वाराणसी में अभिनेता नितिन सिंह ने अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर दी। सुबह देर तक दरवाजा नहीं खुलने पर परिजनों ने अंदर झांका तो शव फंदे से लटकता मिला। सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया, शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। अभिनेता रविवार को ही मुंबई से वाराणसी आए थे और देर रात तक परिवार के साथ रहे। परिजनों ने नितिन के आत्महत्या का कारण तो अभी तक नहीं बताया। स्थानीय लोग उसे काम न मिलने से अवसाद के चलते यह कदम उठाया। लक्सा थाना के मिसिरपोखरा निवासी नितिन सिंह (39 वर्ष) वर्तमान समय में मुंबई में रहते हैं। नितिन कई वर्षों से फिल्म इंडस्ट्री में काम करते थे। कई फिल्मों और धारावाहिक में अभिनय किया है। मृतक के भाई राहुल सिंह ने बताया कि नितिन रविवार की शाम वाराणसी अपने घर आए थे। उन्होंने बच्चों को टाफी-चाकलेट खिलाया। उसके बाद कहा कि मैं सोने जा रहा हूं, तुम लोग हट जाओ, सुबह बात करेंगे। इसके बाद अपने कमरे में चले गए और दरवाजा अंदर से बंद कर लिया। सोमवार की सुबह मोटर चलाने के लिए तब कमरे का दरवाजा खुलवाया गया तो नहीं खुला। इसके बाद किसी तरह अंदर झांककर देखा गया तो नितिन का शव फांसी के फंदे से लटकता मिला। परिजनों ने घटना की जानकारी तत्काल पुलिस को दी। सूचना के बाद पहुंची पुलिस ने शव को नीचे उतरवाकर अपने कब्जे में ले लिया। पुलिस आत्महत्या की वजह तलाशने में लगी है, जिसके लिए अलग-अलग परिजनों से बातचीत कर रही है। उधर, घटना के बाद परिजनों में कोहराम मच गया। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। वाराणसी में अभिनेता नितिन सिंह ने अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर दी। सुबह देर तक दरवाजा नहीं खुलने पर परिजनों ने अंदर झांका तो शव फंदे से लटकता मिला। सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया, शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। अभिनेता रविवार को ही मुंबई से वाराणसी आए थे और देर रात तक परिवार के साथ रहे। परिजनों ने नितिन के आत्महत्या का कारण तो अभी तक नहीं बताया। स्थानीय लोग उसे काम न मिलने से अवसाद के चलते यह कदम उठाया। लक्सा थाना के मिसिरपोखरा निवासी नितिन सिंह (39 वर्ष) वर्तमान समय में मुंबई में रहते हैं। नितिन कई वर्षों से फिल्म इंडस्ट्री में काम करते थे। कई फिल्मों और धारावाहिक में अभिनय किया है। मृतक के भाई राहुल सिंह ने बताया कि नितिन रविवार की शाम वाराणसी अपने घर आए थे। उन्होंने बच्चों को टाफी-चाकलेट खिलाया। उसके बाद कहा कि मैं सोने जा रहा हूं, तुम लोग हट जाओ, सुबह बात करेंगे। इसके बाद अपने कमरे में चले गए और दरवाजा अंदर से बंद कर लिया। सोमवार की सुबह मोटर चलाने के लिए तब कमरे का दरवाजा खुलवाया गया तो नहीं खुला। इसके बाद किसी तरह अंदर झांककर देखा गया तो नितिन का शव फांसी के फंदे से लटकता मिला। परिजनों ने घटना की जानकारी तत्काल पुलिस को दी। सूचना के बाद पहुंची पुलिस ने शव को नीचे उतरवाकर अपने कब्जे में ले लिया। पुलिस आत्महत्या की वजह तलाशने में लगी है, जिसके लिए अलग-अलग परिजनों से बातचीत कर रही है। उधर, घटना के बाद परिजनों में कोहराम मच गया। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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महाराष्ट्र चुनाव में रणदीप सुरजेवाला बने स्टार प्रचारक:40 की लिस्ट में हरियाणा से हुड्डा परिवार का नाम नहीं; कुमारी शैलजा ने हस्ताक्षर किए
महाराष्ट्र चुनाव में रणदीप सुरजेवाला बने स्टार प्रचारक:40 की लिस्ट में हरियाणा से हुड्डा परिवार का नाम नहीं; कुमारी शैलजा ने हस्ताक्षर किए कांग्रेस ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव और राज्य की नांदेड़ लोकसभा सीट पर उप-चुनाव के लिए स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी की है। इसमें हरियाणा की राजनीति में सक्रिय वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला को जगह मिली है। वह महाराष्ट्र में कांग्रेस उम्मीदवारों के लिए चुनावी रैलियां और रोड शो करेंगे, और लोगों से वोट देने की अपील करेंगे। हैरानी की बात यह है कि 40 स्टार प्रचारकों की इस लिस्ट में हरियाणा के हुड्डा परिवार का नाम नहीं है। कांग्रेस ने न तो पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को इसमें जगह दी है, और न ही उनके सांसद बेटे दीपेंद्र हुड्डा को प्रचारक बनाया है। लिस्ट में एक खास बात यह भी है कि स्टार प्रचारकों के सभी नामों पर सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा ने हस्ताक्षर किए हैं। पार्टी की ओर से जारी सूची… गुटबाजी के चलते हाल में हरियाणा हारी है कांग्रेस
कुमारी सैलजा हरियाणा के सिरसा से कांग्रेस की सांसद हैं और इस समय उन्हें जनरल सेक्रेटरी भी नियुक्त किया गया है। हाल ही में संपन्न हुए हरियाणा के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को आश्चर्यजनक हार का सामना करना पड़ा है। इसके बाद से ही कांग्रेस हाईकमान कुुमारी सैलजा के नजदीक और हुड्डा परिवार से दूर नजर आ रही है। बता दें कि हरियाणा विधानसभा चुनाव कांग्रेस ने पूर्व CM भूपेंद्र हु्ड्डा के नेतृत्व में ही लड़ा था। टिकट के बंटवारे से लेकर स्टार कैंपेनरों की रैलियों तक में हुड्डा की ज्यादा चली। इसी बीच कुमारी सैलजा कहीं फ्रंट पर नहीं दिखीं। इसे कांग्रेस हाईकमान ने हरियाणा में हार का एक बड़ा कारण भी माना है। इस गुटबाजी के कारण संगठन कमजोर हुआ। सैलजा और हुड्डा के बीच नाराजगी की 3 वजहें 1. सैलजा ने CM कुर्सी का दावा ठोका
चुनाव की घोषणा के बाद सिरसा सांसद कुमारी सैलजा ने सीएम कुर्सी पर दावा ठोक दिया। सैलजा ने कहा कि प्रदेश में अनुसूचित जाति का सीएम होना चाहिए। चूंकि इस वक्त भूपेंद्र हुड्डा सीएम कुर्सी के सबसे बड़े दावेदार हैं। इस वजह से हुड्डा समर्थक इससे नाराज हो गए। 2. टिकट बंटवारे में हुड्डा की चली
कांग्रेस में टिकट बंटवारे को लेकर सैलजा ने समर्थकों को टिकट दिलाने की पूरी कोशिश की। हालांकि इसमें हुड्डा की चली। 90 टिकटों में से सबसे ज्यादा 72 हुड्डा के ही समर्थकों को मिल गई। इसकी वजह से सैलजा नाराज हो गई। 3. जातिसूचक शब्द से ज्यादा नाराज हुईं, प्रचार छोड़ा
इसके बाद एक सीट पर सैलजा मंच से पहले घोषणा करने के बावजूद अपने समर्थक को टिकट नहीं दिला सकी। यहां से हुड्डा समर्थक को टिकट मिल गया। इसके बाद इसी सीट के उम्मीदवार से जुड़े समर्थक ने सैलजा के प्रति जातिसूचक शब्द कहे। इससे सैलजा इस कदर नाराज हुईं कि उन्होंने चुनाव प्रचार छोड़ दिया। वह नाराज होकर घर बैठ गईं। गुटबाजी खत्म करने के लिए हाथ मिलवाए
हरियाणा विधानसभा चुनाव में जीत के लिए राहुल गांधी प्रचार के साथ-साथ कांग्रेसी नेताओं की गुटबाजी दूर करने की कोशिश भी कर रहे थे। उन्होंने अंबाला के नारायणगढ़ से ‘हरियाणा विजय संकल्प यात्रा’ शुरू की थी। इस मौके पर जनसभा में भीड़ के अभिवादन के दौरान राहुल ने पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा और सांसद कुमारी सैलजा के हाथ भी मिलवाए। 12 सितंबर को टिकटों का ऐलान होने के बाद सैलजा ने चुनाव प्रचार से दूरी बना ली थी, क्योंकि हाईकमान ने उनके समर्थक उम्मीदवारों को कम टिकट दिए थे। जबकि, भूपेंद्र हुड्डा के समर्थकों को सबसे ज्यादा टिकट दिए गए। सैलजा ने 25 सितंबर तक प्रदेशभर में कहीं कोई प्रोग्राम नहीं किया। 26 सितंबर को खुद राहुल गांधी उन्हें दिल्ली से लेकर करनाल की रैली में पहुंचे थे। इसके बाद भी सैलजा और हुड्डा की नजदीकियां नहीं बढ़ीं। नतीजा यह हुआ कि हरियाणा में कांग्रेस की हवा होते हुए भी पार्टी चुनाव हार गई। इसके बाद सैलजा ने संगठन में एकता न होने को ही हार का कारण बताया। वहीं, हुड्डा ने EVM पर हार का ठीकरा फोड़ दिया। हालांकि, रिव्यू मीटिंग में राहुल गांधी ने कहा कि कुछ नेताओं के अपने हित पार्टी से बड़े रहे, इसलिए हार मिली। इसके बाद से सैलजा तो लगातार कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच एक्टिव रहीं, लेकिन हुड्डा कहीं दिखे नहीं। अब उन्हें स्टार प्रचारकों में से भी बाहर कर दिया है, जबकि सैलजा के ही समर्थन में रहे रणदीप सुरजेवाला को लिस्ट में जगह मिली है।
हरियाणा में 24 फसलों पर MSP की गारंटी:सरकार ने नोटिफिकेशन जारी किया; इसमें गेहूं, धान, सरसों और बाजरा की फसल भी शामिल
हरियाणा में 24 फसलों पर MSP की गारंटी:सरकार ने नोटिफिकेशन जारी किया; इसमें गेहूं, धान, सरसों और बाजरा की फसल भी शामिल पंजाब के किसान जहां MSP(न्यूनतम समर्थन मूल्य ) गारंटी कानून के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं और केंद्र सरकार से मांग को लेकर हरियाणा-पंजाब के बॉर्डर पर धरने पर बैठे हैं तो वहीं हरियाणा सरकार ने अपने किसानों को 24 फसलों पर MSP गांटरी देने के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। हरियाणा सरकार ने साफ मैसेज पंजाब के किसानों को देने की कोशिश की है कि MSP गारंटी केंद्र से नहीं अपनी पंजाब सरकार सरकार से मांगनी चाहिए। खुद हरियाणा के मुख्यमंत्री पंजाब के किसानों से अपील भी कर चुके हैं कि उनको पंजाब सरकार से बातचीत कर बॉर्डर से हट जाना चाहिए और पंजाब में आंदोलन करना चाहिए। बता दें कि हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी से विधानसभा चुनाव से पहले 24 फसलों पर MSP देने की घोषणा की थी मगर इसका कोई लिखित में कोई प्रावधान नहीं था ऐसे में हरियाणा सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर हरियाणा के किसानों को भरोसे में लेने की कोशिश की है। इन फसलों को एमएसपी पर खरीदेगी सरकार
रागी, सोयाबीन, नाइजरसीड, कुसुम, जौ, मक्का, ज्वार, जूट, खोपरा, ग्रीष्म मूंग, धान, बाजरा, खरीफ मूंग, उर्द, अरहर, तिल, कपास, मूंगफली, गेहूं, सरसों, चना, मसूर, सूरजमुखी और गन्ना। MSP पर पहले से 14 फसलें खरीद रही एजेंसियां
MSP पर पहले से 14 फसलें खरीद रही सरकारी एजेंसियां 10 और फसलों को खरीदेंगी। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. राजा शेखर वुंडरू ने 24 फसलों की एमएसपी पर खरीद के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। विधानसभा चुनाव की घोषणा से ठीक पहले 5 अगस्त को मुख्यमंत्री नायब सिंह की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में MSP पर जिन फसलों को खरीदने का निर्णय लिया गया था, अधिसूचना जारी होने से उसे अब सिरे चढ़ाया जा सकेगा। 10 महीने से बॉर्डर पर डटे हैं किसान
बता दें कि पंजाब के किसान केंद्र सरकार से MSP पर गारंटी देने के लिए कानून बनाने की मांग कर रहे हैं और पिछले 10 महीने से आंदोलन कर रहे हैं। इसके कारण हरियाणा-पंजाब के बॉर्डर बंद पड़े हैं। हरियाणा में पंजाब की सीमा से सटे शंभू बॉर्डर (अंबाला) और खनौरी बॉर्डर (जींद) पर किसानों के धरने-प्रदर्शन जारी हैं। जो फसलें नहीं उगाता हरियाणा उस पर भी एमएसपी
विशेष बात यह कि हरियाणा में रागी, सोयाबीन, नाइजरसीड, कुसुम, जूट और खोपरा जैसी फसलें नहीं बोई जाती है, फिर भी इन्हें प्रदेश सरकार ने सूचीबद्ध फसलों में शामिल किया है। मक्का की कीमत आमतौर पर एमएसपी से अधिक होती है। केंद्र सरकार की ओर से भारतीय खाद्य निगम (एफसीआइ), भारतीय कपास निगम (सीसीआई), भारतीय जूट निगम (जेसीआई), केंद्रीय भंडारण निगम (सीडब्ल्यूसी), राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (नैफेड), राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ (एनसीसीएफ) विभिन्न फसलों की खरीद करती हैं।
BJP की चुनाव समिति की लिस्ट पर अनिल विज बोले, ‘जिसे चाहे रखें, चाहे निकाल दें, हम…’
BJP की चुनाव समिति की लिस्ट पर अनिल विज बोले, ‘जिसे चाहे रखें, चाहे निकाल दें, हम…’ <p style=”text-align: justify;”><strong>Anil Vij on Haryana BJP Election Committee:</strong> हरियाणा में चुनावी बिगुल बज चुका है और सभी राजनीतिक दलों ने विधानसभा चुनाव की तैयारियां तेज कर दी हैं. इसी के चलते बीजेपी ने भी इलेक्शन से संबंधित दो समितियों का गठन किया है. इन कमेटी में पहले हरियाणा के पूर्व गृह मंत्री अनिल विज को जगह नहीं दी गई थी, लेकिन बीत दिन उनके दिल्ली जाने के बाद विज को समिति में शामिल कर लिया गया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>चुनाव से पहले बीजेपी की चुनाव प्रबंध कमेटी में शामिल होने के बाद अनिल विज ने कहा कि यह पार्टी का विषय है. पार्टी जिसे रखना चाहे रख ले, जिसे चाहे निकाल दे. हम पार्टी के अनन्य भक्त हैं. हमें जो काम और दायित्व दिया जाता है, हम उसे पूरा करते हैं. इन बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता. </p>
<p style=”text-align: justify;”><br /><img src=”https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/08/13/af0b9b70f75387112c6e667ea2b86b341723561081682584_original.jpeg” /></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>21 नेताओं को मिली समिति में जगह</strong><br />जानकारी के लिए बता दें कि बीजेपी की दो कमेटियां- प्रदेश चुनाव समिति और प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति में प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बडौली के साथ मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर, राव इंद्रजीत सिंह और कृष्ण पाल गुर्जर भी शामिल हैं. दोनों समितियों में कुल 21 नेताओं को जगह दी गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>हरियाणा बीजेपी की चुनाव समिति में इनके नाम</strong><br />इसके अलावा लिस्ट में राष्ट्रीय सचिव ओपी धनखड़, राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा, पूर्व सांसद अरविंद शर्मा, पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल, विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता, प्रदेश संगठन महामंत्री फणीन्द्रनाथ शर्मा, प्रदेश महामंत्री कृष्ण बेदी, मंत्री जेपी दलाल, भिवानी-महेंद्रगढ़ सांसद चौधरी धर्मबीर सिंह, पूर्व मंत्री कैप्टन अभिमन्यु, पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई, महिला मोर्चे की प्रदेश अध्यक्ष उषा प्रियदर्शी, एससी मोर्चे के प्रदेश अध्यक्ष सत्यप्रकाश जरावता को भी शामिल किया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>गौरतलब है कि बीजेपी की ओर से जब 10 अगस्त को समितियों का ऐलान किया गया, तब उसमें अनिल विज को शामिल नहीं किया गया था, लेकिन दो दिन बात 12 अगस्त को प्रदेश चुनाव समिति क नई लिस्ट जारी की गई, जिसमें अनिल विज का नाम एड किया गया. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें: <a title=”Haryana Elections: हरियाणा में बीजेपी कब करेगी उम्मीदवारों का ऐलान? BJP चीफ मोहनलाल बडोली ने दिया ये जवाब” href=”https://www.abplive.com/states/punjab/mohan-lal-badoli-says-bjp-will-announce-its-candidate-in-haryana-after-parliament-board-meeting-2760169″ target=”_blank” rel=”noopener”>Haryana Elections: हरियाणा में बीजेपी कब करेगी उम्मीदवारों का ऐलान? BJP चीफ मोहनलाल बडोली ने दिया ये जवाब</a></strong></p>