पंजाब के लुधियाना में देर शाम साहनेवाल नजदीक हाईवे पर एक तेजरफ्तार ट्रक ने बाइक सवार दंपती को टक्कर मार दी। हादसे में महिला की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि उसके पति के मामूली चोटें आई। महिला पति के साथ पटियाला काली माता मंदिर से माथा टेक कर वापस जालंधर घर जा रही थी। पिछले टायरों के नीचे कुचला हादसा इतना भयावक था कि ट्रक ने महिला को काफी दूर तक खसीट कर बुरी तरह पिछले टायरों के नीचे कुचल दिया। मरने वाली महिला का नाम मीनाक्षी है। महिला के शव को थाना साहनेवाल के अधीन पड़ती पुलिस चौकी कंगवाल की पुलिस ने कब्जे में लेकर सिविल अस्पताल की मोर्चरी में रात को रखवाया। जहां रविवार को शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया जाएगा। पटियाला काली माता मंदिर से आ रहा था परिवार वापस जानकारी देते घायल विशाल कुमार ने बताया कि वह जालंधर के इलाका वर्कशॉप चौक स्थित संत नगर कॉलोनी में रहता है। वह अपनी पत्नी मीनाक्षी के साथ शनिवार की सुबह पटियाला में स्थित काली माता मंदिर में माथा टेकने गया था। जहां से वह देर शाम वापस घर लौट रहा था। जहां रास्ते मे साहनेवाल नजदीक महिंद्रा कार के शोरुम के पास एक तेज़ रफ़्तार ट्रक ने उनके बाइक को अपनी चपेट में ले लिया। जिससे बाइक का संतुलन बिगड़ गया, तो वह बाइक के साथ सड़क किनारे जा गिरा और बाइक की पिछली सीट पर बैठी उसकी पत्नी ट्रक के पिछले टायरों के नीचे कुचली गई। आरोपी ट्रक ड्राइवर मौके से फरार हो गया है। पुलिस सीसीटीवी की कर रही खोज पुलिस चौकी कंगनवाल के जांच अधिकारी हेड कांस्टेबल जसवीर सिंह ने बताया कि मृतका महिला के पति के बयानों पर अज्ञात ट्रक चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस घटना स्थल के आस-पास लगे सीसीटीवी कैमरो की फुटेज खंगाल जल्द ही आरोपी ट्रक ड्राइवर को गिरफ्तार किया जा सके। पंजाब के लुधियाना में देर शाम साहनेवाल नजदीक हाईवे पर एक तेजरफ्तार ट्रक ने बाइक सवार दंपती को टक्कर मार दी। हादसे में महिला की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि उसके पति के मामूली चोटें आई। महिला पति के साथ पटियाला काली माता मंदिर से माथा टेक कर वापस जालंधर घर जा रही थी। पिछले टायरों के नीचे कुचला हादसा इतना भयावक था कि ट्रक ने महिला को काफी दूर तक खसीट कर बुरी तरह पिछले टायरों के नीचे कुचल दिया। मरने वाली महिला का नाम मीनाक्षी है। महिला के शव को थाना साहनेवाल के अधीन पड़ती पुलिस चौकी कंगवाल की पुलिस ने कब्जे में लेकर सिविल अस्पताल की मोर्चरी में रात को रखवाया। जहां रविवार को शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया जाएगा। पटियाला काली माता मंदिर से आ रहा था परिवार वापस जानकारी देते घायल विशाल कुमार ने बताया कि वह जालंधर के इलाका वर्कशॉप चौक स्थित संत नगर कॉलोनी में रहता है। वह अपनी पत्नी मीनाक्षी के साथ शनिवार की सुबह पटियाला में स्थित काली माता मंदिर में माथा टेकने गया था। जहां से वह देर शाम वापस घर लौट रहा था। जहां रास्ते मे साहनेवाल नजदीक महिंद्रा कार के शोरुम के पास एक तेज़ रफ़्तार ट्रक ने उनके बाइक को अपनी चपेट में ले लिया। जिससे बाइक का संतुलन बिगड़ गया, तो वह बाइक के साथ सड़क किनारे जा गिरा और बाइक की पिछली सीट पर बैठी उसकी पत्नी ट्रक के पिछले टायरों के नीचे कुचली गई। आरोपी ट्रक ड्राइवर मौके से फरार हो गया है। पुलिस सीसीटीवी की कर रही खोज पुलिस चौकी कंगनवाल के जांच अधिकारी हेड कांस्टेबल जसवीर सिंह ने बताया कि मृतका महिला के पति के बयानों पर अज्ञात ट्रक चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस घटना स्थल के आस-पास लगे सीसीटीवी कैमरो की फुटेज खंगाल जल्द ही आरोपी ट्रक ड्राइवर को गिरफ्तार किया जा सके। पंजाब | दैनिक भास्कर
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कला, साहित्य, संस्कृति और संगीत का एक समन्वय पर्व है दुर्गा पूजा
कला, साहित्य, संस्कृति और संगीत का एक समन्वय पर्व है दुर्गा पूजा भास्कर न्यूज | लुधियाना शारदीय नवरात्र में बंगाल में मनाया जाने वाला दुर्गापूजा पर्व बंगाल का सबसे बड़ा धार्मिक और सांस्कृतिक पर्व है। वास्तव में यह पर्व कला, साहित्य, संस्कृति और संगीत का एक समन्वय है। लुधियाना शहर में बांगिया समसद की ओर से दुगरी रोड स्थित द इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियर्स इंडिया कांप्लेक्स में 63वां श्रीश्री दुर्गा पूजा फेस्टिवल आयोजित किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर बंगाली कल्चरल क्लब की ओर से 25वीं लुधियाना कालीबारी का आयोजन जमालपुर फेस-1 अर्बन स्टेट में किया जा रहा है। मंगलवार को मां दुर्गा जी की सुबह षष्टी पूजा की गई और शाम के समय बोधन किया गया। जिसमें मां दुर्गा को शस्त्र दिए गए। बांगिया समसद के जनरल सचिव सुमंत्रा ढोले, सुजीत बेनर्जी, नारायण बनर्जी और चेयरमैन केके गर्ग ने बताया कि इस दौरान सभी भक्त नए-नए कपड़े पहनकर दुर्गा पांडाल में पहुंचते है और पूजा-अर्चना करते है। इस दौरान पांडालों में नृत्य, संगीत और रंगमंच का आयोजन भी किया जाता है। पहले दिन रात के समय व्यंजन का आयोजन किया गया। जिसमें सभी अपने-अपने घरों से स्वादिष्ट व्यंजन बनाकर लाए। जिसमें मुख्यातिथियों द्वारा इसका स्वाद चखा गया। सिंदूर खेला, धुनुची नाच और विसर्जन : नवरात्र के अंतिम दिन, विवाहित महिलाओं द्वारा सिंदूर खेला खेलकर मनाया जाता है, जहां वे एक-दूसरे पर सिंदूर लगा सुखी वैवाहिक जीवन की कामना करती हैं। यह दिन महिषासुर पर दुर्गा की जीत का प्रतीक है। उत्सव का समापन ऊर्जावान धुनुची नाच और मूर्तियों के विसर्जन के साथ होता है, जो देवी के अपने दिव्य घर में लौटने का प्रतीक है। सुजीत बेनर्जी ने बताया कि दुर्गा पूजा की तैयारियां जुलाई में रथ यात्रा के दिन की जाने वाली ‘पाटा पूजा’ से शुरू होती हैं। इस अनुष्ठान के दौरान, मूर्तियों के लिए आधार बनाने वाले लकड़ी के फ्रेम या ‘पाटा’ की पूजा की जाती है। अंधिवास : बोधन के बाद, देवी दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उन्हें प्रतीकात्मक प्रसाद चढ़ाया जाता है। बोधन : यह महत्वपूर्ण अनुष्ठान त्योहार के छठे दिन षष्ठी को होता है। इसमें घटस्थापना (देवी का आह्वान) और प्राणप्रतिष्ठा (मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा) शामिल है, जो देवी दुर्गा के जागरण और स्वागत का प्रतीक है। देवी का आह्वान किया: आयोजकों के मुताबिक मंगलवार को पहले दिन बोधन, अधिवास का आयोजन किया जाता है। बोधन: यह महत्वपूर्ण अनुष्ठान त्योहार के छठे दिन षष्ठी को होता है। इसमें घटस्थापना (देवी का आह्वान) और प्राणप्रतिष्ठा (मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा) शामिल है, जो देवी दुर्गा के जागरण और स्वागत का प्रतीक है।
पंजाब के 14 जिलों में अलर्ट जारी:भारी बारिश का अनुमान, उमस से लोग परेशान, लुधियाना-राजपुरा पहुंचा मानसून
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जगराओं की मंडी में नहीं बची जगह:खुले आसमान के नीचे पड़ा पौने 2 लाख बोरी धान, आढ़तियों ने खरीदारी करने से किया मना एशिया की दूसरी सबसे बड़ी आनाज मंडी जगराओं में धान की धीमी गति से खरीद के कारण मंडी में खुले आसमान के नीचे पौने 2 लाख बोरी धान पड़ा है। ऐसे में अगर और धान खरीदा गया तो उसे कहां रखा जाएगा, यह बड़ा सवाल बना हुआ है। आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान कन्हैया गुप्ता ने कहा कि लिफ्टिंग ना होने के कारण मंडी में हालात बद से बद्दतर बन चुके हैं। एशिया की दूसरी सब से बड़ी आनाज मंडी में पौने 2 लाख धान की बोरिया पड़ी हैं। मंडी में इस समय हालात यह बन चुके हैं कि पैर रखने को जगह नहीं बची है। उन्होंने कहा कि जिस धान की खरीद हो चुकी है, उसे बोरियों में भरकर मंडी में ढेर बनाकर लगा दिया गया है। जिस कारण मंडी में धान की बोरिया ही बोरियां नजर आ रही है। फसल उतारने को नहीं मिल रही जगह हालात यह बन चुके हैं कि किसानों को अपनी फसल उतारने के लिए भी जगह नहीं मिल रही है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा मंडी में पड़ा धान उठाया नहीं जा रहा। ऐसे में अगर मंडी में और धान आता है तो उसे आढ़ती कहां पर रखेगा, इसे को लेकर आढ़ती एसोसिएशन ने फैसला किया है कि और धान नहीं लिया जाएगा। प्रधान कन्हैया ने कहा कि खरीद एजेसियों द्वारा खरीदे धान की लिफ्टिंग ना करवाने के कारण आढ़ती को भारी नुकसान झेलना पड़ता है। उन्होंने कहा कि गेहूं के सीजन में लिफ्टिंग लेट होने के कारण आढ़ती ने नुकसान झेला था, लेकिन इस बार आढ़ती नुकसान नहीं झेल सकते। उन्होंने कहा कि कानून के मुताबिक खरीद की गई फसल को 72 घंटों में फसल को उठाना जरूरी है। लेकिन खरीद एजेंसियां इस तरफ ध्यान नहीं दे रही। उन्होंने साफ कहा जब तक सरकार 72 घंटों में लिफ्टिंग काम यकीनी नहीं करती, तब तक आढ़ती अपना काम बंद रखेंगे। वहीं खुले आसमान के नीचे पड़े माल की जिम्मेदारी भी सरकार की होगी।