लुधियाना में सिंधी बेकर्स पर फायरिंग किए जाने का मामला सामने आया है। एक्टिवा पर सवार होकर आए दो नकाबपोश बदमाशों ने दुकानदार पर गोलियां चलाई। पुलिस को घटना स्थल से तीन खाली खोल भी बरामद हुई है। बदमाशों द्वारा चलाई गई गोली दुकानदार के चेहरे को छुकर निकल गई। लुधियानों के राजगुरु नगर इलाके में आज शाम करीब साढे़ चार बजे एक्टिवा सवार होकर दो बदमाश आए। लोगों ने दुकान में आते ही गोलीबारी शुरू कर दी। बदमाशों ने तीन गोलियां चलाई। एक गोली दुकान के पंखे पर लगी, जबकि एक गोली मिस हो गई। दुकान पर बैठे दुकानदार नवीन ने बदमाशों का विरोध किया तो उन लोगों ने उस पर भी फायर कर दिया। शोर शराबा सुनने के बाद आस पास के लोग इक्ट्ठा होने लगे तो हमलावर मौके से फरार हो गए। लोगों ने घायल नवीन को तुरंत अस्पताल पहुंचाया। फिलहाल नवीन का उपचार चल रहा है। लुधियाना में सिंधी बेकर्स पर फायरिंग किए जाने का मामला सामने आया है। एक्टिवा पर सवार होकर आए दो नकाबपोश बदमाशों ने दुकानदार पर गोलियां चलाई। पुलिस को घटना स्थल से तीन खाली खोल भी बरामद हुई है। बदमाशों द्वारा चलाई गई गोली दुकानदार के चेहरे को छुकर निकल गई। लुधियानों के राजगुरु नगर इलाके में आज शाम करीब साढे़ चार बजे एक्टिवा सवार होकर दो बदमाश आए। लोगों ने दुकान में आते ही गोलीबारी शुरू कर दी। बदमाशों ने तीन गोलियां चलाई। एक गोली दुकान के पंखे पर लगी, जबकि एक गोली मिस हो गई। दुकान पर बैठे दुकानदार नवीन ने बदमाशों का विरोध किया तो उन लोगों ने उस पर भी फायर कर दिया। शोर शराबा सुनने के बाद आस पास के लोग इक्ट्ठा होने लगे तो हमलावर मौके से फरार हो गए। लोगों ने घायल नवीन को तुरंत अस्पताल पहुंचाया। फिलहाल नवीन का उपचार चल रहा है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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अमृतसर में जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने बुलाई बैठक:अकाली दल अध्यक्ष समेत 2007-17 के मंत्रियों को किया तलब; सजा का हो सकता ऐलान
अमृतसर में जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने बुलाई बैठक:अकाली दल अध्यक्ष समेत 2007-17 के मंत्रियों को किया तलब; सजा का हो सकता ऐलान जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने 2 दिसंबर को दोपहर एक बजे श्री अकाल तख्त साहिब पर पांच सिख साहिबानों की बैठक बुलाई है। इस बैठक में शिरोमणि अकाली दल (SAD) के अध्यक्ष सुखबीर बादल के साथ 2007-2017 के दौरान पद पर रहे मंत्रियों, 2015 की शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की कार्यकारिणी के सदस्यों और मौजूदा अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी को बुलाया गया है। कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बैठक में सुखबीर बादल और 2007-17 के दौरान अकाली दल के मंत्रियों को सजा सुनाई जा सकती है। कुछ दिन पहले सुखबीर बादल श्री अकाल तख्त साहिब में पेश हुए थे और उन्होंने मांग की थी कि उन्हें तनखैया घोषित किए हुए तीन महीने से अधिक का समय बीत चुका है और उन्हें अब सजा सुनाई जानी चाहिए। वहीं, दो दिन पहले श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने भी संकेत दिए थे कि मुद्दों को लेकर कुछ दिनों में बैठक बुलाई जा सकती है। सुखबीर ने लिखा-सारे वर्कर चाहते थे मैं चुनाव लड़ूं श्री अकाल तख्त साहिब पर पहुंचे सुखबीर बादल ने अपने लिखित आवेदन में कहा था कि पार्टी के सारे वर्कर चाहते थे कि विशेष हालात के चलते मुझे अभी हो रहे उपचुनाव लड़ने और प्रचार की इजाजत दी जाए। उपचुनाव न लड़ पाने के कारण पंथ और पंजाब को बहुत नुकसान हुआ है, लेकिन अकाल पुरख की रजा में उन्होंने यह नुकसान झेला है। इसीलिए उनकी सजा पर जल्द से जल्द फैसला लिया जाए और उन्हें इजाजत दी जाए कि वह पंथ विरोधी ताकतों से डटकर मुकाबला कर सकें। जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने सुनाई थी सजा सुखबीर बादल को जुलाई महीने में धार्मिक सजा सुना दी गई है। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने सुखबीर को तनखैया करार दिया था। सुखबीर बादल पर उनकी सरकार के वक्त डेरा सच्चा सौदा मुखी राम रहीम को माफी देने के अलावा सुमेध सैनी को DGP नियुक्त करने और श्री गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले में कार्रवाई न करने का आरोप लगा था। फैसला सुनाते हुए अकाल तख्त जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा था- ”अकाली दल प्रधान और डिप्टी CM रहते हुए सुखबीर बादल ने कुछ ऐसे फैसले लिए, जिससे पंथक स्वरूप के अक्स को नुकसान पहुंचा। सिख पंथ का भारी नुकसान हुआ।” बागी गुट की शिकायत के बाद शुरू हुआ था विवाद दूसरी तरफ बागी गुट के प्रेम सिंह चंदूमाजरा, बीबी जगीर कौर, परमिंदर सिंह ढींढसा 1 जुलाई को श्री अकाल तख्त साहिब पहुंचे थे। इस दौरान जत्थेदार को माफीनामा सौंपा गया था। जिसमें सुखबीर बादल से हुई 4 गलतियों में सहयोग देने पर माफी मांगी गई- 1. वापस ली गई थी डेरा सच्चा सौदा के खिलाफ शिकायत 2007 में सलाबतपुरा में सच्चा सौदा डेरा के प्रमुख गुरुमीत राम रहीम ने दसवें गुरू श्री गुरू गोबिंद सिंह जी की परंपरा का अनुकरण करते हुए उन्हीं की तरह कपड़ों को पहनकर अमृत छकाने का स्वांग रचा था। उस वक्त इसके खिलाफ पुलिस केस भी दर्ज किया गया था, लेकिन बाद में अकाली सरकार ने सजा देने की जगह इस मामले को ही वापस ले लिया। 2. डेरा मुखी को सुखबीर बादल ने दिलवाई थी माफी श्री अकाल तख्त साहिब ने कार्रवाई करते हुए डेरा मुखी को सिख पंथ से निष्कासित कर दिया था। अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए डेरा मुखी को माफी दिलवा दी थी। इसके बाद अकाली दल और शिरोमणि कमेटी के नेतृत्व को सिख पंथ के गुस्से और नाराजगी का सामना करना पड़ा। अंत में श्री अकाल तख्त साहिब ने डेरा मुखी को माफी देने का फैसला वापस लिया। 3. बेअदबी की घटनाओं की सही जांच नहीं हुई 1 जून 2015 को कुछ तत्वों ने बुर्ज जवाहर सिंह वाला (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बीड़ चुराई। फिर 12 अक्टूबर 2015 को बरगाड़ी (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के 110 अंग चुरा लिए व बाहर फेंक दिए। इससे सिख पंथ में भारी आक्रोश फैल गया। अकाली दल सरकार और तत्कालीन गृह मंत्री सुखबीर सिंह बादल ने इस मामले की समय रहते जांच नहीं की। दोषियों को सजा दिलाने में असफल रहे। इससे पंजाब में हालात बिगड़ गए और कोटकपूरा और बहबल कलां में दुखद घटनाएं हुईं। 4. झूठे केसों में मारे गए सिखों को नहीं दे पाए इंसाफ अकाली दल सरकार ने सुमेध सैनी को पंजाब का DGP नियुक्त किया गया। राज्य में फर्जी पुलिस मुठभेड़ों को अंजाम देकर सिख युवाओं की हत्या करने के लिए उन्हें जाना जाता था। पूर्व DGP इजहार आलम, जिन्होंने आलम सेना का गठन किया, उनकी पत्नी को टिकट दिया और उन्हें मुख्य संसदीय सचिव बनाया। 4 जुलाई को स्पष्टीकरण मांगा, 24 को बंद लिफाफे में जवाब दिया इसके बाद 14 जुलाई को श्री अकाल तख्त साहिब पर पांचों तख्तों के जत्थेदारों की बैठक हुई। जिसमें 15 दिन के अंदर सुखबीर बादल से स्पष्टीकरण मांगा गया था। जिसके बाद 24 जुलाई को सुखबीर बादल ने बंद लिफाफे में श्री अकाल तख्त साहिब को स्पष्टीकरण दिया था। सुखबीर बादल के स्पष्टीकरण को सार्वजनिक करने की मांग उठने लगी। जिसके बाद 5 जुलाई को स्पष्टीकरण सार्वजनिक किया गया। जानें क्या लिखा था स्पष्टीकरण में सुखबीर बादल द्वारा श्री अकाल तख्त पर बंद लिफाफे में दिए गए स्पष्टीकरण के साथ दिवंगत मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का भी एक पुराना पत्र वायरल किया, जो बेअदबी की घटनाओं के बाद लिखा गया था। इसमें प्रकाश सिंह बादल ने अपने दिल का दर्द बयां किया था। प्रकाश सिंह बादल द्वारा अक्टूबर 2015 में श्री अकाल तख्त के जत्थेदार को दिए गए पत्र में बेअदबी की घटनाओं पर अपना दुख व्यक्त किया था। सितंबर 2015 में बेअदबी की बड़ी घटनाएं हुईं। उस वक्त आरोपियों को पकड़ न पाने के प्रदर्शन के लिए तत्कालीन अकाली सरकार की आलोचना हुई थी। 17 अक्टूबर 2015 को तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने श्री हरमंदिर साहिब में माथा टेका और श्री अकाल तख्त के जत्थेदार को एक पत्र सौंपा था। इसमें उन्होंने लिखा था कि पंजाब का प्रशासनिक मुखिया होने के नाते मुझे इस तरह की अप्रत्याशित घटनाओं के बारे में पूरी जानकारी है। मैंने सौंपे गए कर्तव्यों का पूरी लगन और परिश्रम से पालन करने की कोशिश की है, लेकिन अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करते समय कभी-कभी कुछ ऐसा हो जाता है, जो अचानक घटित होता है। इससे आपका मन गहरी पीड़ा से गुजरता है और आप आत्मिक रूप से परेशान हो जाते हैं। इस मामले में हमारी पश्चाताप की भावना प्रबल है। ऐसे समय में वे आंतरिक पीड़ा से भी गुजर रहे हैं, ऐसी भावना के साथ, वे गुरु को नमन कर रहे हैं और प्रार्थना कर रहे हैं कि गुरु साहिब शक्ति और दया प्रदान करें।
खालिस्तान समर्थक अमृतपाल की नई पार्टी का नाम जारी:अकाली दल पर आधारित रखा, माघी मेले के दौरान घोषणा होगी; सांसद सरबजीत ने दी जानकारी
खालिस्तान समर्थक अमृतपाल की नई पार्टी का नाम जारी:अकाली दल पर आधारित रखा, माघी मेले के दौरान घोषणा होगी; सांसद सरबजीत ने दी जानकारी राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद खालिस्तान समर्थक और खडूर साहिब से सांसद अमृतपाल सिंह अपनी पार्टी का नाम अकाली दल (श्री आनंदपुर साहिब) रखने जा रहे हैं। 14 जनवरी को उनके कहने पर पंजाब की नई क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टी का गठन किया जाएगा। श्री मुक्तसर साहिब में माघी पर्व के अवसर पर आयोजित “माघी दा मेला” के दौरान इसकी घोषणा की जाएगी। यह जानकारी तेजतर्रार और फरीदकोट से सांसद सरबजीत सिंह खालसा ने मीडिया से जानकारी साझा करते हुए दी। उन्होंने कहा कि खडूर साहिब से सांसद अमृतपाल सिंह द्वारा गठित की जाने वाली नई क्षेत्रीय पार्टी का नाम अकाली दल (श्री आनंदपुर साहिब) रखा जाएगा। इस अवसर पर पंथ बचाओ, पंजाब बचाओ रैली का आयोजन किया गया है, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों के पहुंचने की उम्मीद है। रैली के दौरान अमृतपाल सिंह के पिता और उनके करीबी सहयोगी पार्टी की घोषणा करेंगे। पंजाब की राजनीति में हलचल खालिस्तान के समर्थन में बयान देकर अक्सर चर्चा में रहने वाले अमृतपाल सिंह के इस कदम से क्षेत्रीय राजनीति में हलचल मच गई है। उनकी पार्टी के मुद्दे राज्य में सिख समुदाय के हितों की रक्षा करना और पंजाब की स्थानीय समस्याओं जैसे बेरोजगारी, कृषि संकट और पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान केंद्रित करना होगा। इसके साथ ही वह नशे के खिलाफ भी आवाज उठाएंगे। अकाली दल के लिए विचार का समय शिरोमणि अकाली दल (बादल) जो खुद को पंथ हिमायती पार्टी कहती है, उनके लिए ये चिंता की घड़ी है। अकाली दल (बादल) के पास मात्र एक सांसद हरसिमरत कौर बादल हैं। जबकि नई घोषित होने जा रही पार्टी के पास दो सांसद अमृतपाल सिंह और सर्बजीत सिंह खालसा हैं। वहीं, दूसरी तरफ अकाली दल का बागी गुट एक बार फिर बगावती सुर अपना रहा है। वे श्री अकाल तख्त साहिब के 2 दिसंबर के आदेश की पालन की मांग कर रहा है। अगर ऐसा ना हुआ तो अकाली दल के नाम पर एक और पार्टी खड़ी हो सकती है। अकाली दल में बागी सुरों का उठाया जा रहा फायदा पंजाब के सिख समुदाय के लिए ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माघी पर्व और माघी मेले को इस घोषणा के लिए चुना गया है। दरअसल, इस दिन पंथक पार्टियां अपने एजेंडा को लोगों के सामने रखते हैं। इस अवसर पर राज्य भर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु और समर्थक श्री मुक्तसर साहिब पहुंचते हैं। अमृतपाल सिंह का यह कदम पंजाब की राजनीति में बड़ा बदलाव ला सकता है, खासकर ऐसे समय में जब मौजूदा अकाली दल कई तरह की चुनौतियों का सामना कर रही हैं। अमृतपाल की नई पार्टी, जो पूरी तरह से क्षेत्रीय और स्थानीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करेगी, राज्य में मतदाताओं के लिए एक वैकल्पिक विकल्प बन सकती है।
लुधियाना में पूर्व MLA के बेटे पर FIR:वोट डालते समय बनाया EVM का वीडियो, सोशल मीडिया पर किया वायरल
लुधियाना में पूर्व MLA के बेटे पर FIR:वोट डालते समय बनाया EVM का वीडियो, सोशल मीडिया पर किया वायरल पंजाब के लुधियाना में पुलिस ने पूर्व भाजपा विधायक दिवंगत हरीश बेदी के बेटे हितेश बेदी (हनी) के खिलाफ मामला दर्ज किया है। हनी बेदी पर चुनाव आयोग के नियमों का उल्लंघन करने का आरोप है। उन्होंने वोट डालते समय ईवीएम मशीन से फोटो खींची। इसके बाद उन्होंने इसे सोशल मीडिया फेसबुक पर अपलोड कर दिया। ऐसा करके हनी ने चुनाव आयोग के नियमों की अनदेखी की है। थाना डिवीजन नंबर 2 में FIR दर्ज थाना डिवीजन नंबर 2 की पुलिस ने हितेश बेदी के खिलाफ धारा 128,131 जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951,188 आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया है। पीआरओ बूथ नंबर 142 हल्का-63 सेंट्रल के पीठासीन अधिकारी किशोर कुमार ने पुलिस को बयान दिया है कि 1 जून को लोकसभा चुनाव के दिन वह ड्यूटी पर थे। पुलिस और मतदान कर्मियों से छिपाकर ले गया फोन बूथ के मतदाता क्रमांक 469 के आरोपी हितेश बेदी ने मतदान करते समय मतदान कर्मियों और पुलिस से छिपाकर मोबाइल बूथ कम्पार्टमेंट में ले गए इसके बाद बैलेट यूनिट 1 की फोटो खींच ली और उसे अपने फेसबुक पेज पर शेयर कर दिया। ऐसा करके हितेश बेदी ने चुनाव आयोग के नियमों का उल्लंघन किया है। इस मामले की जांच जनकपुरी चौकी इंचार्ज कपिल कर रहे हैं। आरोपी की अभी तक गिरफ्तारी नहीं हुई है। बूथ नंबर 35 की EVM मशीन की बनी वीडियो इसी तरह थाना डिवीजन नंबर 3 की पुलिस ने आरोपी गोतम भसीन और गगनदीप पर चुनाव आयोग की अवहेलना करने का मामला दर्ज किया है। प्राजाइडिंग अधिकारी तेजपाल सिंह ने पुलिस को बताया कि हलका सेंट्रल के बूथ नंबर 35 की अग्रवाल धर्मशाला नजदीक संगला वाला शिवाला मंदिर बागड़ मोहल्ला में आरोपी गोतम अपने वोट डालने आया। आरोपी ने अपने मोबाइल के जरिए वोटिंग मशीन की वीडियो बनाई। आरोपी ने ऐसा करके चुनाव आयोग के नियमों का उल्लंघन किया है। आरोपी गगनदीप ने वोट डालते समय की तस्वीर खीचीं। दोनों आरोपियों को पुलिस ने काबू कर लिया। उधर, थाना टिब्बा की पुलिस ने आरोपी मनीश वर्मा पर भी प्राजाइडिंग अधिकारी अमित कुमार के बयानों पर चुनाव आयोग के नियमों की अवहेलना करके पर मामला दर्ज किया है। अधिकारी ने पुलिस को बताया कि मैं बूथ नंबर 2 डीसेंट पब्लिक स्कूल गली नंबर 15 न्यू शक्ति नगर में तैनात था। आरोपी मनीष वर्मा निवासी न्यू शक्ति नगर ने वोट डालते समय स्टाफ और पुलिस से छिपाकर EVM मशीन की वोटिंग करके समय वीडियो बनाई। आरोपी ने वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट की। जिस कारण आरोपी को पुलिस ने काबू कर लिया।