यूपी के लखीमपुर खीरी में बाढ़ से हालात भयावह हैं। 3 तहसीलों के 220 गांवों में पानी घुस गया है। पलिया तहसील टापू बन गई है। हर तरफ सिर्फ पानी ही पानी दिख रहा। घरों में 5 से 6 फीट तक पानी भरा है। सड़कें, स्कूल-कॉलेज और हाईवे डूब गए हैं। गांव तक जाने का एकमात्र साधन नाव है। लोग ऊंचे स्थानों पर पन्नी तानकर रह रहे हैं। ऐसी भयावह स्थिति उत्तराखंड के बनबसा बैराज से 9 लाख क्यूसेक पानी शारदा नदी में छोड़ने की वजह से हुई है। 500 फीट ऊंचाई से ड्रोन की नजरों से बाढ़ का VIDEO देखने के लिए ऊपर क्लिक करें… यूपी के लखीमपुर खीरी में बाढ़ से हालात भयावह हैं। 3 तहसीलों के 220 गांवों में पानी घुस गया है। पलिया तहसील टापू बन गई है। हर तरफ सिर्फ पानी ही पानी दिख रहा। घरों में 5 से 6 फीट तक पानी भरा है। सड़कें, स्कूल-कॉलेज और हाईवे डूब गए हैं। गांव तक जाने का एकमात्र साधन नाव है। लोग ऊंचे स्थानों पर पन्नी तानकर रह रहे हैं। ऐसी भयावह स्थिति उत्तराखंड के बनबसा बैराज से 9 लाख क्यूसेक पानी शारदा नदी में छोड़ने की वजह से हुई है। 500 फीट ऊंचाई से ड्रोन की नजरों से बाढ़ का VIDEO देखने के लिए ऊपर क्लिक करें… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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हिमाचल पुलिस की ताजमहल विवाद में सफाई:बोली- किसी भी जवान और कैदी को यूपी नहीं भेजा; सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो का खंडन
हिमाचल पुलिस की ताजमहल विवाद में सफाई:बोली- किसी भी जवान और कैदी को यूपी नहीं भेजा; सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो का खंडन आगरा में 2 बंदूकधारी पुलिसकर्मियों के मामले में हिमाचल पुलिस ने स्पष्ट किया कि सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में दिख रहा जवान मंडी पुलिस का नहीं है और न ही किसी कैदी को यूपी ले जाने के लिए किसी को तैनात किया गया है। दरअसल, पिछले मंगलवार से सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें दावा किया जा रहा है कि हिमाचल पुलिस के 2 बंदूकधारी एक कैदी को लेकर उत्तर प्रदेश के आगरा में ताजमहल देखने पहुंचे। कैदी के हाथ में हथकड़ी लगी हुई थी। पुलिस ने कैदी को एंट्री गेट से अंदर ले जाने की कोशिश की। लेकिन गेट पर तैनात जवान ने उसे अंदर नहीं जाने दिया। पुलिस वालों ने जवान पर दबाव बनाना शुरू कर दिया। काफी देर तक तीखी नोकझोंक होती रही, लेकिन जवान ने नियमों का हवाला देकर उन्हें भगा दिया। इस दौरान जब पर्यटकों ने वीडियो बनाने की कोशिश की तो पुलिस वालों ने उनसे भी हाथापाई की। उनके मोबाइल छीनने की कोशिश की। इसके बाद इस वीडियो को हिमाचल पुलिस से जोड़ दिया गया। हिमाचल पुलिस ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट से इसे पोस्ट किया और इस वीडियो को फर्जी बताया।
Kangana Ranaut News: कंगना रनौत के बयान पर भड़के किसान नेता, बोले- ‘उनकी फिल्म…’
Kangana Ranaut News: कंगना रनौत के बयान पर भड़के किसान नेता, बोले- ‘उनकी फिल्म…’ <p style=”text-align: justify;”><strong>Farmer Leaders on Kangana Ranaut:</strong> अक्सर अपने बयानों से चर्चाओं में रहने वाली बॉलीवुड अभिनेत्री और हिमाचल की मंडी सीट से बीजेपी सांसद कंगना रनौत एक बार फिर चर्चाओं में आ गई है. दरअसल, उन्होंने केंद्र सरकार से निरस्त किए गए कृषि कानूनों को फिर से लागू करने की मांग की है. साथ ही कहा कि किसानों को खुद ये कानून लागू करने की मांग करनी चाहिए. कंगना के बयान की किसान संगठनों ने अलोचना की है. उन्होंने इसे कंगना की सुर्खियों में बने रहने की रणनीति बताया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कंगना के बयान पर क्या बोले किसान संगठन? </strong><br />संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय समन्वय समिति के सदस्य दर्शन पाल ने कहा कि कंगना किसानों को भड़काने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि इस सप्ताह उनकी फिल्म रिलीज होने वाली है इसलिए अपनी तरफ ध्यान आकर्षित करने के लिए वे ऐसा कर रही है. किसान आंदोलन के दौरान उनके संघर्ष के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है और न ही वो कृषि कानून के दुष्प्रभावों को समझती है. बीजेपी को उनके बयान पर स्पष्टीकरण देना चाहिए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं, बीकेयू डकौंडा के महासचिव जगमोहन सिंह डकौंडा ने कहा कि भारत के कृषि मंत्री को कंगना के बयान पर स्पष्टीकरण देना चाहिए. अगर उसे (कंगना) खेती-बाड़ी के बारे में थोड़ी सी जानकारी होती तो वो ये टिप्पणी नहीं करती. उन्होंने किसानों को भड़काने का काम किया है. जब पीएम मोदी खुद कृषि कानूनों को निरस्त कर चुके है तो वो कौन क्यों कह रही है कि कृषि कानूनों को फिर से लागू करने की आवश्यकता है. जैसे हम उनकी फिल्मों पर टिप्पणी नहीं करते उन्हें भी कृषि पर चुप रहना चाहिए. वो कोई कृषि विशेषज्ञ नहीं है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कृषि कानून पर क्या था कंगना रनौत का बयान? </strong><br />वहीं कंगना रनौत ने तीन कृषि कानूनों की तुलना एक राष्ट्र एक चुनाव से भी की. उन्होंने कहा कि किसान हमारे देश का एक महत्वपूर्ण स्तंभ हैं. जिस तरह एक राष्ट्र एक चुनाव से नौकरशाहों और सरकारी कर्मचारियों को फायदा होगा क्योंकि उन्हें अक्सर चुनावी ड्यूटी पर जाना पड़ता है. वैसी ही किसानों को भी कृषि कानूनों के वापसी की मांग करने चाहिए. किसान संगठनों ने कंगना के बयान की आलोचना की है. उन्होंने इसे कंगना की सुर्खियों में बने रहने की रणनीति बताया. </p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि केंद्र की बीजेपी ने नवंबर 2021 में किसानों के आंदोलन को देखते हुए कृषि कानूनों को वापस ले लिया था. खुद प्रधानमंत्री <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> ने कानून वापसी का ऐलान किया था. हिमाचल के मंडी जिले के ख्योड़ में जिला स्तरीय नलवाड़ मेले के समापन समारोह में कंगना रनौत ने हिस्सा लिया था. यहां उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान 3 कृषि कानूनों को लेकर बयान दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें: <a title=”5 अक्टूबर को पंजाब के इन कर्मचारियों को मिलेगी ‘स्पेशल छुट्टी’, भगवंत मान सरकार का ऐलान” href=”https://www.abplive.com/states/punjab/haryana-assembly-election-holiday-on-october-5-for-haryana-voters-living-in-punjab-bhagwant-mann-government-aap-2790508″ target=”_blank” rel=”noopener”>5 अक्टूबर को पंजाब के इन कर्मचारियों को मिलेगी ‘स्पेशल छुट्टी’, भगवंत मान सरकार का ऐलान</a></strong></p>
गर्लफ्रेंड का खर्च उठाने को बीए पास बना फ्रॉड:ऑनलाइन गेमिंग के जालसाजी में 12वीं और डिप्लोमा वाले भी शामिल, 2.53 करोड़ का मिला ट्रांजेक्शन
गर्लफ्रेंड का खर्च उठाने को बीए पास बना फ्रॉड:ऑनलाइन गेमिंग के जालसाजी में 12वीं और डिप्लोमा वाले भी शामिल, 2.53 करोड़ का मिला ट्रांजेक्शन गर्लफ्रेंड का खर्च बहुत बढ़ गया था। रोज अच्छे रेस्टोरेंट में खिलाना और महंगे गिफ्ट की डिमांड से मैं परेशान हो गया था। एक दिन गाजीपुर के रहने वाले अजीम फरीद के जरिए पता चला कि ऑनलाइन गेमिंग के नाम पर 3 कंपनियां चल रही हैं। लोगों को फंसाकर गेम की लत लगानी है। BA पास करने के बाद नौकरी भी नहीं मिल रही थी। जैसे ही मुझे 30 हजार रुपए महीने की सैलरी का ऑफर हुआ मैंने तुरंत हां कर दी। फिर लंबी रकम हारने वाले ग्राहक फंसाने पर मोटा कमीशन मिलने लगा। यह बातें ऑनलाइन गेमिंग के जरिए फ्रॉड करने वाले आरोपी आशुतोष यादव ने पुलिस के सामने कबूली। बता दें मंगलवार को प्रयागराज पुलिस ने ऑनलाइन जालसाजी करने वाले बड़े गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया है जो कि पूरा गैंग बनाकर ऑनलाइन गेमिंग के नाम पर करोड़ों का खेल कर रहे थे। पुलिस लाइन में मीडिया के सामने पेश होने के बाद आरोपियों को जब जेल ले जाया जाने लगा तो कई के चेहरों पर पछतावे की लकीर साफ नजर आ रही थी। हाई प्रोफाइल परिवार के लड़कों को फंसाना जिम्मेदारी
गाजीपुर के रहने वाले हिमांशु ने पॉलिटेक्निक से डिप्लोमा किया है। 22 साल के हिमांशु को यह काम सौंपा गया था कि वह हाई प्रोफाइल परिवार के लड़कों को किसी प्रकार लालच देकर अपनी साइट पर गेम खेलने के लिए लाए। इसके लिए हिमांशु फेसबुक पर जुड़ा रहता था। कम उम्र के युवकों से सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर दोस्ती गांठता था। फिर झूठ बोलता था कि फलां साइट पर ऑन लाइन गेम खेलने पर उसे 60 हजार रुपए का फायदा हुआ।
ऐसे में कइयों को उसने बैंक अकाउंट के फर्जी स्टेटमेंट दिखाकर बेवकूफ बनाया। वह अमीर परिवार के लड़कों का मोबाइल नंबर पता कर उस पर लिंक भेजा करता था। 15 दिनों से 2.53 करोड़ की ऑनलाइन गेमिंग
प्रयागराज पुलिस ने ऑनलाइन जालसाजी करने वाले बड़े गिरोह का भंडाफोड़ किया तो फ्रॉड के एक से बढ़कर एक राज खुलने लगे। आरोपियों से बरामद मोबाइल, लैपटॉप, डायरी और हिसाब किताब से साफ हुआ कि यह कितना बड़ा गिरोह है और कैसे आपरेट कर रहा था। लैपटॉप और मोबाइल के जरिए जांच से साफ हुआ कि तीन ऑनलाइन गेमिंग की वेबसाइट पर एक साल में इन शातिरों ने करीब 17 हजार से ज्यादा खिलाड़ियों को जोड़ा था। खिलाड़ी यूपी के साथ बिहार के अन्य शहरों से जुड़ रहे थे। पूछताछ और पास मिले बैंक अकाउंट की डिटेल, पासबुक से साफ हुआ कि 15 दिनों में यूपी और बिहार में 13 करोड़ रुपए से ज्यादा का खेल हुआ। प्रयागराज की बात करें तो 15 दिनों से 2.53 करोड़ की ऑनलाइन गेमिंग से पर्दा उठा है। डीसीपी यमुना नगर श्रद्धा नरेंद्र पांडेय ने बताया- पुलिस को इंटेलिजेंस के जरिए इस बड़े रैकेट का पता चला। नैनी इलाके से ऑपरेट होने की बात पता चलने पर टीमों को लगाया गया। अब बताते हैं प्रयागराज पुलिस ने कैसे खुलासा किया
प्रयागराज पुलिस ने ऑनलाइन जालसाजी करने वाले बड़े गिरोह का भंडाफोड़ किया है। यह गैंग ऑनलाइन गेमिंग के नाम पर करोड़ों का खेल कर रहा था। तीन वेबसाइट लेजर, 99 एक्सचेंज और 11 एक्स प्ले के जरिए यह शातिर क्रिकेट, फुटबाल, हॉकी, लूडो, चेस, कार रेस, बॉक्सिंग आदि खेलों के जरिए रुपए लगवाते था। गैंग के संचालक पहले ऑनलाइन गेमिंग में लड़कों को जीता देते थे ताकि उनकी लत बढ़ जाए फिर बढ़ी रकम लगने पर उन्हें हराकर लाखों कमाते था। गेमिंग का पूरा फार्मेट गैंग के पास होता था। ऐसे में वह जब चाहे जिस हरा और जीता सकते थे। डीसीपी यमुना नगर श्रद्धा नरेंद्र पांडेय की स्पेशल टीमें इस गिरोह की गतिविधियों को वॉच कर रही थी। सटीक जानकारी और सुराग पाने के बाद मंगलवार को गिरोह के 12 सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया गया। शातिरों के पास से 42 मोबाइल बरामद किया है। साथ ही 12 लैपटॉप, 52 सिम कार्ड बरामद हुए। पकड़े गए गिरोह के पास से ऑनलाइन गेमिंग संचालन से कमाई रकम का ब्योरा मिला है। इसमें 2 करोड़ 53 लाख रुपए का लेखा-जोखा है जिसे लेकर जांच आगे बढ़ाई जा रही है। बिहार के गोपालगंज से भी गिरफ्तारी
यहां पकड़े गए गिरोह के तार बिहार के गोपालगंज से जुड़े हैं। धरपकड़ के बाद प्रयागराज कमिश्नरेट पुलिस ने बिहार पुलिस से संपर्क कर जानकारी साझा की तो वहां भी आरोपी पकड़े गए। डीसीपी यमुना नगर श्रद्धा नरेंद्र पांडेय ने गिरोह के पकड़े जाने के बाद उन्हें पुलिस लाइन सभागार में मीडिया के सामने पेश किया। बताया कि ऑनलाइन गेमिंग के लिए इन लोगों ने तीन साइट बनाई हुई थी। सोशल मीडिया साइट पर बड़ी गेमिंग कंपनियों की तरह यह एड देते थे। सोशल मीडिया पर प्रचार, एंट्री फीस भी
फेसबुक, इंस्टाग्राम, वॉट्सऐप ग्रुप समेत अन्य प्लेटफार्म पर अपनी तीनों साइट का प्रचार कर युवाओं को गेम खेलने पर मोटी रकम मिलने का लालच देते थे। इसके बाद 100 रुपए की एंट्री फीस पर उसे मेंबर बनाकर फ्रॉड करते थे। खिलाड़ियों को फंसाने के लिए शुरुआती दौर में वह 30 से 35 हजार रुपए तक जीता भी देते थे ताकि खिलाड़ी को विश्वास हो जाए और वह लाखों की रकम लगाने लगे। जैसे ही मोटी रकम लगती वह गेम हरा देते थे। इनके 11 बैंक खातों का पता चला है इसमें रुपए ट्रांसफर होते थे। पकड़े गए गिरोह के सदस्यों ने नैनी इलाके में एक अपार्टमेंट किराए पर ले रखा था। हर दो माह बाद घर बदल देते थे। अपार्टमेंट में छापामारी में बहुत सारे लोगों के आधार कार्ड भी मिले हैं। गिरफ्तार साइबर ठग