वकील सहित परिवार से मारपीट व लूटपाट:दिल्ली वड़ोदरा मुंबई लिंक एक्सप्रेसवे की घटना, भीड़ रूकी तो भागे बदमाश

वकील सहित परिवार से मारपीट व लूटपाट:दिल्ली वड़ोदरा मुंबई लिंक एक्सप्रेसवे की घटना, भीड़ रूकी तो भागे बदमाश

हरियाणा के फरीदाबाद में दिल्ली वड़ोदरा मुंबई लिंक एक्सप्रेसवे पर दिनदहाड़े स्कार्पियो सवार बदमाशों द्वारा एक परिवार के साथ मारपीट और लूटपाट करने का मामला सामने आया है। पीडित पेश से एडवोकेट है,आरोप है कि बदमाशों ने उसकी बहन को अगवा करने की कोशिश की। महिलाओं के चिल्लाने की आवाज सुनकर हाईवे पर वाहन चालक रूकने लगे तो भीड़ को देखकर बदमाश मौके से फरार हो गए। जिस गाड़ी से बदमाश आए थे वह जिला पलवल में रजिस्टर है। पीड़ित एडवोकेट कार्तिकेय सेक्टर 7 का रहने वाले है। वह अपनी कार से मां बाप और बहन के साथ हिमाचल प्रदेश छुट्टी मनाने जा रहे थे। इनके दादा प्रकाश चंद मस्ता यहां सेक्टर 12 में डिस्ट्रिक अटार्नी रह चुके हैं। पुलिस ने इस घटना के दो दिन बाद मामला दर्ज कर लिया है। हाईकोर्ट में प्रेक्टिस करते हैं पीड़ित सेक्टर 7 निवासी एडवोकेट कार्तिकेय पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में प्रेक्टिस करते हैं। उन्होंने पुलिस को दी शिकायत में कहा है कि वह रविवार ( 11 मई) को दोपहर करीब 12 बजे अपने परिवार के साथ छुट्टियां मनाने के लिए कार से कंडाघाट हिमाचल प्रदेश जा रहे थे। पीड़ित सेक्टर 8 के पास से दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे लिंक रोड पर चढ़े थे। वह आगे जाकर केएमपी से होते हुए सोनीपत और अंबाला होते हुए हिमाचल प्रदेश जाने वाले थे। उन्होंने बताया कि वह जैसे उनकी कार जाजरू के पास पहुंचे तभी अचानक उनकी गाड़ी के सामने दो स्कॉर्पियो अचानक से सामने आकर रुकी। गाड़ी से चाभी निकालने की कोशिश पीड़ित एडवोकेट का कहना है कि दोनों गाड़ियों में से 4-5 आदमी उतरे। उनमें से एक ने कार की चाबी निकालने की कोशिश की। विरोध करने पर उनमें से एक ने गले से मेरी सोने की चैन छीन ली। जब चैन स्नैचर को पकड़ने के लिए कार से बाहर निकला उसके अन्य साथियों ने मारपीट करनी शुरू कर दी। कार में बैठे पिता सुनील कुमार, मां अर्चना मस्ता और लेक्चरर बहन बचाने की कोशिश की तो हमलावरों ने उनके साथ भी मारपीट की। इस दौरान दो लोगों ने बहन को पकड़ लिया। मां ने किसी तरह बहन को बचाया। शोर मचाने पर एक्सप्रेसवे से गुजर रहे अन्य राहगीर जब वहां रुकने लगे तो भीड़ को देखकर हमलावर अपनी गाड़ियों में बैठकर भाग गए। जान से मारने की दी धमकी
पीड़ित ने बताया कि हमलावरों ने उनकी सोने की चैन छीन ली और पुलिस में शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी दी। उनका ये भी आरोप है कि हमलावरों ने जान से मारने की नीयत से गंभीर चोटें पहुंचाई। पीड़ित ने तुरंत डाॅयल 112 पर कॉल किया और पूरी घटना के बारे में बताया। पीड़ित ने अपने परिवार की जान का खतरा बताया है। पीड़ित का ये भी आरोप है कि सीकरी पुलिस चौकी में तैनात पुलिसकर्मियों ने उनके द्वारा दिए गए स्कार्पियो नंबर के आधार पर बदमाशों को चौकी में बुला और उल्टे उनसे ही समझौता करने का दबाव बनाले लगे। एडवोकेट कार्तिकेय मस्ता का कहना है कि जांच अधिकारी ने उनके साथ जा रही मां, पिता और बहन का कोई बयान तक दर्ज नहीं किया है। हमले में पीड़ित के गर्दन पर चोटें आयी और कपड़े भी फट गए। हैरानी की बात ये है कि पुलिस दो दिन बाद मामूली मारपीट की धाराओं में केस दर्ज कर पल्ला झाड़ दिया। थाना प्रभारी बोले रोडरेज की घटना
सेक्टर 58 थाना प्रभारी विनोद कुमार का कहना है कि घटना रोडरेज की है। घटनास्थल को वेरीफाई करने के बाद ही एफआईआर दर्ज की गई है। लेकिन उन्होंने घटनास्थल पर कोई सीसीटीवी कैमरा लगे होने की बात से इंकार किया है। उनका ये भी कहना है कि पुलिस ने किसी प्रकार का समझौता करने कोई दबाव नहीं बनाया है। थाना प्रभारी ने पीड़ित की बहन को अगवा करने और लूटपाट की घटना से भी इंकार किया है। हालांकि घटना के तीन दिन बाद भी पुलिस हमलावरों को पकड़ नहीं पाई है। हरियाणा के फरीदाबाद में दिल्ली वड़ोदरा मुंबई लिंक एक्सप्रेसवे पर दिनदहाड़े स्कार्पियो सवार बदमाशों द्वारा एक परिवार के साथ मारपीट और लूटपाट करने का मामला सामने आया है। पीडित पेश से एडवोकेट है,आरोप है कि बदमाशों ने उसकी बहन को अगवा करने की कोशिश की। महिलाओं के चिल्लाने की आवाज सुनकर हाईवे पर वाहन चालक रूकने लगे तो भीड़ को देखकर बदमाश मौके से फरार हो गए। जिस गाड़ी से बदमाश आए थे वह जिला पलवल में रजिस्टर है। पीड़ित एडवोकेट कार्तिकेय सेक्टर 7 का रहने वाले है। वह अपनी कार से मां बाप और बहन के साथ हिमाचल प्रदेश छुट्टी मनाने जा रहे थे। इनके दादा प्रकाश चंद मस्ता यहां सेक्टर 12 में डिस्ट्रिक अटार्नी रह चुके हैं। पुलिस ने इस घटना के दो दिन बाद मामला दर्ज कर लिया है। हाईकोर्ट में प्रेक्टिस करते हैं पीड़ित सेक्टर 7 निवासी एडवोकेट कार्तिकेय पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में प्रेक्टिस करते हैं। उन्होंने पुलिस को दी शिकायत में कहा है कि वह रविवार ( 11 मई) को दोपहर करीब 12 बजे अपने परिवार के साथ छुट्टियां मनाने के लिए कार से कंडाघाट हिमाचल प्रदेश जा रहे थे। पीड़ित सेक्टर 8 के पास से दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे लिंक रोड पर चढ़े थे। वह आगे जाकर केएमपी से होते हुए सोनीपत और अंबाला होते हुए हिमाचल प्रदेश जाने वाले थे। उन्होंने बताया कि वह जैसे उनकी कार जाजरू के पास पहुंचे तभी अचानक उनकी गाड़ी के सामने दो स्कॉर्पियो अचानक से सामने आकर रुकी। गाड़ी से चाभी निकालने की कोशिश पीड़ित एडवोकेट का कहना है कि दोनों गाड़ियों में से 4-5 आदमी उतरे। उनमें से एक ने कार की चाबी निकालने की कोशिश की। विरोध करने पर उनमें से एक ने गले से मेरी सोने की चैन छीन ली। जब चैन स्नैचर को पकड़ने के लिए कार से बाहर निकला उसके अन्य साथियों ने मारपीट करनी शुरू कर दी। कार में बैठे पिता सुनील कुमार, मां अर्चना मस्ता और लेक्चरर बहन बचाने की कोशिश की तो हमलावरों ने उनके साथ भी मारपीट की। इस दौरान दो लोगों ने बहन को पकड़ लिया। मां ने किसी तरह बहन को बचाया। शोर मचाने पर एक्सप्रेसवे से गुजर रहे अन्य राहगीर जब वहां रुकने लगे तो भीड़ को देखकर हमलावर अपनी गाड़ियों में बैठकर भाग गए। जान से मारने की दी धमकी
पीड़ित ने बताया कि हमलावरों ने उनकी सोने की चैन छीन ली और पुलिस में शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी दी। उनका ये भी आरोप है कि हमलावरों ने जान से मारने की नीयत से गंभीर चोटें पहुंचाई। पीड़ित ने तुरंत डाॅयल 112 पर कॉल किया और पूरी घटना के बारे में बताया। पीड़ित ने अपने परिवार की जान का खतरा बताया है। पीड़ित का ये भी आरोप है कि सीकरी पुलिस चौकी में तैनात पुलिसकर्मियों ने उनके द्वारा दिए गए स्कार्पियो नंबर के आधार पर बदमाशों को चौकी में बुला और उल्टे उनसे ही समझौता करने का दबाव बनाले लगे। एडवोकेट कार्तिकेय मस्ता का कहना है कि जांच अधिकारी ने उनके साथ जा रही मां, पिता और बहन का कोई बयान तक दर्ज नहीं किया है। हमले में पीड़ित के गर्दन पर चोटें आयी और कपड़े भी फट गए। हैरानी की बात ये है कि पुलिस दो दिन बाद मामूली मारपीट की धाराओं में केस दर्ज कर पल्ला झाड़ दिया। थाना प्रभारी बोले रोडरेज की घटना
सेक्टर 58 थाना प्रभारी विनोद कुमार का कहना है कि घटना रोडरेज की है। घटनास्थल को वेरीफाई करने के बाद ही एफआईआर दर्ज की गई है। लेकिन उन्होंने घटनास्थल पर कोई सीसीटीवी कैमरा लगे होने की बात से इंकार किया है। उनका ये भी कहना है कि पुलिस ने किसी प्रकार का समझौता करने कोई दबाव नहीं बनाया है। थाना प्रभारी ने पीड़ित की बहन को अगवा करने और लूटपाट की घटना से भी इंकार किया है। हालांकि घटना के तीन दिन बाद भी पुलिस हमलावरों को पकड़ नहीं पाई है।   हरियाणा | दैनिक भास्कर