पंजाब के लुधियाना में 21 दिसंबर को निकाय चुनाव है। उसी दिन शाम को चुनावों के नतीजे भी घोषित कर दिए जाएंगे। कुल 12,28,187 मतदाता करेंगे। MC चुनावों के लिए MCLके 447 उम्मीदवारों चुनाव मैदान में है। आज लुधियाना के डिप्टी कमिश्नर जतिन्द्र जोरवाल ने जानकारी देते हुए कहा कि निकाय चुनाव 95 वार्ड हैं। माछीवाड़ा और साहनेवाल नगर परिषदों में 15-15 वार्ड हैं, जबकि मुल्लांपुर दाखा नगर परिषद में 13 वार्ड हैं।मलौद नगर पंचायत में 11 वार्ड हैं, जबकि खन्ना नगर परिषद और समराला नगर परिषद में एक-एक वार्ड है। खन्ना और समराला में उप-चुनाव होने है। डी.सी जितेन्द्र जोरवाल बोले… जिला चुनाव अधिकारी-सह-उपायुक्त जितेंद्र जोरवाल ने कहा कि इन चुनावों को शांतिपूर्ण और पारदर्शी तरीके से संपन्न कराने के लिए एक सुनियोजित रणनीति विकसित की गई है। डी.सी जोरवाल ने कहा कि आवश्यक व्यवस्थाएं लागू की गई हैं और स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए नागरिक और पुलिस प्रशासन दोनों से 11054 अधिकारियों को नियुक्त किया गया है। लुधियाना में कुल 165749 मतदाता करेंगे वोट MCLचुनावों के लिए कुल 1165749 मतदाता हैं, जिनमें 624708 पुरुष मतदाता, 540938 महिला मतदाता और 103 थर्ड जेंडर मतदाता शामिल हैं। जोरवाल ने बताया कि 420 मतदान केंद्रों को अति संवेदनशील घोषित किया गया है और 21 दिसंबर को निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया की गारंटी के लिए स्थानीय पुलिस से सुरक्षा कवरेज प्राप्त होगी, जहां 447 उम्मीदवार प्रतिस्पर्धा करेंगे। देहात इलाके में है 62438 मतदाता माछीवाड़ा नगर काउंसिल, साहनेवाल नगर कौंसिल, नगर कौंसिल मुल्लांपुर दाखा, नगर पंचायत मलौद, नगर कौंसिल खन्ना और नगर कौंसिल समराला के चुनावों के संबंध में कुल 62438 मतदाता हैं, जिनमें 32429 पुरुष मतदाता, 30007 महिला मतदाता और दो थर्ड जेंडर मतदाता शामिल हैं। 31 पोलिंग पूथ है संवेदनशील,160 उम्मीदवार लड़ रहे चुनाव इन परिषदों और एक नगर पंचायत में कुल 56 वार्डों में 80 मतदान केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जिनमें 31 केंद्रों को संवेदनशील और 14 को अति संवेदनशील के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इन चुनावों में कुल 160 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं, जिनमें माछीवाड़ा नगर परिषद के लिए 24 उम्मीदवार, साहनेवाल नगर परिषद के लिए 54 उम्मीदवार, नगर पंचायत मलौद के लिए 31 उम्मीदवार, नगर परिषद मुल्लांपुर दाखा के लिए 44 उम्मीदवार, नगर परिषद खन्ना के लिए 5 उम्मीदवार और नगर परिषद समराला के लिए 2 उम्मीदवार शामिल हैं। प्रत्येक पोलिंग बूथ पर इंसटाल हो सीसीटीवी इन चुनावों में पहली बार, डिप्टी कमिश्नर ने घोषणा की कि पारदर्शी मतदान और मतगणना प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक मतदान केंद्र पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। मतदान सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक होगा, और 21 दिसंबर को मतदान समाप्त होने के तुरंत बाद मतगणना होगी। 19 दिसंबर शाम थम जाएगा चुनाव प्रचार 19 दिसंबर को शाम 4 बजे प्रचार समाप्त हो जाएगा और 20 दिसंबर को मतदान दल अपने-अपने केंद्रों पर रवाना हो जाएंगे। डिप्टी कमिश्नर ने जोर देकर कहा कि मतदान प्रक्रिया और मतगणना पारदर्शी तरीके से की जाएगी और किसी को भी कानून को बाधित करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। जोरवाल ने यह भी कहा कि 2018 के चुनावों में लुधियाना में 59.08% मतदान हुआ था और उन्होंने मतदाताओं को जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए स्वतंत्र रूप से मतदान करने के अपने अधिकार का प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया। 8500 सिविल व 2500 पुलिस कर्मचारी पूरी मुस्तैदी के साथ ड्यूटी पर तैनात रहेंगे। पंजाब के लुधियाना में 21 दिसंबर को निकाय चुनाव है। उसी दिन शाम को चुनावों के नतीजे भी घोषित कर दिए जाएंगे। कुल 12,28,187 मतदाता करेंगे। MC चुनावों के लिए MCLके 447 उम्मीदवारों चुनाव मैदान में है। आज लुधियाना के डिप्टी कमिश्नर जतिन्द्र जोरवाल ने जानकारी देते हुए कहा कि निकाय चुनाव 95 वार्ड हैं। माछीवाड़ा और साहनेवाल नगर परिषदों में 15-15 वार्ड हैं, जबकि मुल्लांपुर दाखा नगर परिषद में 13 वार्ड हैं।मलौद नगर पंचायत में 11 वार्ड हैं, जबकि खन्ना नगर परिषद और समराला नगर परिषद में एक-एक वार्ड है। खन्ना और समराला में उप-चुनाव होने है। डी.सी जितेन्द्र जोरवाल बोले… जिला चुनाव अधिकारी-सह-उपायुक्त जितेंद्र जोरवाल ने कहा कि इन चुनावों को शांतिपूर्ण और पारदर्शी तरीके से संपन्न कराने के लिए एक सुनियोजित रणनीति विकसित की गई है। डी.सी जोरवाल ने कहा कि आवश्यक व्यवस्थाएं लागू की गई हैं और स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए नागरिक और पुलिस प्रशासन दोनों से 11054 अधिकारियों को नियुक्त किया गया है। लुधियाना में कुल 165749 मतदाता करेंगे वोट MCLचुनावों के लिए कुल 1165749 मतदाता हैं, जिनमें 624708 पुरुष मतदाता, 540938 महिला मतदाता और 103 थर्ड जेंडर मतदाता शामिल हैं। जोरवाल ने बताया कि 420 मतदान केंद्रों को अति संवेदनशील घोषित किया गया है और 21 दिसंबर को निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया की गारंटी के लिए स्थानीय पुलिस से सुरक्षा कवरेज प्राप्त होगी, जहां 447 उम्मीदवार प्रतिस्पर्धा करेंगे। देहात इलाके में है 62438 मतदाता माछीवाड़ा नगर काउंसिल, साहनेवाल नगर कौंसिल, नगर कौंसिल मुल्लांपुर दाखा, नगर पंचायत मलौद, नगर कौंसिल खन्ना और नगर कौंसिल समराला के चुनावों के संबंध में कुल 62438 मतदाता हैं, जिनमें 32429 पुरुष मतदाता, 30007 महिला मतदाता और दो थर्ड जेंडर मतदाता शामिल हैं। 31 पोलिंग पूथ है संवेदनशील,160 उम्मीदवार लड़ रहे चुनाव इन परिषदों और एक नगर पंचायत में कुल 56 वार्डों में 80 मतदान केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जिनमें 31 केंद्रों को संवेदनशील और 14 को अति संवेदनशील के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इन चुनावों में कुल 160 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं, जिनमें माछीवाड़ा नगर परिषद के लिए 24 उम्मीदवार, साहनेवाल नगर परिषद के लिए 54 उम्मीदवार, नगर पंचायत मलौद के लिए 31 उम्मीदवार, नगर परिषद मुल्लांपुर दाखा के लिए 44 उम्मीदवार, नगर परिषद खन्ना के लिए 5 उम्मीदवार और नगर परिषद समराला के लिए 2 उम्मीदवार शामिल हैं। प्रत्येक पोलिंग बूथ पर इंसटाल हो सीसीटीवी इन चुनावों में पहली बार, डिप्टी कमिश्नर ने घोषणा की कि पारदर्शी मतदान और मतगणना प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक मतदान केंद्र पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। मतदान सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक होगा, और 21 दिसंबर को मतदान समाप्त होने के तुरंत बाद मतगणना होगी। 