‘वह तो हंसता रहता था फिर क्यों मार डाला’:वो हाथ जोड़ता रहा, दरिंदों ने गोली मार दी; आगरा में रेस्टोरेंटकर्मी गुलफाम के पिता का दर्द

‘वह तो हंसता रहता था फिर क्यों मार डाला’:वो हाथ जोड़ता रहा, दरिंदों ने गोली मार दी; आगरा में रेस्टोरेंटकर्मी गुलफाम के पिता का दर्द

हमारी किसी से रंजिश नहीं है। न ही गुलफाम का किसी से विवाद हुआ। मेरे बेटे ने कभी किसी को गाली तक नहीं दी। हमेशा हंसता रहता था। पता नहीं क्यों मेरे बेटे को मार दिया? हमारे घर का सबसे हंसमुख सदस्य था। घर की रौनक ही चली गई। यह कहना है गुलफाम के 58 वर्षीय पिता इमाम बक्क्ष का। 23 अप्रैल को गुलफाम की स्कूटी सवार 3 लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। गुलफाम की हत्या के पीछे क्या कारण हैं? उसके घरवालों का क्या कहना है? घटना के समय मौजूद 3 चश्मदीदों ने क्या देखा? यह जानने की भास्कर टीम गुलफाम के घर और घटनास्थल पर पहुंची। पढ़िए रिपोर्ट… पहले पढ़िए पिता का दर्द पिता बोले-बेटे की कोई दुश्मनी नहीं थी
भास्कर टीम गुड़िहाई मंडी पहुंची। यहां अली नाम का युवक मिला। उससे गुलफाम के घर का पता पूछा तो उसने संकरी गली की तरफ इशारा कर दिया। हम उस 2.5 फीट गली से होते हुए गुलफाम के घर पहुंचे। गुलफाम के 58 वर्षीय पिता इमाम बक्क्ष घर के दरवाजे पर गुमसुम बैठे थे। उनके पास ही गुलफाम की 5 वर्षीय बेटी जन्नत और ढाई साल का बेटा फरहान खेल रहा था। जबकि उसका तीसरा बच्चा माहिर रजा (8 माह) घर के अंदर सो रहा था। हमने पूछा, गुलफाम के साथ क्या हुआ, क्या उसकी किसी से कोई दुश्मनी थी? पिता बोले- मेरे बेटे की किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी। अगर किसी से कोई बात होती तो मुझे जरूर बताता। वह सबसे हंसकर मिलता। वो लड़ाई-झगड़े से दूर रहता था। पता नहीं वो लोग कौन थे, जिन्होंने मेरे बेटे की हत्या कर दी। मेरे बेटे से उनकी क्या दुश्मनी थी? मेरे घर आंगन का हंसता हुआ चेहरा छीन लिया। गुलफाम के बच्चे, उसे घर में खोजते रहे हैं। हम सिर्फ उन्हें दिलासा ही दे रहे हैं। रेस्टोरेंट संचालक की बात मैं मुन्ना के घर गया था, लौटा तो गुलफाम को गोली लगी थी
पड़ोस में रहने वाले गुलफाम के ताऊ के बेटे शाहिद अली के घर गए। गुलफाम इन्हीं के रेस्टोरेंट में काम करता था। शाहिद ने बताया कि घटना के वक्त मैं मौजूद नहीं था। पास में ही दूसरे कारीगर मुन्ना के घर पैसे देने गया था, उसकी बहन की शादी है। जब मैं मुन्ना के घर पर था, तभी मुझे घटना की जानकारी हुई। दौड़कर आए तो देखा आस पड़ोस के लोग भौंदू (गुलफाम को घरवाले इसी नाम से बुलाते थे) बदहवास हालत में ले जा रहे हैं। हमारा किसी से विवाद नहीं था। फिर न जाने क्यों किसी ने उसे गोली मार दी? इस संकरी गली से निकलने के बाद टीम लगभग 2.5 किमी दूर शाहिद अली के रेस्टोरेंट पर पहुंची। रेस्टोरेंट घटना के बाद से बंद है। आस पड़ोस के लोगों ने घटना को लेकर चुप्पी साध ली है। अब 3 चश्मदीदों की जुबानी, जो उन्होंने देखा 1. सैफ अली घर में कैद, कंधे पर लगी थी गोली
रेस्टोरेंट में सैफ अली, जीशान और मुन्ना के सामने ही गुलफाम को गोली मारी गई थी। घटना के बाद से तीनों सदमें हैं। घर से निकलना बंद कर दिया है। टीम सैफ अली के घर पहुंची। जो गुलफाम के घर के पीछे की गली में 100 मीटर की दूरी पर है। यहां दरवाजे पर कुछ महिलाएं बैठी थीं। अंदर से एक किशोरी निकली। उससे सैफ अली के बारे में पूछा। उसने बताया कि वह घर में नहीं है। आसपास के लोगों ने बताया कि वह डर की वजह से ही घर में दुबका हुआ है। 2. मुन्ना ने बताया-गुलफाम तो उनसे पूछने गया था कि क्या चाहिए टीम दूसरे कारीगर मुन्ना के घर ताजनगरी फेज-1 पहुंची। मुन्ना रेस्टोरेंट से 500 मीटर दूरी पर किराए के कमरे में रहता है। हम लोगों को घर के बाहर ही एक दुकान पर मुन्ना मिल गया। उससे पूछा कि घटना वाले दिन क्या हुआ था? उसने बताया- गुलफाम का कभी किसी से कोई विवाद नहीं हुआ। ग्राहकों से भी कभी बहस नहीं हुई थी। घटना वाले दिन हम तंदूर के पास थे। तभी तीन हमलावर आए। गुलफाम ने कहा- हां भाई, क्या चाहिए। तभी उन लोगों ने तमंचे से सीधे सीने में गोली मार दी। 3.जीशान बोला- हमलावरों ने सीमेंट की बोरी में वैपन छिपा रखे थे फिर हम तीसरे चश्मदीद जीशान के घर पहुंचे। वह रेस्टोरेंट के सामने वाली गली में 200 मीटर किराए के मकान में फर्स्ट फ्लोर पर रहता है। हमने दरवाजा खटखटाया। करीब 5 मिनट बाद एक महिला बाहर निकली। हमने उससे जीशान के बारे में पूछा। उसने बताया कि जीशान फर्स्ट फ्लोर पर रहता है। वही हमें जीशान के पास लेकर गई। जीशान ने बताया कि मेरी आंखों के सामने ही गुलफाम की हत्या कर दी गई। वह मंजर बार-बार मेरी आंखों के सामने आ रहा है। मैं तंदूर के पास था और दुकान बढ़ाने की तैयारी थी। गुलफाम और सैफ अली काउंटर की तरफ थे। तभी दो लोग आए। सीमेंट की बोरी में दोनों ने हथियार छिपा रखे थे। गुलफाम उनके पास गया। पूछा, हां भाई क्या चाहिए। उन्होंने गोली मार दी। सैफ अली पर भी फायर किया, उसके कंधे पर गोली लगी। गोली लगने के बाद गुलफाम दुकान के अंदर आया और काउंटर के बाहर गिर गया। हम लोग भाग गए थे, इसलिए बच गए। पड़ोस के लोग गुलफाम को अस्पताल लेकर गए। एक युवक हिरासत में
डीसीपी सिटी सोनम कुमार ने बताया-हत्याकांड के बाद पुलिस ने रेस्टोरेंट पर लगे सीसीटीवी कैमरों की सीडीआर अपने कब्जे में ले ली है। आसपास के सीसीटीवी भी खंगाले जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि एक संदिग्ध युवक को हिरासत में लिया गया है। इसकी निशानदेही पर राजस्थान सहित अन्य संभावित स्थानों दबिश दी जा रही है। आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। पुलिस की टीमें लगातार दबिश दे रही हैं। जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पढ़िए पूरा घटनाक्रम
ताजनगरी में शाहिद अली का चिकन बिरयानी नाम से रेस्टोरेंट है। यहां पर उसके साथ चचेरे भाई मुन्ना, जीशान, सैफ अली और गुलफाम देखरेख करते हैं। गुरुवार रात करीब 12 बजे रेस्टोरेंट पर बाइक पर तीन युवक आए। दो युवक रेस्टोरेंट पर आए। यहां पर गुलफाम ने उससे पूछा कि हां भाई क्या चाहिए। इस पर युवक ने गोली चला दी। गोली गुलफाम के सीने में लगी। वो वहीं गिर गया। इसके बाद सैफ अली ने शोर मचाया। हमलावर सैफ अली के पास आया और गोली चला दी। गोली सैफ अली को छूते हुए निकल गई। हमलावर अपनी एक्टिवा पर बैठकर शिल्पग्राम की ओर भाग निकले। ……………………………………… ये खबर भी पढ़ें रामजीलाल सुमन बोले- बाबा के लोग अंधे हो गए:कुछ भी कर रहे, सरकार मेरी हत्या कराना चाहती; एक वर्ग के लोगों पर एक्शन नहीं राणा सांगा को गद्दार कहने वाले सपा सांसद रामजीलाल सुमन पर अलीगढ़ में हमला हुआ। उनके काफिले पर टायर-पत्थर फेंके गए। उन्हें बुलंदशहर से वापस आगरा भेज दिया गया। इस हमले के बाद सपा सांसद ने नाराजगी जाहिर की है। (पूरी खबर पढ़ें) हमारी किसी से रंजिश नहीं है। न ही गुलफाम का किसी से विवाद हुआ। मेरे बेटे ने कभी किसी को गाली तक नहीं दी। हमेशा हंसता रहता था। पता नहीं क्यों मेरे बेटे को मार दिया? हमारे घर का सबसे हंसमुख सदस्य था। घर की रौनक ही चली गई। यह कहना है गुलफाम के 58 वर्षीय पिता इमाम बक्क्ष का। 23 अप्रैल को गुलफाम की स्कूटी सवार 3 लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। गुलफाम की हत्या के पीछे क्या कारण हैं? उसके घरवालों का क्या कहना है? घटना के समय मौजूद 3 चश्मदीदों ने क्या देखा? यह जानने की भास्कर टीम गुलफाम के घर और घटनास्थल पर पहुंची। पढ़िए रिपोर्ट… पहले पढ़िए पिता का दर्द पिता बोले-बेटे की कोई दुश्मनी नहीं थी
भास्कर टीम गुड़िहाई मंडी पहुंची। यहां अली नाम का युवक मिला। उससे गुलफाम के घर का पता पूछा तो उसने संकरी गली की तरफ इशारा कर दिया। हम उस 2.5 फीट गली से होते हुए गुलफाम के घर पहुंचे। गुलफाम के 58 वर्षीय पिता इमाम बक्क्ष घर के दरवाजे पर गुमसुम बैठे थे। उनके पास ही गुलफाम की 5 वर्षीय बेटी जन्नत और ढाई साल का बेटा फरहान खेल रहा था। जबकि उसका तीसरा बच्चा माहिर रजा (8 माह) घर के अंदर सो रहा था। हमने पूछा, गुलफाम के साथ क्या हुआ, क्या उसकी किसी से कोई दुश्मनी थी? पिता बोले- मेरे बेटे की किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी। अगर किसी से कोई बात होती तो मुझे जरूर बताता। वह सबसे हंसकर मिलता। वो लड़ाई-झगड़े से दूर रहता था। पता नहीं वो लोग कौन थे, जिन्होंने मेरे बेटे की हत्या कर दी। मेरे बेटे से उनकी क्या दुश्मनी थी? मेरे घर आंगन का हंसता हुआ चेहरा छीन लिया। गुलफाम के बच्चे, उसे घर में खोजते रहे हैं। हम सिर्फ उन्हें दिलासा ही दे रहे हैं। रेस्टोरेंट संचालक की बात मैं मुन्ना के घर गया था, लौटा तो गुलफाम को गोली लगी थी
पड़ोस में रहने वाले गुलफाम के ताऊ के बेटे शाहिद अली के घर गए। गुलफाम इन्हीं के रेस्टोरेंट में काम करता था। शाहिद ने बताया कि घटना के वक्त मैं मौजूद नहीं था। पास में ही दूसरे कारीगर मुन्ना के घर पैसे देने गया था, उसकी बहन की शादी है। जब मैं मुन्ना के घर पर था, तभी मुझे घटना की जानकारी हुई। दौड़कर आए तो देखा आस पड़ोस के लोग भौंदू (गुलफाम को घरवाले इसी नाम से बुलाते थे) बदहवास हालत में ले जा रहे हैं। हमारा किसी से विवाद नहीं था। फिर न जाने क्यों किसी ने उसे गोली मार दी? इस संकरी गली से निकलने के बाद टीम लगभग 2.5 किमी दूर शाहिद अली के रेस्टोरेंट पर पहुंची। रेस्टोरेंट घटना के बाद से बंद है। आस पड़ोस के लोगों ने घटना को लेकर चुप्पी साध ली है। अब 3 चश्मदीदों की जुबानी, जो उन्होंने देखा 1. सैफ अली घर में कैद, कंधे पर लगी थी गोली
रेस्टोरेंट में सैफ अली, जीशान और मुन्ना के सामने ही गुलफाम को गोली मारी गई थी। घटना के बाद से तीनों सदमें हैं। घर से निकलना बंद कर दिया है। टीम सैफ अली के घर पहुंची। जो गुलफाम के घर के पीछे की गली में 100 मीटर की दूरी पर है। यहां दरवाजे पर कुछ महिलाएं बैठी थीं। अंदर से एक किशोरी निकली। उससे सैफ अली के बारे में पूछा। उसने बताया कि वह घर में नहीं है। आसपास के लोगों ने बताया कि वह डर की वजह से ही घर में दुबका हुआ है। 2. मुन्ना ने बताया-गुलफाम तो उनसे पूछने गया था कि क्या चाहिए टीम दूसरे कारीगर मुन्ना के घर ताजनगरी फेज-1 पहुंची। मुन्ना रेस्टोरेंट से 500 मीटर दूरी पर किराए के कमरे में रहता है। हम लोगों को घर के बाहर ही एक दुकान पर मुन्ना मिल गया। उससे पूछा कि घटना वाले दिन क्या हुआ था? उसने बताया- गुलफाम का कभी किसी से कोई विवाद नहीं हुआ। ग्राहकों से भी कभी बहस नहीं हुई थी। घटना वाले दिन हम तंदूर के पास थे। तभी तीन हमलावर आए। गुलफाम ने कहा- हां भाई, क्या चाहिए। तभी उन लोगों ने तमंचे से सीधे सीने में गोली मार दी। 3.जीशान बोला- हमलावरों ने सीमेंट की बोरी में वैपन छिपा रखे थे फिर हम तीसरे चश्मदीद जीशान के घर पहुंचे। वह रेस्टोरेंट के सामने वाली गली में 200 मीटर किराए के मकान में फर्स्ट फ्लोर पर रहता है। हमने दरवाजा खटखटाया। करीब 5 मिनट बाद एक महिला बाहर निकली। हमने उससे जीशान के बारे में पूछा। उसने बताया कि जीशान फर्स्ट फ्लोर पर रहता है। वही हमें जीशान के पास लेकर गई। जीशान ने बताया कि मेरी आंखों के सामने ही गुलफाम की हत्या कर दी गई। वह मंजर बार-बार मेरी आंखों के सामने आ रहा है। मैं तंदूर के पास था और दुकान बढ़ाने की तैयारी थी। गुलफाम और सैफ अली काउंटर की तरफ थे। तभी दो लोग आए। सीमेंट की बोरी में दोनों ने हथियार छिपा रखे थे। गुलफाम उनके पास गया। पूछा, हां भाई क्या चाहिए। उन्होंने गोली मार दी। सैफ अली पर भी फायर किया, उसके कंधे पर गोली लगी। गोली लगने के बाद गुलफाम दुकान के अंदर आया और काउंटर के बाहर गिर गया। हम लोग भाग गए थे, इसलिए बच गए। पड़ोस के लोग गुलफाम को अस्पताल लेकर गए। एक युवक हिरासत में
डीसीपी सिटी सोनम कुमार ने बताया-हत्याकांड के बाद पुलिस ने रेस्टोरेंट पर लगे सीसीटीवी कैमरों की सीडीआर अपने कब्जे में ले ली है। आसपास के सीसीटीवी भी खंगाले जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि एक संदिग्ध युवक को हिरासत में लिया गया है। इसकी निशानदेही पर राजस्थान सहित अन्य संभावित स्थानों दबिश दी जा रही है। आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। पुलिस की टीमें लगातार दबिश दे रही हैं। जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पढ़िए पूरा घटनाक्रम
ताजनगरी में शाहिद अली का चिकन बिरयानी नाम से रेस्टोरेंट है। यहां पर उसके साथ चचेरे भाई मुन्ना, जीशान, सैफ अली और गुलफाम देखरेख करते हैं। गुरुवार रात करीब 12 बजे रेस्टोरेंट पर बाइक पर तीन युवक आए। दो युवक रेस्टोरेंट पर आए। यहां पर गुलफाम ने उससे पूछा कि हां भाई क्या चाहिए। इस पर युवक ने गोली चला दी। गोली गुलफाम के सीने में लगी। वो वहीं गिर गया। इसके बाद सैफ अली ने शोर मचाया। हमलावर सैफ अली के पास आया और गोली चला दी। गोली सैफ अली को छूते हुए निकल गई। हमलावर अपनी एक्टिवा पर बैठकर शिल्पग्राम की ओर भाग निकले। ……………………………………… ये खबर भी पढ़ें रामजीलाल सुमन बोले- बाबा के लोग अंधे हो गए:कुछ भी कर रहे, सरकार मेरी हत्या कराना चाहती; एक वर्ग के लोगों पर एक्शन नहीं राणा सांगा को गद्दार कहने वाले सपा सांसद रामजीलाल सुमन पर अलीगढ़ में हमला हुआ। उनके काफिले पर टायर-पत्थर फेंके गए। उन्हें बुलंदशहर से वापस आगरा भेज दिया गया। इस हमले के बाद सपा सांसद ने नाराजगी जाहिर की है। (पूरी खबर पढ़ें)   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर