1971 के युद्ध में आगरा में गिरे थे बम:इस बार यूपी को कितना खतरा था, पाक बॉर्डर से सबसे नजदीक हैं पश्चिमी शहर

1971 के युद्ध में आगरा में गिरे थे बम:इस बार यूपी को कितना खतरा था, पाक बॉर्डर से सबसे नजदीक हैं पश्चिमी शहर

1971 का भारत-पाकिस्तान युद्ध। आगरा एक के बाद एक बमों के हमले से दहल उठा था। पाकिस्तान ने बमवर्षक विमान मार्टिन बी-57 कैनबरा से बम गिराए थे। धिमिश्री और कीठम पर भी बम गिरे थे। धिमिश्री पर गिरे बम से 10-12 फीट गहरा गड्‌ढा हो गया था। उस समय के लोगों के जेहन में ये यादें आज भी ताजा हैं। पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत के ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में पल रहे आतंकियों और उनके ठिकानों को खत्म कर दिया। इसके बाद बौखलाए पाकिस्तान ने भारत पर ड्रोन और मिसाइल अटैक कर दिया। इससे भारत और पाकिस्तान में फिर जंग की स्थिति बन गई। हालांकि, अमेरिका के हस्तक्षेप के बाद शनिवार शाम 5 बजे सीजफायर की घोषणा कर दी गई। इस बार संडे बिग स्टोरी में पढ़िए जंग की स्थिति में यूपी कितना सुरक्षित है? क्या पाकिस्तान की मिसाइल, ड्रोन और लड़ाकू विमान यहां तक पहुंच सकते हैं? हमारी तैयारी क्या है? पहले क्या स्थिति थी? सबसे पहले बात 1971 युद्ध की, 16 बम गिरे थे
पाकिस्तान ने 3 दिसंबर, 1971 को भारत के खिलाफ ऑपरेशन चंगेज खां शुरू किया था। शाम के समय भारत के 11 एयरबेस अमृतसर, अंबाला, आगरा, अंवतीपुर, बीकानेर, हलवाड़ा, जोधपुर, जैसलमेर, पठानकोट, भुज, श्रीनगर पर शाम 5:30 बजे के बाद हमला कर दिया था। आगरा के सिकंदरा क्षेत्र के इतिहासकार राजकिशोर राजे बताते हैं- 4 से 14 दिसंबर, 1971 के बीच कई बार हमला हुआ। रात में सायरन बजता था, जिससे हम समझ जाते थे कि पाकिस्तान का हमला हो गया है। उस समय मेरी उम्र 22-23 साल की होगी। आगरा में कुल 16 बम गिराए गए थे। इसमें एक बम एयरफोर्स स्टेशन से आगे धिमिश्री में गिरा था। मैं अपने दोस्तों के साथ वो स्पॉट देखने गया था। बम गिरने से 10-12 फीट गहरा गड्‌ढा हो गया था। जिस जगह बम गिरा, उसके आसपास के खेत लोगों के आने से खराब हो गए थे। किसान कोस रहे थे। सैकड़ों की संख्या में लोग बम से हुए गड्‌ढे को देखने पहुंचे थे। पिछले युद्धों में बचने के लिए यूपी में क्या–क्या कदम उठाए गए… 1- आगरा में दो बंकर बनाए गए थे
राजकिशोर राजे बताते हैं- उस समय मेरा परिवार गोकुलपुरा में रहता था। नागरी प्रचारिणी और नूरी दरवाजे पर बंकर बनाए गए थे। हमले के समय इन दोनों जगहों पर जाकर छिपते थे। जब सायरन बजता, परिवार तो घर के अंदर छिप जाते थे। युवा छतों पर निकल आते थे। रात में ऐसा लगता था कि आसमान में फुलझड़ियां छूट रही हैं। रोशनी बिल्कुल नहीं की जाती थी। खिड़की दरवाजों पर काले पर्दे टांगे गए थे। काले रंग की पन्नी और कवर लगाए गए थे। स्ट्रीट लाइट पर लगे बल्ब पर कीप लगा दी गई थी, जिसकी रोशनी सिर्फ सड़क पर आती थी। 2- ताजमहल को हरे कपड़े से ढंका गया, पेड़ की झाड़ियां लगाई थीं
यूपी में वर्ल्ड हेरिटेज साइट ताजमहल को किसी भी तरह के हवाई नुकसान से बचाने के लिए तब सरकार ने इसे छिपा दिया था। कोई पूछ सकता है कि भला ताजमहल जैसी बड़ी इमारत को छिपाया कैसे जा सकता है? तो जवाब है, इसे तब जूट से बने हरे रंग के बड़े कपड़े से ऊपर से ढंका गया था। उस पर पेड़ की झाड़ियां लगाई गई थीं। ऐसा इसलिए किया गया था, ताकि दुश्मन के एयरक्राफ्ट को ऊपर से देखने में यह जंगल जैसा दिखाई दे। ताजमहल के अलावा दिल्ली के लालकिला, कुतुबमीनार और जैसलमेर के महल को भी ऐसे ही छिपाया गया था। 3- 1971 की जंग में राज्य में ब्लैकआउट का आदेश था
1971 में भारत-पाक के जंग के समय उत्तर प्रदेश में भी ब्लैकआउट का आदेश था। सायरन बजते ही पूरे राज्य के जिलों में सड़कों की लाइटें बंद कर दी जाती थीं। लोगों को अपने घरों की सभी लाइटें बंद रखने का आदेश था। यहां तक कि घर की खिड़कियों को पेपर या कपड़े से ढकने के लिए कहा गया था। कई शहरों में दिन में मॉक ड्रिल होती थी और रात में ब्लैकआउट कर दिया जाता था। लोगों को लालटेन जलाने की अनुमति भी नहीं थी। 4- गांवों में सेना में भर्ती के लिए कैंप लगाने आते थे अधिकारी
सेना गांवों में कैंप लगाती थी। इन गांवों से युवाओं को भर्ती किया जाता था। दिल्ली और मेरठ से सेना के अधिकारी दूसरे जिलों के गांवों में जाते थे। कैंप लगाकर युवाओं से दौड़ लगवाई जाती। सीना और लंबाई नापी जाती और इस आधार पर सेना में भर्ती की गई। पाकिस्तान बॉर्डर से यूपी से सबसे नजदीक वाले जिले यूपी सीधे तौर पर पाकिस्तान के बॉर्डर से कहीं भी नहीं जुड़ा है। लेकिन, सच्चाई यह है कि देश की सबसे ज्यादा जनसंख्या और महत्वपूर्ण सैन्य हवाई अड्डों का गढ़ यूपी हाई अलर्ट पर है। पश्चिमी यूपी के बॉर्डर के शामली, गाजियाबाद, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर और मेरठ जैसे जिलों से पंजाब की बाघा अटारी बॉर्डर 500 से 600 किमी की दूरी पर है। वहीं, लखनऊ समेत पूर्वी यूपी के जिलों से पंजाब और राजस्थान के बॉर्डर 1000 से लेकर 1500 किमी की दूरी पर है। क्या यूपी तक पाकिस्तान की मिसाइल और लड़ाकू विमान पहुंच सकते हैं?
यूपी से पाकिस्तान बॉर्डर भले ही 400 से 1500 हजार किमी की दूरी पर है। लेकिन, पाकिस्तान का यहां तक पहुंचना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन है। इसकी वजह है भारत की सैन्य रक्षा प्रणाली। भारत की कांक्रीट तैयारियां और आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम हैं। देश के पास एस-400 सुदर्शन चक्र एयर डिफेंस सिस्टम हैं। बराक-8 और स्वदेशी आकाश मिसाइल सिस्टम भी वायु रक्षा में अहम भूमिका निभाते हैं। छोटी दूरी के खतरों से निपटने के लिए स्पाइडर और इग्ला जैसे सिस्टम का उपयोग किया जाता है। जिस तरह से पाकिस्तान ने बॉर्डर से लगे शहर और सैन्य ठिकानों पर मिसाइल, ड्रोन और हवाई हमले किए हैं, उसे भारत के एयर डिफेंस सिस्टम ने हवा में ही तबाह कर दिया। उसे देखते हुए कहा जा रहा है कि पाकिस्तान यूपी तक पहुंच नहीं पाएगा। उसकी कोई मिसाइल और ड्रोन इतनी दूरी तय करके इतना अंदर आ जाए, यह मुश्किल है। इसको लेकर हमने रिटायर्ड आईपीएस और बीएसएफ में भी डीजी रह चुके प्रकाश सिंह से बात की। वह कहते हैं- अगर पाकिस्तान से युद्ध होता भी है तो पूरा यूपी प्रभावित होगा, यह कहना मुश्किल है। क्योंकि, लखनऊ या कानपुर तक युद्ध कर पाना पाकिस्तान के लिए मुश्किल है। ओम प्रकाश सिंह सीआईएसएफ और एनडीआरएफ के डीजी भी रह चुके हैं। वो कहते हैं- अगर फुल स्केल वार होता भी है, तो भी यूपी पूरी तरह से सुरक्षित है। क्योंकि, हमारा एयर डिफेंस सिस्टम काफी हाईटेक है। हमारी सेना के पास पाकिस्तान के मुकाबले कहीं ज्यादा एडवांस डिफेंस सिस्टम है। 1971 से अब के हालात कितने बदल गए?
1971 के बाद 5 दशकों में देश की सैन्य ताकत कई गुना बढ़ी है। ग्लोबल फायर पावर इंडेक्स की रिपोर्ट के मुताबिक, 145 देशों की लिस्ट में अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत चौथे नंबर पर है, जबकि पाकिस्तान 12वें नंबर पर है। 2023 में पाकिस्तान 7वें स्थान पर था। 2024 में फिसलकर 9वें पर पहुंच गया और 2025 में टॉप 10 देशों की लिस्ट से बाहर हो गया। यानी भारत के पास दुनिया की चौथी सबसे ताकतवर सेना है, जबकि पाकिस्तान 8 नंबर पीछे है। अयोध्या में एंटी ड्रोन सिस्टम तैनात
अयोध्या, काशी, मथुरा सहित दूसरे धार्मिक जगहों पर निगरानी और सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ाया गया है। ताजमहल समेत राज्य की दूसरी ऐतिहासिक इमारतों की भी सुरक्षा बढ़ाई गई है। इन जगहों पर अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है। अयोध्या में इस समय पुलिस के अलावा CRPF तैनात है। हवाई सुरक्षा के लिए एंटी ड्रोन सिस्टम तैनात है। इसी साल 18 फरवरी को एंटी ड्रोन सिस्टम ने राममंदिर के ऊपर उड़ रहे ड्रोन को मार गिराया गया था। इस समय एंट्री ड्रोन सिस्टम को एक्टिवेट कर दिया गया है। यूपी में जंग को लेकर क्या तैयारियां हैं? नागरिकों की सुरक्षा का निर्देश- ऑपरेशन सिंदूर के बाद 7 मई को सीएम योगी आदित्यनाथ ने राज्य के DGP को निर्देश दिया कि वह राज्य के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करें। इसे लेकर DGP प्रशांत कुमार ने राज्य के सभी जिलों और पुलिस कमिश्नरेट को दिशा-निर्देश जारी किए। जिलों में सिविल मॉक ड्रिल हुई- राज्य के सभी जिलों में मॉक ड्रिल की गई। इसमें लोगों को सायरन बजने पर क्या करना है, आग लगने की स्थिति में कैसे सुरक्षित जगह पर पहुंचना है, इन चीजों की रिहर्सल कराई गई। सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील जिलों में विशेष निगरानी- सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील जिलों में निगरानी बढ़ा दी गई है। उन्हें हाई अलर्ट पर रखा गया है। संवेदनशील जगहों पर सुरक्षा बलों की संख्या बढ़ा दी गई है। सोशल मीडिया पर 24 घंटे नजर- राज्य सरकार ने एजेंसियों को 24 घंटे और सातों दिन राज्य में सोशल मीडिया पर डाले जा रहे कंटेंट पर नजर रखने का निर्देश दिया है। किसी भी तरह के मिस इंफॉर्मेशन पर तुरंत एक्शन लिया जाएगा। डायरेक्ट कंट्रोल रूम को हाई अलर्ट पर रखा गया है। 112 वाहनों को संवेदनशील जगहों पर तैनात किया गया है। सभी पुलिसकर्मियों की छुट्टी कैंसिल- DGP के आदेश पर राज्य के सभी पुलिसकर्मियों की छुट्टियां कैंसिल कर दी गई हैं। सभी जिलों के पुलिस कप्तान को इलाके में अधिक से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती और निगरानी रखने का आदेश दिया गया है। सरकारी इमारतों पर ड्रोन से निगरानी- इस हाई अलर्ट के बीच DGP ने राज्य की सभी सरकारी इमारतों, एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और डिफेंस से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर पर ड्रोन से निगरानी का आदेश दिया गया है। ———————— यह खबर भी पढ़ें यूपी में चकाचक सड़क के लिए मंगा लिए 6 करोड़, बाबू बोला- मैं फंसा तो सबको घसीटूंगा; खुफिया वीडियो में पूरा खुलासा एशियन डेवलपमेंट बैंक की चकाचक सड़क को खराब बताकर 6 करोड़ रुपए मंजूर कराए। लोक निर्माण विभाग (PWD) के अफसर-इंजीनियर्स और बाबू इस 6 करोड़ रुपए को लूट पाते, उसके पहले इनमें ही फूट पड़ गई। जानिए कैसे 6 करोड़ लूटने की तैयारी थी… 1971 का भारत-पाकिस्तान युद्ध। आगरा एक के बाद एक बमों के हमले से दहल उठा था। पाकिस्तान ने बमवर्षक विमान मार्टिन बी-57 कैनबरा से बम गिराए थे। धिमिश्री और कीठम पर भी बम गिरे थे। धिमिश्री पर गिरे बम से 10-12 फीट गहरा गड्‌ढा हो गया था। उस समय के लोगों के जेहन में ये यादें आज भी ताजा हैं। पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत के ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में पल रहे आतंकियों और उनके ठिकानों को खत्म कर दिया। इसके बाद बौखलाए पाकिस्तान ने भारत पर ड्रोन और मिसाइल अटैक कर दिया। इससे भारत और पाकिस्तान में फिर जंग की स्थिति बन गई। हालांकि, अमेरिका के हस्तक्षेप के बाद शनिवार शाम 5 बजे सीजफायर की घोषणा कर दी गई। इस बार संडे बिग स्टोरी में पढ़िए जंग की स्थिति में यूपी कितना सुरक्षित है? क्या पाकिस्तान की मिसाइल, ड्रोन और लड़ाकू विमान यहां तक पहुंच सकते हैं? हमारी तैयारी क्या है? पहले क्या स्थिति थी? सबसे पहले बात 1971 युद्ध की, 16 बम गिरे थे
