बजे चलेगी वंदे भारत सीनियर डीसीएम आदित्य गुप्ता के अनुसार मेरठ और लखनऊ के बीच वंदे भारत ट्रेन हफ्ते में छह दिन चलेगी। मंगलवार को यह ट्रेन संचालित नहीं की जायेगी। एक सितंबर से लखनऊ से इस ट्रेन का संचालन शुरू होगा। लखनऊ से दोपहर में 2:45 बजे यह ट्रेन रवाना होगी। मेरठ से दो सितंबर दिन सोमवार को सुबह 6:35 बजे यह ट्रेन चलेगी। जल्द ही इसका किराया भी जारी किया जाएगा। रविवार से चलने वाली वंदे भारत ट्रेन का उद्घाटन शनिवार को किया जायेगा। उद्घाटन के साथ ही मेरठ से ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया जाएगा। आठ कोच की रैक वाली वंदे भारत के स्वागत के लिए मुरादाबाद और बरेली में विशेष आयोजन की तैयारी है। सीनियर डीसीएम आदित्य गुप्ता ने बताया कि मुरादाबाद स्टेशन पर ट्रेन का जोरदार स्वागत किया जायेगा। इस आयोजन में के लिए लोगों को निमंत्रित किया गया है। उद्घाटन वाले दिन के लिए पास जारी किये जा रहे हैं, जिसे लेकर लोग यात्रा फ्री कर सकेंगे। यह होगा टाइम टेबल मेरठ से लखनऊ ट्रेन नंबर – 22490 स्टेशन आगमन प्रस्थान मेरठ 6:35 मुरादाबाद 8:35 बजे 8:40 बजे बरेली 9:56 बजे 9:58 बजे लखनऊ 13:45 बजे लखनऊ से मेरठ स्टेशन आगमन प्रस्थान लखनऊ —- 14:45 बजे बरेली 18:02 बजे 18:04 बजे मुरादाबाद 19:32 बजे 19:72 बजे मेरठ 22:00 बजे लखनऊ से मेरठ के बीच वंदे भारत ट्रेन 1 सितंबर से चलनी शुरू हो जायेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 31 अगस्त को इसका उद्घाटन करेंगे। रविवार को यह ट्रेन लखनऊ से रवाना होगी और सोमवार को मेरठ से चलेगी। ट्रेन हफ्ते में केवल छह दिन इस ट्रेन का संचालन किया जायेगा। मंगलवार को इस ट्रेन संचालन ठप रहेगा। लखनऊ से आवाजाही करेगी तीसरी वंदे भारत ट्रेन मेरठ से लखनऊ के बीच 459 किमी की दूरी तय करने में इस ट्रेन 7.10 घंटे का समय लगेगा। मुरादाबाद और बरेली में इस ट्रेन का ठहराव तय किया गया है। मेरठ से ट्रेन सुबह 6.35 बजे रवाना होगी और दो घंटो बाद मुरादाबाद में 8.35 बजे पहुंचेगी। 9.56 पर यह ट्रेन बरेली पहुंच जायेगी। बरेली से रवाना होने के बाद सीधे लखनऊ दोपहर में 01:45 बजे पहुंच जायेगी। वापसी में यह ट्रेन दोपहर 2.45 बजे लखनऊ से चलेगी, जो कि रात दस बजे मेरठ पहुंच जायेगी। रेलवे अधिकारियों के अनुसार ये मंडल की तीसरी वंदे भारत ट्रेन है। पिछले साल मई में देहरादून से आनंद विहार के लिए वंदे भारत की शुरुआत की गई थी। इस साल मार्च में देहरादून से लखनऊ के लिए वंदे भारत का चलाई गई। दोनों ही ट्रेनें अभी भी चल रही है। लखनऊ से 2:45 बजे चलेगी वंदे भारत सीनियर डीसीएम आदित्य गुप्ता के अनुसार मेरठ और लखनऊ के बीच वंदे भारत ट्रेन हफ्ते में छह दिन चलेगी। मंगलवार को यह ट्रेन संचालित नहीं की जायेगी। एक सितंबर से लखनऊ से इस ट्रेन का संचालन शुरू होगा। लखनऊ से दोपहर में 2:45 बजे यह ट्रेन रवाना होगी। मेरठ से दो सितंबर दिन सोमवार को सुबह 6:35 बजे यह ट्रेन चलेगी। जल्द ही इसका किराया भी जारी किया जाएगा। रविवार से चलने वाली वंदे भारत ट्रेन का उद्घाटन शनिवार को किया जायेगा। उद्घाटन के साथ ही मेरठ से ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया जाएगा। आठ कोच की रैक वाली वंदे भारत के स्वागत के लिए