19 दिसंबर शाम थम जाएगा चुनाव प्रचार 19 दिसंबर को शाम 4 बजे प्रचार समाप्त हो जाएगा और 20 दिसंबर को मतदान दल अपने-अपने केंद्रों पर रवाना हो जाएंगे। डिप्टी कमिश्नर ने जोर देकर कहा कि मतदान प्रक्रिया और मतगणना पारदर्शी तरीके से की जाएगी और किसी को भी कानून को बाधित करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। जोरवाल ने यह भी कहा कि 2018 के चुनावों में लुधियाना में 59.08% मतदान हुआ था और उन्होंने मतदाताओं को जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए स्वतंत्र रूप से मतदान करने के अपने अधिकार का प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया। 8500 सिविल व 2500 पुलिस कर्मचारी पूरी मुस्तैदी के साथ ड्यूटी पर तैनात रहेंगे। पंजाब | दैनिक भास्कर
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लुधियाना में होजरी व्यवसायी से लूट:बाइक सवार बदमाशों ने धारदार हथियारों से किया हमला, नकदी व मोबाइल छीना लुधियाना में बीती रात एक्टिवा सवार एक बुजुर्ग को बाइक सवार बदमाशों ने लूट लिया, जो अपनी फैक्टरी जा रहे थे। लुटेरे उनकी नई एक्टिवा भी छीनना चाहते थे, लेकिन काफी जद्दोजहद के बाद हमलावर सिर्फ 10 हजार रुपये की नकदी और मोबाइल ही छीन पाए। बुजुर्ग ने जब लुटेरों का विरोध किया तो लुटेरों ने उनके घुटनों और सिर पर तेजधार दांतों से हमला कर दिया। खून से लथपथ बुजुर्ग को उनके परिजनों ने सिविल अस्पताल पहुंचाया। डाबा इलाके के गुरपाल नगर निवासी होजरी कारोबारी सुखदेव राज के बेटे रवि वर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि उनकी हरगोबिंद नगर में जैकेट की फैक्टरी है। जहां वीरवार रात उनके पिता सुखदेव राज नाइट शिफ्ट करने के लिए अपनी एक्टिवा पर जा रहे थे। शेरपुर के नजदीक ओसवाल पुल के नजदीक शिव चौक के पास 2 बाइक सवार बदमाशों ने उन्हें पीछे से घेर लिया। उन लोगों ने उनसे जबरन नकदी और मोबाइल फोन छीन लिया। जैसे ही सुखदेव ने एक युवक को पकड़ा तो उसके साथियों ने तेजधार हथियारों से उन पर हमला कर दिया। हाथ-घुटनों पर दात मारे हमले के दौरान उनके हाथ-घुटनों पर दात मारे जाने से वे गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें सिविल अस्पताल लाया गया। जांच में पता चला कि बुजुर्ग सुखदेव राज की टांग की हड्डी टूट गई है। जिसके बाद परिजन उन्हें सीएमसी अस्पताल ले गए। इलाज के दौरान घायल ने बताया कि हमलावर उनसे करीब 10 हजार रुपये की नकदी और मोबाइल छीनकर ले गए। पीड़ित परिवार ने मामले की सूचना थाना डिवीजन 6 की पुलिस को दी। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
पंजाब में AAP के दिग्गज धराशायी:4 मंत्री व 3 विधायक चुनाव हारे, CM और केजरीवाल की कैंपेन भी नहीं बचा पाई हार
पंजाब में AAP के दिग्गज धराशायी:4 मंत्री व 3 विधायक चुनाव हारे, CM और केजरीवाल की कैंपेन भी नहीं बचा पाई हार पंजाब के लोकसभा चुनाव में राज्य की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी (AAP) को लोगों ने ढाई साल में ही आइना दिखा दिया है। चुनाव लड़ रहे पांच मंत्रियों से 4 चुनाव हार गए हैं, जबकि तीन विधायकों को भी हार का मुंह देखना पड़ा है। कई जगह तो पार्टी के उम्मीदवार तीसरे स्थान पर रहे हैं। जबकि चुनावी मुहिम को कामयाब बनाने में पार्टी के प्रधान व सीएम भगवंत मान करीब मार्च महीने से डटे हुए थे। पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने खुद रोड शो और जनसभाएं की। हालांकि जनवरी माह से ही सरकार चुनावी मोड में चल रही थी। कई बड़े फैसले भी लिए गए, लेकिन पार्टी चुनाव में इन्हें कैश नहीं कर पाई। साथ ही मन मुताबिक नतीजे नहीं मिले हैं। इन मंत्रियों और विधायकों को मिली हार चुनाव हारने वालों में पटियाला लोकसभा हलके से सेहत मंत्री बलबीर सिंह, खडूर साहिब से लालजीत सिंह भुल्लर, अमृतसर से कैबिनेट मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल और बठिंडा लोकसभा में पूर्व मुख्यमंत्री स्व. प्रकाश सिंह बादल को चुनाव जीतने वाले गुरमीत सिंह खुडि्डयां शामिल थे। इसके अलावा तीन विधायक अमनदीप सिंह शेयरी कलसी, अशोक पराशर व जगदीप सिंह काका बराड़ भी चुनाव हारे हैं। मंत्रियों और विधायकों की फौज के हारने की वजह जानते है। आप के विधायकों से लोग नाराज पटियाला लोकसभा सीट से सेहत मंत्री बलबीर सिंह चुनाव हारने की कई वजह हैं। इस एरिया के अधीन आने वाली विधानसभाओं के आप विधायकों के मंत्रियों से लोग खुश नहीं थे। इस वजह से पार्टी को नुकसान झेलना पड़ा है। महिलाओं को हजार रुपये न देने वाली गारंटी का असर भी दिखा है। इसके अलावा इलाके में उस हिसाब से विकास नहीं हुआ। वहीं, कांग्रेस के दिग्गज नेता राहुल व प्रियंका गांधी और प्रधानमंत्री मोदी की रैलियों से भी आप का कुछ वोट खिसका है। मुआवजे में देरी पड़ी भारी बठिंडा लोकसभा सीट से उम्मीदवार गुरमीत सिंह खुडियां राज्य सरकार में कृषि मंत्री हैं। लेकिन चुनाव में उन्हें किसानों के विरोध का सामना करना पड़ा था। क्योंकि किसानों की फसलों काे हुए नुकसान का उचित मुआवजा नहीं मिला था। इस वजह से किसान नाराज चल रहे थे। इस इलाके में भी उचित तरीके से विकास नहीं हुआ। वहीं, सरकार की गारंटियां पूरी न होने का असर भी दिखा। हालांकि ढाई साल में ही सत्ता विरोधी लहर दिखी। विधायकों से नाराज, नशा व बेरोजगारी अमृतसर लोकसभा हलके से पार्टी ने तेज तर्रार नेता व मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल को चुनावी मैदान में थे। उनकी चुनावी कैंपेन के लिए खुद पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल अमृतसर आए थे। साथ ही रोड शो से लेकर जनसभा तक की थी। लेकिन लोगों ने उन्हें नकार दिया। उसकी वजह यह है एक तो उनका वर्चस्व अपने हलके तक सीमित रहा। दूसरा इस लोकसभा हलके के आप के विधायकों की कारगुजारी भी बढ़िया नहीं थी। कई विधायक तो विधानसभा चुनाव के बाद हलकों में सक्रिय नहीं थे। आखिरी समय में पार्टी ने दूसरी पार्टियों के कई दिग्गज नेता जॉइन भी करवाए। लेकिन उसका कोई फायदा पार्टी को नहीं मिला है। नशा और बेरोजगारी से लोग काफी आहत थे। पंथक मुद्दे रहे भारी खडूर साहिब में लोकसभा हलके में आप के परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर चुनावी मैदान में थे। यहां पर पर पार्टी तीसरे नंबर पर रही। हलके में पार्टी की हार की वजह है कि पार्टी के उम्मीदवारों को विधायकों का साथ नहीं मिला। वहीं, पंथक मुद्दे भी भारी रहे हैं। ढाई साल में पार्टी इन मुद्दों पर कुछ नहीं कर पाई। जबकि लोगों ने बड़े विश्वास से इस पार्टी को मौका दिया था। इस वजह से भी पार्टी को नुकसान हुआ है। कांग्रेस और भाजपा ने बिगाड़ा गणित गुरदासपुर लोकसभा सीट से AAP ने बटाला के विधायक अमन शेर सिंह कलसी को आखिरी में जाकर उम्मीदवार बनाया था। यहां पर पार्टी के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर थी। दूसरा कांग्रेस ने दिग्गज व पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा और भाजपा ने दिनेश बब्बू को चुनावी मैदान में उतारा था। ऐसे में वह शुरू से ही गिर गए। इस लोकसभा हलके में कांग्रेस काफी मजबूत है। पांच विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है। वहीं, आप के इस हलके से मंत्री भी विवादों में रहे हैं। पार्टी से नाराजगी का असर फिरोजपुर लोकसभा हलके से आप ने मुक्तसर के विधायक को जगदीप सिंह काका बराड़ को चुनाव मैदान में उतारा था। यहां पर राय सिख बिरादरी का फायदा कांग्रेस को मिला। पार्टी के खिलाफ नाराजगी का भी काका बराड़ को नुकसान हुआ है। इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा में हुई चूक व राम मंदिर का अंडर करंट भी लोगों में देखने को मिला। विधायकों का नहीं मिला साथ लुधियाना से आप ने विधायक अशोक पराशर पप्पी को चुनावी मैदान में उतारा था। उन्हें आखिरी समय में टिकट दी गई थी। लेकिन यहां पर पार्टी में बिखराव था। सभी विधायकों का समर्थन उस हिसाब से नहीं मिला है। विरोधियों ने पार्टी की नीतियों व कमजोरियों पर जबरदस्त हमला बोला। इसके अलावा कांग्रेस के राहुल गांधी और भाजपा नेता अमित शाह की रैली से काफी समीकरण बदले। यहां कुछ स्थानीय मुद्दे भी हावी रहे हैं।
अबोहर में पूर्व सरपंच का नाम पटि्टका उखाड़ी:पंजाब भाजपा अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने बनाया था, 2006 में हुआ था बस स्टैंड का निर्माण
अबोहर में पूर्व सरपंच का नाम पटि्टका उखाड़ी:पंजाब भाजपा अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने बनाया था, 2006 में हुआ था बस स्टैंड का निर्माण पंजाब में पंचायत चुनाव समाप्त हो गए हैं, लेकिन चुनावी रंजिश अभी खत्म नहीं हुई है। अबोहर के ढाणी सफी में 2003 में पंजाब भाजपा प्रधान सुनील जाखड़ द्वारा बनवाए बस स्टैंड पर लिखे पूर्व सरपंच के नाम को उखाड़ने का प्रयास किया गया है। जिससे गांव के लोगों में रोष पाया जा रहा है। ग्रामीणों ने पुलिस प्रशासन से आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। उधर, संदीप जाखड़ द्वारा भी इस गुंडागर्दी की घटना की निंदा करते हुए जायजा लेते हुए सरपंच व पूर्व सरपंच से मुलाकात की गई है। पूर्व सरपंच ने दी थी जमीन दान वर्ष 2003 से लेकर 2013 तक बचन सिंह गांव के सरपंच रहे हैं। उनके कार्यकाल में गांव के ही चांदीराम ने बस स्टॉप बनाने के लिए जमीन दान दे दी और सरपंच ने वर्ष 2006 में वहां पर बस स्टॉप का निर्माण करवाया। जिस पर सरपंच का नाम लिखा गया। पिछले दिनों दीवाली के अवसर पर सरपंच सीमा रानी ने उक्त बस स्टैंड और गांव के गुरुद्वारा साहिब में रंग रोगन करवाकर इसे अच्छा बनाया था। लेकिन बीती रात अज्ञात लोगों ने पूर्व सरपंच के नाम को बुरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया। जिससे लोगों में रोष पाया जा रहा है। गांव के निवासी राजेश कुमार, जसवीर सिंह व सुखविंद्र सिंह आदि ने बताया कि प्रतिद्वंदी उम्मीदवार को सीमा की जीत हजम नहीं हो रही है। इसीलिए उन्होंने ऐसी घटिया हरकत की है। ग्राम पंचायत की ओर से पुलिस को शिकायत देकर ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है।