लुधियाना कांग्रेस उम्मीदवार आशू को विजिलेंस ने भेजा समन:स्कूल की जमीन में 2400 करोड़ घोटाले का आरोप, आज पेश होने के निर्देश

लुधियाना कांग्रेस उम्मीदवार आशू को विजिलेंस ने भेजा समन:स्कूल की जमीन में 2400 करोड़ घोटाले का आरोप, आज पेश होने के निर्देश

पंजाब के लुधियाना में 19 जून को उपचुनाव होना है। इससे पहले कांग्रेस के उम्मीदवार और पूर्व कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशू को आज विजिलेंस ब्यूरों ने तलब किया है। दरअसल, लुधियाना इकाई ने सराभा नगर में स्कूल की जमीन के दुरुपयोग से जुड़े 2 हजार 400 करोड़ रुपए के घोटाले के सिलसिले में आशू को तलब किया है। 4 जून को DSP विनोद कुमार द्वारा जारी समन में आशू को आज शुक्रवार (6 जून) को सुबह 10 बजे पूछताछ के लिए पेश होने का निर्देश दिया गया है। 8 जनवरी 2025 का है मामला यह मामला 8 जनवरी, 2025 का है, जब भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 420 (धोखाधड़ी), 120-बी (आपराधिक साजिश), 467, 468, 471 (जालसाजी) और 409 (आपराधिक विश्वासघात) के तहत पुलिस स्टेशन डिवीजन नंबर 5 में FIR दर्ज की गई थी। यह मामला लुधियाना इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट (LIT) द्वारा दशकों पहले सराभा नगर में नए सीनियर सेकेंडरी स्कूल को चलाने के लिए आवंटित 4.7 एकड़ जमीन के इर्द-गिर्द घूमता है। यह भूमि केवल शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए रियायती दर पर दी गई थी। हालांकि, जांच में पता चला कि इस भूमि के कुछ हिस्सों का अवैध रूप से व्यवसायिक गतिविधियों के लिए उपयोग किया जा रहा है। इस परिसर में कई निजी प्लेवे स्कूल और व्यवसाय संचालित हो रहे हैं, स्कूल प्रबंधन कथित तौर पर भारी किराया वसूल रहा है, जो एक गंभीर उल्लंघन है जिसमें वित्तीय अनियमितताओं में 2,400 करोड़ का अनुमान है। लुधियाना इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट (LIT) के अध्यक्ष द्वारा दर्ज की गई शिकायत के बाद पुलिस ने इस साल 8 जनवरी को स्कूल के खिलाफ पहले ही एफआईआर दर्ज कर ली थी। उनकी शिकायत के बाद, जांच के दौरान कथित वित्तीय अनियमितताओं के सामने आने के बाद मामला सतर्कता ब्यूरो को सौंप दिया गया था। आशु पर पहले भी लग चुके आरोप राज्य में पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों के मंत्री रहे आशू 2022 के 2 हजार करोड़ के खाद्यान्न परिवहन निविदा घोटाले में उलझे हुए थे। उन पर फर्जी वाहन पंजीकरण प्रस्तुत करने वाले धोखेबाज ठेकेदारों को ठेके देने, परिवहन संख्या में वृद्धि करने और सार्वजनिक धन का दुरुपयोग करने के आरोप लगे थे। उन्हें अगस्त 2022 में गिरफ्तार किया गया था। दिसंबर 2024 में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने आशु के खिलाफ दर्ज दोनों आपराधिक मामलों को खारिज कर दिया। एक एफआईआर 16 अगस्त 2022 को लुधियाना में विजिलेंस ब्यूरो द्वारा दर्ज की गई थी, जबकि दूसरी एफआईआर 22 सितंबर 2022 को जालंधर में विजिलेंस ब्यूरो द्वारा दर्ज की गई थी। पंजाब के लुधियाना में 19 जून को उपचुनाव होना है। इससे पहले कांग्रेस के उम्मीदवार और पूर्व कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशू को आज विजिलेंस ब्यूरों ने तलब किया है। दरअसल, लुधियाना इकाई ने सराभा नगर में स्कूल की जमीन के दुरुपयोग से जुड़े 2 हजार 400 करोड़ रुपए के घोटाले के सिलसिले में आशू को तलब किया है। 4 जून को DSP विनोद कुमार द्वारा जारी समन में आशू को आज शुक्रवार (6 जून) को सुबह 10 बजे पूछताछ के लिए पेश होने का निर्देश दिया गया है। 8 जनवरी 2025 का है मामला यह मामला 8 जनवरी, 2025 का है, जब भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 420 (धोखाधड़ी), 120-बी (आपराधिक साजिश), 467, 468, 471 (जालसाजी) और 409 (आपराधिक विश्वासघात) के तहत पुलिस स्टेशन डिवीजन नंबर 5 में FIR दर्ज की गई थी। यह मामला लुधियाना इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट (LIT) द्वारा दशकों पहले सराभा नगर में नए सीनियर सेकेंडरी स्कूल को चलाने के लिए आवंटित 4.7 एकड़ जमीन के इर्द-गिर्द घूमता है। यह भूमि केवल शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए रियायती दर पर दी गई थी। हालांकि, जांच में पता चला कि इस भूमि के कुछ हिस्सों का अवैध रूप से व्यवसायिक गतिविधियों के लिए उपयोग किया जा रहा है। इस परिसर में कई निजी प्लेवे स्कूल और व्यवसाय संचालित हो रहे हैं, स्कूल प्रबंधन कथित तौर पर भारी किराया वसूल रहा है, जो एक गंभीर उल्लंघन है जिसमें वित्तीय अनियमितताओं में 2,400 करोड़ का अनुमान है। लुधियाना इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट (LIT) के अध्यक्ष द्वारा दर्ज की गई शिकायत के बाद पुलिस ने इस साल 8 जनवरी को स्कूल के खिलाफ पहले ही एफआईआर दर्ज कर ली थी। उनकी शिकायत के बाद, जांच के दौरान कथित वित्तीय अनियमितताओं के सामने आने के बाद मामला सतर्कता ब्यूरो को सौंप दिया गया था। आशु पर पहले भी लग चुके आरोप राज्य में पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों के मंत्री रहे आशू 2022 के 2 हजार करोड़ के खाद्यान्न परिवहन निविदा घोटाले में उलझे हुए थे। उन पर फर्जी वाहन पंजीकरण प्रस्तुत करने वाले धोखेबाज ठेकेदारों को ठेके देने, परिवहन संख्या में वृद्धि करने और सार्वजनिक धन का दुरुपयोग करने के आरोप लगे थे। उन्हें अगस्त 2022 में गिरफ्तार किया गया था। दिसंबर 2024 में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने आशु के खिलाफ दर्ज दोनों आपराधिक मामलों को खारिज कर दिया। एक एफआईआर 16 अगस्त 2022 को लुधियाना में विजिलेंस ब्यूरो द्वारा दर्ज की गई थी, जबकि दूसरी एफआईआर 22 सितंबर 2022 को जालंधर में विजिलेंस ब्यूरो द्वारा दर्ज की गई थी।   पंजाब | दैनिक भास्कर