पंजाब के लुधियाना में बुड्ढा दरिया प्रदूषित हो चुका है। रंगाई और डेयरियों का गंदा पानी बुड्ढा दरिया में डाला जा रहा है, जिससे बीमारियां भी फैल रही हैं। बुड्ढा दरिया को प्रदूषित करने वालों के खिलाफ टीम काला पानी दा मोर्चा ने कोर्ट में केस भी दायर किया है। इसी बीच अब एनजीटी ने प्रदूषण बोर्ड और जिला प्रशासन को पत्र लिखा है। जिसमें बुड्ढा दरिया के मौजूदा हालातों पर रिपोर्ट पेश करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। इस बीच एनजीटी ने 54 ऐसी रंगाई इकाइयों की सूची भेजी है जिन पर बुड्ढा दरिया को प्रदूषित करने का आरोप है। नगर निगम की सीवर लाइनों में बिना उपचारित गंदा पानी छोड़ा जा रहा है। बुड्ढा दरिया के मामले में अगली सुनवाई 20 मार्च 2025 को है। प्रदूषण बोर्ड और जिला प्रशासन को सुनवाई से एक सप्ताह पहले कोर्ट में रिपोर्ट पेश करनी है। 11 में से 1 ने जीरो लिक्विड डिस्चार्ज अपनाया पीपीसीबी के मुख्य अभियंता आर.के. रात्रा ने न्यायाधिकरण को दिए अपने ज्ञापन में बुड्ढा दरिया क्षेत्र में 54 रंगाई इकाइयों की मौजूदगी की जानकारी दी है। इनमें 11 बड़ी इकाइयां और 43 मध्यम और छोटी इकाइयां शामिल हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि 11 में से 1 ने जीरो लिक्विड डिस्चार्ज (जेडएलडी) प्रणाली अपनाई है, एक को बंद कर दिया गया है और 9 अभी भी चालू हैं। उन्होंने कहा कि मध्यम और छोटी इकाइयों सहित 10 इकाइयों को बंद कर दिया गया है, लेकिन अन्य बंद करने या गतिविधियों को स्थानांतरित करने के निर्देशों के बावजूद अभी भी चालू हैं। इन इकाइयों के लिए जेडएलडी अपनाने या सीईटीपी से सटे क्षेत्रों में जाने की मूल समय सीमा छोटी और मध्यम इकाइयों के लिए 31 मार्च, 2023 और बड़ी इकाइयों के लिए 30 जून, 2023 थी। पीपीसीबी ने एनजीटी को सूचित किया कि वह उल्लंघन करने वालों पर पर्यावरण मुआवजा लगा रहा है। रात्रा ने न्यायाधिकरण को आश्वासन दिया कि गैर-अनुपालन इकाइयों को 1 सप्ताह के भीतर बंद करने के लिए पीपीसीबी अध्यक्ष को एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाएगा। कानूनी मानदंडों के अनुसार, अध्यक्ष दो सप्ताह के भीतर इस पर निर्णय ले सकते हैं। अपशिष्ट-चाहे वह उपचारित हो, निगम की सीवर लाइनों में नहीं डाला जा सकता एनजीटी ने 10 अक्टूबर, 2019 के पहले के आदेशों का हवाला दिया, जिसमें राज्य सरकार ने निर्देश दिया था कि कोई भी औद्योगिक अपशिष्ट-चाहे वह उपचारित हो, आंशिक रूप से उपचारित हो या बिना उपचारित हो। वह लुधियाना नगर निगम की सीवर लाइनों में पानी नहीं डाल सकता। लुधियाना नगर निगम को ऐसे सीवर कनेक्शन काटने का निर्देश दिया गया। एनजीटी ने अब पीपीसीबी के सदस्य सचिव को अगली रिपोर्ट में सभी संबंधित आदेशों और दस्तावेजों का रिकॉर्ड प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। डिप्टी कमिश्नर जितेंद्र जोरवाल ने मीडिया को बताया कि हम 20 मार्च, 2025 को होने वाली सुनवाई से एक सप्ताह पहले एक व्यापक रिपोर्ट तैयार करेंगे और एनजीटी के आदेशों का जवाब देंगे। सभी कार्रवाई पर्यावरण मानदंडों के अनुसार होगी। पंजाब के लुधियाना में बुड्ढा दरिया प्रदूषित हो चुका है। रंगाई और डेयरियों का गंदा पानी बुड्ढा दरिया में डाला जा रहा है, जिससे बीमारियां भी फैल रही हैं। बुड्ढा दरिया को प्रदूषित करने वालों के खिलाफ टीम काला पानी दा मोर्चा ने कोर्ट में केस भी दायर किया है। इसी बीच अब एनजीटी ने प्रदूषण बोर्ड और जिला प्रशासन को पत्र लिखा है। जिसमें बुड्ढा दरिया के मौजूदा हालातों पर रिपोर्ट पेश करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। इस बीच एनजीटी ने 54 ऐसी रंगाई इकाइयों की सूची भेजी है जिन पर बुड्ढा दरिया को प्रदूषित करने का आरोप है। नगर निगम की सीवर लाइनों में बिना उपचारित गंदा पानी छोड़ा जा रहा है। बुड्ढा दरिया के मामले में अगली सुनवाई 20 मार्च 2025 को है। प्रदूषण बोर्ड और जिला प्रशासन को सुनवाई से एक सप्ताह पहले कोर्ट में रिपोर्ट पेश करनी है। 11 में से 1 ने जीरो लिक्विड डिस्चार्ज अपनाया पीपीसीबी के मुख्य अभियंता आर.के. रात्रा ने न्यायाधिकरण को दिए अपने ज्ञापन में बुड्ढा दरिया क्षेत्र में 54 रंगाई इकाइयों की मौजूदगी की जानकारी दी है। इनमें 11 बड़ी इकाइयां और 43 मध्यम और छोटी इकाइयां शामिल हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि 11 में से 1 ने जीरो लिक्विड डिस्चार्ज (जेडएलडी) प्रणाली अपनाई है, एक को बंद कर दिया गया है और 9 अभी भी चालू हैं। उन्होंने कहा कि मध्यम और छोटी इकाइयों सहित 10 इकाइयों को बंद कर दिया गया है, लेकिन अन्य बंद करने या गतिविधियों को स्थानांतरित करने के निर्देशों के बावजूद अभी भी चालू हैं। इन इकाइयों के लिए जेडएलडी अपनाने या सीईटीपी से सटे क्षेत्रों में जाने की मूल समय सीमा छोटी और मध्यम इकाइयों के लिए 31 मार्च, 2023 और बड़ी इकाइयों के लिए 30 जून, 2023 थी। पीपीसीबी ने एनजीटी को सूचित किया कि वह उल्लंघन करने वालों पर पर्यावरण मुआवजा लगा रहा है। रात्रा ने न्यायाधिकरण को आश्वासन दिया कि गैर-अनुपालन इकाइयों को 1 सप्ताह के भीतर बंद करने के लिए पीपीसीबी अध्यक्ष को एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाएगा। कानूनी मानदंडों के अनुसार, अध्यक्ष दो सप्ताह के भीतर इस पर निर्णय ले सकते हैं। अपशिष्ट-चाहे वह उपचारित हो, निगम की सीवर लाइनों में नहीं डाला जा सकता एनजीटी ने 10 अक्टूबर, 2019 के पहले के आदेशों का हवाला दिया, जिसमें राज्य सरकार ने निर्देश दिया था कि कोई भी औद्योगिक अपशिष्ट-चाहे वह उपचारित हो, आंशिक रूप से उपचारित हो या बिना उपचारित हो। वह लुधियाना नगर निगम की सीवर लाइनों में पानी नहीं डाल सकता। लुधियाना नगर निगम को ऐसे सीवर कनेक्शन काटने का निर्देश दिया गया। एनजीटी ने अब पीपीसीबी के सदस्य सचिव को अगली रिपोर्ट में सभी संबंधित आदेशों और दस्तावेजों का रिकॉर्ड प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। डिप्टी कमिश्नर जितेंद्र जोरवाल ने मीडिया को बताया कि हम 20 मार्च, 2025 को होने वाली सुनवाई से एक सप्ताह पहले एक व्यापक रिपोर्ट तैयार करेंगे और एनजीटी के आदेशों का जवाब देंगे। सभी कार्रवाई पर्यावरण मानदंडों के अनुसार होगी। पंजाब | दैनिक भास्कर
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सुखबीर पर फायरिंग,मजीठिया ने नए वीडियो जारी किए:दावा-हमले के वक्त SP चाय पी रहे थे, वकील बोला- चौड़ा के बेटों के घर रेड हुई
सुखबीर पर फायरिंग,मजीठिया ने नए वीडियो जारी किए:दावा-हमले के वक्त SP चाय पी रहे थे, वकील बोला- चौड़ा के बेटों के घर रेड हुई पंजाब के पूर्व डिप्टी CM और शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल पर गोल्डन टेंपल के बाहर फायरिंग का बवाल बढ़ता जा रहा है। अकाली नेता बिक्रम मजीठिया ने गुरुवार को गोल्डन टेंपल के अंदर लगे सीसीटीवी कैमरों की 3 नई फुटेज जारी की। इन फुटेज के साथ मजीठिया ने दावा किया कि सुखबीर बादल की हत्या की पूरी साजिश में अमृतसर में तैनात पंजाब पुलिस के SP हरपाल सिंह भी शामिल थे। इससे पहले, बुधवार को भी मजीठिया ने सुखबीर बादल पर हमला करने वाले आतंकी नारायण सिंह चौड़ा और एसपी हरपाल सिंह की मुलाकात की फुटेज जारी की थी। वहीं अमृतसर के पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत भुल्लर ने गुरुवार को बुलाई गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में बिक्रम मजीठिया के दावों से जुड़े सवाल पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। भुल्लर ने कहा कि हर बात पर कमेंट देना वाजिब नहीं है। बिक्रम मजीठिया ने ये 3 नए वीडियो जारी किए… 1. सुखबीर पर हमले के वक्त SP हरपाल सिंह दफ्तर में चाय पी रहे थे
बिक्रम मजीठिया ने गुरुवार को गोल्डन टेंपल में लगे सीसीटीवी कैमरों की तीन फुटेज जारी करते हुए बताया कि जिस वक्त सुखबीर बादल पर हमला हुआ, उनकी सुरक्षा के लिए जिम्मेदार मेन अफसर SP हरपाल सिंह गोल्डन टेंपल के ही इन्फॉर्मेशन ऑफिस में बैठकर चाय पी रहे थे। यह उन 2 मिनट की बात है, जिस वक्त हमला हुआ। मजीठिया ने पूछा कि पंजाब पुलिस सुखबीर की सुरक्षा के लिए गोल्डन टेंपल परिसर में 175 जवान तैनात होने के दावे कर रही है। ये 175 जवान आखिर कहां थे? पंजाब पुलिस के जिस बहादुर अफसर जसबीर सिंह ने सुखबीर बादल की जान बचाई, वह तो ऑफिशियल ड्यूटी पर ही नहीं थे। मजीठिया ने पूछा कि क्या SP हरपाल सिंह को सुखबीर पर होने वाले हमले का पता था? आखिर SP हरपाल सिंह आतंकी नारायण चौड़ा को क्या बता रहा था? ये पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत भुल्लर को साफ करना चाहिए। 2. क्या SP ने ISI एजेंट चौड़ा को हमले की तकनीक बताई
मजीठिया ने 3 दिसंबर की सुबह 10.06 बजे का एक और सीसीटीवी फुटेज रिलीज करते हुए दावा किया कि इससे सुखबीर बादल को मारने की साजिश बेनकाब होती है। इसमें फुटेज में एसपी हरपाल सिंह आतंकी और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के एजेंट रह चुके नारायण सिंह चौड़ा के साथ गहन बातचीत में नजर आते हैं। मजीठिया ने पूछा कि क्या SP हरपाल सिंह खुद नारायण चौड़ा को सुखबीर पर हमला करने की तकनीक बता रहा है? उन्होंने एसपी हरपाल सिंह को तुरंत गिरफ्तार करने की मांग की। साथ ही पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से भी इस्तीफा मांगा। 3. पुलिसकर्मी ने चौड़ा को इशारा किया
बिक्रम मजीठिया ने तीसरा सीसीटीवी फुटेज जारी करते हुए दावा किया कि 4 दिसंबर को हमले से पहले नारायण चौड़ा को गोल्डन टेंपल में ही तैनात एक पुलिसकर्मी ने कुछ इशारे किए। जिस पुलिसकर्मी पर मजीठिया ने आरोप लगाया, वह सिविल वर्दी में था। एप्लिकेशन में कहीं 4 अहम बातें… 1. नारायण चौड़ा को अवैध हिरासत में लिया
वहीं, चौड़ा के एडवोकेट बेटों ने पंजाब पुलिस की वर्किंग पर सवाल उठा दिए हैं। बेटे जगजीत व बलजिंदर बाजवा की ओर से एडवोकेट जगदीप सिंह रंधावा ने कोर्ट में कहा कि सुखबीर बादल पर हमला करने की ये कहानी गढ़ी गई है। नारायण चौड़ा को अवैध हिरासत में लिया गया और अज्ञात स्थान पर बिना परिवार व वकील को बताए रखा गया। कोर्ट में दी गई एप्लिकेशन में वकील ने बताया कि चौड़ा के खिलाफ जो FIR दर्ज की गई है, उसे कोर्ट में पेश करने से भी रोका गया है और चौड़ा के परिवार के सदस्यों को भी नहीं दिया गया है। 2. बिक्रम सिंह मजीठिया को सप्लाई किए सबूत
एप्लिकेशन में बताया गया कि अकाली नेता बिक्रम मजीठिया की तरफ से की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस और उसमें उपलब्ध करवाई गईं वीडियोज पर भी सवाल उठाया है। कुछ सबूत जो पुलिस ने 4 दिसंबर को ही कब्जे में लिए थे, उन्हें तुरंत बिक्रम सिंह मजीठिया को सप्लाई किया गया। जिन्हें बिक्रम मजीठिया ने सार्वजनिक किया। 3. अकाली नेता के रिश्तेदारों को पाकिस्तान से हथियार और गोला-बारूद सप्लाई हुआ
एप्लिकेशन में सिद्धू मूसेवाला की हत्या का भी जिक्र किया गया है। जिसमें कहा गया है कि तत्कालीन वरिष्ठ अकाली नेता के रिश्तेदारों को पाकिस्तान से हथियार और गोला-बारूद की सप्लाई की गई थी। बाद में अकाली नेता के उस रिश्तेदार को गिरफ्तार किया गया और हथियार व गोला-बारूद में से कुछ बरामद किए गए। दो पिस्टल जानबूझकर बरामद नहीं की गईं। यहां तक कि मूसेवाला मामले में राज्य एजेंसियों ने कुछ ही दिनों में जमानत दिलाने में मदद की और इस मामले की उचित जांच नहीं की गई। इसलिए मौजूदा नारायण सिंह चौड़ा के खिलाफ की गई कथित साजिश में सिख विरोधी ताकतों के हाथों में खेल रहे वरिष्ठ अकाली नेताओं की भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता। 4. घर में की गई रेड, DVR-फोन जब्त
4 दिसंबर की सुबह ही एडवोकेट बेटों के घर रेड की गई। पुलिस इनके घर से DVR, पेन ड्राइव, कैमरे, मोबाइल, गहने, किताबें आदि पंजाब पुलिस साथ ले गई थी। वकील ने अपील की है कि पुलिस को वे सभी जब्त की गई वस्तुओं को कोर्ट में पेश करने के लिए कहा जाए। कोर्ट ने चौड़ा को 3 दिन के रिमांड पर भेजा
नारायण सिंह चौड़ा को गुरुवार को अमृतसर कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने उसे 3 दिन के रिमांड पर भेज दिया। इस दौरान कोर्ट में एक महिला नारायण सिंह चौड़ा को मिठाई खिलाने पहुंच गई। हालांकि पुलिस ने उसे रोक लिया। सेवादार बने सुखबीर पर करीब आकर चलाई थी गोली, सुरक्षाकर्मी ने बचाया
अमृतसर स्थित गोल्डन टेंपल में बुधवार को पंजाब के पूर्व डिप्टी CM सुखबीर सिंह बादल पर खालिस्तानी आतंकी नारायण सिंह चौड़ा ने फायरिंग की। सुखबीर गोल्डन टेंपल के गेट पर सेवादार बनकर बैठे थे। डेरा सच्चा सौदा के मुखी राम रहीम को माफी और श्री गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी जैसी गलतियों पर सिखों की सर्वोच्च अदालत अकाल तख्त ने उन्हें यह सजा दी है। वारदात के वक्त हमलावर ने जैसे ही चंद कदमों की दूरी से सुखबीर पर गोली चलाई, उसी समय सिविल वर्दी में तैनात उनके सुरक्षाकर्मियों ने उसका हाथ पकड़कर ऊपर उठा दिया। जिससे गोली गोल्डन टेंपल की दीवार पर जा लगी। इससे सुखबीर बादल बाल-बाल बच गए। इसके बाद हमलावर ने भागने की कोशिश की, लेकिन पुलिसकर्मियों ने उसे पकड़ लिया। सुखबीर बादल को तुरंत सुरक्षा घेरे में ले लिया गया। गोल्डन टेंपल के बाहर भी सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। सुखबीर बादल पर फायरिंग की 2 तस्वीरें… सुखबीर पर आरोपों से आहत था आरोपी
वारदात के बाद पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत भुल्लर गोल्डन टेंपल पहुंचे। उन्होंने बताया कि आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और उससे पूछताछ की जा रही है। पुलिस सूत्रों के अनुसार चौड़ा ने बयान दिया कि सुखबीर बादल पर बेअदबी और डेरा मुखी राम रहीम को माफी दिलाने के आरोप थे। इसी से आहत होकर उसने यह कदम उठाया। अकाली नेता डॉ. दलजीत चीमा ने कहा कि गुरदासपुर से कांग्रेस सांसद सुखजिंदर रंधावा का एक साथी मार्केट कमेटी का चेयरमैन है। गोली चलाने वाला व्यक्ति चेयरमैन के साथी का भाई है। कौन है आतंकी नारायण सिंह चौड़ा, जिसने सुखबीर बादल पर फायरिंग की…. 1. आतंकवाद के दौर में एक्टिव रहा, पाकिस्तान गया
नारायण सिंह चौड़ा 1984 में पंजाब में आतंकवाद के दौर में सक्रिय रहा। वह साल 1984 में पाकिस्तान भी गया, जहां वह भारत विरोधी संगठनों से मिला। पाकिस्तान में रहते हुए गुरिल्ला वॉर पर किताब और देशद्रोही साहित्य भी लिखा। पंजाब में आतंकवाद के दौरान आतंकी गुरिल्ला वॉर की तरह ही वारदात किया करते थे। वह हथियारों-विस्फोटकों की स्मगलिंग भी करता रहा। 2. पुलिस ने उसके ठिकाने से RDX पकड़ा
अमृतसर, तरनतारन और रोपड़ जिले में चौड़ा पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के केस भी दर्ज हैं। पंजाब पुलिस ने नारायण सिंह चौड़ा को 28 फरवरी 2013 को तरनतारन से गिरफ्तार किया था। जिसके बाद उसके मोहाली के कुराली गांव में रेड करके RDX और हथियारों का जखीरा बरामद किया था। इस केस में नारायण सिंह चौड़ा को जमानत मिली हुई है। 3. बुड़ैल जेलब्रेक में आतंकियों की मदद की
चौड़ा 2004 में चंडीगढ़ की बुड़ैल जेल ब्रेक में भी शामिल रहा। उसने पूर्व CM बेअंत सिंह के हत्यारे आतंकी जगतार सिंह हवारा, परमजीत सिंह भ्यौरा और जगतार सिंह तारा को जेल के अंदर सुरंग खोदकर फरार होने में मदद की। वह पगड़ी देने के बहाने आतंकियों से मिलता था। जब ये आतंकी जेल से भागे तो इसी कपड़े की मदद से ही जेल की दीवार फांदी थी। चौड़ा पर फरारी के वक्त जेल की बिजली गुल करने का भी आरोप है। 4. चौड़ा की हिटलिस्ट में था बादल परिवार
बादल परिवार काफी समय से नारायण सिंह चौड़ा के निशाने पर था। जनवरी-2013 में केंद्र ने पंजाब सरकार को इंटेलिजेंस इनपुट भी दिया था। जिसमें लिखा था कि चौड़ा पूर्व CM प्रकाश सिंह बादल और उनके बेटे सुखबीर बादल को टारगेट कर सकता है। उसके बाद पंजाब के तत्कालीन DGP सुमेध सिंह सैनी ने दोनों की सुरक्षा बढ़ा दी थी। वह बादल परिवार को सिख धर्म का गद्दार मानता था। 5. अपनी आर्मी बना रखी, नकली नाम भी रखा था
चौड़ा ने अपनी खालिस्तान लिब्रेशन आर्मी बना रखी थी। उसके एक ठिकाने पर रेड के वक्त ही पुलिस को कंप्यूटर-पेन ड्राइव से उसके खालिस्तानी आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल से लिंक मिले थे। उसने आतंकी गतिविधियां चलाने के लिए खालिस्तानी समर्थकों के बीच अपना नाम रणधीर सिंह रखा हुआ था। 3 तस्वीरों में देखिए, सुखबीर बादल पर कैसे हुआ हमला.. ———————– सुखबीर बादल मामले से जुड़ी ये खबरें पढ़ें… सुखबीर बादल पर पूरी प्लानिंग से की फायरिंग:3 दिन से गोल्डन टेंपल आ रहा था खालिस्तानी आतंकी चौड़ा; लगातार फोन पर बात कर रहा था पंजाब के पूर्व डिप्टी CM सुखबीर बादल पर फायरिंग करने वाले खालिस्तानी आतंकी नारायण सिंह चौड़ा ने पूरी प्लानिंग से वारदात को अंजाम दिया। वह पिछले 3 दिन से गोल्डन टेंपल आ रहा था। पुलिस ने हमले के बाद गोल्डन टेंपल में लगे सीसीटीवी खंगाले और वहां तैनात सेवादारों से भी बात की। जिसमें उसके 4 दिसंबर के सीसीटीवी फुटेज हमें मिले। (पढ़ें पूरी खबर…)
जालंधर वेस्ट में उप-चुनाव घोषित, 10 जुलाई को होगी वोटिंग:21 जून नामांकन की आखिरी तारीख; EX-MLA अंगुराल लाइव होकर पंजाब सरकार पर भड़के
जालंधर वेस्ट में उप-चुनाव घोषित, 10 जुलाई को होगी वोटिंग:21 जून नामांकन की आखिरी तारीख; EX-MLA अंगुराल लाइव होकर पंजाब सरकार पर भड़के पंजाब में जालंधर के वेस्ट हलके में चुनावों की तारीख अनाउंस कर दी गई है। पंजाब के मुख्य निर्वाचन अधिकारी सिबिन सी ने जानकारी दी है कि जालंधर पश्चिम (एससी) उपचुनाव के लिए 10 जुलाई को मतदान होगा। इस संबंध में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव कार्यक्रम जारी कर दिया गया है। जालंधर वेस्ट हलके से आम आदमी पार्टी के विधायक रहे शीतल अंगुराल ने उप चुनावों की घोषणा होते ही जमकर पंजाब सरकार पर भड़ास निकाली। अंगुराल ने कहा- पंजाब की पांच सीटों पर उप चुनाव होने हैं। मगर सरकार सिर्फ जालंधर वेस्ट सीट पर उप चुनाव करवा रही है। बाकी किसी भी सीट के विधायक का इस्तीफा मंजूर नहीं किया गया। अंगुराल ने कहा- इससे पता चलता है कि सरकार किन नीतियों पर काम कर रही है। अंगुराल ने कहा- मेरे इलाके के लोग फिर से तैयार हैं सच और झूठ की लड़ाई के लिए। उन्हें उप चुनाव में अपनी स्थिति का पता चल जाएगा। सिबिन सी बोले- आज से शहर में आचार सहिता लागू सिबिन सी ने कहा- नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 21 जून (शुक्रवार) होगी। नामांकन पत्रों की जांच 24 जून (सोमवार) को होगी जबकि नामांकन पत्र वापस लेने की अंतिम तिथि 26 जून (बुधवार) है। उन्होंने कहा कि मतदान 10 जुलाई (बुधवार) को होगा और 13 जुलाई (शनिवार) को मतगणना के बाद परिणाम घोषित किया जाएगा। उपचुनाव की घोषणा के साथ ही सोमवार को जालंधर जिले में चुनाव संहिता लागू हो गई है। यह संहिता 15 जुलाई (सोमवार) को चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक लागू रहेगी। चुनाव आयोग द्वारा विभिन्न राज्यों में उप चुनाव को लेकर लेटर जारी गई है। जिसमें जालंधर के बारे में भी जानकारी दी गई। चुनाव आयोग द्वारा जारी की गई लेटर… शीतल अंगुराल के इस्तीफा देने पर सीट हुई थी खाली साल 2022 विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के विधायक रहे शीतल अंगुराल (बीजेपी जॉइंन कर चुके) लोकसभा चुनावों से पहले आप सांसद रहे सुशील कुमार रिंकू (अब बीजेपी में) के साथ इसी साल 27 मार्च को भारतीय जनता पार्टी जॉइंन कर ली थी। पार्टी जॉइंन करने से पहले शीतल अंगुराल ने अपने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। लोकसभा चुनाव की वोटिंग संपन्न होने तक उक्त इस्तीफा मंजूर नहीं किया गया था। मगर वोटिंग से दो दिन पहले अंगुराल का इस्तीफा पंजाब के विधानसभा के स्पीकर संधवां ने मंजूर कर दिया था। इसे लेकर अब उक्त सीट पर उप चुनाव होने जा रहे हैं। 3 जून को विधानसभा अध्यक्ष ने वेरिफिकेशन के लिए शीतल अंगुराल को बुलाया था। इससे पहले ही उनका इस्तीफा स्पीकर ने मंजूर कर दिया था। अंगुराल ने कहा था कि मैं कोर्ट जाऊंगा विधायक जब 3 जून को स्पीकर से मिलने के लिए पहुंचे तो उन्हें पता चला कि 30 मई को ही उनका इस्तीफा मंजूर हो चुका था। इस पर अंगुराल ने आरोप लगाए थे कि उनके साथ राजनीति की जा रही है। वह उप चुनाव को लेकर कोर्ट जाएंगे। इस्तीफा वापस लेने की बात पर शीतल अंगुराल ने कहा था कि अगर लोकसभा चुनाव के साथ ही विधानसभा हलके में चुनाव हो जाते तो सरकार का खर्च बच जाना था। मगर जब यहां पर दोबारा चुनाव करवाए जाने हैं। यही वजह है कि वह अपना इस्तीफा वापस ले रहे हैं। उसी दिन शीतल अंगुराल ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से मोदी का परिवार भी हटा लिया था। ऑपरेशन लोटस के मुख्य शिकायतकर्ता पंजाब की राजनीति में भूचाल लाने वाले ऑपरेशन लोटस के मुख्य शिकायतकर्ता शीतल अगुंराल ही है। करीब डेढ़ साल पहले ऑपरेशन लोटस मामले में आम आदमी पार्टी के 2 विधायक शीतल अंगुराल और रमन अरोड़ा ने बयान दर्ज करवाए थे। मोहाली थाने में केस दर्ज होने के बाद इस मामले की जांच विजिलेंस ब्यूरो को सौंपी गई थी। लेकिन विजिलेंस की जांच में कोई ऐसा तथ्य सामने नहीं आया, जिससे किसी को इस केस में नामजद किया जा सके।
खन्ना में मोबाइल टावर में लगी आग:रिहायशी इलाके में मची अफरा तफरी, बड़ा हादसा टला; मोबाइल सेवाएं ठप
खन्ना में मोबाइल टावर में लगी आग:रिहायशी इलाके में मची अफरा तफरी, बड़ा हादसा टला; मोबाइल सेवाएं ठप लुधियाना में खन्ना के जरग गांव में रिहायशी इलाके के बीचोबीच लगे मोबाइल टावर में भीषण आग लग गई, जिससे मोबाइल टावर का काफी हिस्सा जल गया। आगजनी की घटना में लोगों के बीच अफरा तफरी मच गई। फायर ब्रिगेड की टीम ने मौके पर पहुंच स्थिति संभाली और इस दौरान बड़ा हादसा टला। हादसे के बाद आसपास के इलाके में संबंधित कंपनी की मोबाइल सेवाएं ठप हो गई। जानकारी के अनुसार गांव में घरों के बीचोबीच मोबाइल कंपनी का टावर है। इसका लगातार लोग विरोध करते आ रहे हैं। टावर के पास खेत भी हैं और बाहर कूड़े के ढेर लगे रहते हैं। आशंका है कि खेतों से या कूड़े से आग की चिंगारी टावर ऑपरेटिंग सिस्टम रूम तक पहुंची और यहां से आग फैल गई। खन्ना फायर स्टेशन से मनोज कुमार, अमृतपाल, जसविंदर सिंह और विनीत सिंह मौके पर पहुंचे। आग को टावर के शिखर तक पहुंचने से बचाया गया। अगर आग पूरे टावर में फैल जाती तो बड़ा हादसा हो सकता था। बड़ी लापरवाही, न सफाई, न चौकीदार इस हादसे में इंडस टावर मैनेजमेंट की लापरवाही भी सामने आई। टावर ऑपरेशन सिस्टम रूम के बाहर कभी सफाई नहीं की गई थी। घास फूंस काफी ज्यादा था। जिससे आग ने भीषण रूप धारण किया। लोगों की मांग है कि टावर को रिहायशी इलाके से बाहर निकाला जाए।