लुधियाना में पुलिस और ड्रग डीलर के बीच मुठभेड़:एक तस्कर ढेर, साथी फरार; 2 किलो हेरोइन व लोडेड पिस्तौल बरामद

लुधियाना में पुलिस और ड्रग डीलर के बीच मुठभेड़:एक तस्कर ढेर, साथी फरार; 2 किलो हेरोइन व लोडेड पिस्तौल बरामद

लुधियाना के जगराओं क्षेत्र में फिरोजपुर के एंटी नारकोटिक टास्क फोर्स ने जगराओं-लुधियाना रोड पर हुए एक एनकाउंटर में गोली लगने से नशा तस्कर की मौत हो गई। तस्कर का दूसरा साथी पुलिस को चकमा देकर मौके से फरार हो गया है। पुलिस की टीमें छानबीन और आवश्यक कार्रवाई में लगी हैं। मृतक ड्रग तस्कर की पहचान धर्मेंद्र सिंह पुत्र जगतार सिंह निवासी गांव सलेमपुरा टिब्बा थाना सिंधवा बेट के तौर पर हुई है। शव को पोस्टमार्टम के लिए जगराओं के सिविल अस्पताल रखवा दिया है। पुलिस का दावा है कि आरोपियों के कब्जे से 2 किलो के करीब हेरोइन, एक लोड की गई पिस्तौल और एक स्विफ्ट कार मिली है। लुधियाना रेंज की डीआईजी निलांबरी विजय जगदले ने बताया कि फिरोजपुर एंटी नारकोटिक टास्क फोर्स को सूचना मिली थी कि सलेमपुरा टिब्बा का रहने वाला धर्मेंद्र सिंह अपने दूसरे साथी जगसीर खान पुत्र खैराती खान निवासी डेरा बस्सी के साथ बड़ी मात्रा में हेरोइन बेचने की फिराक में है। फिरोजपुर की एंटी टास्क फोर्स की पुलिस खुद ही हेरोइन खरीदने के लिए ग्राहक बनी, जिन्होंने फिरोजपुर से दोनों आरोपियों से फोन पर बातचीत जारी रखी और इस दौरान आरोपी उन्हें जगराओं से लुधियाना रोड पर पड़ते दीपक ढाबा के पास ले आए। जैसे ही पुलिस कर्मचारी ने हेरोइन खरीदने के लिए लाखों रुपए आरोपी धर्मेंद्र के सामने रखे तो उन्हें शक हो गया, जिसके बाद वो पैसे छीनकर वहां से फरार होने लगे। जब पुलिस कर्मचारियों ने तस्करों को रोकने की कोशिश की तो एक तस्कर ने पिस्तौल से एक गोली पुलिस कर्मचारी की ओर चलाई, जो पुलिस की गाड़ी के आगे वाले शीशे को तोड़ती हुई गियरबॉक्स में फंस गई। जवाबी फायर में पुलिस की ओर से चलाई गई गोली धर्मेंद्र की छाती में लगी, जिससे वो मौके पर ही जख्मी हो गया। जख्मी धर्मेंद्र सिंह को पुलिस सिविल अस्पताल जगराओं लेकर गई, जहां उसे डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। डीआईजी निलांबरी विजय जगदले का कहना है कि दोनों तस्कर काफी बड़े ड्रग स्मगलर थे, जो इलाके में बड़े स्तर पर ड्रग का धंधा चला रहे थे। उन्होंने साफ किया है कि अगर कोई नशा तस्करी करेगा तो उसका यही अंजाम होगा। डीआईजी ने थपथपाई अपने पुलिस कर्मचारी की पीठ मौके पर पहुंची डीआईजी निलांबरी विजय जगदले ने अपनी पुलिस कर्मचारियों की पीठ थपथपाते हुए साफ किया कि लुधियाना देहाती पुलिस का इस ऑपरेशन में कोई भी कर्मचारी नहीं था, जबकि सारी कार्रवाई फिरोजपुर एंटी नारकोटिक टास्क फोर्स की ओर से की गई है। उन्होंने अपने पुलिस कर्मचारियों की पीठ थपथपाते हुए कहा कि पुलिस यदि मुस्तैदी न दिखाती तो पुलिस कर्मचारी काफी गंभीर जख्मी हो सकता था, जो गोली के वार से बाल-बाल बचा है। तस्कर पर पहले से ही दर्ज हैं दर्जनों मामले जो धर्मेंद्र सिंह की आज पुलिस की गोली लगने से मौत हुई है, वो इलाके का बड़ा नशा तस्कर है। धर्मेंद्र पर पहले भी कई मामले सिंधवा बेट व आसपास के जिलों में नशा तस्करी के ही दर्ज हैं। जानकारी के मुताबिक हाल ही में कुछ दिन पहले ही वो जेल से नशा तस्करी के केस में ही जमानत पर बाहर आया है। लुधियाना के जगराओं क्षेत्र में फिरोजपुर के एंटी नारकोटिक टास्क फोर्स ने जगराओं-लुधियाना रोड पर हुए एक एनकाउंटर में गोली लगने से नशा तस्कर की मौत हो गई। तस्कर का दूसरा साथी पुलिस को चकमा देकर मौके से फरार हो गया है। पुलिस की टीमें छानबीन और आवश्यक कार्रवाई में लगी हैं। मृतक ड्रग तस्कर की पहचान धर्मेंद्र सिंह पुत्र जगतार सिंह निवासी गांव सलेमपुरा टिब्बा थाना सिंधवा बेट के तौर पर हुई है। शव को पोस्टमार्टम के लिए जगराओं के सिविल अस्पताल रखवा दिया है। पुलिस का दावा है कि आरोपियों के कब्जे से 2 किलो के करीब हेरोइन, एक लोड की गई पिस्तौल और एक स्विफ्ट कार मिली है। लुधियाना रेंज की डीआईजी निलांबरी विजय जगदले ने बताया कि फिरोजपुर एंटी नारकोटिक टास्क फोर्स को सूचना मिली थी कि सलेमपुरा टिब्बा का रहने वाला धर्मेंद्र सिंह अपने दूसरे साथी जगसीर खान पुत्र खैराती खान निवासी डेरा बस्सी के साथ बड़ी मात्रा में हेरोइन बेचने की फिराक में है। फिरोजपुर की एंटी टास्क फोर्स की पुलिस खुद ही हेरोइन खरीदने के लिए ग्राहक बनी, जिन्होंने फिरोजपुर से दोनों आरोपियों से फोन पर बातचीत जारी रखी और इस दौरान आरोपी उन्हें जगराओं से लुधियाना रोड पर पड़ते दीपक ढाबा के पास ले आए। जैसे ही पुलिस कर्मचारी ने हेरोइन खरीदने के लिए लाखों रुपए आरोपी धर्मेंद्र के सामने रखे तो उन्हें शक हो गया, जिसके बाद वो पैसे छीनकर वहां से फरार होने लगे। जब पुलिस कर्मचारियों ने तस्करों को रोकने की कोशिश की तो एक तस्कर ने पिस्तौल से एक गोली पुलिस कर्मचारी की ओर चलाई, जो पुलिस की गाड़ी के आगे वाले शीशे को तोड़ती हुई गियरबॉक्स में फंस गई। जवाबी फायर में पुलिस की ओर से चलाई गई गोली धर्मेंद्र की छाती में लगी, जिससे वो मौके पर ही जख्मी हो गया। जख्मी धर्मेंद्र सिंह को पुलिस सिविल अस्पताल जगराओं लेकर गई, जहां उसे डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। डीआईजी निलांबरी विजय जगदले का कहना है कि दोनों तस्कर काफी बड़े ड्रग स्मगलर थे, जो इलाके में बड़े स्तर पर ड्रग का धंधा चला रहे थे। उन्होंने साफ किया है कि अगर कोई नशा तस्करी करेगा तो उसका यही अंजाम होगा। डीआईजी ने थपथपाई अपने पुलिस कर्मचारी की पीठ मौके पर पहुंची डीआईजी निलांबरी विजय जगदले ने अपनी पुलिस कर्मचारियों की पीठ थपथपाते हुए साफ किया कि लुधियाना देहाती पुलिस का इस ऑपरेशन में कोई भी कर्मचारी नहीं था, जबकि सारी कार्रवाई फिरोजपुर एंटी नारकोटिक टास्क फोर्स की ओर से की गई है। उन्होंने अपने पुलिस कर्मचारियों की पीठ थपथपाते हुए कहा कि पुलिस यदि मुस्तैदी न दिखाती तो पुलिस कर्मचारी काफी गंभीर जख्मी हो सकता था, जो गोली के वार से बाल-बाल बचा है। तस्कर पर पहले से ही दर्ज हैं दर्जनों मामले जो धर्मेंद्र सिंह की आज पुलिस की गोली लगने से मौत हुई है, वो इलाके का बड़ा नशा तस्कर है। धर्मेंद्र पर पहले भी कई मामले सिंधवा बेट व आसपास के जिलों में नशा तस्करी के ही दर्ज हैं। जानकारी के मुताबिक हाल ही में कुछ दिन पहले ही वो जेल से नशा तस्करी के केस में ही जमानत पर बाहर आया है।   पंजाब | दैनिक भास्कर