लुधियाना का सिविल अस्पताल जंग का अखाड़ा बन गया है। अस्पताल परिसर में ही दो गुट आपस में भिड़ गए। झड़प के बाद अस्पताल में आए मरीजों व तीमारदारों में डर का माहौल पैदा होता है। वहीं सिविल अस्पताल में सुरक्षा पर तैनात सिक्योरिटी गार्ड में पुलिसकर्मी भी इन सभी झगड़े के मुख्य दर्शक बने रहते हैं। इमरजेंसी वार्ड की सुरक्षा राम भरोसे हैं। इमरजेंसी के बाहर उछाली पगड़ियां दो दिन पहले रात करीब 1 बजे मेडिकल करवाने आए दो पक्ष आपस में इमरजेंसी में भिड़ गए। जिसका एक वीडियो आज सामने आया है। जहां दोनों पक्षों ने अस्पताल की इमरजेंसी में एक दूसरे की पगड़ियां तक उछाली। वहीं महिलाओं को भी अस्पताल के प्रांगण में गिराकर पीटा। इस सारी घटना के दौरान इमरजेंसी में तैनात पुलिस कर्मी मुख्य दर्शक बना रहा। जिसके बाद थाना डिवीजन 2 की पुलिस ने अस्पताल पहुंच दोनों पक्षों को अलग अलग करवाया। जिसके बाद दोनों पक्षों ने अपना अपना मेडिकल करवा मामले की शिकायत पुलिस को दी। जानकारी के मुताबिक, बाबा थान सिंह चौक इलाके में रहने वाले एक युवक का अपनी पत्नी के साथ विवाद हो गया था। जिसके बाद वह और उसके ससुराल पक्ष सिविल अस्पताल में मेडिकल करवाने पुहंचे। जहां दोनों पक्षों ने विवाद के बाद जमकर एक दूसरे की धुनाई की। बता दें इमरजेंसी से पुलिस चौकी 20 कदमों की दूरी पर है, लेकिन रात 10 बजे के बाद पुलिस चौकी पर भी ताला लटक जाता है। सिर्फ 1 पुलिस कर्मचारी सिविल अस्पताल की इमरजेंसी की सुरक्षा में तैनात रहता है। लुधियाना का सिविल अस्पताल जंग का अखाड़ा बन गया है। अस्पताल परिसर में ही दो गुट आपस में भिड़ गए। झड़प के बाद अस्पताल में आए मरीजों व तीमारदारों में डर का माहौल पैदा होता है। वहीं सिविल अस्पताल में सुरक्षा पर तैनात सिक्योरिटी गार्ड में पुलिसकर्मी भी इन सभी झगड़े के मुख्य दर्शक बने रहते हैं। इमरजेंसी वार्ड की सुरक्षा राम भरोसे हैं। इमरजेंसी के बाहर उछाली पगड़ियां दो दिन पहले रात करीब 1 बजे मेडिकल करवाने आए दो पक्ष आपस में इमरजेंसी में भिड़ गए। जिसका एक वीडियो आज सामने आया है। जहां दोनों पक्षों ने अस्पताल की इमरजेंसी में एक दूसरे की पगड़ियां तक उछाली। वहीं महिलाओं को भी अस्पताल के प्रांगण में गिराकर पीटा। इस सारी घटना के दौरान इमरजेंसी में तैनात पुलिस कर्मी मुख्य दर्शक बना रहा। जिसके बाद थाना डिवीजन 2 की पुलिस ने अस्पताल पहुंच दोनों पक्षों को अलग अलग करवाया। जिसके बाद दोनों पक्षों ने अपना अपना मेडिकल करवा मामले की शिकायत पुलिस को दी। जानकारी के मुताबिक, बाबा थान सिंह चौक इलाके में रहने वाले एक युवक का अपनी पत्नी के साथ विवाद हो गया था। जिसके बाद वह और उसके ससुराल पक्ष सिविल अस्पताल में मेडिकल करवाने पुहंचे। जहां दोनों पक्षों ने विवाद के बाद जमकर एक दूसरे की धुनाई की। बता दें इमरजेंसी से पुलिस चौकी 20 कदमों की दूरी पर है, लेकिन रात 10 बजे के बाद पुलिस चौकी पर भी ताला लटक जाता है। सिर्फ 1 पुलिस कर्मचारी सिविल अस्पताल की इमरजेंसी की सुरक्षा में तैनात रहता है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब के सांसद ने की केंद्रीय कृषि मंत्री से मुलाकात:संत सीचेवाल ने सौंपे किसानों के मांगपत्र, बोले- सड़कों पर न रोके जाएं किसान-मजदूर राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने पंजाब के विभिन्न किसान संगठनों द्वारा दिए गए मांग पत्रों को केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को सौंप दिए हैं। उन्होंने संसद में चल रहे मानसून सत्र के दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान संत सीचेवाल ने किसानों की मांगें मानने की अपील की है। संत सीचेवाल ने कहा कि किसान और मजदूर संगठन अपनी मांगों को लेकर लगातार संघर्ष कर रहे हैं। विभिन्न किसान संगठनों द्वारा दिए गए मांग पत्र में उनकी मांगें जायज हैं और पंजाब तथा देश के हित में हैं। उन्होंने अपने पत्र में कहा कि डेढ़ साल तक चले किसान आंदोलन के दौरान भी केंद्र सरकार ने किसानों की जो मांगें मानी थीं, उन्हें अभी तक लागू नहीं किया गया है। जिसके चलते किसान और मजदूर फिर से संघर्ष की राह पर हैं। खेतों में काम करने का माहौल बनाया जाए उन्होंने कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से अपील की कि किसानों और मजदूरों को सड़कों पर रोका न जाए, बल्कि उनके लिए खेतों में ही काम करने का माहौल बनाया जाए, ताकि वह खाद्यान्न उत्पादन पर ध्यान केंद्रित कर सकें। किसानों और खेतों में काम करने वाले मजदूरों के आपसी रिश्ते इस देश की प्रगति में बहुत बड़ा योगदान देते हैं। क्योंकि भारत एक कृषि प्रधान देश है। इसकी जनसंख्या का बड़ा भाग कृषि पर निर्भर है। उन्होंने कहा कि पंजाब और देश के किसान और मजदूर बहुत मेहनती हैं। वह अपने खेतों में कड़ी मेहनत कर रहे हैं लेकिन फिर भी उनके श्रम का वाजिब मूल्य नहीं मिल रहा है। क्योंकि उन्हें फसलों का लाभकारी मूल्य नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कृषि मंत्री ने आश्वासन दिया है कि केंद्र सरकार किसानों की मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेगी और इन मांगों के समाधान की दिशा में आगे बढ़ेगी। मांग पत्र सौंपने वाले संगठनों में किसान यूनियन पंजाब, संयुक्त किसान मोर्चा सुल्तानपुर लोधी कपूरथला और अन्य संगठन शामिल थे।
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चंडीगढ़ PGI में टेलीमेडिसिन से घर बैठे इलाज:हरियाणा के 7663 रोगियों ने उठाया फायदा, सबसे ज्यादा कॉल महिलाओं की
चंडीगढ़ PGI में टेलीमेडिसिन से घर बैठे इलाज:हरियाणा के 7663 रोगियों ने उठाया फायदा, सबसे ज्यादा कॉल महिलाओं की चंडीगढ़ के पीजीआई का टेलीमेडिसिन विभाग दूर बैठे मरीजों के लिए राहत का जरिया बनता जा रहा है। ओपीडी में रोजाना करीब 8 से 10 हजार मरीज आते हैं, जिनमें दूर दराज राज्यों के मरीज भी होते हैं टेलीमेडिसन विभाग अकेले हरियाणा से सिर्फ मई महीने में 7663 मरीजों को इलाज दे चुका है। अप्रैल में यह आंकड़ा 7100 था। आंकड़ों के अनुसार हर महीने टेलीमेडिसिन विभाग 7 हजार से ऊपर मरीजों का इलाज कर रहा है, जिन्हें अब पीजीआई आने की जरूरत नहीं पड़ रही। गायनी विभाग से जुड़ी बीमारियों का इलाज गायनी विभाग से जुड़ी बीमारियों का इलाज भी महिलाओं को मिल रहा है। अकेले मई महीने में गायनी विभाग ने 1675 महिलाओं को इलाज दिया है। विभाग के हेड प्रो. बिमान सैकिया कहते हैं कि टेलीमेडिसन मेडिकल क्षेत्र में बड़ा बदलाव ला रहा है। अब मरीजों को घरों के आसपास ही पीजीआई के डॉक्टरों से इलाज मिल रहा है। मरीजों को यहां आने की जरूरत नहीं पड़ रही है। ऐसे में डॉक्टरों और मरीजों दोनों का वक्त बच रहा है हर राज्य पर फोकस टेलीमेडिसिन से जिन मरीज को आराम नहीं मिलता है और डॉक्टर को लगता है कि फिजिकल चेकअप की जरूरत है तब ही पीजीआई बुलाया जाता है, दूसरे मरीजों को नहीं। इससे न सिर्फ मरीजों का वक्त बच रहा है बल्कि आर्थिक बोझ भी कम होता है। चार साल से पीजीआई सिर्फ हरियाणा राज्य पर फोकस कर रहा है। पंजाब, हिमाचल और हरियाणा ऐसे तीन राज्य हैं, जहां से पीजीआई में मरीजों का काफी लोड रहता है। ऐसे में मामूली ही सही, लेकिन बढ़ता दबाव कम हो रहा है। टेलीमेडिसिन विभाग सुविधाएं बढ़ाना चाहता है, ताकि दूसरे राज्यों पर भी फोकस किया जा सके। ऐसा होता है तो पीजीआई में बढ़ती मरीजों को संख्या से कुछ राहत मिल सके। इंटरनल मेडिसिन में सबसे ज्यादा मरीज इंटरनल मेडिसिन विभाग में सबसे ज्यादा मरीज देखे जाते हैं। पिछले महीने 2719 मरीजों ने इंटरनल मेडिसिन में इलाज करवाया। इसके बाद स्किन विभाग ने 1802 मरीजों का इलाज किया। नेत्र विभाग से 1026 और पीडियाट्रिक्स विभाग में 441 बच्चों का इलाज टेली कंसल्टेशन से हुआ।