<p style=”text-align: justify;”><strong>Waqf Bill 2025:</strong> वक्फ संशोधन कानून को लेकर देश की सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) द्वारा दिए गए अंतरिम आदेश पर शिया धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्बास ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने जैसा निर्णय दिया है, वह स्वागत योग्य है और यह फैसला देश के न्यायिक सिस्टम की निष्पक्षता को दर्शाता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मौलाना यासूब अब्बास नेगुरुवार को लखनऊ में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, “हमें पहले से भरोसा था कि सुप्रीम कोर्ट हमें इंसाफ देगा. आज का अंतरिम फैसला उसी उम्मीद की एक मजबूत कड़ी है. हमें पूरी उम्मीद है कि आगामी 7 दिनों में कोई ठोस और सकारात्मक नतीजे सामने आएंगे.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/MOUJ4xHPtWM?si=ffoXfCJ1mpv_SaAQ” width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सुप्रीम कोर्ट पर पूरे हिंदूस्तान की निगाहें- मौलाना</strong><br />उन्होंने आगे कहा कि “पूरा हिंदुस्तान आज सुप्रीम कोर्ट की तरफ उम्मीदों से देख रहा है. लोगों को विश्वास है कि वक्फ कानून से जुड़े हर पक्ष को न्याय मिलेगा. यह मामला केवल किसी एक वर्ग या धर्म का नहीं, बल्कि संविधान और न्याय व्यवस्था में आस्था का है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल, केंद्र सरकार द्वारा वक्फ अधिनियम में किए गए संशोधन को लेकर देशभर में बहस छिड़ी हुई है. मुस्लिम समुदाय के कई वर्गों ने इस संशोधन पर सवाल उठाए हैं. उनका मानना है कि इस बदलाव से वक्फ संपत्तियों पर सरकार का नियंत्रण बढ़ जाएगा और धार्मिक आजादी प्रभावित होगी. इसी को लेकर कुछ संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए फिलहाल संशोधित प्रावधानों पर अंतरिम रोक लगाई है और सभी पक्षों से जवाब मांगा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>शिया धर्मगुरु यासूब अब्बास लंबे समय से मुस्लिम समाज से जुड़े मुद्दों पर मुखर रहते आए हैं. उनका मानना है कि वक्फ बोर्ड जैसे धार्मिक संस्थानों की स्वतंत्रता को बनाए रखना जरूरी है और यह तभी संभव है जब कानून सबके हितों को ध्यान में रखते हुए बनाया जाए.फिलहाल सभी की निगाहें सुप्रीम कोर्ट की अगली सुनवाई और अंतिम फैसले पर टिकी हैं. धार्मिक और सामाजिक संगठनों को उम्मीद है कि अदालत से उन्हें न्याय मिलेगा और धर्मिक संस्थाओं की स्वायत्तता बनी रहेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/india-longest-railway-tunnel-rishikesh-karnprayag-breakthrough-for-kedarnath-and-badrinath-ann-2926922″><strong>रेलवे ने उत्तराखंड में रचा इतिहास, 126 KM लंबी टनल का काम पूरा, जानें- कहां तक मिलेगी कनेक्टिविटी?</strong></a></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Waqf Bill 2025:</strong> वक्फ संशोधन कानून को लेकर देश की सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) द्वारा दिए गए अंतरिम आदेश पर शिया धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्बास ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने जैसा निर्णय दिया है, वह स्वागत योग्य है और यह फैसला देश के न्यायिक सिस्टम की निष्पक्षता को दर्शाता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मौलाना यासूब अब्बास नेगुरुवार को लखनऊ में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, “हमें पहले से भरोसा था कि सुप्रीम कोर्ट हमें इंसाफ देगा. आज का अंतरिम फैसला उसी उम्मीद की एक मजबूत कड़ी है. हमें पूरी उम्मीद है कि आगामी 7 दिनों में कोई ठोस और सकारात्मक नतीजे सामने आएंगे.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/MOUJ4xHPtWM?si=ffoXfCJ1mpv_SaAQ” width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सुप्रीम कोर्ट पर पूरे हिंदूस्तान की निगाहें- मौलाना</strong><br />उन्होंने आगे कहा कि “पूरा हिंदुस्तान आज सुप्रीम कोर्ट की तरफ उम्मीदों से देख रहा है. लोगों को विश्वास है कि वक्फ कानून से जुड़े हर पक्ष को न्याय मिलेगा. यह मामला केवल किसी एक वर्ग या धर्म का नहीं, बल्कि संविधान और न्याय व्यवस्था में आस्था का है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल, केंद्र सरकार द्वारा वक्फ अधिनियम में किए गए संशोधन को लेकर देशभर में बहस छिड़ी हुई है. मुस्लिम समुदाय के कई वर्गों ने इस संशोधन पर सवाल उठाए हैं. उनका मानना है कि इस बदलाव से वक्फ संपत्तियों पर सरकार का नियंत्रण बढ़ जाएगा और धार्मिक आजादी प्रभावित होगी. इसी को लेकर कुछ संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए फिलहाल संशोधित प्रावधानों पर अंतरिम रोक लगाई है और सभी पक्षों से जवाब मांगा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>शिया धर्मगुरु यासूब अब्बास लंबे समय से मुस्लिम समाज से जुड़े मुद्दों पर मुखर रहते आए हैं. उनका मानना है कि वक्फ बोर्ड जैसे धार्मिक संस्थानों की स्वतंत्रता को बनाए रखना जरूरी है और यह तभी संभव है जब कानून सबके हितों को ध्यान में रखते हुए बनाया जाए.फिलहाल सभी की निगाहें सुप्रीम कोर्ट की अगली सुनवाई और अंतिम फैसले पर टिकी हैं. धार्मिक और सामाजिक संगठनों को उम्मीद है कि अदालत से उन्हें न्याय मिलेगा और धर्मिक संस्थाओं की स्वायत्तता बनी रहेगी.</p>
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