जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी उर्फ वसीम रिजवी ने मंगलवार को महाकुंभ में संगम में डुबकी लगाई। संगम स्नान के बाद उन्होंने कहा कि वह एक ऐसा संगठन बना रहे हैं, जो इस्लाम से सनातन में आने वालों को तीन हजार रुपए हर महीने देगा। ऐसे लोगों को कारोबार दिलाने में भी मदद करेगा। उन्होंने कहा- आज मुझे संगम स्नान कर बड़ी खुशी महसूस हुई। मैं इस पवित्र भूमि से पूरे देश के मुसलमानों से ये अनुरोध करता हूं कि वे सनातन धर्म में घर वापसी के संदर्भ में विचार करें। जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी ने कहा- मैं अपने मित्रों के जरिए एक ऐसा संगठन तैयार कर रहा हूं, जो हमारे संगठन के माध्यम से मुस्लिम परिवार सनातन धर्म में घर वापसी करेगा। उसे तीन हजार रुपए हर महीने देंगे। ये तीन हजार रुपए तब तक देंगे, जब तक वे पूरी तरह से सनातन धर्म में सेटल न हो जाएं। जो लोग कारोबार करना चाहेंगे, उन्हें कारोबार में मदद करेंगे। आपको कट्टरपंथी और जेहादी मानसिकता से बाहर निकलना पड़ेगा। अपनी खुशी से सनातन धर्म में घर वापसी कीजिए। सनातन धर्म आपका स्वागत करता है। 3 साल पहले वसीम रिजवी हिंदू बने थे, नाम जितेंद्र नारायण किया था उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने 3 साल पहले इस्लाम छोड़कर सनातन धर्म अपना लिया था। धर्म बदलने के बाद उनका नया नाम जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी रखा। जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर नरसिंहानंद गिरि ने उन्हें सनातन धर्म ग्रहण कराया और इसके बाद रिजवी का नया नामकरण हुआ। रिजवी ने डासना मंदिर पहुंचकर कहा था कि जब मुझे इस्लाम से निकाल ही दिया गया है, तो ये मेरी मर्जी है कि मैं किस धर्म को स्वीकार करूं। मैंने सनातन धर्म चुना, क्योंकि दुनिया का सबसे पुराना धर्म है। वसीम रिजवी के सनातन धर्म ग्रहण करने के बाद उनका शुद्धिकरण किया गया। हवन-यज्ञ भी किया गया। सारे अनुष्ठान महामंडलेश्वर नरसिंहानंद गिरि की देखरेख में किए गए। ————— ये खबर भी पढ़िए महाकुंभ में डुबकी के लिए मनमानी वसूली: संगम पहुंचाने का 2 से 5 हजार ले रहे नाव वाले; दरोगा बोला- पैसे नहीं तो पैदल जाओ नाव वाले भैया, संगम स्नान करवा दो, आप जितने पैसे मांगोगे मैं दे दूंगी। कुछ ऐसे गुहार लगा रही हैं त्रिवेणी संगम स्नान के लिए पहुंचीं श्रद्धालु। नाविकों पर सरकारी निगरानी ना होने के चलते मेला प्राधिकरण की रेट लिस्ट भी कोई मायने नहीं रख रही। चाहे निजी हो या सरकारी नाविक, सभी त्रिवेणी संगम स्नान कराने के लिए मनमाने तरीके से रकम वसूल रहे हैं। 2 से 5 हजार रुपए प्रति व्यक्ति किराया लिया जा रहा है। जबकि मेला प्राधिकरण ने नाव से संगम स्नान के लिए अधिकतम किराया 150 रुपए तय कर रखा है। ऐसे में दैनिक भास्कर की टीम नाव के किराए की हकीकत जानने बोट क्लब घाट और अरैल घाट पहुंची। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी उर्फ वसीम रिजवी ने मंगलवार को महाकुंभ में संगम में डुबकी लगाई। संगम स्नान के बाद उन्होंने कहा कि वह एक ऐसा संगठन बना रहे हैं, जो इस्लाम से सनातन में आने वालों को तीन हजार रुपए हर महीने देगा। ऐसे लोगों को कारोबार दिलाने में भी मदद करेगा। उन्होंने कहा- आज मुझे संगम स्नान कर बड़ी खुशी महसूस हुई। मैं इस पवित्र भूमि से पूरे देश के मुसलमानों से ये अनुरोध करता हूं कि वे सनातन धर्म में घर वापसी के संदर्भ में विचार करें। जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी ने कहा- मैं अपने मित्रों के जरिए एक ऐसा संगठन तैयार कर रहा हूं, जो हमारे संगठन के माध्यम से मुस्लिम परिवार सनातन धर्म में घर वापसी करेगा। उसे तीन हजार रुपए हर महीने देंगे। ये तीन हजार रुपए तब तक देंगे, जब तक वे पूरी तरह से सनातन धर्म में सेटल न हो जाएं। जो लोग कारोबार करना चाहेंगे, उन्हें कारोबार में मदद करेंगे। आपको कट्टरपंथी और जेहादी मानसिकता से बाहर निकलना पड़ेगा। अपनी खुशी से सनातन धर्म में घर वापसी कीजिए। सनातन धर्म आपका स्वागत करता है। 3 साल पहले वसीम रिजवी हिंदू बने थे, नाम जितेंद्र नारायण किया था उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने 3 साल पहले इस्लाम छोड़कर सनातन धर्म अपना लिया था। धर्म बदलने के बाद उनका नया नाम जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी रखा। जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर नरसिंहानंद गिरि ने उन्हें सनातन धर्म ग्रहण कराया और इसके बाद रिजवी का नया नामकरण हुआ। रिजवी ने डासना मंदिर पहुंचकर कहा था कि जब मुझे इस्लाम से निकाल ही दिया गया है, तो ये मेरी मर्जी है कि मैं किस धर्म को स्वीकार करूं। मैंने सनातन धर्म चुना, क्योंकि दुनिया का सबसे पुराना धर्म है। वसीम रिजवी के सनातन धर्म ग्रहण करने के बाद उनका शुद्धिकरण किया गया। हवन-यज्ञ भी किया गया। सारे अनुष्ठान महामंडलेश्वर नरसिंहानंद गिरि की देखरेख में किए गए। ————— ये खबर भी पढ़िए महाकुंभ में डुबकी के लिए मनमानी वसूली: संगम पहुंचाने का 2 से 5 हजार ले रहे नाव वाले; दरोगा बोला- पैसे नहीं तो पैदल जाओ नाव वाले भैया, संगम स्नान करवा दो, आप जितने पैसे मांगोगे मैं दे दूंगी। कुछ ऐसे गुहार लगा रही हैं त्रिवेणी संगम स्नान के लिए पहुंचीं श्रद्धालु। नाविकों पर सरकारी निगरानी ना होने के चलते मेला प्राधिकरण की रेट लिस्ट भी कोई मायने नहीं रख रही। चाहे निजी हो या सरकारी नाविक, सभी त्रिवेणी संगम स्नान कराने के लिए मनमाने तरीके से रकम वसूल रहे हैं। 2 से 5 हजार रुपए प्रति व्यक्ति किराया लिया जा रहा है। जबकि मेला प्राधिकरण ने नाव से संगम स्नान के लिए अधिकतम किराया 150 रुपए तय कर रखा है। ऐसे में दैनिक भास्कर की टीम नाव के किराए की हकीकत जानने बोट क्लब घाट और अरैल घाट पहुंची। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र ने संगम में डुबकी लगाई:बोले- इस्लाम से सनातन में आएं, 3 हजार रुपए हर महीने दूंगा
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