वाराणसी में मासूम का हाथ तोड़ा, आंख फोड़ने की कोशिश:​​​​​प्राइवेट पार्ट कुचला, पत्थरों पर पटककर मार डाला; पोस्टमॉर्टम में 10 चोटें मिलीं

वाराणसी में मासूम का हाथ तोड़ा, आंख फोड़ने की कोशिश:​​​​​प्राइवेट पार्ट कुचला, पत्थरों पर पटककर मार डाला; पोस्टमॉर्टम में 10 चोटें मिलीं

‘बेटी को पैसे देकर मच्छर भगाने वाली अगरबत्ती लेने के लिए दुकान भेजा था। शाम करीब 7 बजे का वक्त रहा होगा। फिर वह नहीं लौटी, हमने बहुत ढूंढा। अगले दिन सुबह उसकी मौत की खबर आई।’ इतना कहकर खुशबू (बदला हुआ नाम) की मां रोने लगी। अपनी सास के कंधे पर सिर रखकर सिसकने लगी। जब शांत हुई तो बोलीं- अगर पुलिस साथ देती, तो मेरी बच्ची बच जाती। परिवार का ये गुस्सा इसलिए है, क्योंकि बच्ची की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट दिल दहलाने वाली है। डॉक्टर के मुताबिक, बच्ची का एक हाथ कंधे से तोड़ दिया गया था। आंख फोड़ने की कोशिश की गई, प्राइवेट पार्ट को कुचला गया। बच्ची के सिर, गला, होठ, पेट पर करीब 10 चोट के निशान मिले हैं। मगर इन चोट से बच्ची की मौत नहीं हुई थी। रेप करने की कोशिशों के बीच दरिंदगी इस कदर हुई कि बच्ची को पत्थर पर पटक दिया गया। इससे बच्ची की मौत हो गई। दरअसल, दरिंदगी करने वाला कोई और नहीं, बच्ची के घर के पास में रहने वाला पड़ोसी था। पुलिस कस्टडी में उसने जुर्म भी कबूल कर लिया। वाराणसी में रामनगर थाना क्षेत्र के एक गांव में रहने वाले दिव्यांग ऑटो ड्राइवर की 7 वर्षीय बेटी मंगलवार (24 दिसंबर) की रात लापता हुई थी। 25 दिसंबर की सुबह उसकी खून से लथपथ लाश बोरे में कंपोजिट विद्यालय में पड़ी मिली। शरीर पर कोई कपड़ा नहीं था। पैर में उसका पायजामा फंसा हुआ था। सिर पर चोट के निशान थे। मासूम का शव उसी स्कूल में मिला, जिसमें वह पढ़ती थी। पढ़िए रिपोर्ट… बेटी को ढूंढा, नहीं मिली तो पुलिस बुलाई, मगर नहीं आई 20 साल पहले गांव में ऑटो ड्राइवर ने घर बनवाया था। यह गांव वाराणसी-चंदौली जिले बॉर्डर पर है। खुशबू अपने 5 भाई-बहनों में दूसरे नंबर पर थी। उसकी मां ने कहा- घर में मच्छर भगाने वाली अगरबत्ती खत्म हो गई थी। उसे ही लेने दुकान पर भेजा था। उसी दुकान पर इसके पिता रोजाना पान खाते थे, इसलिए वो उस दुकान को जानती थी। कई चक्कर सामान लेने वहां जाती थी। मां ने रोते हुए कहा- जब 8 बज गए और वो नहीं लौटी तब हमने पति से कहा। वो दुकान पर गए। दुकानदार ने कहा कि आपकी बच्ची तो बहुत पहले वापस जा चुकी है। फिर पूरा परिवार बच्ची को ढूंढने में लग गया। रात 9.30 बजे डायल 112 पर फोन किया। 10.30 बजे तक सड़क पर खड़े रहे कि शायद पुलिस आएगी, लेकिन कोई नहीं आया। सुबह मिली बेटी की खून से लथपथ लाश
मां ने आगे रोते हुए बताया- मेरी बेटी को कुछ नहीं होता, अगर पुलिस एक्टिव हो जाती। मेरी बेटी को उन्होंने ढूंढा ही नहीं। बेटी की रिपोर्ट लिखवाने गए तो फोटो और नंबर लेकर वहां से लौटा दिया। हमने वो रात जागकर काटी। सुबह नमाज की वक्त मस्जिदों से ऐलान करवाया, लेकिन बेटी नहीं मिली। सुबह बच्चे पतंग लूटने स्कूल की छत पर चढ़े तो बोरी में बेटी की लाश देखी। हमें न्याय चाहिए और कुछ नहीं
दैनिक भास्कर ने जब खुशबू की मां से पूछा कि अब क्या चाहती हैं? तब वह बोलीं कि हमें बस इंसाफ चाहिए और कुछ नहीं चाहिए। मेरी बेटी जिस स्कूल में पढ़ती थी, उसी में उसकी लाश मिली है। जो हत्यारे हैं, उन्हें सरकार जेल भेजे। अब क्राइम सीन भी समझिए…
10 कदम की दूरी पर मिला खून से सना पत्थर
चंदौली के जिस स्कूल में लाश मिली। उसके एक तरफ जल निगम का पंप हाउस, दूसरी तरफ मकान है। जिस तरफ लाश मिली, उस तरफ कामिल शहीद तकिया (कब्रिस्तान) की खाली पड़ी जमीन है। इसी जमीन पर बने स्कूल की 15 फिट ऊंची दीवार के पीछे बच्ची का बोरे में शव मिला। यहां से दस कदम दूर चार-पांच पक्की पटिया पड़ी थी। इसमें से दो में खून लगा था। जमीन में भी खून लगा था। पुलिस ने की खानापूर्ति
शव को दोपहर एक बजे के बाद पोस्टमॉर्टम हाउस भेजा गया। इसके बाद डीसीपी काशी जोन घटनास्थल से रवाना हुए। इसके एक घंटे के बाद सूजाबाद चौकी इंचार्ज ने डॉग स्क्वायड को बुलाया जो खून लगी पटिया और जमीन को सूंघने के बाद गंगा तट तक गया। वहां से वापस लौटकर वह लड़की के घर भी गया। लेकिन कोई सटीक सुराग नहीं लग सका। 25 दिन से स्कूल नहीं जा रही थी खुशबू
खुशबू की दादी ने बताया- 15 दिन पहले मेरे पति की डेथ हुई है। ऐसे में खुशबू और उसकी बड़ी बहन स्कूल नहीं जा रही थी। बड़ी बहन कक्षा 3 में और खुशबू कक्षा एक में पढ़ती थी। खुशबू का आधार कार्ड नहीं बना था। उसकी मैडम ने कहा था कि पहले इसका आधार कार्ड बनवाओ। इसलिए खुशबू 25 दिन से स्कूल नहीं गई थी। घर में पड़ा हुआ था छोटा सा बैग और किताबें
घर के एक कमरे में दादी हमें लेकर गई और उसकी बड़ी बहन ने हमें खुशबू का बैग दिखाया। छोटा सा बैग देखकर एक बार फिर मां के आंसू छलक उठे और वो अपनी बच्ची के लिए रो पड़ी। खुशबू पढ़ने में ठीक थी। अभी कक्षा एक में थी, इसलिए कोई ज्यादा ध्यान नहीं देता था। सीसीटीवी में जाते हुए दिखाई दी
कामिल शहीद तकिया के पास एक मकान में लगे सीसीटीवी में खुशबू रात के 7 बजकर 13 मिनट पर दुकान की तरफ जाती दिखी है। लेकिन, इस सीसीटीवी में उसे वापस आते हुए नहीं देखा गया। ………. यह भी पढ़ें :
प्रेमी पर हमला कर प्रेमिका ने फंदा लगाकर दी जान: अयोध्या में लड़के के दोस्त ने बोरी में भरकर फेंकी डेड बॉडी, बोला-मैं डर गया था सोमवार को मेरे घर पर विकास पाल और उसकी प्रेमिका सरिता आई थी। दोनों मेरे घर पर ही रुके थे। बुधवार को विकास और सरिता में किसी बात को लेकर बहस हो गई। दोनों के बीच मामला इतना बढ़ गया कि नौबत मारपीट की आ गई। इसी बीच गुस्से में सरिता ने बांका उठाकर विकास पर हमला कर दिया। उसके गले के नीचे गंभीर चोट आई। प्रेमिका के हमले से बचने को वह बाहर भागा, हम भी उसके पीछे दौड़े, मगर वह भागता चला गया। इधर जब लौट कर घर आए तो सरिता ने कमरे में फंदा लगाकर जान दे दी। उसे फंदे से लटकता देख मैं और मेरी पत्नी डर गए। हम लोगों ने उसका शव उतारा और फिर उसे बोरी में बंद किया। इसके बाद उसकी डेड बॉडी को बोरी में भरकर मिल्कीपुर के ताजपुर में कस्तूरबा गांधी स्कूल के पास झाड़ी में फेंक दिया। पढ़िए पूरी खबर… ‘बेटी को पैसे देकर मच्छर भगाने वाली अगरबत्ती लेने के लिए दुकान भेजा था। शाम करीब 7 बजे का वक्त रहा होगा। फिर वह नहीं लौटी, हमने बहुत ढूंढा। अगले दिन सुबह उसकी मौत की खबर आई।’ इतना कहकर खुशबू (बदला हुआ नाम) की मां रोने लगी। अपनी सास के कंधे पर सिर रखकर सिसकने लगी। जब शांत हुई तो बोलीं- अगर पुलिस साथ देती, तो मेरी बच्ची बच जाती। परिवार का ये गुस्सा इसलिए है, क्योंकि बच्ची की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट दिल दहलाने वाली है। डॉक्टर के मुताबिक, बच्ची का एक हाथ कंधे से तोड़ दिया गया था। आंख फोड़ने की कोशिश की गई, प्राइवेट पार्ट को कुचला गया। बच्ची के सिर, गला, होठ, पेट पर करीब 10 चोट के निशान मिले हैं। मगर इन चोट से बच्ची की मौत नहीं हुई थी। रेप करने की कोशिशों के बीच दरिंदगी इस कदर हुई कि बच्ची को पत्थर पर पटक दिया गया। इससे बच्ची की मौत हो गई। दरअसल, दरिंदगी करने वाला कोई और नहीं, बच्ची के घर के पास में रहने वाला पड़ोसी था। पुलिस कस्टडी में उसने जुर्म भी कबूल कर लिया। वाराणसी में रामनगर थाना क्षेत्र के एक गांव में रहने वाले दिव्यांग ऑटो ड्राइवर की 7 वर्षीय बेटी मंगलवार (24 दिसंबर) की रात लापता हुई थी। 25 दिसंबर की सुबह उसकी खून से लथपथ लाश बोरे में कंपोजिट विद्यालय में पड़ी मिली। शरीर पर कोई कपड़ा नहीं था। पैर में उसका पायजामा फंसा हुआ था। सिर पर चोट के निशान थे। मासूम का शव उसी स्कूल में मिला, जिसमें वह पढ़ती थी। पढ़िए रिपोर्ट… बेटी को ढूंढा, नहीं मिली तो पुलिस बुलाई, मगर नहीं आई 20 साल पहले गांव में ऑटो ड्राइवर ने घर बनवाया था। यह गांव वाराणसी-चंदौली जिले बॉर्डर पर है। खुशबू अपने 5 भाई-बहनों में दूसरे नंबर पर थी। उसकी मां ने कहा- घर में मच्छर भगाने वाली अगरबत्ती खत्म हो गई थी। उसे ही लेने दुकान पर भेजा था। उसी दुकान पर इसके पिता रोजाना पान खाते थे, इसलिए वो उस दुकान को जानती थी। कई चक्कर सामान लेने वहां जाती थी। मां ने रोते हुए कहा- जब 8 बज गए और वो नहीं लौटी तब हमने पति से कहा। वो दुकान पर गए। दुकानदार ने कहा कि आपकी बच्ची तो बहुत पहले वापस जा चुकी है। फिर पूरा परिवार बच्ची को ढूंढने में लग गया। रात 9.30 बजे डायल 112 पर फोन किया। 10.30 बजे तक सड़क पर खड़े रहे कि शायद पुलिस आएगी, लेकिन कोई नहीं आया। सुबह मिली बेटी की खून से लथपथ लाश
मां ने आगे रोते हुए बताया- मेरी बेटी को कुछ नहीं होता, अगर पुलिस एक्टिव हो जाती। मेरी बेटी को उन्होंने ढूंढा ही नहीं। बेटी की रिपोर्ट लिखवाने गए तो फोटो और नंबर लेकर वहां से लौटा दिया। हमने वो रात जागकर काटी। सुबह नमाज की वक्त मस्जिदों से ऐलान करवाया, लेकिन बेटी नहीं मिली। सुबह बच्चे पतंग लूटने स्कूल की छत पर चढ़े तो बोरी में बेटी की लाश देखी। हमें न्याय चाहिए और कुछ नहीं
दैनिक भास्कर ने जब खुशबू की मां से पूछा कि अब क्या चाहती हैं? तब वह बोलीं कि हमें बस इंसाफ चाहिए और कुछ नहीं चाहिए। मेरी बेटी जिस स्कूल में पढ़ती थी, उसी में उसकी लाश मिली है। जो हत्यारे हैं, उन्हें सरकार जेल भेजे। अब क्राइम सीन भी समझिए…
10 कदम की दूरी पर मिला खून से सना पत्थर
चंदौली के जिस स्कूल में लाश मिली। उसके एक तरफ जल निगम का पंप हाउस, दूसरी तरफ मकान है। जिस तरफ लाश मिली, उस तरफ कामिल शहीद तकिया (कब्रिस्तान) की खाली पड़ी जमीन है। इसी जमीन पर बने स्कूल की 15 फिट ऊंची दीवार के पीछे बच्ची का बोरे में शव मिला। यहां से दस कदम दूर चार-पांच पक्की पटिया पड़ी थी। इसमें से दो में खून लगा था। जमीन में भी खून लगा था। पुलिस ने की खानापूर्ति
शव को दोपहर एक बजे के बाद पोस्टमॉर्टम हाउस भेजा गया। इसके बाद डीसीपी काशी जोन घटनास्थल से रवाना हुए। इसके एक घंटे के बाद सूजाबाद चौकी इंचार्ज ने डॉग स्क्वायड को बुलाया जो खून लगी पटिया और जमीन को सूंघने के बाद गंगा तट तक गया। वहां से वापस लौटकर वह लड़की के घर भी गया। लेकिन कोई सटीक सुराग नहीं लग सका। 25 दिन से स्कूल नहीं जा रही थी खुशबू
खुशबू की दादी ने बताया- 15 दिन पहले मेरे पति की डेथ हुई है। ऐसे में खुशबू और उसकी बड़ी बहन स्कूल नहीं जा रही थी। बड़ी बहन कक्षा 3 में और खुशबू कक्षा एक में पढ़ती थी। खुशबू का आधार कार्ड नहीं बना था। उसकी मैडम ने कहा था कि पहले इसका आधार कार्ड बनवाओ। इसलिए खुशबू 25 दिन से स्कूल नहीं गई थी। घर में पड़ा हुआ था छोटा सा बैग और किताबें
घर के एक कमरे में दादी हमें लेकर गई और उसकी बड़ी बहन ने हमें खुशबू का बैग दिखाया। छोटा सा बैग देखकर एक बार फिर मां के आंसू छलक उठे और वो अपनी बच्ची के लिए रो पड़ी। खुशबू पढ़ने में ठीक थी। अभी कक्षा एक में थी, इसलिए कोई ज्यादा ध्यान नहीं देता था। सीसीटीवी में जाते हुए दिखाई दी
कामिल शहीद तकिया के पास एक मकान में लगे सीसीटीवी में खुशबू रात के 7 बजकर 13 मिनट पर दुकान की तरफ जाती दिखी है। लेकिन, इस सीसीटीवी में उसे वापस आते हुए नहीं देखा गया। ………. यह भी पढ़ें :
प्रेमी पर हमला कर प्रेमिका ने फंदा लगाकर दी जान: अयोध्या में लड़के के दोस्त ने बोरी में भरकर फेंकी डेड बॉडी, बोला-मैं डर गया था सोमवार को मेरे घर पर विकास पाल और उसकी प्रेमिका सरिता आई थी। दोनों मेरे घर पर ही रुके थे। बुधवार को विकास और सरिता में किसी बात को लेकर बहस हो गई। दोनों के बीच मामला इतना बढ़ गया कि नौबत मारपीट की आ गई। इसी बीच गुस्से में सरिता ने बांका उठाकर विकास पर हमला कर दिया। उसके गले के नीचे गंभीर चोट आई। प्रेमिका के हमले से बचने को वह बाहर भागा, हम भी उसके पीछे दौड़े, मगर वह भागता चला गया। इधर जब लौट कर घर आए तो सरिता ने कमरे में फंदा लगाकर जान दे दी। उसे फंदे से लटकता देख मैं और मेरी पत्नी डर गए। हम लोगों ने उसका शव उतारा और फिर उसे बोरी में बंद किया। इसके बाद उसकी डेड बॉडी को बोरी में भरकर मिल्कीपुर के ताजपुर में कस्तूरबा गांधी स्कूल के पास झाड़ी में फेंक दिया। पढ़िए पूरी खबर…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर