‘वायरल वीडियो से भ्रमित न हों’, देवनारायण मंदिर को लेकर MLA उदय लाल भड़ाना की अपील

‘वायरल वीडियो से भ्रमित न हों’, देवनारायण मंदिर को लेकर MLA उदय लाल भड़ाना की अपील

<p style=”text-align: justify;”><strong>Rajasthan News:</strong> सोशल मीडिया पर बीते कई दिनों से राजस्थान प्रदेश के भीलवाड़ा जिला मुख्यालय से मात्र 14 किलोमीटर दूरी पर स्थित मांडल में देवनारायण मंदिर खोले जाने और पूजा अर्चना करने को लेकर कुछ वीडियो और रील्स वायरल हो रहे हैं. जिसमें 4 फरवरी को मांडल चलो का आह्वान किया गया है. वही संघर्ष समिति अध्यक्ष और विधायक उदय लाल भड़ाना को लेकर &nbsp;गुर्जर समाज के कुछ नेताओं को अलग अलग कमेंट करते देखा जा सकता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>4 फरवरी को मांडल न आएं- विधायक</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>मांडल विधायक और देवनारायण मंदिर संघर्ष समिति के अध्यक्ष उदय लाल भड़ाना ने मीडिया से बात करते हुए युवाओं से हाथ जोड़कर अपील की हैं कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे विडियोज से भ्रमित नहीं हों और 4 फरवरी को मांडल नहीं आए. ये सोशल मीडिया के जरिए युवाओं को गुमराह कर मेरी छवि खराब करने की विरोधियों द्वारा रची जा रही साजिश मात्र हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि मंदिर खुलवाने को लेकर कई लोगों ने बड़ा संघर्ष किया है, पहले भी कई आंदोलन हुए हैं, जिनमें सैकड़ों लोग परेशान हुए है. कुछ लोग हजारों किलोमीटर दूर बैठकर सोशल मीडिया के जरिए युवाओं को गुमराह कर उनकी भावनाओं के साथ ही उनके भविष्य के साथ भी खिलवाड़ कर रहे है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’केवल श्रेय लेने की कोशिश चल रही'</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>आगे उन्होंने कहा कि केवल श्रेय लेने की कोशिश चल रही हैं, संघर्ष समिति के अध्यक्ष के नाते में इस मंदिर को संवैधानिक और कानून के दायरे में रहकर खुलवाऊंगा, जिस तरह भगवान श्री राम का मंदिर पीएम मोदी ने संवैधानिक और कानूनी तौर पर हक हासिल कर बनवाया हैं. वहीं युवाओं से अपील हैं कि भ्रम में नहीं आए और 4 फरवरी को लेकर चल रही अफवाहों पर ध्यान नहीं दे. मैं प्रयास रत हुं, मुझ पर विश्वास करे, जल्द ही भगवान देवनारायण का मंदिर खुलेगा, सरकार में मुख्यमंत्री गृह मंत्री से मैं खुद बराबर चर्चा कर रहा हुं. जल्द ही भगवान देवनारायण का मंदिर खुलेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कानून अपनी जगह, भावनाएं अपनी जगह- प्रतीक सेना</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>धार्मिक स्थल को गुर्जर समाज के आराध्य देव देवनारायण भगवान का मंदिर होने का दावा करते हुए प्रतीक सेना अध्यक्ष गोपाल सिंह बस्सी ने कहा कि 4 फरवरी को माही सप्तमी का दिन है और देवनारायण का बड़ा दिन है, इस दिन हम मांडल में देवनारायण मंदिर पर पूजा अर्चना करना चाहते हैं. इसको लेकर सीएम भजनलाल शर्मा ओर वसुंधरा राजे से भी मुलाकात की जाएगी. कानून अपनी जगह है, हमारी धार्मिक भावनाएं अपनी जगह हैं. 47 वर्षों से ताले में बंद हैं. भगवान की पूजा अर्चना होनी चाहिए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ताला टूटने पर सुर्खियों में आया मंदिर</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>देवनारायण मंदिर 11 मार्च, 2022 को तब सुर्खियों में आया, जब गोपाल गुर्जर नाम के एक युवक ने मंदिर का ताला तोड़ प्रशासन को खुली चुनौती दी. इस दौरान उस युवक ने एक वीडियो भी बनाया था, जिसमें वह ताला तोड़कर मंदिर पर ध्वज फहराते दिखा. वीडियो वायरल होने के बाद मुस्लिम पक्ष ने आपत्ति जताई तो पुलिस ने गोपाल सिंह पर मजहबी भावनाएं भड़काने का मामला दर्ज कर, उसे गिरफ्तार कर लिया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मंदिर क्यों है बंद, विधायक भड़ाना ने बताया</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उदयलाल भड़ाना बताते हैं, ”मांडल में पहले गुर्जर समाज के लोग बहुतायत में रहते थे और पशुपालन का परंपरागत व्यवसाय करते थे. जब कस्बा बड़ा हुआ तो पशुओं को चराने के लिए जगह कम पड़ने लगी. ऐसे में गुर्जर समाज के लोगों ने आसपास खेतों में ही मकान बना लिए और अपने गांव बसा लिये. इस प्रकार कस्बे में गुर्जर बहुत कम हो गये. मंदिर में महाजन समाज के लोग पूजा-अर्चना करने लगे. करीब 45 साल पहले मुस्लिम समाज के लोगों ने चबूतरे पर ताजिया बनाने की अनुमति मांगी. हिन्दू समाज ने उन्हें सहर्ष स्वीकृति दे दी. इसके बाद उन्होंने चबूतरे पर कब्जा कर मस्जिद बना ली. कुछ विवाद हुआ तो उन्होंने रातों रात मंदिर की मूर्तियां खंडित कर दीं और एक पत्थर लाकर रख दिया और कहने लगे यह हमारे &lsquo;मीठू शाह फकीर का तकिया&rsquo; था और यह उनकी &lsquo;दरगाह&rsquo; है.”&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>भड़ाना आगे बताते हैं कि 1977 में देवनारायण मंदिर की जमीन का मामला न्यायालय पहुंचा. तब न्यायालय ने मंदिर के दरवाजे पर ताला जड़ने के बाद चाबी थाने में जमा करा दी थी. लेकिन अब न्यायालय के फैसले से तय हो गया है कि यह स्थान मुस्लिमों का नहीं है तो स्वत: सिद्ध हो जाता है, यह स्थान हिन्दुओं का है. पक्षकार अपील में भी नहीं गए हैं. भगवान देवनारायण की 1111 वीं जयंती पर पहली बार भजन संध्या कराई गई थी, वह मंदिर से आधा किलोमीटर दूर हुई थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>1557 में बनकर तैयार हुआ था मंदिर</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उदयलाल भड़ाना ने कहा कि भगवान देवनारायण राजस्थान के प्रसिद्ध लोक देवता हैं. इनका जन्म भीलवाड़ा जिले की आसींद तहसील के मालासेरी में हुआ था. भीलवाड़ा के मांडल ग्राम में भगवान देव नारायण का प्राचीन मंदिर है. इसका निर्माण गुर्जर समाज के पंचों खेताजी-नेताजी ने 1555 में शुरू कराया था, 1557 तक यह मंदिर बनकर तैयार हुआ. 1561 में बड़वा (जागा) की पोथी में यह दर्ज है. देवनारायण के पूर्वज मांडूराव ने सन् 785 में मांडल गांव को बसाया था. भगवान देवनारायण के वंश का इतिहास तभी से है. मुस्लिम समाज का इनसे कोई संबंध नहीं है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>24 साल पहले आसींद में भी हो चुका बवाल</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>भीलवाड़ा के आसींद में हिन्दू समाज का आस्था का एक बड़ा केंद्र है. यहां इसे आराध्य भगवान आसींद सवाई भोज मंदिर के नाम से जाना जाता है.उदयलाल भड़ाना बताते हैं, इसी मंदिर परिसर में 2001 से पहले एक &lsquo;मस्जिद&rsquo; थी. इस &lsquo;कलिंद्री मस्जिद&rsquo; नामक ढांचे को जून 2001 में ध्वस्त कर दिया गया. यह मामला न्यायालय तक भी पहुंचा लेकिन 15 साल बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट ने 16 आरोपियों को दोषमुक्त करार दिया. न्यायालय ने अपने फैसले में सभी 16 लोगों को दोषी नहीं माना. 24 साल पहले साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाली इस घटना के बाद तनाव बढ़ता चला गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”राइजिंग राजस्थान कार्यक्रम को दुबई में केन्या के सांसदों ने बताया बेहतर, दिया अपना फीडबैक” href=”https://www.abplive.com/states/rajasthan/rising-rajasthan-program-in-dubai-kenyan-mp-described-better-pointed-out-trend-on-tourism-ann-2869478″ target=”_self”>राइजिंग राजस्थान कार्यक्रम को दुबई में केन्या के सांसदों ने बताया बेहतर, दिया अपना फीडबैक</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Rajasthan News:</strong> सोशल मीडिया पर बीते कई दिनों से राजस्थान प्रदेश के भीलवाड़ा जिला मुख्यालय से मात्र 14 किलोमीटर दूरी पर स्थित मांडल में देवनारायण मंदिर खोले जाने और पूजा अर्चना करने को लेकर कुछ वीडियो और रील्स वायरल हो रहे हैं. जिसमें 4 फरवरी को मांडल चलो का आह्वान किया गया है. वही संघर्ष समिति अध्यक्ष और विधायक उदय लाल भड़ाना को लेकर &nbsp;गुर्जर समाज के कुछ नेताओं को अलग अलग कमेंट करते देखा जा सकता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>4 फरवरी को मांडल न आएं- विधायक</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>मांडल विधायक और देवनारायण मंदिर संघर्ष समिति के अध्यक्ष उदय लाल भड़ाना ने मीडिया से बात करते हुए युवाओं से हाथ जोड़कर अपील की हैं कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे विडियोज से भ्रमित नहीं हों और 4 फरवरी को मांडल नहीं आए. ये सोशल मीडिया के जरिए युवाओं को गुमराह कर मेरी छवि खराब करने की विरोधियों द्वारा रची जा रही साजिश मात्र हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि मंदिर खुलवाने को लेकर कई लोगों ने बड़ा संघर्ष किया है, पहले भी कई आंदोलन हुए हैं, जिनमें सैकड़ों लोग परेशान हुए है. कुछ लोग हजारों किलोमीटर दूर बैठकर सोशल मीडिया के जरिए युवाओं को गुमराह कर उनकी भावनाओं के साथ ही उनके भविष्य के साथ भी खिलवाड़ कर रहे है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’केवल श्रेय लेने की कोशिश चल रही'</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>आगे उन्होंने कहा कि केवल श्रेय लेने की कोशिश चल रही हैं, संघर्ष समिति के अध्यक्ष के नाते में इस मंदिर को संवैधानिक और कानून के दायरे में रहकर खुलवाऊंगा, जिस तरह भगवान श्री राम का मंदिर पीएम मोदी ने संवैधानिक और कानूनी तौर पर हक हासिल कर बनवाया हैं. वहीं युवाओं से अपील हैं कि भ्रम में नहीं आए और 4 फरवरी को लेकर चल रही अफवाहों पर ध्यान नहीं दे. मैं प्रयास रत हुं, मुझ पर विश्वास करे, जल्द ही भगवान देवनारायण का मंदिर खुलेगा, सरकार में मुख्यमंत्री गृह मंत्री से मैं खुद बराबर चर्चा कर रहा हुं. जल्द ही भगवान देवनारायण का मंदिर खुलेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कानून अपनी जगह, भावनाएं अपनी जगह- प्रतीक सेना</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>धार्मिक स्थल को गुर्जर समाज के आराध्य देव देवनारायण भगवान का मंदिर होने का दावा करते हुए प्रतीक सेना अध्यक्ष गोपाल सिंह बस्सी ने कहा कि 4 फरवरी को माही सप्तमी का दिन है और देवनारायण का बड़ा दिन है, इस दिन हम मांडल में देवनारायण मंदिर पर पूजा अर्चना करना चाहते हैं. इसको लेकर सीएम भजनलाल शर्मा ओर वसुंधरा राजे से भी मुलाकात की जाएगी. कानून अपनी जगह है, हमारी धार्मिक भावनाएं अपनी जगह हैं. 47 वर्षों से ताले में बंद हैं. भगवान की पूजा अर्चना होनी चाहिए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ताला टूटने पर सुर्खियों में आया मंदिर</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>देवनारायण मंदिर 11 मार्च, 2022 को तब सुर्खियों में आया, जब गोपाल गुर्जर नाम के एक युवक ने मंदिर का ताला तोड़ प्रशासन को खुली चुनौती दी. इस दौरान उस युवक ने एक वीडियो भी बनाया था, जिसमें वह ताला तोड़कर मंदिर पर ध्वज फहराते दिखा. वीडियो वायरल होने के बाद मुस्लिम पक्ष ने आपत्ति जताई तो पुलिस ने गोपाल सिंह पर मजहबी भावनाएं भड़काने का मामला दर्ज कर, उसे गिरफ्तार कर लिया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मंदिर क्यों है बंद, विधायक भड़ाना ने बताया</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उदयलाल भड़ाना बताते हैं, ”मांडल में पहले गुर्जर समाज के लोग बहुतायत में रहते थे और पशुपालन का परंपरागत व्यवसाय करते थे. जब कस्बा बड़ा हुआ तो पशुओं को चराने के लिए जगह कम पड़ने लगी. ऐसे में गुर्जर समाज के लोगों ने आसपास खेतों में ही मकान बना लिए और अपने गांव बसा लिये. इस प्रकार कस्बे में गुर्जर बहुत कम हो गये. मंदिर में महाजन समाज के लोग पूजा-अर्चना करने लगे. करीब 45 साल पहले मुस्लिम समाज के लोगों ने चबूतरे पर ताजिया बनाने की अनुमति मांगी. हिन्दू समाज ने उन्हें सहर्ष स्वीकृति दे दी. इसके बाद उन्होंने चबूतरे पर कब्जा कर मस्जिद बना ली. कुछ विवाद हुआ तो उन्होंने रातों रात मंदिर की मूर्तियां खंडित कर दीं और एक पत्थर लाकर रख दिया और कहने लगे यह हमारे &lsquo;मीठू शाह फकीर का तकिया&rsquo; था और यह उनकी &lsquo;दरगाह&rsquo; है.”&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>भड़ाना आगे बताते हैं कि 1977 में देवनारायण मंदिर की जमीन का मामला न्यायालय पहुंचा. तब न्यायालय ने मंदिर के दरवाजे पर ताला जड़ने के बाद चाबी थाने में जमा करा दी थी. लेकिन अब न्यायालय के फैसले से तय हो गया है कि यह स्थान मुस्लिमों का नहीं है तो स्वत: सिद्ध हो जाता है, यह स्थान हिन्दुओं का है. पक्षकार अपील में भी नहीं गए हैं. भगवान देवनारायण की 1111 वीं जयंती पर पहली बार भजन संध्या कराई गई थी, वह मंदिर से आधा किलोमीटर दूर हुई थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>1557 में बनकर तैयार हुआ था मंदिर</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उदयलाल भड़ाना ने कहा कि भगवान देवनारायण राजस्थान के प्रसिद्ध लोक देवता हैं. इनका जन्म भीलवाड़ा जिले की आसींद तहसील के मालासेरी में हुआ था. भीलवाड़ा के मांडल ग्राम में भगवान देव नारायण का प्राचीन मंदिर है. इसका निर्माण गुर्जर समाज के पंचों खेताजी-नेताजी ने 1555 में शुरू कराया था, 1557 तक यह मंदिर बनकर तैयार हुआ. 1561 में बड़वा (जागा) की पोथी में यह दर्ज है. देवनारायण के पूर्वज मांडूराव ने सन् 785 में मांडल गांव को बसाया था. भगवान देवनारायण के वंश का इतिहास तभी से है. मुस्लिम समाज का इनसे कोई संबंध नहीं है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>24 साल पहले आसींद में भी हो चुका बवाल</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>भीलवाड़ा के आसींद में हिन्दू समाज का आस्था का एक बड़ा केंद्र है. यहां इसे आराध्य भगवान आसींद सवाई भोज मंदिर के नाम से जाना जाता है.उदयलाल भड़ाना बताते हैं, इसी मंदिर परिसर में 2001 से पहले एक &lsquo;मस्जिद&rsquo; थी. इस &lsquo;कलिंद्री मस्जिद&rsquo; नामक ढांचे को जून 2001 में ध्वस्त कर दिया गया. यह मामला न्यायालय तक भी पहुंचा लेकिन 15 साल बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट ने 16 आरोपियों को दोषमुक्त करार दिया. न्यायालय ने अपने फैसले में सभी 16 लोगों को दोषी नहीं माना. 24 साल पहले साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाली इस घटना के बाद तनाव बढ़ता चला गया.</p>
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