वह छात्रा कहां, जिसके किडनैप का आरोपी फांसी पर लटका:बुलंदशहर में दादा बोले- लड़की वालों ने मारकर लटकाया; बहन बोली- पुलिस ने टॉर्चर किया

वह छात्रा कहां, जिसके किडनैप का आरोपी फांसी पर लटका:बुलंदशहर में दादा बोले- लड़की वालों ने मारकर लटकाया; बहन बोली- पुलिस ने टॉर्चर किया

‘पुलिस ने घर आकर चारपाई, मोबाइल और गेट तोड़ डाले। धमकी देकर गई कि अर्जुन नहीं मिला, तो ईंट से ईंट बजा देंगे। पुलिस ने जब अर्जुन को कॉल करके गांव बुलाया, तो वो गुरुग्राम से आ गया था। लेकिन, पुलिस के आने पर डर की वजह से इधर-उधर छिप जाता था। उसे डर था कि पुलिस पूछताछ के नाम पर टॉर्चर कर सकती है।’ यह बात बुलंदशहर जिले के अर्जुन लोधी की बहन शीतल ने कही। 7 मई को 25 साल के अर्जुन लोधी की लाश पेड़ से फांसी पर लटकी मिली थी। अर्जुन पर BA की छात्रा को किडनैप करने का आरोप था। दोनों एक ही जाति के थे। हत्या है या सुसाइड, ये पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से साफ होगा। सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर वो छात्रा कहां गई, जिस पर पूरा बवाल मचा है? 2 मई से उसका कुछ अता-पता नहीं है। दैनिक भास्कर ने ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर पूरे केस को समझा। दोनों पक्षों से बातचीत की। घटना के पहलुओं को समझा। पुलिस जांच का भी स्टेटस जाना। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… सबसे पहले घटनाक्रम जानिए
बुलंदशहर के औरंगाबाद थाना क्षेत्र का गांव है ख्वाजपुर। यहां रहने वाली 20 साल की कुमकुम, दिलावरी देवी डिग्री कॉलेज चिंगराठी में BA में पढ़ती है। गांव से कॉलेज की दूरी करीब 17 किलोमीटर है। 2 मई की दोपहर 12 बजे कुमकुम घर से यह कहकर निकली कि कॉलेज जा रही है। इसके बाद उसका कुछ पता नहीं चला। छात्रा के पिता सुरेंद्र लोधी ने गांव के ही लड़के अर्जुन पर 4 मई को थाना औरंगाबाद में बहला-फुसलाकर भगा ले जाने की FIR करा दी। हमने इस मामले में सबसे पहले लड़की की मां से बात की। मां बोली- हम तो इसी भरोसे में रहे कि बेटी स्कूल गई है
लड़की की मां जयवती कहती हैं- बेटी ने मुझसे कहा कि स्कूल जा रही हूं। हम तो इसी भरोसे में रह गए कि वो स्कूल गई है। इसके बाद से आज तक वापस नहीं आई। हमें लगा कि थोड़ी देर में लौट आएगी। काफी वक्त हो गया, तो तलाश शुरू की। कॉलेज से भी हमें कुछ पता नहीं चल पाया। उसके बाद से हम लगातार बेटी को खोज रहे हैं? जिस पर बेटी को ले जाने का शक था, वो लड़का भी मर गया है। अब क्या कहेंगी? इस पर जयवती कहती हैं- क्या बताएं, हमें तो कुछ समझ नहीं आ रहा? पुलिस क्या काम कर रही है, हमें कुछ नहीं पता। हम तो पूरे दिन घर पर रहते हैं। छात्रा के लापता होने से 3 दिन पहले ही गांव आया था अर्जुन ख्वाजपुर गांव में दाएं हाथ पर जाने वाले रास्ते पर घुसते ही कुमकुम का घर पड़ता है। इसी रास्ते से करीब 250 मीटर आगे चलने पर अर्जुन का घर है। अर्जुन गुरुग्राम में CNG पंप पर नौकरी करता था। वह कभी-कभार ही गांव आता था। 29 अप्रैल को अर्जुन गांव में इसलिए आया, क्योंकि कुछ लोग उसके रिश्ते के लिए आए थे। 30 अप्रैल को वो गुरुग्राम चला गया था। 2 मई को जब उसके खिलाफ FIR हुई, तब भी मौजूदगी गुरुग्राम में थी। औरंगाबाद थाना पुलिस ने CNG पंप के कर्मचारियों के बयान दर्ज किए हैं। बाकी चीजों से भी इस बात की पुष्टि हुई है। पुलिस ने पहली बार अर्जुन को 4 मई को कॉल करके पूछताछ करने के लिए गुरुग्राम से बुलाया था। ‘पुलिस तोड़फोड़ करके धमकी देकर गई कि ईंट से ईंट बजा देंगे’ टूटा हुआ फोन दिखाते हुए अर्जुन की बहन शीतल कहती है- मुकदमा दर्ज होने के बाद से ही पुलिस ने हमें परेशान करना शुरू कर दिया। अर्जुन घर आने के बाद से ही छिपा रहता। उसे डर था कि पुलिस पूछताछ के नाम पर टॉर्चर कर सकती है। कई बार हम भी पुलिस के डर के मारे दबिश के वक्त घर से चले जाते थे। अर्जुन की पड़ोस की महिलाएं बताती हैं कि पुलिस उन्हें भी धमकाकर जाती थी कि अगर किसी ने उसे अपने घर में छिपाया, तो अंजाम अच्छा नहीं होगा। लड़की वाले भी दबाव बना रहे थे कि उन्हें बेटी लौटा दे, वरना अंजाम ठीक नहीं होगा। अर्जुन को डर था कि पुलिस उठाकर न ले जाए यहां से हम गांव के बाहर जंगल में पहुंचे। वहां अर्जुन के परिवार के लोग अंतिम संस्कार के बाद की सारी प्रक्रियाओं को पूरा कर रहे थे। यहां हमारी बात मृतक के मामा वीरेंद्र से हुई, जो गांव उटरावली के रहने वाले हैं और बुलंदशहर में बाइपास पर दुकान करते हैं। वीरेंद्र सिंह कहते हैं- 6 मई को मैं गांव उटरावली में आया। अर्जुन घबराया हुआ था। उसको डर था कि कहीं पुलिस उठाकर न ले जाए, क्योंकि वो मामूली नौकरी करने वाला इंसान था। पुलिस से उसका आज तक कोई वास्ता नहीं पड़ा था। मैं भांजे को अपने घर ले आया। वो मुझसे यही कहता रहा कि मामा मेरा कोई कसूर नहीं है। वो लड़की मेरे पास नहीं है। 7 मई को अर्जुन फिर वापस अपने गांव ख्वाजपुर में आ गया। कुछ देर बाद ही मुझे खबर मिली कि उसकी लाश जंगल में पेड़ पर लटकी मिली है। जिन्होंने पुलिस को दी पेड़ पर लटकने की सूचना, वो लड़की पक्ष के आदमी
मृतक अर्जुन के दादा प्रीतम सिंह कहते हैं- गांव से 2 मई को एक लड़की गायब हुई। वो कहां गई, ये तो वही लोग जानें। लेकिन, मेरे पोते के खिलाफ एफआईआर लिखवा दी गई। रात में दरोगा घर पर आए। उस वक्त अर्जुन ड्यूटी पर गुरुग्राम में मौजूद था। दरोगा ने फोन पर अर्जुन से बात की और अगले दिन उसे गांव वापस आने को कहा। अगले दिन दरोगा हमारे घर आए और तोड़फोड़ करके चले गए। उन्होंने महिलाओं से भी अभद्रता की। पुलिस हमें धमकी देती रही। हमने एक जानकार वकील से दरोगा की बात कराई। तब दरोगा ने खुद स्वीकार किया कि अर्जुन का इस केस में कोई इन्वॉल्वमेंट नहीं है। लेकिन, फिर भी वो हमारे पूरे परिवार को परेशान करते रहे। प्रीतम बताते हैं- 7 मई की दोपहर मुझे गांव से सूचना आई कि तुम्हारे लड़के को मारकर पेड़ पर लटका दिया गया है। मैं उस वक्त ख्वाजपुर गांव से दूर बुलंदशहर में वकील के पास गया था। हमें शक है कि लड़की पक्ष ने ही ऐसा किया है। क्योंकि, इस घटना से कुछ देर पहले ही लड़की पक्ष के 2 लोग घटनास्थल के पास शराब पी रहे थे। हमारे पास इसका वीडियो भी है। उन्हीं 2 युवकों में से एक ने पुलिस को फोन करके अर्जुन के पेड़ पर लटके होने की सूचना भी दी थी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से तय होगा हत्या या आत्महत्या
अर्जुन की मौत के बाद उसके पिता जिते सिंह ने थाना औरंगाबाद पर 7 मई को लापता छात्रा के पिता सुरेंद्र, चाचा हरेंद्र, गजेंद्र और एक अन्य सत्तू के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया। एफआईआर में जिते सिंह ने लिखवाया है कि इन सभी लोगों ने मेरे बेटे को जान से मारकर जामुन के पेड़ पर लटका दिया। पुलिस ने इस मामले में अब लड़की पक्ष के कई लोगों को हिरासत में ले रखा है। इस केस का स्टेटस जानने के लिए हमने औरंगाबाद थाना प्रभारी वरुण शर्मा से बात की। उन्होंने बताया- अभी मृतक के शव की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट नहीं आई है। इस रिपोर्ट से क्लियर होगा कि मौत की वजह क्या है? उसी के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर छात्रा कहां है? इस पर बुलंदशहर के अपर पुलिस अधीक्षक (ASP) रिजुल कुमार कहते हैं- पुलिस की कई टीमें छात्रा को ढूंढने में लगी हैं। पुलिस ने अर्जुन से बातचीत करने का प्रयास किया, लेकिन वो सामने नहीं आ रहा था। इसलिए अभी ये भी क्लियर नहीं कि उसका इन्वॉल्वमेंट कितना था? फिलहाल छात्रा बरामद हो, तब ही सारी चीजें क्लियर होंगी। ———————— यह खबर भी पढ़ें यूपी में चकाचक सड़क के लिए मंगा लिए 6 करोड़, बाबू बोला- मैं फंसा तो सबको घसीटूंगा; खुफिया वीडियो में पूरा खुलासा एशियन डेवलपमेंट बैंक की चकाचक सड़क को खराब बताकर 6 करोड़ रुपए मंजूर कराए। लोक निर्माण विभाग (PWD) के अफसर-इंजीनियर्स और बाबू इस 6 करोड़ रुपए को लूट पाते, उसके पहले इनमें ही फूट पड़ गई। जानिए कैसे 6 करोड़ लूटने की तैयारी थी… ‘पुलिस ने घर आकर चारपाई, मोबाइल और गेट तोड़ डाले। धमकी देकर गई कि अर्जुन नहीं मिला, तो ईंट से ईंट बजा देंगे। पुलिस ने जब अर्जुन को कॉल करके गांव बुलाया, तो वो गुरुग्राम से आ गया था। लेकिन, पुलिस के आने पर डर की वजह से इधर-उधर छिप जाता था। उसे डर था कि पुलिस पूछताछ के नाम पर टॉर्चर कर सकती है।’ यह बात बुलंदशहर जिले के अर्जुन लोधी की बहन शीतल ने कही। 7 मई को 25 साल के अर्जुन लोधी की लाश पेड़ से फांसी पर लटकी मिली थी। अर्जुन पर BA की छात्रा को किडनैप करने का आरोप था। दोनों एक ही जाति के थे। हत्या है या सुसाइड, ये पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से साफ होगा। सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर वो छात्रा कहां गई, जिस पर पूरा बवाल मचा है? 2 मई से उसका कुछ अता-पता नहीं है। दैनिक भास्कर ने ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर पूरे केस को समझा। दोनों पक्षों से बातचीत की। घटना के पहलुओं को समझा। पुलिस जांच का भी स्टेटस जाना। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… सबसे पहले घटनाक्रम जानिए
बुलंदशहर के औरंगाबाद थाना क्षेत्र का गांव है ख्वाजपुर। यहां रहने वाली 20 साल की कुमकुम, दिलावरी देवी डिग्री कॉलेज चिंगराठी में BA में पढ़ती है। गांव से कॉलेज की दूरी करीब 17 किलोमीटर है। 2 मई की दोपहर 12 बजे कुमकुम घर से यह कहकर निकली कि कॉलेज जा रही है। इसके बाद उसका कुछ पता नहीं चला। छात्रा के पिता सुरेंद्र लोधी ने गांव के ही लड़के अर्जुन पर 4 मई को थाना औरंगाबाद में बहला-फुसलाकर भगा ले जाने की FIR करा दी। हमने इस मामले में सबसे पहले लड़की की मां से बात की। मां बोली- हम तो इसी भरोसे में रहे कि बेटी स्कूल गई है
लड़की की मां जयवती कहती हैं- बेटी ने मुझसे कहा कि स्कूल जा रही हूं। हम तो इसी भरोसे में रह गए कि वो स्कूल गई है। इसके बाद से आज तक वापस नहीं आई। हमें लगा कि थोड़ी देर में लौट आएगी। काफी वक्त हो गया, तो तलाश शुरू की। कॉलेज से भी हमें कुछ पता नहीं चल पाया। उसके बाद से हम लगातार बेटी को खोज रहे हैं? जिस पर बेटी को ले जाने का शक था, वो लड़का भी मर गया है। अब क्या कहेंगी? इस पर जयवती कहती हैं- क्या बताएं, हमें तो कुछ समझ नहीं आ रहा? पुलिस क्या काम कर रही है, हमें कुछ नहीं पता। हम तो पूरे दिन घर पर रहते हैं। छात्रा के लापता होने से 3 दिन पहले ही गांव आया था अर्जुन ख्वाजपुर गांव में दाएं हाथ पर जाने वाले रास्ते पर घुसते ही कुमकुम का घर पड़ता है। इसी रास्ते से करीब 250 मीटर आगे चलने पर अर्जुन का घर है। अर्जुन गुरुग्राम में CNG पंप पर नौकरी करता था। वह कभी-कभार ही गांव आता था। 29 अप्रैल को अर्जुन गांव में इसलिए आया, क्योंकि कुछ लोग उसके रिश्ते के लिए आए थे। 30 अप्रैल को वो गुरुग्राम चला गया था। 2 मई को जब उसके खिलाफ FIR हुई, तब भी मौजूदगी गुरुग्राम में थी। औरंगाबाद थाना पुलिस ने CNG पंप के कर्मचारियों के बयान दर्ज किए हैं। बाकी चीजों से भी इस बात की पुष्टि हुई है। पुलिस ने पहली बार अर्जुन को 4 मई को कॉल करके पूछताछ करने के लिए गुरुग्राम से बुलाया था। ‘पुलिस तोड़फोड़ करके धमकी देकर गई कि ईंट से ईंट बजा देंगे’ टूटा हुआ फोन दिखाते हुए अर्जुन की बहन शीतल कहती है- मुकदमा दर्ज होने के बाद से ही पुलिस ने हमें परेशान करना शुरू कर दिया। अर्जुन घर आने के बाद से ही छिपा रहता। उसे डर था कि पुलिस पूछताछ के नाम पर टॉर्चर कर सकती है। कई बार हम भी पुलिस के डर के मारे दबिश के वक्त घर से चले जाते थे। अर्जुन की पड़ोस की महिलाएं बताती हैं कि पुलिस उन्हें भी धमकाकर जाती थी कि अगर किसी ने उसे अपने घर में छिपाया, तो अंजाम अच्छा नहीं होगा। लड़की वाले भी दबाव बना रहे थे कि उन्हें बेटी लौटा दे, वरना अंजाम ठीक नहीं होगा। अर्जुन को डर था कि पुलिस उठाकर न ले जाए यहां से हम गांव के बाहर जंगल में पहुंचे। वहां अर्जुन के परिवार के लोग अंतिम संस्कार के बाद की सारी प्रक्रियाओं को पूरा कर रहे थे। यहां हमारी बात मृतक के मामा वीरेंद्र से हुई, जो गांव उटरावली के रहने वाले हैं और बुलंदशहर में बाइपास पर दुकान करते हैं। वीरेंद्र सिंह कहते हैं- 6 मई को मैं गांव उटरावली में आया। अर्जुन घबराया हुआ था। उसको डर था कि कहीं पुलिस उठाकर न ले जाए, क्योंकि वो मामूली नौकरी करने वाला इंसान था। पुलिस से उसका आज तक कोई वास्ता नहीं पड़ा था। मैं भांजे को अपने घर ले आया। वो मुझसे यही कहता रहा कि मामा मेरा कोई कसूर नहीं है। वो लड़की मेरे पास नहीं है। 7 मई को अर्जुन फिर वापस अपने गांव ख्वाजपुर में आ गया। कुछ देर बाद ही मुझे खबर मिली कि उसकी लाश जंगल में पेड़ पर लटकी मिली है। जिन्होंने पुलिस को दी पेड़ पर लटकने की सूचना, वो लड़की पक्ष के आदमी
मृतक अर्जुन के दादा प्रीतम सिंह कहते हैं- गांव से 2 मई को एक लड़की गायब हुई। वो कहां गई, ये तो वही लोग जानें। लेकिन, मेरे पोते के खिलाफ एफआईआर लिखवा दी गई। रात में दरोगा घर पर आए। उस वक्त अर्जुन ड्यूटी पर गुरुग्राम में मौजूद था। दरोगा ने फोन पर अर्जुन से बात की और अगले दिन उसे गांव वापस आने को कहा। अगले दिन दरोगा हमारे घर आए और तोड़फोड़ करके चले गए। उन्होंने महिलाओं से भी अभद्रता की। पुलिस हमें धमकी देती रही। हमने एक जानकार वकील से दरोगा की बात कराई। तब दरोगा ने खुद स्वीकार किया कि अर्जुन का इस केस में कोई इन्वॉल्वमेंट नहीं है। लेकिन, फिर भी वो हमारे पूरे परिवार को परेशान करते रहे। प्रीतम बताते हैं- 7 मई की दोपहर मुझे गांव से सूचना आई कि तुम्हारे लड़के को मारकर पेड़ पर लटका दिया गया है। मैं उस वक्त ख्वाजपुर गांव से दूर बुलंदशहर में वकील के पास गया था। हमें शक है कि लड़की पक्ष ने ही ऐसा किया है। क्योंकि, इस घटना से कुछ देर पहले ही लड़की पक्ष के 2 लोग घटनास्थल के पास शराब पी रहे थे। हमारे पास इसका वीडियो भी है। उन्हीं 2 युवकों में से एक ने पुलिस को फोन करके अर्जुन के पेड़ पर लटके होने की सूचना भी दी थी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से तय होगा हत्या या आत्महत्या
अर्जुन की मौत के बाद उसके पिता जिते सिंह ने थाना औरंगाबाद पर 7 मई को लापता छात्रा के पिता सुरेंद्र, चाचा हरेंद्र, गजेंद्र और एक अन्य सत्तू के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया। एफआईआर में जिते सिंह ने लिखवाया है कि इन सभी लोगों ने मेरे बेटे को जान से मारकर जामुन के पेड़ पर लटका दिया। पुलिस ने इस मामले में अब लड़की पक्ष के कई लोगों को हिरासत में ले रखा है। इस केस का स्टेटस जानने के लिए हमने औरंगाबाद थाना प्रभारी वरुण शर्मा से बात की। उन्होंने बताया- अभी मृतक के शव की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट नहीं आई है। इस रिपोर्ट से क्लियर होगा कि मौत की वजह क्या है? उसी के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर छात्रा कहां है? इस पर बुलंदशहर के अपर पुलिस अधीक्षक (ASP) रिजुल कुमार कहते हैं- पुलिस की कई टीमें छात्रा को ढूंढने में लगी हैं। पुलिस ने अर्जुन से बातचीत करने का प्रयास किया, लेकिन वो सामने नहीं आ रहा था। इसलिए अभी ये भी क्लियर नहीं कि उसका इन्वॉल्वमेंट कितना था? फिलहाल छात्रा बरामद हो, तब ही सारी चीजें क्लियर होंगी। ———————— यह खबर भी पढ़ें यूपी में चकाचक सड़क के लिए मंगा लिए 6 करोड़, बाबू बोला- मैं फंसा तो सबको घसीटूंगा; खुफिया वीडियो में पूरा खुलासा एशियन डेवलपमेंट बैंक की चकाचक सड़क को खराब बताकर 6 करोड़ रुपए मंजूर कराए। लोक निर्माण विभाग (PWD) के अफसर-इंजीनियर्स और बाबू इस 6 करोड़ रुपए को लूट पाते, उसके पहले इनमें ही फूट पड़ गई। जानिए कैसे 6 करोड़ लूटने की तैयारी थी…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर