‘लव मैरिज के बाद मेरी लाइफ इतनी नरक हो जाएगी, सोचा नहीं था। शादी के कुछ समय तक सब कुछ ठीक था। इसके बाद मेरे पति और उसकी बहन ने मिलकर मुझे प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। प्रताड़ना की इंतेहा ये थी कि मुझे ढंग से कपड़े भी नहीं पहनने दिए जाते थे। बासी खाना भी नहीं नसीब था। अगर जमीन पर गिरा खाना भी खाती दिख जाती, तो ननद सुंदरी उसे पैर से मसल देती थी। मेरे दो बेटे हुए। सोचा था, बच्चे होने के बाद पति मेरा साथ देगा, लेकिन वह और ज्यादा क्रूर हो गया। कई साल हो गए, मुझे नहीं पता चाय कैसी होती है? किचन में जब बर्तन धुलने बैठती, तो चाय की पत्ती को मुट्ठी में भरकर उसे निचोड़कर चाय की कुछ बूंदें पी लेती थी। मेरी ननद ने मेरे शरीर के हर हिस्से में जख्म दिए हैं।’ यह कहकर वाराणसी की अंजू पांडेय की आंखों से आंसू छलक उठे और वह दर्द से कराह उठी। उसे दो दिन पहले वाराणसी-प्रयागराज मार्ग से उसके घरवाले ढूंढ कर घर लाए हैं। बेटी की स्थिति देखकर मां की तबीयत भी खराब हो गई है। वाराणसी के ढेलवारिया की रहने वाली अंजू की शादी साल 2018 में नई बस्ती लहरतारा में रहने वाले संजय पांडेय से हुई थी। शादी के 2 साल बाद से अंजू को दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाने लगा। धीरे-धीरे यह प्रताड़ना बढ़ने लगी। 1 अगस्त, 2024 को वह पति और ननद की प्रताड़ना को सहन नहीं कर पाई और छत से कूदकर भाग गई। मोहनसराय पहुंचकर अपने भाई को दूसरे के नंबर से फोन करके बुलाया। लेकिन भाई उसकी हालत देखकर पहचान नहीं पाया। काफी मशक्कत के बाद घरवाले उसे घर लाए और डॉक्टर को दिखाया। जांच में पता चला कि बेटी के शरीर पर 40 से अधिक जख्म हैं, जिनमें से कई अभी भी ताजे हैं। इसके बाद घरवालों ने पुलिस कमिश्नर से मिलकर शिकायत की। कमिश्नर ने जैतपुरा थाना पुलिस को मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया है। दैनिक भास्कर ने अंजू के घर पहुंचकर उसकी आपबीती जानी। अंजू पर हुए हर जुल्म की दास्तां, उसी की जुबानी… प्यार को घरवालों ने दी सहमति, मंदिर में हुई थी शादी
अंजू को अब मोहल्ले वाले भी नहीं पहचान पा रहे हैं। घर के एक कमरे में बैठी अंजू की पुरानी फोटो देखी, तो हम भी आश्चर्य में पड़ गए कि ये वही अंजू है। अंजू से हमने जब पूछा तो वह फूट-फूट कर रोने लगी। उसने बताया- मेरी मां की रिश्तेदारी में संजय था। मुझे उससे प्यार हो गया और हम दोनों ने साथ जीने-मरने की कसमें खाईं। घरवालों ने भी हमारी बात मानी और 25 मई, 2018 को हम दोनों की एक मंदिर में शादी करवा दी। घरवालों के साथ मैं भी खुश थी। लेकिन सिर्फ 2 महीने बाद ही यह खुशी प्रताड़ना में बदल गई। घर से 4 लाख रुपए और जमीन लिखवाने को कहा
अंजू ने बताया- संजय मंदिर में तिलक लगाने का काम करते हैं। मैं उसी से खुश थी। जिंदगी 2 महीने अच्छे से चली। इसके बाद मेरी ननद सुंदरी पांडेय और सास ने मुझे प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। मैंने अपने पति संजय से कहा तो उसने भी अपनी बहन का साथ दिया। कहा- तुम दहेज में कुछ नहीं लाई हो। घरवालों को फोन करो कि 4 लाख रुपए लेकर आएं। साथ ही मेरे नाम एक बिस्वा जमीन लिखें। ऐसा नहीं हुआ तो मारपीट झेलनी पड़ेगी। जिंदगी बन गई नरक
अंजू ने रोते हुए कहा- उस दिन हिम्मत करके न भागी होती, तो वो लोग मुझे तेजाब से जला देते और मार देते। मुझे कपड़े नहीं पहनने दिए जाते थे। दिन भर घर में आधे-अधूरे कपड़ों में कमरे में पड़ी रहती थी। किसी से मोबाइल पर बात नहीं कर सकती थी। छोटी ननद हर समय मुझ पर नजर रखती थी कि मैं क्या कर रही हूं। जब मन होता, सुंदरी मेरे कपड़े उतार कर बेल्ट और चप्पल से पीटने लगती थी। मेरे शरीर से खून बहता तो सब हंसते थे। बच्चे होने के बाद भी नहीं रुका अत्याचार
अंजू ने बताया- मेरे 2 बेटे और एक बेटी हुई। बेटा सम्राट पांडेय 5 साल का है। उसके बाद एक लड़की हुई थी जो तीन साल की होकर मर गई, क्योंकि उसे सही इलाज नहीं मिला। उसके बाद एक और बेटा युवराज पांडेय है। दोनों बच्चों को सुंदरी खुद को मां कहलाती है। दोनों बच्चों को बचपन से मुझसे नफरत करना सिखाया गया। अब बच्चे मुझे गाली देते हैं। सुंदरी बच्चों को मेरे पास नहीं रहने देती। जब तक मैं गर्भवती रहती थी, तो मुझे नहीं पीटते थे। लेकिन उसके बाद फिर प्रताड़ित करने लगते थे। मुझे जलाया, अपना मल-मूत्र पिलाया
अंजू अभी भी सिहर उठ रही है। अंजू ने बताया- सुंदरी, सास और संजय मुझ पर बहुत जुल्म करते थे। जब मन होता सुंदरी मुझसे पानी भरवाती थी, जबकि घर में पानी भरा होता था। मुझे बिना पूरे कपड़ों के हैंडपंप से पानी भर कर लाना पड़ता था। एक दिन किसी बात पर नाराज होने पर सुंदरी ने मुझे बहुत मारा और अपना मल-मूत्र भी पिलाया। मेरे सीने पर खौलता तेल फेंक दिया। मेरे ससुर ने मुझे बचाने का प्रयास किया तो इन लोगों ने उन्हें भी मारा। कड़ी से कड़ी सजा मिले
अंजू को अब कुछ नहीं चाहिए। हमसे बार-बार यही पूछा कि भैया उन्हें सजा कब मिलेगी। उन्हें सजा मिलेगी न। हमने उन्हें कहा कि पुलिस अपना काम कर रही है। दोषियों को सजा जरूर मिलेगी। मां बोली- बेटी को जान से मारने की धमकी देते थे
अंजू की मां हेमा पांडेय से जब हमने पूछा कि बेटी इतनी तकलीफ में थी, क्या आपको नहीं पता था? उन्होंने कहा- बेटी की तकलीफ के बारे में पड़ोसियों से पता चला था। लेकिन कोई उसके घर जाता, तो उसे अंदर नहीं जाने दिया जाता था। बेटी भी डरती थी, क्योंकि दामाद ने कहा था कि अगर अपने भाई या मां को कुछ बताया तो तुम्हारे भाई की हत्या कर देंगे। इसलिए मेरी बेटी चुप रही। 1 अगस्त को वह छत से कूदकर भागी। अंजू के घर आने के बाद परिजन उसे लेकर पुलिस कमिश्नर के पास पहुंचे। वहां कमिश्नर ने अंजू और उसके परिजनों से पूरी घटना जानी। फिर जैतपुरा थाने को जांच के बाद कार्रवाई करने का निर्देश दिया। दहेज प्रताड़ना और मारपीट की धाराओं में दर्ज हुआ मुकदमा
अंजू पांडेय की शिकायत पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया। थानाध्यक्ष जैतपुरा बृजेश कुमार मिश्रा ने बताया- चौकी इंचार्ज चौकाघाट ने महिला का बयान लिया। इसके आधार पर थाने पर दहेज प्रताड़ना और मारपीट की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है। पुलिस जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लेगी। ये खबर भी पढ़ें अयोध्या गैंगरेप पीड़ित लखनऊ रेफर; सपा सांसद अवधेश बोले-दोषी को फांसी की सजा हो अयोध्या गैंगरेप पीड़िता को लखनऊ रेफर कर दिया है। अब उसका इलाज KGMU में होगा। उसे एम्बुलेंस से लखनऊ भेज दिया गया है। अभी तक उसका अयोध्या के महिला अस्पताल में इलाज चल रहा था। पढ़ें पूरी खबर ‘लव मैरिज के बाद मेरी लाइफ इतनी नरक हो जाएगी, सोचा नहीं था। शादी के कुछ समय तक सब कुछ ठीक था। इसके बाद मेरे पति और उसकी बहन ने मिलकर मुझे प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। प्रताड़ना की इंतेहा ये थी कि मुझे ढंग से कपड़े भी नहीं पहनने दिए जाते थे। बासी खाना भी नहीं नसीब था। अगर जमीन पर गिरा खाना भी खाती दिख जाती, तो ननद सुंदरी उसे पैर से मसल देती थी। मेरे दो बेटे हुए। सोचा था, बच्चे होने के बाद पति मेरा साथ देगा, लेकिन वह और ज्यादा क्रूर हो गया। कई साल हो गए, मुझे नहीं पता चाय कैसी होती है? किचन में जब बर्तन धुलने बैठती, तो चाय की पत्ती को मुट्ठी में भरकर उसे निचोड़कर चाय की कुछ बूंदें पी लेती थी। मेरी ननद ने मेरे शरीर के हर हिस्से में जख्म दिए हैं।’ यह कहकर वाराणसी की अंजू पांडेय की आंखों से आंसू छलक उठे और वह दर्द से कराह उठी। उसे दो दिन पहले वाराणसी-प्रयागराज मार्ग से उसके घरवाले ढूंढ कर घर लाए हैं। बेटी की स्थिति देखकर मां की तबीयत भी खराब हो गई है। वाराणसी के ढेलवारिया की रहने वाली अंजू की शादी साल 2018 में नई बस्ती लहरतारा में रहने वाले संजय पांडेय से हुई थी। शादी के 2 साल बाद से अंजू को दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाने लगा। धीरे-धीरे यह प्रताड़ना बढ़ने लगी। 1 अगस्त, 2024 को वह पति और ननद की प्रताड़ना को सहन नहीं कर पाई और छत से कूदकर भाग गई। मोहनसराय पहुंचकर अपने भाई को दूसरे के नंबर से फोन करके बुलाया। लेकिन भाई उसकी हालत देखकर पहचान नहीं पाया। काफी मशक्कत के बाद घरवाले उसे घर लाए और डॉक्टर को दिखाया। जांच में पता चला कि बेटी के शरीर पर 40 से अधिक जख्म हैं, जिनमें से कई अभी भी ताजे हैं। इसके बाद घरवालों ने पुलिस कमिश्नर से मिलकर शिकायत की। कमिश्नर ने जैतपुरा थाना पुलिस को मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया है। दैनिक भास्कर ने अंजू के घर पहुंचकर उसकी आपबीती जानी। अंजू पर हुए हर जुल्म की दास्तां, उसी की जुबानी… प्यार को घरवालों ने दी सहमति, मंदिर में हुई थी शादी
अंजू को अब मोहल्ले वाले भी नहीं पहचान पा रहे हैं। घर के एक कमरे में बैठी अंजू की पुरानी फोटो देखी, तो हम भी आश्चर्य में पड़ गए कि ये वही अंजू है। अंजू से हमने जब पूछा तो वह फूट-फूट कर रोने लगी। उसने बताया- मेरी मां की रिश्तेदारी में संजय था। मुझे उससे प्यार हो गया और हम दोनों ने साथ जीने-मरने की कसमें खाईं। घरवालों ने भी हमारी बात मानी और 25 मई, 2018 को हम दोनों की एक मंदिर में शादी करवा दी। घरवालों के साथ मैं भी खुश थी। लेकिन सिर्फ 2 महीने बाद ही यह खुशी प्रताड़ना में बदल गई। घर से 4 लाख रुपए और जमीन लिखवाने को कहा
अंजू ने बताया- संजय मंदिर में तिलक लगाने का काम करते हैं। मैं उसी से खुश थी। जिंदगी 2 महीने अच्छे से चली। इसके बाद मेरी ननद सुंदरी पांडेय और सास ने मुझे प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। मैंने अपने पति संजय से कहा तो उसने भी अपनी बहन का साथ दिया। कहा- तुम दहेज में कुछ नहीं लाई हो। घरवालों को फोन करो कि 4 लाख रुपए लेकर आएं। साथ ही मेरे नाम एक बिस्वा जमीन लिखें। ऐसा नहीं हुआ तो मारपीट झेलनी पड़ेगी। जिंदगी बन गई नरक
अंजू ने रोते हुए कहा- उस दिन हिम्मत करके न भागी होती, तो वो लोग मुझे तेजाब से जला देते और मार देते। मुझे कपड़े नहीं पहनने दिए जाते थे। दिन भर घर में आधे-अधूरे कपड़ों में कमरे में पड़ी रहती थी। किसी से मोबाइल पर बात नहीं कर सकती थी। छोटी ननद हर समय मुझ पर नजर रखती थी कि मैं क्या कर रही हूं। जब मन होता, सुंदरी मेरे कपड़े उतार कर बेल्ट और चप्पल से पीटने लगती थी। मेरे शरीर से खून बहता तो सब हंसते थे। बच्चे होने के बाद भी नहीं रुका अत्याचार
अंजू ने बताया- मेरे 2 बेटे और एक बेटी हुई। बेटा सम्राट पांडेय 5 साल का है। उसके बाद एक लड़की हुई थी जो तीन साल की होकर मर गई, क्योंकि उसे सही इलाज नहीं मिला। उसके बाद एक और बेटा युवराज पांडेय है। दोनों बच्चों को सुंदरी खुद को मां कहलाती है। दोनों बच्चों को बचपन से मुझसे नफरत करना सिखाया गया। अब बच्चे मुझे गाली देते हैं। सुंदरी बच्चों को मेरे पास नहीं रहने देती। जब तक मैं गर्भवती रहती थी, तो मुझे नहीं पीटते थे। लेकिन उसके बाद फिर प्रताड़ित करने लगते थे। मुझे जलाया, अपना मल-मूत्र पिलाया
अंजू अभी भी सिहर उठ रही है। अंजू ने बताया- सुंदरी, सास और संजय मुझ पर बहुत जुल्म करते थे। जब मन होता सुंदरी मुझसे पानी भरवाती थी, जबकि घर में पानी भरा होता था। मुझे बिना पूरे कपड़ों के हैंडपंप से पानी भर कर लाना पड़ता था। एक दिन किसी बात पर नाराज होने पर सुंदरी ने मुझे बहुत मारा और अपना मल-मूत्र भी पिलाया। मेरे सीने पर खौलता तेल फेंक दिया। मेरे ससुर ने मुझे बचाने का प्रयास किया तो इन लोगों ने उन्हें भी मारा। कड़ी से कड़ी सजा मिले
अंजू को अब कुछ नहीं चाहिए। हमसे बार-बार यही पूछा कि भैया उन्हें सजा कब मिलेगी। उन्हें सजा मिलेगी न। हमने उन्हें कहा कि पुलिस अपना काम कर रही है। दोषियों को सजा जरूर मिलेगी। मां बोली- बेटी को जान से मारने की धमकी देते थे
अंजू की मां हेमा पांडेय से जब हमने पूछा कि बेटी इतनी तकलीफ में थी, क्या आपको नहीं पता था? उन्होंने कहा- बेटी की तकलीफ के बारे में पड़ोसियों से पता चला था। लेकिन कोई उसके घर जाता, तो उसे अंदर नहीं जाने दिया जाता था। बेटी भी डरती थी, क्योंकि दामाद ने कहा था कि अगर अपने भाई या मां को कुछ बताया तो तुम्हारे भाई की हत्या कर देंगे। इसलिए मेरी बेटी चुप रही। 1 अगस्त को वह छत से कूदकर भागी। अंजू के घर आने के बाद परिजन उसे लेकर पुलिस कमिश्नर के पास पहुंचे। वहां कमिश्नर ने अंजू और उसके परिजनों से पूरी घटना जानी। फिर जैतपुरा थाने को जांच के बाद कार्रवाई करने का निर्देश दिया। दहेज प्रताड़ना और मारपीट की धाराओं में दर्ज हुआ मुकदमा
अंजू पांडेय की शिकायत पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया। थानाध्यक्ष जैतपुरा बृजेश कुमार मिश्रा ने बताया- चौकी इंचार्ज चौकाघाट ने महिला का बयान लिया। इसके आधार पर थाने पर दहेज प्रताड़ना और मारपीट की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है। पुलिस जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लेगी। ये खबर भी पढ़ें अयोध्या गैंगरेप पीड़ित लखनऊ रेफर; सपा सांसद अवधेश बोले-दोषी को फांसी की सजा हो अयोध्या गैंगरेप पीड़िता को लखनऊ रेफर कर दिया है। अब उसका इलाज KGMU में होगा। उसे एम्बुलेंस से लखनऊ भेज दिया गया है। अभी तक उसका अयोध्या के महिला अस्पताल में इलाज चल रहा था। पढ़ें पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर