लुधियाना के टिब्बा रोड पर बने कुडे के डंप में वीरवार बाद दोपहर नगर निगम के कर्मियों ने कूडे़ के बीचो बीच एक मृतक गाय भी फेंक दी। लोगों ने जब कूडे़ के बीच मृतक गाय को देखा तो भारी हंगामा हो गया। देखते ही देखते लोगों की भीड़ मौके पर जमा हो गई और माहौल तनावपूर्ण हो गया। लोगों ने बीच सड़क पर ही धरना लगाकर नगर निगम के साथ-साथ विधायक के खिलाफ भी नारेबाजी शुरू कर दी। मामला बेहद गंभीर देख पुलिस भी मौके पे पहुंची लेकिन लोग शांत नहीं हुए। पूरे शहर का कूडा फेंका जाता है टिब्बा रोड पर लुधियाना के पूरे शहर का कूडा टिब्बा रोड पर बने डंपिंग ग्राउंड में फेंका जाता है। वीरवार की बाद दोपहर जब नगर निगम के कर्मी कूड़ा फेंक रहे थे तो कूडे़ के साथ ही उन्होंने एक मृतक गाय भी कूडे के बीच ही जमा कर दी। वहां से गूजर रहे राहगीर अजय ने कहा कि उसकी नजर जब कुडे़ के ढेर पर तो देखा की कूडे़ के बीच एक मृतक गाय मरी पड़ी थी। इसके बाद उसने नगर निगम कर्मियों को बोला लेकिन वह मौके से भाग गए। जिसके बाद लोग वहां जमा हो गए। लोग बोले नगर निगम कर्मियों पर हो कार्रवाई रोष परदर्शन कर रहे लोगों ने नगर निगम कर्मियों पर कारवार्ई की मांग की। अयान, राजू, गुरसेवक ने कहा कि नगर निगम वाले कुडे के डंप के बीच कूडा फेंकने की बजाए बीच सड़क पर ही फेंक रहे हैं। आलम यह है की यहां के आसपास कालोनी के रहने वाल लोग जहां बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। लुधियाना के टिब्बा रोड पर बने कुडे के डंप में वीरवार बाद दोपहर नगर निगम के कर्मियों ने कूडे़ के बीचो बीच एक मृतक गाय भी फेंक दी। लोगों ने जब कूडे़ के बीच मृतक गाय को देखा तो भारी हंगामा हो गया। देखते ही देखते लोगों की भीड़ मौके पर जमा हो गई और माहौल तनावपूर्ण हो गया। लोगों ने बीच सड़क पर ही धरना लगाकर नगर निगम के साथ-साथ विधायक के खिलाफ भी नारेबाजी शुरू कर दी। मामला बेहद गंभीर देख पुलिस भी मौके पे पहुंची लेकिन लोग शांत नहीं हुए। पूरे शहर का कूडा फेंका जाता है टिब्बा रोड पर लुधियाना के पूरे शहर का कूडा टिब्बा रोड पर बने डंपिंग ग्राउंड में फेंका जाता है। वीरवार की बाद दोपहर जब नगर निगम के कर्मी कूड़ा फेंक रहे थे तो कूडे़ के साथ ही उन्होंने एक मृतक गाय भी कूडे के बीच ही जमा कर दी। वहां से गूजर रहे राहगीर अजय ने कहा कि उसकी नजर जब कुडे़ के ढेर पर तो देखा की कूडे़ के बीच एक मृतक गाय मरी पड़ी थी। इसके बाद उसने नगर निगम कर्मियों को बोला लेकिन वह मौके से भाग गए। जिसके बाद लोग वहां जमा हो गए। लोग बोले नगर निगम कर्मियों पर हो कार्रवाई रोष परदर्शन कर रहे लोगों ने नगर निगम कर्मियों पर कारवार्ई की मांग की। अयान, राजू, गुरसेवक ने कहा कि नगर निगम वाले कुडे के डंप के बीच कूडा फेंकने की बजाए बीच सड़क पर ही फेंक रहे हैं। आलम यह है की यहां के आसपास कालोनी के रहने वाल लोग जहां बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
यहां जेई तो सीएम से ज्यादा पावर रखता है, निगम किसी की नहीं सुनता : कुंवर
यहां जेई तो सीएम से ज्यादा पावर रखता है, निगम किसी की नहीं सुनता : कुंवर अमृतसर के विधायक कुंवर विजयप्रताप सिंह दूसरे दिन चले सत्र में अफसरशाही की कारगुजारी को लेकर जमकर बरसे। कुंवर ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव में अमृतसर की प्रारंभिक नागरिक सेवाएं जैसे सीवरेज और वाटर सप्लाई के मुद्दे उठाए। उन्होंने कहा कि हालात खराब हैं। इस वजह से लोग परेशान हो रहे हैं, लेकिन इस दिशा में कुछ नहीं हुआ। बाद में स्थानीय निकाय विभाग मंत्री बलकार सिंह ने अपनी योजनाओं के बारे में बताया, लेकिन कुंवर ने कहा कि उन्होंने पहले भी यह जवाब दिया है। इसी मुद्दे पर लोकसभा चुनाव लड़ा गया। आज यह हालत हो गए हैं कि सिस्टम इस तरह का हो गया। अपने महकमे के मंत्री की बात अफसर नहीं सुनते हैं। जेई तो मुख्यमंत्री से ज्यादा पावर रखता है। कमिश्नर नगर निगम किसी की नहीं सुनता है, जिसके किचन में सीवरेज का पानी जा रहा है, वह क्या करे। यह तय किया जाए कि जब महकमे का मंत्री कुछ कहता है तो उसका पालन किया जाए। वहीं, अमृतसर के लिए एक एजेंसी स्थापित की जाए, जो लोगों से जुड़े कामों की देखरेख कर सके। पता ही नहीं चलता है कौन सा काम कौन सी एजेंसी देख रही है।
टीवी पर फिल्म, बैड पर रिवॉल्वर, साध्वियों की गुमनाम चिट्ठी:पत्र सामने आने के बाद डेरा मैनेजर रणजीत का मर्डर हुआ, जिसमें राम रहीम बरी
टीवी पर फिल्म, बैड पर रिवॉल्वर, साध्वियों की गुमनाम चिट्ठी:पत्र सामने आने के बाद डेरा मैनेजर रणजीत का मर्डर हुआ, जिसमें राम रहीम बरी हरियाणा के सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा के चीफ राम रहीम के साम्राज्य को एक गुमनाम चिट्ठी ने तबाह किया था। यह चिट्ठी डेरे में साध्वियों के यौन शोषणा से जुड़ी हुई थी। यह चिट्ठी 13 मई 2002 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को संबोधित कर लिखी गई थी। जिस समय यह गुमनाम चिट्ठी सामने आई थी, उस वक्त डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम इंसां की पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों में तगड़ी पैठ थी। यह वो समय था जब वोट बैंक के लिए उस समय के बड़े-बड़े राजनेता डेरा सच्चा सौदा में सिर झुकाने पहुंचते थे। इस चिट्ठी के सामने आने के बाद पहले डेरे के मैनेजर रणजीत सिंह का मर्डर हुआ। फिर पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या हुई। इसके बाद इसी मामले में राम रहीम को जेल जाना पड़ा। मंगलवार को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने डेरा मैनेजर रणजीत हत्याकांड में राम रहीम को बरी कर दिया। हालांकि पत्रकार छत्रपति और साध्वियों के यौन शोषण केस में वह अभी रोहतक की सुनारिया जेल में ही रहेगा। हालांकि इस फैसले के बाद गुमनाम चिट्ठी फिर सुर्खियों में आ गई है। दोनों ही कत्ल गुमनाम चिट्ठी के बाद हुए रणजीत सिंह: जिस वक्त यह गुमनाम चिट्ठी बाहर आई, उस समय रणजीत सिंह डेरे में मैनेजर था। रणजीत की बहन डेरे में साध्वी थी। CBI ने जांच में दावा किया था कि डेरे को शक था कि रणजीत ने ही अपनी बहन से यह चिट्ठी लिखवाई। जिसके बाद रणजीत की 10 जुलाई 2002 को हत्या कर दी गई। रामचंद्र छत्रपति : सिरसा के पत्रकार रामचंद्र छत्रपति के हाथ यह चिट्ठी लगी तो उन्होंने इसे अपने अखबार में छाप दिया। इसके बाद वह लगातार इसे छापते रहे। फिर 24 अक्टूबर 2002 को पत्रकार छत्रपति को गोलियां मार दी गई। 21 नवंबर को उनकी दिल्ली के प्राइवेट अस्पताल में मौत हो गई। अब पढ़ें वो चिट्ठी, जिसने डेरा प्रमुख के काले कारनामे उजागर किए… सेवा में, माननीय प्रधानमंत्री जी श्री अटल बिहारी वाजपेयी, भारत सरकार विषय : डेरे के महाराज द्वारा सैकड़ों लड़कियों से बलात्कार की जांच करें श्रीमान जी, निवेदन यह है कि मैं पंजाब की रहने वाली हूं और 5 साल से डेरा सच्चा सौदा सिरसा, हरियाणा (धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा) में साधु लड़की के रूप में कार्य कर रही हूं। मेरे साथ यहां सैकड़ों लड़कियां भी डेरे में 16 से 18 घंटे सेवा करती हैं। हमारा यहां शारीरिक शोषण किया जा रहा है। साथ में डेरे के महाराज गुरमीत सिंह द्वारा यौन शोषण (रेप) किया जा रहा है। मैं बीए पास लड़की हूं। मेरे परिवार के सदस्य महाराज के अंध श्रद्धालु हैं, उनकी प्रेरणा से मैं डेरे में साधु बनी थी। साधु बनने के 2 साल बाद एक दिन महाराज गुरमीत की परम शिष्या साधु गुरुजोत ने रात के 10 बजे मुझे बताया कि आपको पिताजी ने गुफा (महाराज के रहने का स्थान) में बुलाया है। मैं क्योंकि पहली बार वहां जा रही थी, मैं बहुत खुश थी। यह जानकर कि आज खुद परमात्मा ने मुझे बुलाया है। गुफा में ऊपर जाकर जब मैंने देखा महाराज बेड पर बैठे हैं। हाथ में रिमोट है, सामने टीवी पर ब्लू फिल्म चल रही है। बेड पर सिराहने की ओर रिवॉल्वर रखा हुआ है। मैं यह सब देखकर हैरान रह गई। मुझे चक्कर आने लगे। मेरे पांव के नीचे की जमीन खिसक गई। यह क्या हो रहा है। महाराज ऐसे होंगे? ऐसा मैंने सपने में भी नहीं सोचा था। महाराज ने टीवी बंद किया व मुझे साथ बैठाकर पानी पिलाया और कहा कि मैंने तुम्हें अपनी खास प्यारी समझकर बुलाया है। मेरा यह पहला दिन था। महाराज ने मेरे को बांहों में लेते हुए कहा कि हम तुझे दिल से चाहते हैं। तुम्हारे साथ प्यार करना चाहते हैं, क्योंकि तुमने हमारे साथ साधु बनते वक्त तन-मन-धन सब सतगुरु के अर्पण करने को कहा था। तो अब ये तन-मन हमारा है। मेरे विरोध करने पर उन्होंने कहा कि इसमें कोई शक नहीं हम ही खुदा हैं। जब मैंने पूछा कि क्या यह खुदा का काम है तो उन्होंने कहा- इस तरह मेरे साथ मुंह काला किया और पिछले तीन महीने में 20-30 दिन बाद किया जा रहा है। आज मुझको पता चला कि मेरे से पहले जो लड़कियां रहती थीं, उन सबके साथ मुंह काला किया गया है। डेरे में मौजूद 35-40 साधु लड़की 35-40 वर्ष की उम्र से अधिक हैं जो शादी की उम्र से निकल चुकी हैं। जिन्होंने परिस्थितियों से समझौता कर लिया है, इनमें ज़्यादातर लड़कियां बीए, एमए, बीएड, एमफिल पास हैं मगर घरवालों के अंधविश्वासी होने के कारण नरक का जीवन जी रही हैं। हमें सफेद कपड़े पहनना, सिर पर चुन्नी रखना, किसी आदमी की तरफ आंख न उठाकर देखना, आदमी से 5-10 फुट की दूरी पर रहना महाराज का आदेश है। दिखने में देवी हैं, मगर हमारी हालत वेश्याओं जैसी है। मैंने एक बार अपने परिवार वालों को बताया कि डेरे में सब कुछ ठीक नहीं है तो मेरे घर वाले गुस्से में होते हुए कहने लगे कि अगर भगवान के पास रहते हुए ठीक नहीं है तो ठीक कहां है। तेरे मन में बुरे विचार आने लग गए हैं। सतगुरु का सिमरन किया कर। मैं मजबूर हूं। यहां सतगुरु का आदेश मानना पड़ता है। यहां कोई भी दो लड़कियां आपस में बात नहीं कर सकतीं। घरवालों को टेलीफोन मिलाकर बात नहीं कर सकतीं। घरवालों का हमारे नाम फोन आए तो हमें बात करने का महाराज के आदेशानुसार हुक्म नहीं है। यदि कोई लड़की डेरे की इस सच्चाई के बारे में बात करती है तो महाराज का हुक्म है कि उसका मुंह बंद कर दो। पिछले दिनों बठिंडा की लड़की साधु ने जब महाराज की काली करतूतों का सभी लड़कियों के सामने पर्दाफाश किया तो कई साधु लड़कियों ने मिलकर उसे पीटा। जो आज भी घर पर इस मार के कारण बिस्तर पर पड़ी है। जिसका पिता ने सेवादारों से नाम कटवाकर चुपचाप घर बैठा दिया है। जो चाहते हुए भी बदनामी और महाराज के डर से किसी को कुछ नहीं बता रही। कुरुक्षेत्र जिले की एक साधु लड़की जो घर आ गई है, उसने अपने घर वालों को सब कुछ सच बता दिया है। उसका भाई बड़ा सेवादार था, जो कि सेवा छोड़कर डेरे से नाता तोड़ चुका है। संगरूर जिले की एक लड़की जिसने घर आकर पड़ोसियों को डेरे की काली करतूतों के बारे में बताया तो डेरे के सेवादार/गुंडे बंदूकों से लैस लड़की के घर आ गए। घर के अंदर से कुंडी लगाकर जान से मारने की धमकी दी व भविष्य में किसी से कुछ भी नहीं बताने को कहा। इसी प्रकार कई लड़कियां, जैसे कि जिला मानसा (पंजाब), फिरोजपुर, पटियाला, लुधियाना की हैं, जो घर जाकर भी चुप हैं क्योंकि उन्हें जान का खतरा है। इसी प्रकार जिला सिरसा, हिसार, फतेहबाद, हनुमानगढ़, मेरठ की कई लड़कियां जो कि डेरे की गुंडागर्दी के आगे कुछ नहीं बोल रहीं। इन सब लड़कियों के साथ-साथ मुझे भी मेरे परिवार के साथ जान से मार दिया जाएगा अगर मैं इसमें अपना नाम-पता लिखूंगी, क्योंकि मैं चुप नहीं रह सकती और न ही मरना चाहती हूं। जनता के सामने सच्चाई लाना चाहती हूं। अगर आप प्रेस के माध्यम से किसी भी एजेंसी से जांच करवाएं तो डेरे में मौजूद 40-45 लड़कियां, जो कि भय और डर में हैं, पूरा विश्वास दिलाने के बाद सच्चाई बताने को तैयार हैं। हमारा डॉक्टरी मुआयना किया जाए ताकि हमारे अभिभावकों व आपको पता चल जाएगा कि हम कुंवारी देवी साधु हैं या नहीं। हमारी मेडिकल रिपोर्ट ये साफ बता देगी कि हमारी ज़िंदगी डेरा सच्चा सौदा के महाराज गुरमीत राम रहीम सिंह जी संत के द्वारा तबाह की गई है। प्रार्थी एक निर्दोष जलालत का जीवन जीने को मजबूर (डेरा सच्चा सौदा सिरसा) ये खबर भी पढ़ें… राम रहीम डेरा मैनेजर की हत्या के केस में बरी:हाईकोर्ट ने CBI कोर्ट का फैसला रद्द किया; पत्रकार हत्याकांड और साध्वी रेप केस में जेल में रहेगा पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा चीफ राम रहीम समेत 5 लोगों को डेरा मैनेजर रणजीत सिंह हत्याकांड में बरी कर दिया है। राम रहीम समेत 5 आरोपियों को CBI कोर्ट ने उम्रकैद की सजा दी थी।राम रहीम इस वक्त रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है। उसे 3 मामलों में सजा हुई थी। इनमें रणजीत हत्याकांड के अलावा पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या और साध्वियों के यौन शोषण का केस भी शामिल है। पत्रकार की हत्या में उसे उम्रकैद और यौन शोषण के 2 केसों में 10-10 साल की कैद हुई थी। इस केस में बरी होने के बावजूद राम रहीम को अभी जेल में ही रहना होगा (पूरी खबर पढ़ें)
कपूरथला में भारत बंद का असर नहीं:रोजाना की तरह खुले बाजार, पुलिस ने किया गश्त, चरणजीत हंस बोले- बंद को समर्थन नहीं
कपूरथला में भारत बंद का असर नहीं:रोजाना की तरह खुले बाजार, पुलिस ने किया गश्त, चरणजीत हंस बोले- बंद को समर्थन नहीं ST आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में संपूर्ण भारत बंद का कपूरथला में कोई असर नहीं है। सभी बाजार और अन्य संस्थान खुले हैं। हालांकि पुलिस अधिकारियों ने संबंधित समुदाय के नेताओं के साथ बैठक कर बंद न होने बारे स्पष्ट किया था। फिर भी सुरक्षा की दृष्टि से कुछ क्षेत्रों में पुलिस बल तैनात किए गए हैं। सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस टीम द्वारा पेट्रोलिंग भी की गई है। पंजाब में फैसले को लागू करने की मांग दलित समुदाय से जुड़े नेता और कमलेश्वर वाल्मीकि एजुकेशनल ट्रस्ट के जिला प्रधान चरणजीत हंस ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में भारत बंद की कॉल को लेकर कपूरथला शहर में बंद नहीं है। इस बारे समूह भाईचारे के नेताओ ने 13 अगस्त को CM मान के नाम एक मांग पत्र DC कपूरथला को भी दिया था। जिसमें इस फैसले को पंजाब में लागू करने की अपील की गई है। दूसरी तरफ SP मनजीत सिंह ने कहा कि सभी बाजार खुले है और माहौल शांतिपूर्ण है। बता दें कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक संदेश में SC-ST आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में 21 अगस्त 2024 को संपूर्ण भारत बंद किए जाने की बात कही गई है। जिसमें आम जनता के लिए एक एडवाइजरी भी जारी की गई है। भारत बंद के आह्वान को लेकर संबंधित समुदाय के लोगों ने कपूरथला में समर्थन नहीं दिया है।