लुधियाना के पूर्व विधायक और अकाली दल के वरिष्ठ नेता दर्शन सिंह शिवालिक के बेटे हरप्रीत सिंह शिवालिक का दिल्ली में निधन हो गया है। हरप्रीत को दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हरप्रीत शिवालिक अपने पिता दर्शन सिंह शिवालिक के साथ राजनीति में भी सक्रिय थे। वह अक्सर अकाली दल की युवा गतिविधियों में सक्रिय रहते थे। लीवर की बीमारी से ग्रसित थे हरप्रीत पता चला है कि हरप्रीत को लीवर की बीमारी थी। हरप्रीत की मौत के बाद जहां परिवार में मातम पसरा है, वहीं हलका गिल के शिअद समर्थकों में भी शोक की लहर है। हरप्रीत का पार्थिव शरीर आज लुधियाना के बरेवाल रोड स्थित उनके घर लाया जाएगा। उम्मीद है कि कल हरप्रीत का अंतिम संस्कार किया जाएगा। हरप्रीत के अंतिम संस्कार में शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल और बिक्रमजीत सिंह मजीठिया के आने की भी खबर है। लुधियाना के पूर्व विधायक और अकाली दल के वरिष्ठ नेता दर्शन सिंह शिवालिक के बेटे हरप्रीत सिंह शिवालिक का दिल्ली में निधन हो गया है। हरप्रीत को दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हरप्रीत शिवालिक अपने पिता दर्शन सिंह शिवालिक के साथ राजनीति में भी सक्रिय थे। वह अक्सर अकाली दल की युवा गतिविधियों में सक्रिय रहते थे। लीवर की बीमारी से ग्रसित थे हरप्रीत पता चला है कि हरप्रीत को लीवर की बीमारी थी। हरप्रीत की मौत के बाद जहां परिवार में मातम पसरा है, वहीं हलका गिल के शिअद समर्थकों में भी शोक की लहर है। हरप्रीत का पार्थिव शरीर आज लुधियाना के बरेवाल रोड स्थित उनके घर लाया जाएगा। उम्मीद है कि कल हरप्रीत का अंतिम संस्कार किया जाएगा। हरप्रीत के अंतिम संस्कार में शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल और बिक्रमजीत सिंह मजीठिया के आने की भी खबर है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब-हरियाणा के चुनावी मैदान में उतरेंगे किसान:गुरनाम चढूनी की घोषणा, दो राज्यों की 94 सीटों पर उतारेंगे उम्मीदवार, 2022 में जमानत जब्त किसान नेता और 2020 के किसान आंदोलन का प्रमुख चेहरा गुरनाम सिंह चढूनी ने हरियाणा विधानसभा और पंजाब उपचुनाव लड़ने का ऐलान किया है। गुरनाम चढूनी ने कल शाम यह ऐलान किया। ये चुनाव संयुक्त संघर्ष पार्टी (एसएसपी) के बैनर तले लड़े जाएंगे। 2022 में हार के बाद किसान एक बार फिर चुनावी मैदान में उतरेंगे। मिली जानकारी के मुताबिक किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने ऐलान किया है कि उनकी पार्टी (संयुक्त संघर्ष पार्टी) पंजाब की चार विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जो लोकसभा चुनाव के बाद खाली हुई हैं। वह गिद्दड़बाहा, बरनाला, डेरा बाबा नानक और चब्बेवाल में अपने किसान नेताओं को मैदान में उतारेंगे। इतना ही नहीं वह इस साल होने वाले हरियाणा चुनाव में भी उतरेंगे। पेहवा से चुनाव लड़ेंगे चढूनी चढूनी ने इस दौरान खुद भी चुनाव लड़ने की बात कही है। उनका कहना है कि वह खुद पेहवा से चुनाव लड़ेंगे। किसी अन्य सीट से कौन चुनाव लड़ेगा, इसका ऐलान अभी नहीं हुआ है। यह फैसला एसएसपी के वरिष्ठ नेता मिलकर लेंगे। 2022 में हुई थी जमानत जब्त यह पहली बार नहीं है कि किसान नेता मैदान में उतरे हैं। 2020 के किसान आंदोलन-1 के खत्म होने के बाद 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान भी किसान नेता मैदान में उतरे थे। चुनाव लड़ने के फैसले को लेकर किसान नेताओं में भी फूट पड़ गई थी। इसका खामियाजा चुनाव लड़ने वाले किसान नेताओं को भुगतना पड़ा। किसान नेताओं की जमानत जब्त हो गई। राजेवाल को सिर्फ 3.5% वोट मिले पंजाब में किसानों की ओर से मुख्यमंत्री पद के घोषित उम्मीदवार बलबीर सिंह राजेवाल, जिन्होंने एक साल तक दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन का नेतृत्व किया, को अपमानजनक हार का सामना करना पड़ा। वह छठे स्थान पर रहे और अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए। लुधियाना जिले के समराला विधानसभा क्षेत्र