मुरादाबाद और बरेली में विशेष आयोजन की तैयारी है। सीनियर डीसीएम आदित्य गुप्ता ने बताया कि मुरादाबाद स्टेशन पर ट्रेन का जोरदार स्वागत किया जायेगा। इस आयोजन में के लिए लोगों को निमंत्रित किया गया है। उद्घाटन वाले दिन के लिए पास जारी किये जा रहे हैं, जिसे लेकर लोग यात्रा फ्री कर सकेंगे। यह होगा टाइम टेबल मेरठ से लखनऊ ट्रेन नंबर – 22490 स्टेशन आगमन प्रस्थान मेरठ 6:35 मुरादाबाद 8:35 बजे 8:40 बजे बरेली 9:56 बजे 9:58 बजे लखनऊ 13:45 बजे लखनऊ से मेरठ स्टेशन आगमन प्रस्थान लखनऊ —- 14:45 बजे बरेली 18:02 बजे 18:04 बजे मुरादाबाद 19:32 बजे 19:72 बजे मेरठ 22:00 बजे उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
Related Posts
डिंपी ढिल्लों आज करेंगे अगली रणनीति का ऐलान:गिद्दड़बाहा में बुलाई समर्थकों की मीटिंग, सुखबीर भी बैठक कर बनाएंगे स्ट्रेटजी
डिंपी ढिल्लों आज करेंगे अगली रणनीति का ऐलान:गिद्दड़बाहा में बुलाई समर्थकों की मीटिंग, सुखबीर भी बैठक कर बनाएंगे स्ट्रेटजी शिरोमणि अकाली दल (SAD) को छोड़ने वाले गिद्दड़बाहा के सीनियर नेता, हलका प्रभारी और सुखबीर बादल के करीब रहे हरदीप सिंह डिंपी ढिल्लों आज (सोमवार) अपनी अगली रणनीति का ऐलान कर सकते हैं। उन्होंने सुबह 11 बजे अपने समर्थकों की मीटिंग बुलाई है। दूसरी तरफ डिंपी के पार्टी छोड़ने से बने हालातों के बीच SAD प्रधान सुखबीर बादल ने मोर्चा संभाल लिया है। उन्होंने आज गिद्दड़बाहा के अकाली नेताओं की मीटिंग अपने निवास स्थान पर बुलाई है। वहीं, डिंपी का कहना है कि मनप्रीत बादल के चलते उनकी बलि दी गई है। हमारे जैसे तो केवल इस्तेमाल के लिए होते हैं। वहीं, चर्चा यह है कि वह आम आदमी पार्टी ज्वाइन कर सकते हैं। मनप्रीत बादल ने नहीं जॉइन की पार्टी दूसरी तरफ SAD के नेताओं ने डिंपी ढिल्लों को अपने फैसले पर दोबारा विचार करने को कहा है। वहीं, इस मामले में अकाली नेता मनतार सिंह बराड़ ने बताया कि उनकी ड्यूटी भी गिद्दड़बाहा हलके में उपचुनाव के लिए लगी हुई। वह जैसे ही वहां पहुंचे तो पता चला कि डिंपी ढिल्लों पार्टी छोड़ने वाले है। डिंपी ने इसकी वजह मनप्रीत सिंह बादल को बताया था। मनतार सिंह बराड़ ने कहा कि जब मनप्रीत सिंह बादल ने SAD जॉइन नहीं की तो उन्हें पार्टी की टिकट कैसे दी जा सकती है। उन्होंने पार्टी के समर्थकों को साथ देने की अपील की है। बादल ने कहा था डिंपी ही लड़ेगा चुनाव मनतार सिंह बराड़ ने बताया कि वह कोर कमेटी के मेंबर है। कोर कमेटी की मीटिंग में महेश इंद्र सिंह गरेवाल ने जरूर कहा था कि बादल साहब आप गिद्दड़बाहा से चुनाव लडे़। लेकिन उस समय सुखबीर बादल ने कहा था कि डिंपी वहां से चुनाव लडे़गा। वह पिछले चुनाव में कम मतों से हारे थे। ऐसे में वह उसका हक मारना नहीं चाहते हैं। वहीं, सुखबीर डिंपी के साथ हलके में लगातार मीटिंग कर रहे थे। 15 मिनट लाइव होकर डिंपी ने रखा पक्ष डिंपी ढिल्लों ने पार्टी छोड़ने से पहले फेसबुक पर लाइव होकर पंद्रह मिनट में अपने सफर के बारे में बताया था। उन्होंने कहा था कि वह पार्टी 38 -39 साल से जुडे़ हुए थे। कई बार पार्टी पर भी मुश्किल भी आई, लेकिन वह हमेशा पार्टी व बादल परिवार के साथ खड़ रहे हैं। लेकिन पिछले कुछ समय परेशान थे। क्योंकि हलके में मनप्रीत सिंह बादल सक्रिय थे। वह बीजेपी में थे, लेकिन वह किसी को बीजेपी में शामिल नहीं करवाते थे। गांवों में जाकर कहते थे कि सुखबीर बादल और उनके रिश्ते घी और खिचड़ी जैसे है। वह सुखबीर बादल को भी इस बारे स्थिति साफ करने के बारे में कह रहे थे, लेकिन वह भी कोई फैसला नहीं ले पा रहे थे। ऐसे में समर्थक भी आफत में थे। न तो सुखबीर बादल खुद को उम्मीदवार ऐलान कर रहे थे, जबकि वह नहीं कर रहे थे। उनकी सुखबीर बादल से 37 साल की दोस्ती परिवारवाद की बलि चढ़ गई। उन्होंने कहा कि दोनों परिवार मिल गए है। यह खुशी की बात है। 2022 में मात्र 1349 वोटों से हारे थे डिंपो ढिल्लों की गिदड़बाहा सीट पर अच्छी पकड़ है। दो बार चुनावों में उसे हार का मुंह देखना पड़ा है। साल 2012 से यहां से लगातार कांग्रेस नेता अमरिंदर सिंह राजा वरिंग चुनाव जीतने आ रहे है। 2017 में उन्होंने हरदीप सिंह डिंपी ढिल्लों को राजा वड़िंग ने हराया था। चुनाव में डिंपी को 47288 को वोट मिले थे, जबकि वड़िंग को 63500 मत मिले थे। जबकि 2022 में जब पूरे राज्य में आम आदमी पार्टी की हवा थी। लेकिन इस सीट पर शिरोमणि अकाली दल और कांग्रेस के बीच में ही मुकाबला था। इस दौरान राजा वड़िंग के वोट कम होकर 50998 रह गए। जबकि डिंपी को 49649 वोट मिले। दोनों में जीत का अंतर 1349 वोट का था। ऐसे में डिंपी ढिल्लों खुद को काफी मजबूत दावेदर इस सीट से मानते हैं। गिद्दड़बाहा सीट SAD का गढ़ गिद्दड़बाहा सीट 1967 में बनी थी। पहला चुनाव यहां से कांग्रेस नेता हरचरण सिंह बराड़ जीते थे। इसके बाद लगातार पांच बार 1969, 72, 77, 80 और 85 में इस सीट से पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल जीते। 1992 में कांग्रेस नेता रघुबीर सिंह जीते। इसके बाद 1995, 97, 2002 और 2007 में सीट से शिरोमणि अकाली दल की टिकट पर मनप्रीत बादल जीतते रहे। जबकि 2012, 2017 और 2022 में इस सीट से कांग्रेस प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग जीते हैं। लेकिन अब वह लुधियाना से लोकसभा सांसद हैं। उन्होंने इस सीट के विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है। इस वजह से यह सीट खाली हुई है।
बठिंडा और बटाला में नशे से दो लोगों की मौत परिवार बोला-नशा दिया फिर भाग गया दोस्त
बठिंडा और बटाला में नशे से दो लोगों की मौत परिवार बोला-नशा दिया फिर भाग गया दोस्त पंजाब में नशा माफिया पुलिस के लिए चुनौती बन गया है। बठिंडा और बटाला में नशे की ओवरडोज से 2 लोगों की मौत हो गई। बठिंडा के गांव जीदा निवासी परिवार का आरोप है कि 21 मई को बेटे को दोस्त ने नशा दिया तो उसकी हालत बिगड़ गई। बेहोश देखकर बेटे लवप्रीत सिंह (18) को उसका दोस्त छोड़कर भाग गया। बेटे को बठिंडा अस्पताल लाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया। पिता जगदेव सिंह ने बताया कि जांच के बाद पता चला कि बेटे को जपनीत सिंह निवासी गांव जीदा ने नशा दिया था। इधर, थाना नहियांवाला के एएसआई राजवीर सिंह ने बताया कि आरोपी दोस्त पर मामला दर्ज कर लिया है। आरोप है कि खुलेआम नशा बिक रहा, लेकिन कार्रवाई नहीं हो रही है। वहीं, बटाला में ट्रक ड्राइवर की मौत हो गई। राजबीर कौर ने कहा कि पति जसपाल सिंह 15 साल से ट्रक ड्राइवरी करता आ रहा था और नशे का आदी था। वह धर्मकोट रंधावा शहजादा मंडी से ट्रक में गेहूं भरकर आ रहा था। वह गांव गोखूवाल स्थित पुल पर रुक गया और वहां 3 घंटे तक ट्रक खड़ा रहा। लोगों ने फोन पर बताया। जब वह पहुंची तो पति की मौत हो चुकी थी। थाना सिविल लाइन के एएसआई हरपाल सिंह ने बताया कि मामले में 174 की कार्रवाई की है।
