वाराणसी में डंप हार्ट-कैंसर की दवाएं, मैरिज कार्ड:कैंट स्टेशन पर 27 दिन से 4 हजार ऑर्डर पेंडिंग, लोग बोले- इससे अच्छा खुद पहुंचा देते

वाराणसी में डंप हार्ट-कैंसर की दवाएं, मैरिज कार्ड:कैंट स्टेशन पर 27 दिन से 4 हजार ऑर्डर पेंडिंग, लोग बोले- इससे अच्छा खुद पहुंचा देते

‘वाराणसी से रिश्तेदार की हार्ट और बीपी की दवाएं चलती हैं। मैंने 8 फरवरी को कैंट रेलवे स्टेशन की रेल डाक सेवा से दवा स्पीड पोस्ट की थी। ये कोलकाता पहुंचने की बजाय अभी भी बनारस में ही पड़ी हुई हैं।’ यह कहना है अंबेडकरनगर के शिवम सिंह का। यह दर्द उन तमाम लोगों का है, जिन्होंने रेलवे की डाक सेवा पर भरोसा जताया था। कई लोगों के शादी के कार्ड से लेकर जरूरी सामान फंसे हुए हैं। लोग जब रेल डाक सेवा कार्यालय सामान वापस लेने आ रहे हैं तो नियमों का हवाला देकर उन्हें वापस लौटाया जा रहा है। दैनिक भास्कर ने कैंट रेलवे स्टेशन पर बने रेल डाक सेवा के कार्यालय की पड़ताल की और यहां पहुंच रहे लोगों से बातचीत की। इसके बारे में ज्यादा जानकारी के लिए हम नदेसर स्थित मुख्य डाकघर भी पहुंचे। अधिकारियों ने इस विषय पर क्या बात की? आखिर किस वजह से यहां 4 हजार बैग डंप है ? पढ़िए रिपोर्ट… अब जानिए दैनिक भास्कर ने पड़ताल में क्या देखा… गैलरी से लेकर आईआरएम के कार्यालय तक पार्सल ही पार्सल
भास्कर टीम दोपहर 1 बजे के बाद कैंट रेलवे स्टेशन पर बने रेल डाक सेवा केंद्र पर पहुंची। यहां बाहर एक इंडिया पोस्ट की गाड़ी में कुछ पार्सल चढ़ाए जा रहे थे। अंदर घुसे तो गैलरी से लेकर आईआरएम कार्यालय और अंदर तक हर जगह बस पार्सल बैग ही नजर आ रहे थे। इनमें कोई पार्सल फरवरी में बुक था तो किसी की बुकिंग जनवरी की थी। अंदर एक व्यक्ति कई लोगों को ऑर्डर दे रहे थे। 26 जनवरी से रुका हुआ कंसाइनमेंट
यहां मौजूद व्यक्ति ने बिना नाम और परिचय बताए पूछा- मीडिया से आए हैं। आइए देखिए, कितना परेशान हैं हम और काशी के लोग। रोजाना कोई न कोई आ रहा है कि उसकी दवा, जरूरत का सामान और बहुत कुछ जो पिछले 20 दिनों से वाराणसी स्टेशन पर ही शो रहा है। यहां 26 जनवरी के बाद किसी भी ट्रेन से कोई माल भेजा नहीं जा सका है। ऐसे में 4000 हजार बैग पार्सल यहां डंप हैं। एक लाख से अधिक बुकिंग
वाराणसी के इस RMS में रोजाना 10 से 12 हजार रुपए का कंसाइनमेंट बुक किया जाता है। इसमें 26 रुपए से पार्सल बुकिंग की शुरुआत होती है। 12 किलो तक का पार्सल यहां से देश के किसी भी कोने में भेजा जा सकता है। 26 जनवरी से आज तक 4000 बैग कंसाइनमेंट यहां पड़ा हुआ है। भास्कर की पड़ताल के दौरान यहां कई लोग अपना सामान ढूंढते हुए पहुंचे। उन्होंने यह भी कहा कि हमारा सामान वापस कर दें। हम खुद ही भेज लेंगे। लेकिन इस पर कर्मचारियों ने असमर्थता जताई, जिससे वो लोग मायूस दिखाई दिए। अब जानिए नदेसर प्रधान डाकघर पर पड़ताल में क्या मिला… 7 फरवरी को शादी थी, भोपाल से आया कार्ड मिला दैनिक भास्कर जब नदेसर स्थित प्रधान डाकघर पहुंचा तो यहां एक अलमारी की शेल्फ में शादी के कार्ड दिखाई पड़े। इस कार्ड को काशी के गायघाट इलाके में देना था। शादी 7 फरवरी को थी। हालांकि, शादी तो बीत चुकी है। मगर यह कार्ड आज भी डाकखाने में जस के तस पड़े हुए हैं। यहां जिम्मेदारों ने पूछने पर बताया कि यूपी के बाहर की डिलीवरी नहीं हो रही लेकिन प्रदेश में डिलीवरी कराई जा रही है। लेकिन उनकी इस बात को मुंह चिढ़ाते दो कार्ड शेल्फ से झांक रहे थे। यहां हमें वीडियो नहीं बनाने दिया गया और फिर हम वापस हो लिए। अब उन लोगों से बातचीत, जिनका सामान समय से नहीं पहुंचा हार्ट और बीपी की दवा 8 फरवरी से नहीं गई
अंबेडकर नगर के शिवम सिंह वाराणसी में पढ़ाई करते हैं। उन्होंने बताया- परिजनों का फोन आया था कि दवाएं खरीदकर कोलकाता भेजना है। मैंने हार्ट और बीपी की दवा डाक सेवा कार्यालय वाराणसी जंक्शन से 8 फरवरी को बुक की थी। यह अभी तक कोलकाता नहीं पहुंची है। जिसकी दवा है वह भी परेशान है। हम भी परेशान हैं। कुछ समझ नहीं आ रहा। सैंपल की बनारसी साड़ी व्यापारी तक नहीं पहुंची
लोहता के रहने वाले शिजान ने 11 फरवरी को एक कंसाइनमेंट बुक किया था। यह बनारसी साड़ी थी जो सैम्पल के लिए अहमदाबाद जानी थी। शिजान ने बताया- अब कस्टमर ऑर्डर कैंसिल करने की धमकी दे रहा है और पैसे वापस मांग रहा है। हमारा नुकसान अब तय है, क्योंकि साड़ी कब जाएगी कुछ बताया नहीं जा रहा। हमने अपना कंसाइनमेंट कैंसिल करने के लिए कहा, लेकिन वो भी नहीं किया जा रहा है। वाराणसी के दूध विनायक चौखंबा निवासी श्रेयस सिंघल की 7 मार्च को शादी है। श्रेयस ने बताया- मेरा आजमगढ़ से शादी का कपड़ा आया है। वह कंसाइनमेंट 11 तारीख को आजमगढ़ से चलकर 12 को वाराणसी पहुंच गया पर आज तक मेरे घर नहीं पहुंचा है। आज भी विश्वेश्वरगंज प्रधान डाकघर गया था। वहां से स्टेटमेंट में यही दिखाया कि वो कैंट स्टेशन के डाक सेवा केंद्र पर है। हमारी शादी 7 मार्च को है और अभी तक कपड़े नहीं मिले हैं। कहीं कोई टेलर भी अब कपड़ा नहीं लेगा। CRPF जवान की मां की कैंसर की दवाएं फंसीं
कैंट रेल सेवा के कर्मचारी ने बताया- दो दिन पहले सीआरपीएफ का एक जवान यहां आया था। वह अपनी मां का इलाज टाटा कैंसर अस्पताल लहरतारा में करवा रहा है। उसकी दवाएं डाक सेवा से 27 तारीख को बुक की गई थीं। लेकिन अभी तक उसकी मां की दवा नहीं पहुंची थीं। वह दवा लेने आया था, लेकिन हम नियमों से बंधे होने के कारण उन्हें दवाएं नहीं दे सके। अब जानिए, आखिर कन्साइनमेंट क्यों नहीं जा पा रहे ? हमें कैंट रेलवे स्टेशन पर सहायक अधीक्षक अजय कुमार मौर्या मिले। हमने कैमरा ऑन किया तो वो वहां से चल दिए। हमने कहा सर आप का वर्जन चाहिए तो बोले हम यहां के अधिकारी नहीं हैं। अपना कंसाइनमेंट पूछने आए थे और वहां से निकल गए। हम नदेसर प्रधान डाकघर पहुंचे तो वहां भी वो नहीं मिले। फोन पर कहा कि अभी बाहर हूं। प्रयागराज महाकुंभ से दिक्कतें बढ़ीं
कैंट रेल डाक सेवा के कर्मचारियों ने बताया- 26 जनवरी को छुट्टी थी। उसके बाद 27 जनवरी से अभी तक बुक हुए करीब 4 हजार बैग डाक यहां डंप हैं। मुख्य कारण यह है कि हमारा प्रधान कार्यालय प्रयागराज है। अगर यूपी के बाहर का कंसाइनमेंट है तो वह पहले प्रयागराज जाएगा। लेकिन महाकुंभ की वजह से ट्रेन से कोई भी लगेज प्रयागराज भेजने की अनुमति नहीं है। यह व्यवस्था मौनी अमावस्या के स्नान पर भीड़ को देखते हुए की गई थी। लेकिन यह बहाल नहीं हुई और अभी तक जारी है। प्रदेश के बाहर के कंसाइनमेंट तो एकदम नहीं आ रहे। यूपी के भी कंसाइनमेंट भी पड़े हुए
नदेसर स्थित प्रधान डाकखाने में मौजूद हेड सॉर्टर (प्रधान विलगन) जय कुमार चौहान ने बताया- हमारे यहां यूपी के कंसाइनमेंट भेजे जा रहे हैं। वो हम डिलीवर कर रहे हैं। हमने जब अलमारी में रखे शादी के कार्ड के बारे में पूछा कि वाराणसी में तो डिलीवरी हो सकती थी। इस पर उन्होंने कहा कि वो प्रयागराज से ही लेट में आये होंगे और पल्ला झाड़ लिया। पंजाब मेल से आ-जा रहे हैं पार्सल
कैंट स्टेशन पर बताया गया कि 26 जनवरी से अभी तक सिर्फ पंजाब मेल से ही डाक आ और जा रही है। वो भी कई दिनों तक बंद रही। इसके अलावा चौरीचौरा एक्सप्रेस से दोनों तरफ से डाक आ रही है। लेकिन यह ट्रेन डाक ले नहीं जा रही। ऐसे में कई कंसाइनमेंट डंप हैं। इसमें कई सामान वाराणसी के भी हैं। ————————– ये खबर भी पढ़ें- UP में 3 लाख में लड़की-5 लाख में लड़का खरीदिए:बच्ची सांवली है, 30 हजार कम दे देना… कैमरे पर मासूमों का सौदा बच्ची सांवली है… इसको जॉनसन बेबी पाउडर लगाना, आठ दिन में गोरी हो जाएगी। इसका रेट 30 हजार कम करा देंगे। ज्यादा सुंदर बच्चा चाहिए तो मई तक रुक जाइए। हमारी एक पार्टी का सातवां महीना चल रहा है। पांच हजार रुपए में लखीमपुर से पता लगा लेंगे कि बड़ा (बेटा) निकल रहा है या छोटी (बेटी)। लखनऊ में मासूम बच्ची का सौदा कर रही यह महिला चाइल्ड ट्रैफिकिंग गैंग की सदस्य है। गैंग तक पहुंचने में दैनिक भास्कर टीम को 20 दिन लगे। हमारा रिपोर्टर नि:संतान बनकर इस गिरोह तक पहुंचा। लखनऊ में बच्ची की डिलीवरी तय की गई। गैंग की दूसरी महिला सदस्य दिल्ली से बच्ची लेकर आई। पढ़ें पूरी खबर ‘वाराणसी से रिश्तेदार की हार्ट और बीपी की दवाएं चलती हैं। मैंने 8 फरवरी को कैंट रेलवे स्टेशन की रेल डाक सेवा से दवा स्पीड पोस्ट की थी। ये कोलकाता पहुंचने की बजाय अभी भी बनारस में ही पड़ी हुई हैं।’ यह कहना है अंबेडकरनगर के शिवम सिंह का। यह दर्द उन तमाम लोगों का है, जिन्होंने रेलवे की डाक सेवा पर भरोसा जताया था। कई लोगों के शादी के कार्ड से लेकर जरूरी सामान फंसे हुए हैं। लोग जब रेल डाक सेवा कार्यालय सामान वापस लेने आ रहे हैं तो नियमों का हवाला देकर उन्हें वापस लौटाया जा रहा है। दैनिक भास्कर ने कैंट रेलवे स्टेशन पर बने रेल डाक सेवा के कार्यालय की पड़ताल की और यहां पहुंच रहे लोगों से बातचीत की। इसके बारे में ज्यादा जानकारी के लिए हम नदेसर स्थित मुख्य डाकघर भी पहुंचे। अधिकारियों ने इस विषय पर क्या बात की? आखिर किस वजह से यहां 4 हजार बैग डंप है ? पढ़िए रिपोर्ट… अब जानिए दैनिक भास्कर ने पड़ताल में क्या देखा… गैलरी से लेकर आईआरएम के कार्यालय तक पार्सल ही पार्सल
भास्कर टीम दोपहर 1 बजे के बाद कैंट रेलवे स्टेशन पर बने रेल डाक सेवा केंद्र पर पहुंची। यहां बाहर एक इंडिया पोस्ट की गाड़ी में कुछ पार्सल चढ़ाए जा रहे थे। अंदर घुसे तो गैलरी से लेकर आईआरएम कार्यालय और अंदर तक हर जगह बस पार्सल बैग ही नजर आ रहे थे। इनमें कोई पार्सल फरवरी में बुक था तो किसी की बुकिंग जनवरी की थी। अंदर एक व्यक्ति कई लोगों को ऑर्डर दे रहे थे। 26 जनवरी से रुका हुआ कंसाइनमेंट
यहां मौजूद व्यक्ति ने बिना नाम और परिचय बताए पूछा- मीडिया से आए हैं। आइए देखिए, कितना परेशान हैं हम और काशी के लोग। रोजाना कोई न कोई आ रहा है कि उसकी दवा, जरूरत का सामान और बहुत कुछ जो पिछले 20 दिनों से वाराणसी स्टेशन पर ही शो रहा है। यहां 26 जनवरी के बाद किसी भी ट्रेन से कोई माल भेजा नहीं जा सका है। ऐसे में 4000 हजार बैग पार्सल यहां डंप हैं। एक लाख से अधिक बुकिंग
वाराणसी के इस RMS में रोजाना 10 से 12 हजार रुपए का कंसाइनमेंट बुक किया जाता है। इसमें 26 रुपए से पार्सल बुकिंग की शुरुआत होती है। 12 किलो तक का पार्सल यहां से देश के किसी भी कोने में भेजा जा सकता है। 26 जनवरी से आज तक 4000 बैग कंसाइनमेंट यहां पड़ा हुआ है। भास्कर की पड़ताल के दौरान यहां कई लोग अपना सामान ढूंढते हुए पहुंचे। उन्होंने यह भी कहा कि हमारा सामान वापस कर दें। हम खुद ही भेज लेंगे। लेकिन इस पर कर्मचारियों ने असमर्थता जताई, जिससे वो लोग मायूस दिखाई दिए। अब जानिए नदेसर प्रधान डाकघर पर पड़ताल में क्या मिला… 7 फरवरी को शादी थी, भोपाल से आया कार्ड मिला दैनिक भास्कर जब नदेसर स्थित प्रधान डाकघर पहुंचा तो यहां एक अलमारी की शेल्फ में शादी के कार्ड दिखाई पड़े। इस कार्ड को काशी के गायघाट इलाके में देना था। शादी 7 फरवरी को थी। हालांकि, शादी तो बीत चुकी है। मगर यह कार्ड आज भी डाकखाने में जस के तस पड़े हुए हैं। यहां जिम्मेदारों ने पूछने पर बताया कि यूपी के बाहर की डिलीवरी नहीं हो रही लेकिन प्रदेश में डिलीवरी कराई जा रही है। लेकिन उनकी इस बात को मुंह चिढ़ाते दो कार्ड शेल्फ से झांक रहे थे। यहां हमें वीडियो नहीं बनाने दिया गया और फिर हम वापस हो लिए। अब उन लोगों से बातचीत, जिनका सामान समय से नहीं पहुंचा हार्ट और बीपी की दवा 8 फरवरी से नहीं गई
अंबेडकर नगर के शिवम सिंह वाराणसी में पढ़ाई करते हैं। उन्होंने बताया- परिजनों का फोन आया था कि दवाएं खरीदकर कोलकाता भेजना है। मैंने हार्ट और बीपी की दवा डाक सेवा कार्यालय वाराणसी जंक्शन से 8 फरवरी को बुक की थी। यह अभी तक कोलकाता नहीं पहुंची है। जिसकी दवा है वह भी परेशान है। हम भी परेशान हैं। कुछ समझ नहीं आ रहा। सैंपल की बनारसी साड़ी व्यापारी तक नहीं पहुंची
लोहता के रहने वाले शिजान ने 11 फरवरी को एक कंसाइनमेंट बुक किया था। यह बनारसी साड़ी थी जो सैम्पल के लिए अहमदाबाद जानी थी। शिजान ने बताया- अब कस्टमर ऑर्डर कैंसिल करने की धमकी दे रहा है और पैसे वापस मांग रहा है। हमारा नुकसान अब तय है, क्योंकि साड़ी कब जाएगी कुछ बताया नहीं जा रहा। हमने अपना कंसाइनमेंट कैंसिल करने के लिए कहा, लेकिन वो भी नहीं किया जा रहा है। वाराणसी के दूध विनायक चौखंबा निवासी श्रेयस सिंघल की 7 मार्च को शादी है। श्रेयस ने बताया- मेरा आजमगढ़ से शादी का कपड़ा आया है। वह कंसाइनमेंट 11 तारीख को आजमगढ़ से चलकर 12 को वाराणसी पहुंच गया पर आज तक मेरे घर नहीं पहुंचा है। आज भी विश्वेश्वरगंज प्रधान डाकघर गया था। वहां से स्टेटमेंट में यही दिखाया कि वो कैंट स्टेशन के डाक सेवा केंद्र पर है। हमारी शादी 7 मार्च को है और अभी तक कपड़े नहीं मिले हैं। कहीं कोई टेलर भी अब कपड़ा नहीं लेगा। CRPF जवान की मां की कैंसर की दवाएं फंसीं
कैंट रेल सेवा के कर्मचारी ने बताया- दो दिन पहले सीआरपीएफ का एक जवान यहां आया था। वह अपनी मां का इलाज टाटा कैंसर अस्पताल लहरतारा में करवा रहा है। उसकी दवाएं डाक सेवा से 27 तारीख को बुक की गई थीं। लेकिन अभी तक उसकी मां की दवा नहीं पहुंची थीं। वह दवा लेने आया था, लेकिन हम नियमों से बंधे होने के कारण उन्हें दवाएं नहीं दे सके। अब जानिए, आखिर कन्साइनमेंट क्यों नहीं जा पा रहे ? हमें कैंट रेलवे स्टेशन पर सहायक अधीक्षक अजय कुमार मौर्या मिले। हमने कैमरा ऑन किया तो वो वहां से चल दिए। हमने कहा सर आप का वर्जन चाहिए तो बोले हम यहां के अधिकारी नहीं हैं। अपना कंसाइनमेंट पूछने आए थे और वहां से निकल गए। हम नदेसर प्रधान डाकघर पहुंचे तो वहां भी वो नहीं मिले। फोन पर कहा कि अभी बाहर हूं। प्रयागराज महाकुंभ से दिक्कतें बढ़ीं