पाकिस्तान ने 3 दिसंबर, 1971 को भारत के खिलाफ ऑपरेशन चंगेज खां शुरू किया था। शाम के समय भारत के 11 एयरबेस अमृतसर, अंबाला, आगरा, अंवतीपुर, बीकानेर, हलवाड़ा, जोधपुर, जैसलमेर, पठानकोट, भुज, श्रीनगर पर शाम 5:30 बजे के बाद हमला कर दिया था। आगरा के सिकंदरा क्षेत्र के इतिहासकार राजकिशोर राजे बताते हैं- 4 से 14 दिसंबर, 1971 के बीच कई बार हमला हुआ। रात में सायरन बजता था, जिससे हम समझ जाते थे कि पाकिस्तान का हमला हो गया है। उस समय मेरी उम्र 22-23 साल की होगी। आगरा में कुल 16 बम गिराए गए थे। इसमें एक बम एयरफोर्स स्टेशन से आगे धिमिश्री में गिरा था। मैं अपने दोस्तों के साथ वो स्पॉट देखने गया था। बम गिरने से 10-12 फीट गहरा गड्‌ढा हो गया था। जिस जगह बम गिरा, उसके आसपास के खेत लोगों के आने से खराब हो गए थे। किसान कोस रहे थे। सैकड़ों की संख्या में लोग बम से हुए गड्‌ढे को देखने पहुंचे थे। पिछले युद्धों में बचने के लिए यूपी में क्या–क्या कदम उठाए गए… 1- आगरा में दो बंकर बनाए गए थे
राजकिशोर राजे बताते हैं- उस समय मेरा परिवार गोकुलपुरा में रहता था। नागरी प्रचारिणी और नूरी दरवाजे पर बंकर बनाए गए थे। हमले के समय इन दोनों जगहों पर जाकर छिपते थे। जब सायरन बजता, परिवार तो घर के अंदर छिप जाते थे। युवा छतों पर निकल आते थे। रात में ऐसा लगता था कि आसमान में फुलझड़ियां छूट रही हैं। रोशनी बिल्कुल नहीं की जाती थी। खिड़की दरवाजों पर काले पर्दे टांगे गए थे। काले रंग की पन्नी और कवर लगाए गए थे। स्ट्रीट लाइट पर लगे बल्ब पर कीप लगा दी गई थी, जिसकी रोशनी सिर्फ सड़क पर आती थी। 2- ताजमहल को हरे कपड़े से ढंका गया, पेड़ की झाड़ियां लगाई थीं
यूपी में वर्ल्ड हेरिटेज साइट ताजमहल को किसी भी तरह के हवाई नुकसान से बचाने के लिए तब सरकार ने इसे छिपा दिया था। कोई पूछ सकता है कि भला ताजमहल जैसी बड़ी इमारत को छिपाया कैसे जा सकता है? तो जवाब है, इसे तब जूट से बने हरे रंग के बड़े कपड़े से ऊपर से ढंका गया था। उस पर पेड़ की झाड़ियां लगाई गई थीं। ऐसा इसलिए किया गया था, ताकि दुश्मन के एयरक्राफ्ट को ऊपर से देखने में यह जंगल जैसा दिखाई दे। ताजमहल के अलावा दिल्ली के लालकिला, कुतुबमीनार और जैसलमेर के महल को भी ऐसे ही छिपाया गया था। 3- 1971 की जंग में राज्य में ब्लैकआउट का आदेश था
1971 में भारत-पाक के जंग के समय उत्तर प्रदेश में भी ब्लैकआउट का आदेश था। सायरन बजते ही पूरे राज्य के जिलों में सड़कों की लाइटें बंद कर दी जाती थीं। लोगों को अपने घरों की सभी लाइटें बंद रखने का आदेश था। यहां तक कि घर की खिड़कियों को पेपर या कपड़े से ढकने के लिए कहा गया था। कई शहरों में दिन में मॉक ड्रिल होती थी और रात में ब्लैकआउट कर दिया जाता था। लोगों को लालटेन जलाने की अनुमति भी नहीं थी। 4- गांवों में सेना में भर्ती के लिए कैंप लगाने आते थे अधिकारी
सेना गांवों में कैंप लगाती थी। इन गांवों से युवाओं को भर्ती किया जाता था। दिल्ली और मेरठ से सेना के अधिकारी दूसरे जिलों के गांवों में जाते थे। कैंप लगाकर युवाओं से दौड़ लगवाई जाती। सीना और लंबाई नापी जाती और इस आधार पर सेना में भर्ती की गई। पाकिस्तान बॉर्डर से यूपी से सबसे नजदीक वाले जिले यूपी सीधे तौर पर पाकिस्तान के बॉर्डर से कहीं भी नहीं जुड़ा है। लेकिन, सच्चाई यह है कि देश की सबसे ज्यादा जनसंख्या और महत्वपूर्ण सैन्य हवाई अड्डों का गढ़ यूपी हाई अलर्ट पर है। पश्चिमी यूपी के बॉर्डर के शामली, गाजियाबाद, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर और मेरठ जैसे जिलों से पंजाब की बाघा अटारी बॉर्डर 500 से 600 किमी की दूरी पर है। वहीं, लखनऊ समेत पूर्वी यूपी के जिलों से पंजाब और राजस्थान के बॉर्डर 1000 से लेकर 1500 किमी की दूरी पर है। क्या यूपी तक पाकिस्तान की मिसाइल और लड़ाकू विमान पहुंच सकते हैं?
यूपी से पाकिस्तान बॉर्डर भले ही 400 से 1500 हजार किमी की दूरी पर है। लेकिन, पाकिस्तान का यहां तक पहुंचना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन है। इसकी वजह है भारत की सैन्य रक्षा प्रणाली। भारत की कांक्रीट तैयारियां और आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम हैं। देश के पास एस-400 सुदर्शन चक्र एयर डिफेंस सिस्टम हैं। बराक-8 और स्वदेशी आकाश मिसाइल सिस्टम भी वायु रक्षा में अहम भूमिका निभाते हैं। छोटी दूरी के खतरों से निपटने के लिए स्पाइडर और इग्ला जैसे सिस्टम का उपयोग किया जाता है। जिस तरह से पाकिस्तान ने बॉर्डर से लगे शहर और सैन्य ठिकानों पर मिसाइल, ड्रोन और हवाई हमले किए हैं, उसे भारत के एयर डिफेंस सिस्टम ने हवा में ही तबाह कर दिया। उसे देखते हुए कहा जा रहा है कि पाकिस्तान यूपी तक पहुंच नहीं पाएगा। उसकी कोई मिसाइल और ड्रोन इतनी दूरी तय करके इतना अंदर आ जाए, यह मुश्किल है। इसको लेकर हमने रिटायर्ड आईपीएस और बीएसएफ में भी डीजी रह चुके प्रकाश सिंह से बात की। वह कहते हैं- अगर पाकिस्तान से युद्ध होता भी है तो पूरा यूपी प्रभावित होगा, यह कहना मुश्किल है। क्योंकि, लखनऊ या कानपुर तक युद्ध कर पाना पाकिस्तान के लिए मुश्किल है। ओम प्रकाश सिंह सीआईएसएफ और एनडीआरएफ के डीजी भी रह चुके हैं। वो कहते हैं- अगर फुल स्केल वार होता भी है, तो भी यूपी पूरी तरह से सुरक्षित है। क्योंकि, हमारा एयर डिफेंस सिस्टम काफी हाईटेक है। हमारी सेना के पास पाकिस्तान के मुकाबले कहीं ज्यादा एडवांस डिफेंस सिस्टम है। 1971 से अब के हालात कितने बदल गए?
1971 के बाद 5 दशकों में देश की सैन्य ताकत कई गुना बढ़ी है। ग्लोबल फायर पावर इंडेक्स की रिपोर्ट के मुताबिक, 145 देशों की लिस्ट में अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत चौथे नंबर पर है, जबकि पाकिस्तान 12वें नंबर पर है। 2023 में पाकिस्तान 7वें स्थान पर था। 2024 में फिसलकर 9वें पर पहुंच गया और 2025 में टॉप 10 देशों की लिस्ट से बाहर हो गया। यानी भारत के पास दुनिया की चौथी सबसे ताकतवर सेना है, जबकि पाकिस्तान 8 नंबर पीछे है। अयोध्या में एंटी ड्रोन सिस्टम तैनात
अयोध्या, काशी, मथुरा सहित दूसरे धार्मिक जगहों पर निगरानी और सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ाया गया है। ताजमहल समेत राज्य की दूसरी ऐतिहासिक इमारतों की भी सुरक्षा बढ़ाई गई है। इन जगहों पर अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है। अयोध्या में इस समय पुलिस के अलावा CRPF तैनात है। हवाई सुरक्षा के लिए एंटी ड्रोन सिस्टम तैनात है। इसी साल 18 फरवरी को एंटी ड्रोन सिस्टम ने राममंदिर के ऊपर उड़ रहे ड्रोन को मार गिराया गया था। इस समय एंट्री ड्रोन सिस्टम को एक्टिवेट कर दिया गया है। यूपी में जंग को लेकर क्या तैयारियां हैं? नागरिकों की सुरक्षा का निर्देश- ऑपरेशन सिंदूर के बाद 7 मई को सीएम योगी आदित्यनाथ ने राज्य के DGP को निर्देश दिया कि वह राज्य के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करें। इसे लेकर DGP प्रशांत कुमार ने राज्य के सभी जिलों और पुलिस कमिश्नरेट को दिशा-निर्देश जारी किए। जिलों में सिविल मॉक ड्रिल हुई- राज्य के सभी जिलों में मॉक ड्रिल की गई। इसमें लोगों को सायरन बजने पर क्या करना है, आग लगने की स्थिति में कैसे सुरक्षित जगह पर पहुंचना है, इन चीजों की रिहर्सल कराई गई। सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील जिलों में विशेष निगरानी- सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील जिलों में निगरानी बढ़ा दी गई है। उन्हें हाई अलर्ट पर रखा गया है। संवेदनशील जगहों पर सुरक्षा बलों की संख्या बढ़ा दी गई है। सोशल मीडिया पर 24 घंटे नजर- राज्य सरकार ने एजेंसियों को 24 घंटे और सातों दिन राज्य में सोशल मीडिया पर डाले जा रहे कंटेंट पर नजर रखने का निर्देश दिया है। किसी भी तरह के मिस इंफॉर्मेशन पर तुरंत एक्शन लिया जाएगा। डायरेक्ट कंट्रोल रूम को हाई अलर्ट पर रखा गया है। 112 वाहनों को संवेदनशील जगहों पर तैनात किया गया है। सभी पुलिसकर्मियों की छुट्टी कैंसिल- DGP के आदेश पर राज्य के सभी पुलिसकर्मियों की छुट्टियां कैंसिल कर दी गई हैं। सभी जिलों के पुलिस कप्तान को इलाके में अधिक से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती और निगरानी रखने का आदेश दिया गया है। सरकारी इमारतों पर ड्रोन से निगरानी- इस हाई अलर्ट के बीच DGP ने राज्य की सभी सरकारी इमारतों, एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और डिफेंस से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर पर ड्रोन से निगरानी का आदेश दिया गया है। ———————— यह खबर भी पढ़ें यूपी में चकाचक सड़क के लिए मंगा लिए 6 करोड़, बाबू बोला- मैं फंसा तो सबको घसीटूंगा; खुफिया वीडियो में पूरा खुलासा एशियन डेवलपमेंट बैंक की चकाचक सड़क को खराब बताकर 6 करोड़ रुपए मंजूर कराए। लोक निर्माण विभाग (PWD) के अफसर-इंजीनियर्स और बाबू इस 6 करोड़ रुपए को लूट पाते, उसके पहले इनमें ही फूट पड़ गई। जानिए कैसे 6 करोड़ लूटने की तैयारी थी…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर