लुधियाना के मेहरबान इलाके के खासी कलां गांव में बुधवार दोपहर दो पूर्व रियल एस्टेट पार्टनरों के बीच संपत्ति विवाद को सुलझाने के उद्देश्य से आयोजित बैठक में गोलीबारी शुरू हो गई। इस दौरान एक ही गांव के दो लोग सुखजीत सिंह और सुखदेव सिंह गोली लगने से घायल हो गए, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया है। सुखजीत सिंह की हालत गंभीर है और उसे चंडीगढ़ रोड स्थित फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि सुखदेव सिंह का इलाज CMC अस्पताल में चल रहा है। जमीनी विवाद को लेकर हुई फायरिंग मेहरबान थाने के ASI राधे शाम के अनुसार, शुरुआती जांच में पता चला है कि रियल एस्टेट कारोबार में पूर्व पार्टनर सुखजीत और सुखदेव के बीच जमीन के एक टुकड़े को लेकर विवाद चल रहा था। विवाद को सुलझाने के लिए दोनों पक्ष अपने साथियों के साथ गांव में एकत्र हुए। कहासुनी के बाद हाथापाई हो गई। दोनों पक्षों के बीच गोलीबारी शुरू हो गई। पुलिस अभी तक यह पता नहीं लगा पाई है कि गोलियां किसने चलाईं और कितने हथियार इस्तेमाल किए गए। ASI राधे श्याम बोले- ASI राधे श्याम ने कहा kf हम प्रत्यक्षदर्शियों से पूछताछ कर रहे हैं, लेकिन कई लोग बोलने से कतरा रहे हैं। इस घटना ने इलाके में तनाव पैदा कर दिया है, पुलिस ने सच्चाई को उजागर करने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं। अधिकारी गोलीबारी की घटनाओं पर स्पष्टता चाहते हैं और जांच कर रहे हैं कि क्या इसमें और भी लोग शामिल थे। उन्होंने कहा कि प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों और फोरेंसिक निष्कर्षों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। लुधियाना के मेहरबान इलाके के खासी कलां गांव में बुधवार दोपहर दो पूर्व रियल एस्टेट पार्टनरों के बीच संपत्ति विवाद को सुलझाने के उद्देश्य से आयोजित बैठक में गोलीबारी शुरू हो गई। इस दौरान एक ही गांव के दो लोग सुखजीत सिंह और सुखदेव सिंह गोली लगने से घायल हो गए, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया है। सुखजीत सिंह की हालत गंभीर है और उसे चंडीगढ़ रोड स्थित फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि सुखदेव सिंह का इलाज CMC अस्पताल में चल रहा है। जमीनी विवाद को लेकर हुई फायरिंग मेहरबान थाने के ASI राधे शाम के अनुसार, शुरुआती जांच में पता चला है कि रियल एस्टेट कारोबार में पूर्व पार्टनर सुखजीत और सुखदेव के बीच जमीन के एक टुकड़े को लेकर विवाद चल रहा था। विवाद को सुलझाने के लिए दोनों पक्ष अपने साथियों के साथ गांव में एकत्र हुए। कहासुनी के बाद हाथापाई हो गई। दोनों पक्षों के बीच गोलीबारी शुरू हो गई। पुलिस अभी तक यह पता नहीं लगा पाई है कि गोलियां किसने चलाईं और कितने हथियार इस्तेमाल किए गए। ASI राधे श्याम बोले- ASI राधे श्याम ने कहा kf हम प्रत्यक्षदर्शियों से पूछताछ कर रहे हैं, लेकिन कई लोग बोलने से कतरा रहे हैं। इस घटना ने इलाके में तनाव पैदा कर दिया है, पुलिस ने सच्चाई को उजागर करने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं। अधिकारी गोलीबारी की घटनाओं पर स्पष्टता चाहते हैं और जांच कर रहे हैं कि क्या इसमें और भी लोग शामिल थे। उन्होंने कहा कि प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों और फोरेंसिक निष्कर्षों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। पंजाब | दैनिक भास्कर
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अमृतसर में जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने बुलाई बैठक:अकाली दल अध्यक्ष समेत 2007-17 के मंत्रियों को किया तलब; सजा का हो सकता ऐलान
अमृतसर में जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने बुलाई बैठक:अकाली दल अध्यक्ष समेत 2007-17 के मंत्रियों को किया तलब; सजा का हो सकता ऐलान जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने 2 दिसंबर को दोपहर एक बजे श्री अकाल तख्त साहिब पर पांच सिख साहिबानों की बैठक बुलाई है। इस बैठक में शिरोमणि अकाली दल (SAD) के अध्यक्ष सुखबीर बादल के साथ 2007-2017 के दौरान पद पर रहे मंत्रियों, 2015 की शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की कार्यकारिणी के सदस्यों और मौजूदा अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी को बुलाया गया है। कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बैठक में सुखबीर बादल और 2007-17 के दौरान अकाली दल के मंत्रियों को सजा सुनाई जा सकती है। कुछ दिन पहले सुखबीर बादल श्री अकाल तख्त साहिब में पेश हुए थे और उन्होंने मांग की थी कि उन्हें तनखैया घोषित किए हुए तीन महीने से अधिक का समय बीत चुका है और उन्हें अब सजा सुनाई जानी चाहिए। वहीं, दो दिन पहले श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने भी संकेत दिए थे कि मुद्दों को लेकर कुछ दिनों में बैठक बुलाई जा सकती है। सुखबीर ने लिखा-सारे वर्कर चाहते थे मैं चुनाव लड़ूं श्री अकाल तख्त साहिब पर पहुंचे सुखबीर बादल ने अपने लिखित आवेदन में कहा था कि पार्टी के सारे वर्कर चाहते थे कि विशेष हालात के चलते मुझे अभी हो रहे उपचुनाव लड़ने और प्रचार की इजाजत दी जाए। उपचुनाव न लड़ पाने के कारण पंथ और पंजाब को बहुत नुकसान हुआ है, लेकिन अकाल पुरख की रजा में उन्होंने यह नुकसान झेला है। इसीलिए उनकी सजा पर जल्द से जल्द फैसला लिया जाए और उन्हें इजाजत दी जाए कि वह पंथ विरोधी ताकतों से डटकर मुकाबला कर सकें। जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने सुनाई थी सजा सुखबीर बादल को जुलाई महीने में धार्मिक सजा सुना दी गई है। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने सुखबीर को तनखैया करार दिया था। सुखबीर बादल पर उनकी सरकार के वक्त डेरा सच्चा सौदा मुखी राम रहीम को माफी देने के अलावा सुमेध सैनी को DGP नियुक्त करने और श्री गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले में कार्रवाई न करने का आरोप लगा था। फैसला सुनाते हुए अकाल तख्त जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा था- ”अकाली दल प्रधान और डिप्टी CM रहते हुए सुखबीर बादल ने कुछ ऐसे फैसले लिए, जिससे पंथक स्वरूप के अक्स को नुकसान पहुंचा। सिख पंथ का भारी नुकसान हुआ।” बागी गुट की शिकायत के बाद शुरू हुआ था विवाद दूसरी तरफ बागी गुट के प्रेम सिंह चंदूमाजरा, बीबी जगीर कौर, परमिंदर सिंह ढींढसा 1 जुलाई को श्री अकाल तख्त साहिब पहुंचे थे। इस दौरान जत्थेदार को माफीनामा सौंपा गया था। जिसमें सुखबीर बादल से हुई 4 गलतियों में सहयोग देने पर माफी मांगी गई- 1. वापस ली गई थी डेरा सच्चा सौदा के खिलाफ शिकायत 2007 में सलाबतपुरा में सच्चा सौदा डेरा के प्रमुख गुरुमीत राम रहीम ने दसवें गुरू श्री गुरू गोबिंद सिंह जी की परंपरा का अनुकरण करते हुए उन्हीं की तरह कपड़ों को पहनकर अमृत छकाने का स्वांग रचा था। उस वक्त इसके खिलाफ पुलिस केस भी दर्ज किया गया था, लेकिन बाद में अकाली सरकार ने सजा देने की जगह इस मामले को ही वापस ले लिया। 2. डेरा मुखी को सुखबीर बादल ने दिलवाई थी माफी श्री अकाल तख्त साहिब ने कार्रवाई करते हुए डेरा मुखी को सिख पंथ से निष्कासित कर दिया था। अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए डेरा मुखी को माफी दिलवा दी थी। इसके बाद अकाली दल और शिरोमणि कमेटी के नेतृत्व को सिख पंथ के गुस्से और नाराजगी का सामना करना पड़ा। अंत में श्री अकाल तख्त साहिब ने डेरा मुखी को माफी देने का फैसला वापस लिया। 3. बेअदबी की घटनाओं की सही जांच नहीं हुई 1 जून 2015 को कुछ तत्वों ने बुर्ज जवाहर सिंह वाला (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बीड़ चुराई। फिर 12 अक्टूबर 2015 को बरगाड़ी (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के 110 अंग चुरा लिए व बाहर फेंक दिए। इससे सिख पंथ में भारी आक्रोश फैल गया। अकाली दल सरकार और तत्कालीन गृह मंत्री सुखबीर सिंह बादल ने इस मामले की समय रहते जांच नहीं की। दोषियों को सजा दिलाने में असफल रहे। इससे पंजाब में हालात बिगड़ गए और कोटकपूरा और बहबल कलां में दुखद घटनाएं हुईं। 4. झूठे केसों में मारे गए सिखों को नहीं दे पाए इंसाफ अकाली दल सरकार ने सुमेध सैनी को पंजाब का DGP नियुक्त किया गया। राज्य में फर्जी पुलिस मुठभेड़ों को अंजाम देकर सिख युवाओं की हत्या करने के लिए उन्हें जाना जाता था। पूर्व DGP इजहार आलम, जिन्होंने आलम सेना का गठन किया, उनकी पत्नी को टिकट दिया और उन्हें मुख्य संसदीय सचिव बनाया। 4 जुलाई को स्पष्टीकरण मांगा, 24 को बंद लिफाफे में जवाब दिया इसके बाद 14 जुलाई को श्री अकाल तख्त साहिब पर पांचों तख्तों के जत्थेदारों की बैठक हुई। जिसमें 15 दिन के अंदर सुखबीर बादल से स्पष्टीकरण मांगा गया था। जिसके बाद 24 जुलाई को सुखबीर बादल ने बंद लिफाफे में श्री अकाल तख्त साहिब को स्पष्टीकरण दिया था। सुखबीर बादल के स्पष्टीकरण को सार्वजनिक करने की मांग उठने लगी। जिसके बाद 5 जुलाई को स्पष्टीकरण सार्वजनिक किया गया। जानें क्या लिखा था स्पष्टीकरण में सुखबीर बादल द्वारा श्री अकाल तख्त पर बंद लिफाफे में दिए गए स्पष्टीकरण के साथ दिवंगत मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का भी एक पुराना पत्र वायरल किया, जो बेअदबी की घटनाओं के बाद लिखा गया था। इसमें प्रकाश सिंह बादल ने अपने दिल का दर्द बयां किया था। प्रकाश सिंह बादल द्वारा अक्टूबर 2015 में श्री अकाल तख्त के जत्थेदार को दिए गए पत्र में बेअदबी की घटनाओं पर अपना दुख व्यक्त किया था। सितंबर 2015 में बेअदबी की बड़ी घटनाएं हुईं। उस वक्त आरोपियों को पकड़ न पाने के प्रदर्शन के लिए तत्कालीन अकाली सरकार की आलोचना हुई थी। 17 अक्टूबर 2015 को तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने श्री हरमंदिर साहिब में माथा टेका और श्री अकाल तख्त के जत्थेदार को एक पत्र सौंपा था। इसमें उन्होंने लिखा था कि पंजाब का प्रशासनिक मुखिया होने के नाते मुझे इस तरह की अप्रत्याशित घटनाओं के बारे में पूरी जानकारी है। मैंने सौंपे गए कर्तव्यों का पूरी लगन और परिश्रम से पालन करने की कोशिश की है, लेकिन अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करते समय कभी-कभी कुछ ऐसा हो जाता है, जो अचानक घटित होता है। इससे आपका मन गहरी पीड़ा से गुजरता है और आप आत्मिक रूप से परेशान हो जाते हैं। इस मामले में हमारी पश्चाताप की भावना प्रबल है। ऐसे समय में वे आंतरिक पीड़ा से भी गुजर रहे हैं, ऐसी भावना के साथ, वे गुरु को नमन कर रहे हैं और प्रार्थना कर रहे हैं कि गुरु साहिब शक्ति और दया प्रदान करें।
बढ़ते गौ हत्या के मामलों को लेकर की बैठक
बढ़ते गौ हत्या के मामलों को लेकर की बैठक जालंधर| हिंदू संगठनों के प्रतिनिधियों ने बढ़ रहे गौ हत्या के मामलों के संबंध में मीटिंग की। हिंद क्रांति दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज नन्हा, शिवसेना नेता सुनील बंटी, रोहित जोशी, ललित बब्बू ने कहा कि पिछले कुछ समय से गौ हत्या तथा गौ मांस की तस्करी की घटनाओं में इजाफा हुआ है। उन्होंने कहा कि हिंदू शास्त्रों में गाय को मां का दर्जा दिया गया है। यही कारण है कि देश-विदेश में बसे हिंदुओं के लिए गाय माता देवी-देवताओं की भांति पूजनीय है। इस तरह की घटनाओं से हिंदुओं की भावनाएं आहत हो रही हैं। पंजाब सरकार को इस तरह की घटनाओं पर नकेल कसने के लिए सख्त कदम उठाने चाहिए।
लुधियाना के युवक की फिल्लौर में हत्या:घर से बुलाकर ले गया दोस्त, इकलौता था बेटा, विदेश से लौटा था 3 महीने पहले
लुधियाना के युवक की फिल्लौर में हत्या:घर से बुलाकर ले गया दोस्त, इकलौता था बेटा, विदेश से लौटा था 3 महीने पहले पंजाब के लुधियाना शहर के रहने वाले युवक की फिल्लोर-अपरा रोड पर हत्या कर दी गई। हत्यारों ने मृतक के सिर पर लोहे की रॉड और तेज-धार हथियारों से वार किए गए है। बताया जा रहा है कि युवक करीब 3 महीने पहले ही आर्मीनिया (यूरोप) से वापस भारत आया है। आर्मीनिया में वह कार ठीक करने का काम करता था। मृतक का नाम जैसमीन है।
राहगीर ने फोन कर किया सूचित जैसमीन परिवार का इकलौता बेटा था। उसकी एक बड़ी बहन है। जैसमीन को उसका एक दोस्त घर से बुलाकर ले गया। शुक्रवार सुबह किसी राहगीर का फोन आया कि जैसमीन अपरा रोड पर घायल अवस्था में पड़ा है। उसे सिविल अस्पताल में दाखिल करवाया। हालत गंभीर होने के कारण परिवार प्राइवेट अस्पताल ले गया। जहां देर रात जैसमीन की मौत हो गई। दोस्त घर से बुलाकर ले गया जानकारी देते हुए जैसमीन के पिता सोमलाल ने कहा कि वह भट्टिया चिट्टी कालोनी के रहने वाले है। 3 दिन पहले उनके बेटे को उसका दोस्त हर्ष घर से बुलाकर ले गया। बेटा जैसमीन यह कहकर घर से गया कि बस्ती तक जाना है। पूरी रात जैसमीन घर से बाहर रहा। अगले दिन जैसमीन के दोस्त दीपू को किसी राहगीर का फोन आया उसने बताया कि जैसमीन बेहद गंभीर हालात में सड़क पर खून से लथपथ पड़ा था। उसे तुरंत सिविल अस्पताल लेकर गए लेकिन हालत गंभीर देख जालंधर के प्राइवेट अस्पताल दाखिल करवाया लेकिन बीते रात उसकी मौत हो गई। हत्या को एक्सीडेंट दिखाने की कोशिश पिता सोमलाल मुताबिक उनके बेटे की हत्या कर आरोपियों ने उसे एक्सीडेंट दिखाने की कोशिश की है। उन्होंने बेटे के सिर का एक्सरे करवाया तो पता चला कि सिर की हड्डियां तक टूट गई है। माथे में छेद निकला हुआ है। घटना स्थल वाली जगह पर एक पेड़ पर तेजधार हथियार के निशान है। जैसमीन परिवार का इकलौता सहारा था। थाना फिल्लौर की पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर सिविल अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया है। आज पोस्टमॉर्टम के बाद शव का अंतिम संस्कार करवा दिया जाएगा। उधर, थाना फिल्लौर के SHO सुखदेव सिंह ने कहा कि फिलहाल 103 BNS के तहत मामला दर्ज कर दिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। आरोपियों को जल्द पकड़ लिया जाएगा।