में उन्हें केवल 3.5% वोट मिले। निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़े उम्मीदवार संयुक्त संघर्ष मोर्चा समय रहते पार्टी के तौर पर पंजीकृत नहीं हो सका, इसलिए उसे अपने सभी 92 उम्मीदवार निर्दलीय के तौर पर उतारने पड़े। इसमें किसान यूनियन के गुरनाम सिंह चढूनी की संयुक्त संघर्ष पार्टी (एसएसपी) के 10 उम्मीदवार शामिल थे। कानून निरस्त होने के बाद पंजाब के 20 किसान यूनियनों ने मिलकर 25 दिसंबर 2021 को एक पार्टी बनाई। कुछ किसान यूनियनें मोर्चे से अलग हो गईं और राजनीति में इसके हस्तक्षेप से खुद को दूर कर लिया। किसान मजदूर संघर्ष समिति और क्रांतिकारी किसान यूनियन के अलावा बीकेयू के विभिन्न स्वरूपों – एकता उग्राहां, एकता डकौंडा, एकता सिद्धूपुर, लाखोवाल, कादियां और क्रांतिकारी – ने भी मोर्चे में शामिल होने से इनकार कर दिया। नतीजों से पहले ही मोर्चा बिखर गया था मोर्चा नतीजों से पहले ही बिखरना शुरू हो गया था। वोटों की गिनती से कुछ घंटे पहले फरीदकोट और मुक्तसर में राजेवाल के विधायकों ने यह आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया कि चुनावी राजनीति में उनके प्रवेश ने किसानों के मुद्दे को कमजोर कर दिया है। दो और जिला इकाइयों ने चुनाव अभियान से खुद को अलग कर लिया। बगावत के कारण पंजाब किसान यूनियन के गुरनाम सिंह भीखी को मानसा से चुनाव लड़ने से पीछे हटना पड़ा। दो और उम्मीदवारों ने नाम वापस ले लिया। एक ने रामपुरा फूल में आप का समर्थन किया, जबकि दूसरे ने अमरगढ़ में सिमरनजीत सिंह मान की शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) का समर्थन किया।
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दिलजीत के शो से ही सरकार को करोड़ों की कमाई:25 करोड़ से ज्यादा टिकटें बिकने की उम्मीद, टैक्स से आएंगे 4.50 करोड़
दिलजीत के शो से ही सरकार को करोड़ों की कमाई:25 करोड़ से ज्यादा टिकटें बिकने की उम्मीद, टैक्स से आएंगे 4.50 करोड़ पंजाब में नए साल के जश्न में होने वाले सिंगरों के बड़े प्रोग्रामों से जहां लोगों का मनाेरंजन होगा। वहीं, सरकार की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी। सरकार को करोड़ों रुपए टैक्स के रूप में मिलने की उम्मीद है। लुधियाना में दिलजीत का दिल लुमिनाटी टूर का आज आखिरी शो है। इससे शो सरकार को टैक्स के रूप में 4.50 करोड़ रुपए इनकम होने की उम्मीद है। सूत्रों की माने तो करीब 25 करोड़ रुपए की टिकटों की बिक्री (जीएसटी समेत) होने की उम्मीद जताई जा रही है। दिलजीत वेन्यू के लिए देंगे 26.50 लाख सरकार को अनुमान है कि इस शो का लोगों में काफी क्रेज हैं। पंजाब ही नहीं बाहरी राज्यों से भी लोग दिलजीत के शो में पहुंचेंगे। 50 हजार के करीब टिकटों की बिक्री हो चुकी हैं। PAU फुटबाल स्टेडियम में शाे है। शो के लिए दिलजीत की तरफ से 26.50 लाख रुपए प्रशासन को मिलेंगे। इसमें से 3.15 लाख रुपए टैक्स के रूप में सरकार को मिलेंगे। इसके अलावा कई अन्य शहरों में आज सिंगरों के प्रोग्राम हैं। चंडीगढ़ में शो से पहले सीएम से मिले थे दिलजीत इससे पहले भारत के कई स्टेट में अपने शो कर चुके हैं। 14 दिसंबर को चंडीगढ़ में हुआ शो भी काफी चर्चा में रहा था। इस शो को इंडिया में उनका आखिरी शो माना जा रहा था। हालांकि बाद में उन्होंने लुधियाना शो की घोषणा की थी। यह उनका पंजाब का पहला शो है। यह उनका अपना शहर माना जाता है। हालांकि चंडीगढ़ शो से पहले उन्होंने पंजाब के सीएम भगवंत मान से चंडीगढ़ स्थित उनकी रिहायश पर जाकर मुलाकात की थी। इससे पहले हैदराबाद, अहमदाबाद, लखनऊ, पुणे, कोलकाता, बेंगलुरु, इंदौर, और गुवाहाटी में उनके शो हुए थे। न्यू चंडीगढ़ में सतराज की महफिल इसी तरह न्यू चंडीगढ़ में नए साल के जश्न में ओमेक्स टावर में सूफी गायक सतिंदर सरताज का महफिल-ए- सरताज नाम से आज रात को प्रोग्राम होने जा रहा है । रात नौ बजे से यह प्रोग्राम शुरू होगा। यहां पर 40 हजार से अधिक लोगों के पहुंचने की उम्मीद है। शो के लिए 1500 से 50000 कीमत वाली सीटें हैं।