पंजाब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और लुधियाना के सांसद अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग अभी तक अपने कार्यालय का उद्घाटन नहीं कर पाए हैं। न ही वड़िंग ने लोगों के साथ कोई सार्वजनिक नंबर साझा किया है, जिस पर लोगों की समस्याओं का समाधान हो सके या फिर वे सीधे सांसद से बात कर सकें। 25 दिन पहले वड़िंग ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था कि वे जुलाई के पहले सप्ताह में अपना कार्यालय लोगों के लिए खोल देंगे, लेकिन अभी तक वड़िंग के कार्यालय का आधिकारिक उद्घाटन नहीं हुआ है। कार्यालय बनकर तैयार है, लेकिन लोकसभा चुनाव जीतने के 44 दिन बाद भी वड़िंग कार्यालय में बैठ नहीं पा रहे हैं। शहर के लोगों को अगर अपनी समस्याएं अपने सांसद को बतानी हैं या उनसे मिलना है तो लोगों को और इंतजार करना पड़ सकता है, क्योंकि पंजाब के प्रधान होने के नाते वड़िंग अब विधानसभा उपचुनाव की तैयारियों में जुट जाएंगे। 4 सीटों पर होने हैं उपचुनाव कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते वडिंग पहले जालंधर उपचुनाव में व्यस्त थे। उपचुनाव हारने के बाद वडिंग अब गिद्दड़बाहा, बरनाला, होशियारपुर और गुरदासपुर विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में व्यस्त हैं। लुधियाना में नहीं गिद्दड़बाहा में वडिंग की दिलचस्पी अभी दो दिन पहले ही वडिंग ने गिद्दड़बाहा में लोगों से मुलाकात की थी और मुलाकात की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किए थे। अब लुधियाना में चर्चा है कि वडिंग लुधियाना से चुनाव जीत गए हैं, लेकिन उनका मन अभी भी गिद्दड़बाहा में ही है। लुधियाना के आम लोग अगर अपने सांसद से मिलना चाहते हैं तो उन्हें न तो उनके दफ्तर का पता पता है और न ही उनके घर का। लोगों को अब समझ में नहीं आ रहा है कि वे अपना काम करवाने के लिए कहां जाएं। कार्यालय प्रभारी को भी नहीं पता उद्घाटन कब होगा दैनिक भास्कर ने राजा वडिंग के कार्यालय का दौरा किया तो वहां जगसीर नामक युवक मिला। उसने बताया कि वह कार्यालय का प्रभारी है। जब उससे पूछा गया कि सांसद का कार्यालय कब शुरू होगा तो उसने कहा कि वह आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कह सकता। लेकिन जल्द ही जब सांसद शहर आएंगे तो वह बता पाएंगे कि कार्यालय का उद्घाटन कब होगा। चुनाव के दौरान फोन उठाने और काम करने का किया था वादा बता दें कि वड़िंग ने लोकसभा चुनाव में शहर के लोगों से वादा किया था कि जीतने के बाद वह लोगों के फोन उठाएंगे और उनके काम भी करेंगे। इस संबंध में उन्होंने शहर में विज्ञापन बोर्ड भी लगाए थे। इसका कारण यह था कि विरोधी तत्कालीन भाजपा प्रत्याशी रवनीत सिंह बिट्टू पर तंज कस रहे थे कि 10 साल तक सांसद रहने के बावजूद बिट्टू ने किसी कार्यकर्ता या आम आदमी का फोन नहीं उठाया। वडिंग के चुनाव जीतने के बाद एक बार फिर शहर के लोगों की स्थिति वही हो गई है कि लोग अपने सांसद को देखने के लिए तरस रहे हैं। लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान बिट्टू कई बार वडिंग को बाहरी प्रत्याशी बताकर उन पर तंज कस चुके हैं। पढ़ें कौन हैं अमरिंदर सिंह राजा वडिंग वडिंग गिद्दड़बाहा से विधायक रह चुके हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव में वडिंग ने शिअद उम्मीदवार हरदीप सिंह डिंपी को 1349 वोटों से हराया था। लुधियाना में उनका मुकाबला कांग्रेस के मौजूदा सांसद रवनीत बिट्टू से था। लोकसभा चुनाव में वडिंग को 3,22,224 वोट मिले थे, उनकी जीत का अंतर 20,942 वोट रहा था। सूत्रों के मुताबिक पता चला है कि वडिंग अपनी पत्नी अमृता को गिद्दड़बाहा विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतार सकते हैं। वड़िंग का राजनीतिक करियर अमरिंदर सिंह राजा वाड़िंग ने साल 2000 में पहली बार राजनीति में कदम रखा। उन्हें युवा कांग्रेस का श्री मुक्तसर साहिब ब्लॉक अध्यक्ष बनाया गया। इसके बाद उन्होंने पार्टी के लिए कड़ी मेहनत की और 2005 में उन्हें युवा कांग्रेस का राष्ट्रीय प्रवक्ता नियुक्त किया गया। वर्ष 2008 में उन्हें पंजाब युवा कांग्रेस का उपाध्यक्ष चुना गया और 2009 में उन्हें युवा कांग्रेस का महासचिव बनाया गया। राजा वाड़िंग ने साल 2012 में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा था। उन्होंने मनप्रीत बादल को हराया और विधानसभा पहुंचे। वर्ष 2014 में उन्हें युवा कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया। वहीं फिलहाल राजा वड़िंग प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष हैं, और लुधियाना लोकसभा सीट से सांसद हैं। पंजाब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और लुधियाना के सांसद अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग अभी तक अपने कार्यालय का उद्घाटन नहीं कर पाए हैं। न ही वड़िंग ने लोगों के साथ कोई सार्वजनिक नंबर साझा किया है, जिस पर लोगों की समस्याओं का समाधान हो सके या फिर वे सीधे सांसद से बात कर सकें। 25 दिन पहले वड़िंग ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था कि वे जुलाई के पहले सप्ताह में अपना कार्यालय लोगों के लिए खोल देंगे, लेकिन अभी तक वड़िंग के कार्यालय का आधिकारिक उद्घाटन नहीं हुआ है। कार्यालय बनकर तैयार है, लेकिन लोकसभा चुनाव जीतने के 44 दिन बाद भी वड़िंग कार्यालय में बैठ नहीं पा रहे हैं। शहर के लोगों को अगर अपनी समस्याएं अपने सांसद को बतानी हैं या उनसे मिलना है तो लोगों को और इंतजार करना पड़ सकता है, क्योंकि पंजाब के प्रधान होने के नाते वड़िंग अब विधानसभा उपचुनाव की तैयारियों में जुट जाएंगे। 4 सीटों पर होने हैं उपचुनाव कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते वडिंग पहले जालंधर उपचुनाव में व्यस्त थे। उपचुनाव हारने के बाद वडिंग अब गिद्दड़बाहा, बरनाला, होशियारपुर और गुरदासपुर विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में व्यस्त हैं। लुधियाना में नहीं गिद्दड़बाहा में वडिंग की दिलचस्पी अभी दो दिन पहले ही वडिंग ने गिद्दड़बाहा में लोगों से मुलाकात की थी और मुलाकात की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किए थे। अब लुधियाना में चर्चा है कि वडिंग लुधियाना से चुनाव जीत गए हैं, लेकिन उनका मन अभी भी गिद्दड़बाहा में ही है। लुधियाना के आम लोग अगर अपने सांसद से मिलना चाहते हैं तो उन्हें न तो उनके दफ्तर का पता पता है और न ही उनके घर का। लोगों को अब समझ में नहीं आ रहा है कि वे अपना काम करवाने के लिए कहां जाएं। कार्यालय प्रभारी को भी नहीं पता उद्घाटन कब होगा दैनिक भास्कर ने राजा वडिंग के कार्यालय का दौरा किया तो वहां जगसीर नामक युवक मिला। उसने बताया कि वह कार्यालय का प्रभारी है। जब उससे पूछा गया कि सांसद का कार्यालय कब शुरू होगा तो उसने कहा कि वह आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कह सकता। लेकिन जल्द ही जब सांसद शहर आएंगे तो वह बता पाएंगे कि कार्यालय का उद्घाटन कब होगा। चुनाव के दौरान फोन उठाने और काम करने का किया था वादा बता दें कि वड़िंग ने लोकसभा चुनाव में शहर के लोगों से वादा किया था कि जीतने के बाद वह लोगों के फोन उठाएंगे और उनके काम भी करेंगे। इस संबंध में उन्होंने शहर में विज्ञापन बोर्ड भी लगाए थे। इसका कारण यह था कि विरोधी तत्कालीन भाजपा प्रत्याशी रवनीत सिंह बिट्टू पर तंज कस रहे थे कि 10 साल तक सांसद रहने के बावजूद बिट्टू ने किसी कार्यकर्ता या आम आदमी का फोन नहीं उठाया। वडिंग के चुनाव जीतने के बाद एक बार फिर शहर के लोगों की स्थिति वही हो गई है कि लोग अपने सांसद को देखने के लिए तरस रहे हैं। लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान बिट्टू कई बार वडिंग को बाहरी प्रत्याशी बताकर उन पर तंज कस चुके हैं। पढ़ें कौन हैं अमरिंदर सिंह राजा वडिंग वडिंग गिद्दड़बाहा से विधायक रह चुके हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव में वडिंग ने शिअद उम्मीदवार हरदीप सिंह डिंपी को 1349 वोटों से हराया था। लुधियाना में उनका मुकाबला कांग्रेस के मौजूदा सांसद रवनीत बिट्टू से था। लोकसभा चुनाव में वडिंग को 3,22,224 वोट मिले थे, उनकी जीत का अंतर 20,942 वोट रहा था। सूत्रों के मुताबिक पता चला है कि वडिंग अपनी पत्नी अमृता को गिद्दड़बाहा विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतार सकते हैं। वड़िंग का राजनीतिक करियर अमरिंदर सिंह राजा वाड़िंग ने साल 2000 में पहली बार राजनीति में कदम रखा। उन्हें युवा कांग्रेस का श्री मुक्तसर साहिब ब्लॉक अध्यक्ष बनाया गया। इसके बाद उन्होंने पार्टी के लिए कड़ी मेहनत की और 2005 में उन्हें युवा कांग्रेस का राष्ट्रीय प्रवक्ता नियुक्त किया गया। वर्ष 2008 में उन्हें पंजाब युवा कांग्रेस का उपाध्यक्ष चुना गया और 2009 में उन्हें युवा कांग्रेस का महासचिव बनाया गया। राजा वाड़िंग ने साल 2012 में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा था। उन्होंने मनप्रीत बादल को हराया और विधानसभा पहुंचे। वर्ष 2014 में उन्हें युवा कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया। वहीं फिलहाल राजा वड़िंग प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष हैं, और लुधियाना लोकसभा सीट से सांसद हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर
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