कोर्ट में विवादों की लॉन्ग पेंडेंसी सिर्फ भारत के लिए ही नहीं है, कई देशों के लिए या एक बड़ी चुनौती है। मुझे लगता है कि भारत में शुरू किया गया लोक अदालत का कॉन्सेप्ट इस समस्या का निजात दिलाने के लिए बेहद सधा हुआ प्रयास है। ये कहना है मॉरीशस के सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस मोहम्मद आजम निरूआ का। वो लखनऊ में सिटी मोंटेसरी स्कूल में चल रहे 25वें वर्ल्ड इंटरनेशनल चीफ जस्टिस कांफ्रेंस में हिस्सा लेने के लिए लखनऊ पहुंचे हैं। जस्टिस आजम ने बताया कि कई पीढ़ियों पहले उनके पूर्वज मॉरीशस चले गए थे, वहां उन्होंने खुद का बिजनेस शुरू किया। इस बीच उन्होंने लॉ की पढ़ाई की, फिर वो सुप्रीम कोर्ट के जज बन गए। अपने परिवार के वो पहले जज है। उन्होंने बताया कि दुनिया भर में भारत की न्यायपालिका का विशेष सम्मान है। यहां की न्यायपालिका समूचे विश्व के लिए नजीर है। जैसे भारत के लोकतंत्र का कोई सानी नहीं है, वैसे ही यहां की न्यायपालिका भी बेहद यूनिक और मजबूत पहचान हासिल करने में कामयाब रही है। कैंपस@लखनऊ सीरीज के 52वें एपिसोड में मॉरीशस के सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस मोहम्मद इस्मे आजम निरूआ से खास बातचीत… जस्टिस आजम कहते हैं कि लखनऊ में वर्ल्ड चीफ जस्टिस कांफ्रेंस जैसी पहल दुनिया में और कहीं होती नहीं दिखी। मुझे ये इकलौता ऐसा इवेंट मिला जो लगातार 25 साल से आयोजित हो रहा। यहां आने वाले जजों की बड़ी संख्या ये दर्शाती है, ये मुहिम कुछ हद तक सफल जरूर होती है। कोर्ट में विवादों की लॉन्ग पेंडेंसी सिर्फ भारत के लिए ही नहीं है, कई देशों के लिए या एक बड़ी चुनौती है। मुझे लगता है कि भारत में शुरू किया गया लोक अदालत का कॉन्सेप्ट इस समस्या का निजात दिलाने के लिए बेहद सधा हुआ प्रयास है। ये कहना है मॉरीशस के सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस मोहम्मद आजम निरूआ का। वो लखनऊ में सिटी मोंटेसरी स्कूल में चल रहे 25वें वर्ल्ड इंटरनेशनल चीफ जस्टिस कांफ्रेंस में हिस्सा लेने के लिए लखनऊ पहुंचे हैं। जस्टिस आजम ने बताया कि कई पीढ़ियों पहले उनके पूर्वज मॉरीशस चले गए थे, वहां उन्होंने खुद का बिजनेस शुरू किया। इस बीच उन्होंने लॉ की पढ़ाई की, फिर वो सुप्रीम कोर्ट के जज बन गए। अपने परिवार के वो पहले जज है। उन्होंने बताया कि दुनिया भर में भारत की न्यायपालिका का विशेष सम्मान है। यहां की न्यायपालिका समूचे विश्व के लिए नजीर है। जैसे भारत के लोकतंत्र का कोई सानी नहीं है, वैसे ही यहां की न्यायपालिका भी बेहद यूनिक और मजबूत पहचान हासिल करने में कामयाब रही है। कैंपस@लखनऊ सीरीज के 52वें एपिसोड में मॉरीशस के सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस मोहम्मद इस्मे आजम निरूआ से खास बातचीत… जस्टिस आजम कहते हैं कि लखनऊ में वर्ल्ड चीफ जस्टिस कांफ्रेंस जैसी पहल दुनिया में और कहीं होती नहीं दिखी। मुझे ये इकलौता ऐसा इवेंट मिला जो लगातार 25 साल से आयोजित हो रहा। यहां आने वाले जजों की बड़ी संख्या ये दर्शाती है, ये मुहिम कुछ हद तक सफल जरूर होती है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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IIT कानपुर ने महिलाओं के लिए तैयार किया ‘स्मार्ट ब्रा’, पहनते ही देगी ब्रेस्ट कैंसर की अलर्ट
IIT कानपुर ने महिलाओं के लिए तैयार किया ‘स्मार्ट ब्रा’, पहनते ही देगी ब्रेस्ट कैंसर की अलर्ट <p style=”text-align: justify;”><strong>Kanpur Todya News:</strong> पूरी दुनिया में लाइलाज कैंसर बीमारी के लिए अलग अलग शोध किए जा रहे हैं, लेकिन अभी तक इस बीमारी का कोई पुख्ता इलाज सामने नहीं आया है. जो इस बीमारी से ग्रसित और मरने वालों को राहत दे सके. दर्द की पराकाष्ठा पार कर देने वाले बीमारी तब पाता चलती है जब आई सान इसकी कई स्टेज को पार कर चुका होता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं महिलाओं में सबसे ज्यादा कैंसर की समस्या सामने आती है और ये कैंसर उनके ब्रेस्ट पर सबसे ज्यादा असर कर महिलाओं को नुकसान पहुंचता है, जिसके चलते कानपुर आईआईटी की एक रिसर्च फेलो ने आईआईटी के एक प्रोफेसर की मदद से ऐसे ब्रा को तैयार किया है, जिस महिलाएं पहनकर कुछ ही पलों में खुद कैंसर के लक्षण को पता कर सकती हैं. इस ब्रा को खास डिवाइस से लैस किया गया है और इसे भविष्य के लिए ए बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है.</p>
<p><strong>ब्रेस्ट कैंसर होने पर डिवाइज करेगा अलर्ट<span class=”Apple-converted-space”> </span></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बहुत देर में पता चलने वाली कैंसर बीमारी अक्सर तब पता चलती है, जब इंसान न तो इलाज कराने के लायक रह जाता है और न ही कुछ करने के बस रह जाती है तो अपने दिन गिनने के लिए. कुछ समय की मोहलत, लेकिन इस लाइलाज बीमारी के लिए आईआईटी कानपुर की एक रिसर्च फेलो की रिसर्च इस बीमारी में मील का पत्थर साबित हो रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पहनते</strong> <strong>ही</strong> <strong>बता</strong> <strong>देगा</strong> <strong>ब्रेस्ट</strong> <strong>कैंसर</strong> <strong>का</strong> <strong>लक्षण</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>भले ही ये रिसर्च इलाज के लिए पुख्ता न मानी जा रही हो, लेकिन जो बीमारी अपने अंतिम चरण पर इंसान को पता चलती थी उसे अब पहली स्टेज में पता कर कुछ हद तक कवर किया जा सकता है. कानपुर आईआईटी की एक रिसर्च फेलो श्रेया नायर ने अपनी रिसर्च में एक ऐसी डिवाइस तैयार की है और उसे एक स्पेशल ब्रा में फिट किया है, जो महिलाओं के पहनने के बाद महिलाओं में होने वाले कैंसर के लक्षण को जानते होते ही कैंसर का इजहार देने लगेगी और ये खास ब्रा अपनी अनोखी डिवाइस से इंडिकेट करने लगेगी, जिससे महिलाएं समय रहते लक्षण को पहचानकर डॉक्टर की सलाह और इलाज ले सकेंगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या</strong> <strong>है</strong> <strong>इस</strong> <strong>ब्रा</strong> <strong>की</strong> <strong>खासियत</strong><strong>?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>आईआईटी कानपुर के रिसर्च फेलो श्रेया नायर ने इस ब्रा को बनाने में एक साल का समय लगाया है. वहीं अभी तक ऐसी कोई भी डिवाइस किसी पहनने वाले कपड़े में नहीं बनी, जिसे पहनकर बीमारी का पता लगाया जा सके. इस ब्रा को बैटरी से चार्ज किया जा सकता है और ये एक बार चार्ज होकर बाद एक महीने तक चार्ज रहेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मोबाइल में रिकॉर्ड होगा डाटा </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>इस ब्रा में खास पोर्टेबल डिवाइस का इस्तेमाल किया गया है. महज एक मिनट में ये ब्रेस्ट कैंसर का पता लगा सकेगी. इसके लिए महिलाओं को पाने दिनचर्या का डाटा फीड करना होगा. इसे आप अपने स्मार्ट फोन से कनेक्ट कर कहीं भी ले जा सकते हैं. वहीं अगर महिला एक ब्रेस्ट में कैंसर के लक्षण पता चलता है तो ये डिवाइस ओके मोबाइल में इंडिकेट करना शुरू कर देगी और आप अपने डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं. अभी फिलहाल इसके और परीक्षण किए जा रहे हैं और इसे बाजार में आने में बही थोड़ा समय लगेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये</strong> <strong>भी</strong> <strong>पढ़ें</strong><strong>: <a title=”‘…तो हमारी पार्टी के 46-50 सांसद होते’, अवधेश प्रसाद का बड़ा बयान, राहुल गांधी पर भी बोले” href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/ayodhya-mp-awadesh-prasad-support-rahul-gandhi-statement-about-kamal-and-chakravyuh-2748860″ target=”_self”>’…तो हमारी पार्टी के 46-50 सांसद होते’, अवधेश प्रसाद का बड़ा बयान, राहुल गांधी पर भी बोले</a></strong></p>
मेरठ में करोड़ों रुपये के स्टांप घोटाले से हड़कंप, अधिकारियों की मिलीभगत से हुआ खेल
मेरठ में करोड़ों रुपये के स्टांप घोटाले से हड़कंप, अधिकारियों की मिलीभगत से हुआ खेल <p style=”text-align: justify;”><strong>Meerut Stamp Scam:</strong> उत्तर प्रदेश के मेरठ में करोड़ों रुपए के स्टांप घोटाले के मामला सामने आया है. घोटाले में अब तक 997 मुकदमे दर्ज किए जा चुके है. जिनको रजिस्ट्री विभाग द्वारा नोटिस भेजा जा चुका है. इन सभी मामलों में लोगों ने स्टांप अधिवक्ता विशाल वर्मा से लिए है जो इस पूरे घोटाले का मास्टरमाइंड माना जा रहा है लेकिन विशाल और रजिस्ट्री विभाग के साजिशकर्ता अफसरों को बचाने की कोशिश की जा रही है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इस मामले में जहां रजिस्ट्री विभाग स्टांप लेने वाले लोगों पर कार्रवाई कर रिकवरी करने में जुटा है तो वहीं इन लोगों का कहना है कि वो तो खुद धोखे का शिकार हुए हैं. हमने एक अधिवक्ता पर विश्वास करके स्टांप खरीदें और उसे रजिस्ट्री विभाग के अफसर ने उस समय मंजूर भी कर लिया. लेकिन, अब जांच हुई तो सभी स्टांप गलत पाए गए. इस मामले में ना तो अधिवक्ता विशाल वर्मा पर कार्रवाई हो रही है और न ही विभाग अपने अधिकारियों की जांच कर रहा है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मेरठ में करोड़ों का स्टांप घोटाला</strong><br />इस मामले में पीड़ितों ने आरोपी अधिवक्ता विशाल वर्मा पर भी मुकदमा दर्ज कर दिया है, एक शिकायतकर्ता खेल उत्पादों की कारोबारी ओम कुमारी ने बताया कि उन्होंने बीते कुछ सालों में अपनी प्रॉपर्टी बेचने और खरीदने के दस्तावेज रजिस्टर्ड कराएं थे. पड़ोस में रहने वाले वकील विशाल वर्मा को उन्होंने एकमुश्त लाखों रुपया दिया. इसके बाद रजिस्ट्रियां हो गई. मई-2024 में उनके पास रजिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट से स्टांप चोरी का एक नोटिस आया. पता किया तो मालूम चला कि उनकी एक रजिस्ट्री में एक लाख का स्टांप फर्जी लगा हुआ है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>बताया जा रहा है कि वकील विशाल वर्मा बीते एक दशक में हजारों रजिस्ट्री में फर्जी स्टांप का इस्तेमाल करके अकूत संपत्ति कमाई है. बीते साल रजिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट में दो संदिग्ध स्टांप मिले थे. जांच हुई तो वो फर्जी पाए गए. इस मामले में मुकदमा दर्ज कराया गया और बीते 3 साल की रजिस्ट्री में लगे स्टांप का वेरिफिकेशन हुआ. पता चला कि इस तरह की 997 रजिस्ट्रियां की गई है जो सभी विशाल वर्मा ने कराई हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>आरोपी ने सभी स्टांप खरीदारों के नाम से खरीदे थे इसलिए रजिस्ट्रेशन विभाग ने 997 खरीदारों के खिलाफ आपराधिक मुकदमे दर्ज कराए हैं. इतने ही मुकदमे एआईजी स्टांप के कोर्ट में स्टांप चोरी के दायर किए गए हैं. AIG के यहां दर्ज मामलों में अब धीरे-धीरे स्टांप की रिकवरी की जा रही है. जिसका भुगतान खरीददारों को ही उठाना पड़ रहा है. मुकदमे दर्ज होने के बाद आरोपी फरार हो गया है. पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है.</p>
आज पानीपत आएंगे केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह:औद्योगिक संस्थानों का करेंगे दौरा, उद्यमियों के साथ करेंगे बैठक
आज पानीपत आएंगे केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह:औद्योगिक संस्थानों का करेंगे दौरा, उद्यमियों के साथ करेंगे बैठक केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह आज यानी सोमवार को हरियाणा की टेक्सटाइल नगरी पानीपत आएंगे। वे यहां विभिन्न कपड़ा निर्माताओं के साथ बैठक करेंगे और औद्योगिक संस्थानों का दौरा भी करेंगे। हैंडलूम एक्सपोर्ट प्रमोशन कौंसिल की ओर से आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय कपड़ा मंत्री पानीपत के कपड़ा निर्यातकों से रुबरू होंगे और उनके प्रतिष्ठानों में पहुंचकर काम देखेंगे। इनसे पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने टेक्सटाइल उद्यमियों के साथ बैठक की थी। प्रशासन और पुलिस ने सुरक्षा एवं व्यवस्था के पुख्ता प्रबंध कर लिए हैं। पानीपत में 20 हजार छोटी-बड़ी औद्योगिक इकाइयां है हैंडलूम एक्सपोर्ट प्रमोशन कौंसिल के पदाधिकारियों ने कहा कि पानीपत के उद्यमियों के लिए यह बड़ी उपलब्धि है। केंद्रीय मंत्री उनके बीच आकर उनके काम के बारे में जानकारी लेंगे और उनकी समस्याओं पर उनसे चर्चा करेंगे। विदित है कि पानीपत में करीब 20 हजार छोटी बड़ी औद्योगिक इकाइयां है। यहां से करीब 16 हजार करोड़ का निर्यात और करीब 80 हजार करोड़ का घरेलू व्यापार कपड़े से होता है। पहले यहां कंबल, चादर और बॉथमेट समेत अन्य उत्पाद बनते थे। अब इनमें तेजी से बदलाव आया है। पानीपत में कपड़ा बनाने के भी उद्योग हैं। यहां से घरेलू बाजार के साथ निर्यात भी किया जाता है। मेगा टेक्सटाइल पार्क और प्रदर्शनी केंद्र बड़ी मांग पानीपत के उद्यमियों की टेक्सटाइल पार्क और प्रदर्शनी केंद्र की बड़ी मांग है। वे कई वर्षों से इनकी मांग कर रहे हैं। प्रदेश सरकार के कई मंचों पर इन मांगों को रखा जा चुका है। उद्यमियों को इनमें आश्वासन भी मिला है। इन सबके बीच अब तक सौगात नहीं मिली है। उद्यमी केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह के सामने रखकर दोनों मांगों को प्रमुखता के साथ सिरे चढ़ाने की मांग रखेंगे। इसके साथ औद्योगिक सेक्टरों में मूलभूत सुविधाओं की मांग रखी जाएंगी। इनके अलावा जीरो लिक्विड डिस्चार्ज और कॉमन बॉयलर की भी मांग रख सकते हैं।