अमृतसर में CDPO सस्पेंड:आंगनवाड़ी में निजी फर्म से राशन पहुंचने का उठाया था मुद्दा, विभाग में गलत जानकारी देने का आरोप
अमृतसर में CDPO सस्पेंड:आंगनवाड़ी में निजी फर्म से राशन पहुंचने का उठाया था मुद्दा, विभाग में गलत जानकारी देने का आरोप पंजाब के अमृतसर में रईया की बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) को निलंबित कर दिया गया है। विभाग का कहना है कि सीडीपीओ बिक्रमजीत सिंह ने अपने सहकर्मियों को प्रेरित कर आंगनबाड़ी केंद्रों की गलत जानकारी की रिपोर्ट तैयार करवाई। जबकि बिक्रमजीत सिंह ने कुछ दिन पहले आंगनबाड़ी केंद्रों में निजी फर्म द्वारा घटिया राशन दिए जाने का मुद्दा उठाया था। क्षेत्र के विधायक और वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुखपाल खैरा ने सीडीपीओ के निलंबन का विरोध करते हुए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर की है। सुखपाल खैरा कहते हैं- मुझे दुख है कि रईया अमृतसर के सीडीपीओ पद पर तैनात बिक्रमजीत सिंह जैसे अच्छे अधिकारी को उनके विभाग में निजी फर्म द्वारा घटिया राशन की आपूर्ति का मुद्दा उठाने पर निलंबित कर दिया गया है। इस निजी फर्म को आउटसोर्स करके आंगनबाड़ी केंद्रों में राशन की आपूर्ति की जा रही है। कथित निजी फर्म का इतना प्रभाव है कि राशन में फंगस होने की शिकायत के कुछ घंटों के भीतर ही उन्होंने उसे निलंबित कर दिया। बिक्रम का आरोप, फंगस लगा राशन उपलब्ध करवाया गया सुखपाल खेहरा ने अपनी पोस्ट में बिक्रमजीत सिंह की एक वीडियो भी शेयर की है। जिसमें बिक्रमजीत ने बताया कि उनके आंगनवाड़ी केंद्रों पर फंगस लगा राशन दिया जा रहा था। ये एक जहर है। अगर प्रेग्नेंट औरतों व बच्चों को जहर जाएगा तो वे अपने विभाग को बताएंगे ही। ऐसी फंगस बरसात के दिनों में लकड़ी पर आ जाती है। अगर कोई उसे खा ले तो उसकी मौत हो सकती है। बिक्रमजीत ने बताया कि उन्होंने दो लेटर विभाग को लिखी थी। उनकी शिकायत के बाद ही उन्हें निजी फर्म से फोन आ गया और उन्होंने शिकायत करने पर धमकियां भी दी। उन्होंने कहा कि वे सरकार के नुमाइंदे हैं, अगर कुछ लगता होगा तो वे अपने विभाग को बताएंगे ही। इसके बाद निजी फर्म ने राशन बदलने की बात भी की। लेकिन दो घंटे बाद ही उनके नाम का सस्पैंशन लैटर जारी कर दिया गया। गलत जानकारियां देने के आरोप पर हुई सस्पेंशन विभाग की तरफ से जो सस्पैंशन लैटर जारी किया गया, उस पर विशेष मुख्य सचिव राजी पी. श्रीवास्तव के हस्ताक्षर थे। जिन्होंने लिखा था कि बिक्रमजीत सिंह ने अपने सहयोगियों को आंगनवाड़ी केंद्रों की चैकिंग के समय विशेष तौर पर गलत रिपोर्टें देने के लिए प्रोत्साहित किया था। जिसके बाद उसे सिविल सेवा नियमों के तहत सस्पेंड कर दिया जाता है। सस्पेंशन के समय बिक्रमजीत सिंह का हैड-क्वार्टर चंडीगढ़ होगा और वे सस्पेंशन के दौरान अपना हैड-क्वार्टर नहीं छोडेंगे।