लुधियाना में 52 बर्खास्त पुलिसकर्मियों के समर्थन में विरोध:प्रदर्शनकारियों को कमिश्नर कार्यालय जाने से रोका, 4 कर्मचारी नजरबंद

लुधियाना में 52 बर्खास्त पुलिसकर्मियों के समर्थन में विरोध:प्रदर्शनकारियों को कमिश्नर कार्यालय जाने से रोका, 4 कर्मचारी नजरबंद

पंजाब में भ्रष्टाचार के आरोपों में बर्खास्त किए गए 52 पुलिसकर्मियों के समर्थन में बुधवार को लुधियाना में प्रदर्शन की योजना थी। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को कमिश्नर कार्यालय के पास जाने से रोक दिया। चार कर्मचारियों को हिरासत में ले लिया गया। सीएम के आदेश पर हुई थी कार्रवाई बर्खास्त किए गए कर्मियों में एक इंस्पेक्टर, पांच एएसआई, चार हेड कॉन्स्टेबल और 42 कॉन्स्टेबल शामिल हैं। यह कार्रवाई मुख्यमंत्री भगवंत मान के आदेश पर 13 फरवरी को की गई थी। डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि इन सभी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले दर्ज थे और लंबे समय से विभागीय जांच चल रही थी। भ्रष्ट अधिकारियों को मिल रहा प्रमोशन पुलिस परिवार वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान भूपिंदर सिंह ने आरोप लगाया कि भ्रष्ट अधिकारियों को उच्च पदों पर पदोन्नति दी जा रही है। उन्होंने कहा कि आईपीएस इंद्रबीर सिंह और डीआईजी प्रदीप कुमार पर केस चल रहे हैं, फिर भी वे अपने पदों पर बने हुए हैं। भूपिंदर सिंह ने चेतावनी दी कि वे अन्य संगठनों के साथ मिलकर जल्द ही मुख्यमंत्री और डीजीपी कार्यालय का घेराव करेंगे। उनका कहना है कि बर्खास्त कर्मियों को बहाल करवाकर ही रहेंगे। इन जिलो से है डिसमिस किए मुलाजिम डीजीपी ने बताया कि सीएम द्वारा 13 फरवरी को डिसमिस करने का आदेश दिया गया था और बर्खास्त पुलिसकर्मियों में पटियाला से सर्वाधिक पांच, अमृतसर-जालंधर पुलिस कमिश्नरेट व जालंधर रूरल से दो-दो, लुधियाना कमिश्नरेट, कपूरथला व होशियारपुर से चार-चार, फरीदकोट व लुधियाना रूरल से तीन-तीन, बटाला, फाजिल्का व बठिंडा से दो-दो, फतेहगढ़ साहिब, फिरोजपुर, गुरदासपुर, खन्ना, मानसा, मालेरकोटला, पठानकोट व रूपनगर से एक-एक पुलिसकर्मी शामिल हैं। तीन दिन के अंतराल में दूसरी बड़ी कार्रवाई मुख्यमंत्री भगवंत मान सरकार की यह तीन दिन के अंतराल में दूसरी बड़ी कार्रवाई है। बीते सोमवार को पंजाब विजिलेंस ब्यूरो के प्रमुख आईपीएस वरिंदर कुमार को पद से हटा दिया था और मुक्तसर के डीसी को भी भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित किया गया था। फरीदकोट के एसएचओ और दो कॉन्स्टेबल को पैसों की उगाही में शामिल पाए जाने के बाद गिरफ्तार किया गया। पंजाब में भ्रष्टाचार के आरोपों में बर्खास्त किए गए 52 पुलिसकर्मियों के समर्थन में बुधवार को लुधियाना में प्रदर्शन की योजना थी। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को कमिश्नर कार्यालय के पास जाने से रोक दिया। चार कर्मचारियों को हिरासत में ले लिया गया। सीएम के आदेश पर हुई थी कार्रवाई बर्खास्त किए गए कर्मियों में एक इंस्पेक्टर, पांच एएसआई, चार हेड कॉन्स्टेबल और 42 कॉन्स्टेबल शामिल हैं। यह कार्रवाई मुख्यमंत्री भगवंत मान के आदेश पर 13 फरवरी को की गई थी। डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि इन सभी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले दर्ज थे और लंबे समय से विभागीय जांच चल रही थी। भ्रष्ट अधिकारियों को मिल रहा प्रमोशन पुलिस परिवार वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान भूपिंदर सिंह ने आरोप लगाया कि भ्रष्ट अधिकारियों को उच्च पदों पर पदोन्नति दी जा रही है। उन्होंने कहा कि आईपीएस इंद्रबीर सिंह और डीआईजी प्रदीप कुमार पर केस चल रहे हैं, फिर भी वे अपने पदों पर बने हुए हैं। भूपिंदर सिंह ने चेतावनी दी कि वे अन्य संगठनों के साथ मिलकर जल्द ही मुख्यमंत्री और डीजीपी कार्यालय का घेराव करेंगे। उनका कहना है कि बर्खास्त कर्मियों को बहाल करवाकर ही रहेंगे। इन जिलो से है डिसमिस किए मुलाजिम डीजीपी ने बताया कि सीएम द्वारा 13 फरवरी को डिसमिस करने का आदेश दिया गया था और बर्खास्त पुलिसकर्मियों में पटियाला से सर्वाधिक पांच, अमृतसर-जालंधर पुलिस कमिश्नरेट व जालंधर रूरल से दो-दो, लुधियाना कमिश्नरेट, कपूरथला व होशियारपुर से चार-चार, फरीदकोट व लुधियाना रूरल से तीन-तीन, बटाला, फाजिल्का व बठिंडा से दो-दो, फतेहगढ़ साहिब, फिरोजपुर, गुरदासपुर, खन्ना, मानसा, मालेरकोटला, पठानकोट व रूपनगर से एक-एक पुलिसकर्मी शामिल हैं। तीन दिन के अंतराल में दूसरी बड़ी कार्रवाई मुख्यमंत्री भगवंत मान सरकार की यह तीन दिन के अंतराल में दूसरी बड़ी कार्रवाई है। बीते सोमवार को पंजाब विजिलेंस ब्यूरो के प्रमुख आईपीएस वरिंदर कुमार को पद से हटा दिया था और मुक्तसर के डीसी को भी भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित किया गया था। फरीदकोट के एसएचओ और दो कॉन्स्टेबल को पैसों की उगाही में शामिल पाए जाने के बाद गिरफ्तार किया गया।   पंजाब | दैनिक भास्कर