कैंट रेल डाक सेवा के कर्मचारियों ने बताया- 26 जनवरी को छुट्टी थी। उसके बाद 27 जनवरी से अभी तक बुक हुए करीब 4 हजार बैग डाक यहां डंप हैं। मुख्य कारण यह है कि हमारा प्रधान कार्यालय प्रयागराज है। अगर यूपी के बाहर का कंसाइनमेंट है तो वह पहले प्रयागराज जाएगा। लेकिन महाकुंभ की वजह से ट्रेन से कोई भी लगेज प्रयागराज भेजने की अनुमति नहीं है। यह व्यवस्था मौनी अमावस्या के स्नान पर भीड़ को देखते हुए की गई थी। लेकिन यह बहाल नहीं हुई और अभी तक जारी है। प्रदेश के बाहर के कंसाइनमेंट तो एकदम नहीं आ रहे। यूपी के भी कंसाइनमेंट भी पड़े हुए
नदेसर स्थित प्रधान डाकखाने में मौजूद हेड सॉर्टर (प्रधान विलगन) जय कुमार चौहान ने बताया- हमारे यहां यूपी के कंसाइनमेंट भेजे जा रहे हैं। वो हम डिलीवर कर रहे हैं। हमने जब अलमारी में रखे शादी के कार्ड के बारे में पूछा कि वाराणसी में तो डिलीवरी हो सकती थी। इस पर उन्होंने कहा कि वो प्रयागराज से ही लेट में आये होंगे और पल्ला झाड़ लिया। पंजाब मेल से आ-जा रहे हैं पार्सल
कैंट स्टेशन पर बताया गया कि 26 जनवरी से अभी तक सिर्फ पंजाब मेल से ही डाक आ और जा रही है। वो भी कई दिनों तक बंद रही। इसके अलावा चौरीचौरा एक्सप्रेस से दोनों तरफ से डाक आ रही है। लेकिन यह ट्रेन डाक ले नहीं जा रही। ऐसे में कई कंसाइनमेंट डंप हैं। इसमें कई सामान वाराणसी के भी हैं। ————————– ये खबर भी पढ़ें- UP में 3 लाख में लड़की-5 लाख में लड़का खरीदिए:बच्ची सांवली है, 30 हजार कम दे देना… कैमरे पर मासूमों का सौदा बच्ची सांवली है… इसको जॉनसन बेबी पाउडर लगाना, आठ दिन में गोरी हो जाएगी। इसका रेट 30 हजार कम करा देंगे। ज्यादा सुंदर बच्चा चाहिए तो मई तक रुक जाइए। हमारी एक पार्टी का सातवां महीना चल रहा है। पांच हजार रुपए में लखीमपुर से पता लगा लेंगे कि बड़ा (बेटा) निकल रहा है या छोटी (बेटी)। लखनऊ में मासूम बच्ची का सौदा कर रही यह महिला चाइल्ड ट्रैफिकिंग गैंग की सदस्य है। गैंग तक पहुंचने में दैनिक भास्कर टीम को 20 दिन लगे। हमारा रिपोर्टर नि:संतान बनकर इस गिरोह तक पहुंचा। लखनऊ में बच्ची की डिलीवरी तय की गई। गैंग की दूसरी महिला सदस्य दिल्ली से बच्ची लेकर आई। पढ़ें पूरी खबर   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर