<p style=”text-align: justify;”><strong>UP Politics:</strong> उत्तर प्रदेश की सियासत में धाक जमाने के बाद यूपी के दो बड़े नेता अब बिहार की सियासत में एंट्री की तैयारी कर रहे हैं. इनमें एक आजाद समाज पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद है और दूसरा नाम सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर का है. दोनों नेताओं ने बिहार में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लड़ने का ऐलान किया है. ऐसे में बिहार में पिछड़ों और दलितों की नई सियासत देखने को मिल सकती है. दोनों नेता बिहार में नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव के बीच होने वाली सियासत में अपनी जगह बनाने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>रविवार को चंद्रशेखर आजाद ने पटना में एक रैली को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. माना जा रहा है कि महागठबंधन के साथ मिलकर चुनाव लड़ सकते हैं. महागठबंधन की ओर से उन्हें चिराग पासवान के सामने दलित नेता के तौर पर खड़ा किया जा सकता है और उनकी पार्टी एलजेपी का तोड़ बनकर उभर सकती है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बिहार में जमीन तलाशने में जुटे चंद्रशेखर</strong><br />सियासी जानकारों का कहना है कि भले ही आजाद समाज पार्टी का बिहार में कोई प्रभाव नहीं है लेकिन वो दलितों के बड़े नेता बन सकते हैं. बिहार में दलित तीसरी सबसे बड़ी आबादी है, लेकिन राजनीति में अभी उनकी उतनी भागेदारी नहीं है. बिहार की सीमा भी यूपी से लगती है ऐसे में चंद्रशेखर का असर यूपी से सटे इलाके में दिखाई दे सकता है. बिहार में चिराग पासवान के अलावा कोई और बड़ा दलित चेहरा भी नहीं है ऐसे मे विपक्ष उन्हें मजबूत कर </p>
<p style=”text-align: justify;”>बिहार में दलित राजनीति अभी एनडीए के साथ दिखाई देती है. यादवों के बाद बिहार में सबसे ज्यादा 5.5% फ़ीसद पासवान वोटर हैं. जिन पर चिराग की पकड़ है. इसके बाद 5.25% में अन्य दलित है जिनका एकछत्र कोई नेता नहीं है. इस जगह को चंद्रशेखर आज़ाद भर सकते हैं, यूपी की लोकप्रियता का फायदा भी उन्हें यहां मिल सकता है. उनकी पार्टी का प्रभाव यूपी में देखने को मिल रहा है. वो युवा है और युवाओं में उनका क्रेज़ भी देखा जा रहा है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ओम प्रकाश राजभर ने भी किया ऐलान</strong><br />चंद्रशेखर आजाद ही नहीं यूपी के एक और नेता ओम प्रकाश राजभर की नजर भी बिहार पर टिकी हुई है. सुभासपा प्रमुख ने भी बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. उन्होंने 156 सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा किया है. उन्होंने कहा कि वो यूपी से बाहर भी अपनी पार्टी को विस्तार देना चाहते हैं. उनकी नजर भी दलित और पिछड़े समाज के वोट बैंक पर टिकी हुई है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>दिलचस्प बात ये है कि यूपी में ओम प्रकाश राजभर एनडीए का हिस्सा हैं लेकिन बिहार में जेडीयू उनके लिए परेशानी खड़ी कर सकती है. उनका कहना है कि बिहार में राजभर जाति के मतदाता सौ से ज्यादा सीटों पर असर रखते हैं अगर एनडीए में उन्हें सम्मानजनक सीटें नहीं मिली तो वो अकेले चुनाव मैदान में उतर सकते हैं. अगर ऐसा होता है तो एनडीए के लिए ये अच्छी ख़बर नहीं होगी. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/cm-yogi-adityanath-plan-to-block-every-district-in-case-of-any-criminal-incidents-ann-2839608″>सीएम योगी ने बनाई हर जिले में नाकेबंदी की योजना, अब नही भाग पाएंगे अपराधी, फौरन सील होगी सीमा</a></strong><br /><br /></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>UP Politics:</strong> उत्तर प्रदेश की सियासत में धाक जमाने के बाद यूपी के दो बड़े नेता अब बिहार की सियासत में एंट्री की तैयारी कर रहे हैं. इनमें एक आजाद समाज पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद है और दूसरा नाम सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर का है. दोनों नेताओं ने बिहार में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लड़ने का ऐलान किया है. ऐसे में बिहार में पिछड़ों और दलितों की नई सियासत देखने को मिल सकती है. दोनों नेता बिहार में नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव के बीच होने वाली सियासत में अपनी जगह बनाने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>रविवार को चंद्रशेखर आजाद ने पटना में एक रैली को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. माना जा रहा है कि महागठबंधन के साथ मिलकर चुनाव लड़ सकते हैं. महागठबंधन की ओर से उन्हें चिराग पासवान के सामने दलित नेता के तौर पर खड़ा किया जा सकता है और उनकी पार्टी एलजेपी का तोड़ बनकर उभर सकती है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बिहार में जमीन तलाशने में जुटे चंद्रशेखर</strong><br />सियासी जानकारों का कहना है कि भले ही आजाद समाज पार्टी का बिहार में कोई प्रभाव नहीं है लेकिन वो दलितों के बड़े नेता बन सकते हैं. बिहार में दलित तीसरी सबसे बड़ी आबादी है, लेकिन राजनीति में अभी उनकी उतनी भागेदारी नहीं है. बिहार की सीमा भी यूपी से लगती है ऐसे में चंद्रशेखर का असर यूपी से सटे इलाके में दिखाई दे सकता है. बिहार में चिराग पासवान के अलावा कोई और बड़ा दलित चेहरा भी नहीं है ऐसे मे विपक्ष उन्हें मजबूत कर </p>
<p style=”text-align: justify;”>बिहार में दलित राजनीति अभी एनडीए के साथ दिखाई देती है. यादवों के बाद बिहार में सबसे ज्यादा 5.5% फ़ीसद पासवान वोटर हैं. जिन पर चिराग की पकड़ है. इसके बाद 5.25% में अन्य दलित है जिनका एकछत्र कोई नेता नहीं है. इस जगह को चंद्रशेखर आज़ाद भर सकते हैं, यूपी की लोकप्रियता का फायदा भी उन्हें यहां मिल सकता है. उनकी पार्टी का प्रभाव यूपी में देखने को मिल रहा है. वो युवा है और युवाओं में उनका क्रेज़ भी देखा जा रहा है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ओम प्रकाश राजभर ने भी किया ऐलान</strong><br />चंद्रशेखर आजाद ही नहीं यूपी के एक और नेता ओम प्रकाश राजभर की नजर भी बिहार पर टिकी हुई है. सुभासपा प्रमुख ने भी बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. उन्होंने 156 सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा किया है. उन्होंने कहा कि वो यूपी से बाहर भी अपनी पार्टी को विस्तार देना चाहते हैं. उनकी नजर भी दलित और पिछड़े समाज के वोट बैंक पर टिकी हुई है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>दिलचस्प बात ये है कि यूपी में ओम प्रकाश राजभर एनडीए का हिस्सा हैं लेकिन बिहार में जेडीयू उनके लिए परेशानी खड़ी कर सकती है. उनका कहना है कि बिहार में राजभर जाति के मतदाता सौ से ज्यादा सीटों पर असर रखते हैं अगर एनडीए में उन्हें सम्मानजनक सीटें नहीं मिली तो वो अकेले चुनाव मैदान में उतर सकते हैं. अगर ऐसा होता है तो एनडीए के लिए ये अच्छी ख़बर नहीं होगी. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/cm-yogi-adityanath-plan-to-block-every-district-in-case-of-any-criminal-incidents-ann-2839608″>सीएम योगी ने बनाई हर जिले में नाकेबंदी की योजना, अब नही भाग पाएंगे अपराधी, फौरन सील होगी सीमा</a></strong><br /><br /></p> उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड Delhi Election 2025: अरविंद केजरीवाल ने ऑटो चालको को चाय पर बुला जाना उनका हाल, कहा- ‘आप से…’