<p style=”text-align: justify;”><strong>Waqf Amendment Bill 2025:</strong> वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध कर रहे नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजे गए नोटिसों पर कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज आलम ने तीखा हमला बोला है. उन्होंने इसे अभिव्यक्ति की आजादी और शांतिपूर्ण विरोध के मौलिक अधिकारों का सीधा उल्लंघन बताते हुए सुप्रीम कोर्ट से स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>शाहनवाज आलम ने बताया कि लखनऊ के कई नागरिकों को केवल आशंका के आधार पर नोटिस भेजे गए हैं, जिसमें उन्हें एक वर्ष तक के लिए शांति भंग करने की आशंका जताते हुए 50 हजार रुपये की पेशगी जमा करने और दो जमानतें देने का आदेश दिया गया है. आलम ने कहा कि यह कार्रवाई संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत प्रदत्त नागरिक अधिकारों का खुला हनन है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>आवाजों को कुचलने का प्रयास- शाहनवाज आलम</strong><br />उन्होंने सवाल उठाया कि जब कोई प्रदर्शन हुआ ही नहीं तो केवल संभावित विरोध के आधार पर कैसे किसी को दोषी ठहराया जा सकता है. उन्होंने कहा, “यह लोकतंत्र को दबाने और आवाज़ों को कुचलने का प्रयास है.” उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने शाहीन बाग़ आंदोलन और रामलीला मैदान केस जैसे फैसलों में यह स्पष्ट कहा है कि शांतिपूर्ण विरोध नागरिकों का मौलिक अधिकार है, जिसे कार्यपालिका या विधायिका मनमाने ढंग से छीन नहीं सकती.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/minister-vishwas-dabur-threatening-video-goes-viral-to-saffron-clad-man-on-social-media-watch-ann-2923348″>Watch: मंत्री विश्वास डाबर का धमकी भरा Video वायरल, भगवाधारी को धमकाते दिखे</a></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>कांग्रेस नेता ने कहा कि यूपी पुलिस बार-बार इन फैसलों की अवहेलना कर रही है. शाहनवाज आलम ने यूपी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह राज्य को ‘पुलिस स्टेट’ में बदलने पर तुली है और सुप्रीम कोर्ट की निष्क्रियता इस पर सवाल खड़े करती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने रामजी लाल सुमन के आवास पर हुए हमले का ज़िक्र करते हुए कहा कि भाजपा समर्थित हिंसक संगठनों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती, लेकिन सरकार की नीतियों का शांतिपूर्ण विरोध करने वालों पर सख्ती की जाती है. आलम ने अंत में कहा कि यह बेहद जरूरी है कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में हस्तक्षेप करे. </p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Waqf Amendment Bill 2025:</strong> वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध कर रहे नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजे गए नोटिसों पर कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज आलम ने तीखा हमला बोला है. उन्होंने इसे अभिव्यक्ति की आजादी और शांतिपूर्ण विरोध के मौलिक अधिकारों का सीधा उल्लंघन बताते हुए सुप्रीम कोर्ट से स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>शाहनवाज आलम ने बताया कि लखनऊ के कई नागरिकों को केवल आशंका के आधार पर नोटिस भेजे गए हैं, जिसमें उन्हें एक वर्ष तक के लिए शांति भंग करने की आशंका जताते हुए 50 हजार रुपये की पेशगी जमा करने और दो जमानतें देने का आदेश दिया गया है. आलम ने कहा कि यह कार्रवाई संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत प्रदत्त नागरिक अधिकारों का खुला हनन है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>आवाजों को कुचलने का प्रयास- शाहनवाज आलम</strong><br />उन्होंने सवाल उठाया कि जब कोई प्रदर्शन हुआ ही नहीं तो केवल संभावित विरोध के आधार पर कैसे किसी को दोषी ठहराया जा सकता है. उन्होंने कहा, “यह लोकतंत्र को दबाने और आवाज़ों को कुचलने का प्रयास है.” उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने शाहीन बाग़ आंदोलन और रामलीला मैदान केस जैसे फैसलों में यह स्पष्ट कहा है कि शांतिपूर्ण विरोध नागरिकों का मौलिक अधिकार है, जिसे कार्यपालिका या विधायिका मनमाने ढंग से छीन नहीं सकती.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/minister-vishwas-dabur-threatening-video-goes-viral-to-saffron-clad-man-on-social-media-watch-ann-2923348″>Watch: मंत्री विश्वास डाबर का धमकी भरा Video वायरल, भगवाधारी को धमकाते दिखे</a></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>कांग्रेस नेता ने कहा कि यूपी पुलिस बार-बार इन फैसलों की अवहेलना कर रही है. शाहनवाज आलम ने यूपी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह राज्य को ‘पुलिस स्टेट’ में बदलने पर तुली है और सुप्रीम कोर्ट की निष्क्रियता इस पर सवाल खड़े करती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने रामजी लाल सुमन के आवास पर हुए हमले का ज़िक्र करते हुए कहा कि भाजपा समर्थित हिंसक संगठनों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती, लेकिन सरकार की नीतियों का शांतिपूर्ण विरोध करने वालों पर सख्ती की जाती है. आलम ने अंत में कहा कि यह बेहद जरूरी है कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में हस्तक्षेप करे. </p> उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड AAP या BJP… MCD मेयर चुनाव में किसका पलड़ा भारी? समझें समीकरण
वक्फ संशोधन बिल विरोध पर पुलिस नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले संज्ञान- कांग्रेस नेता
