यूपी के वाराणसी में तेंदुए ने 48 घंटों में 2 गांव के 3 ग्रामीणों पर हमला करके घायल कर दिया। वाराणसी के साथ 5 जिलों की वन विभाग की टीमें जुटीं, लेकिन तेंदुआ चकमा देकर चंदौली की तरफ भाग निकला। यह सिर्फ अनुमान है। वाराणसी वन विभाग की टीम को 2 हिस्सों में बांटकर सर्च ऑपरेशन चला जा रहा है। पहली टीम- लखरांव गांव के पास डेरा जमाए है। दूसरी टीम- गंगा किनारे के गांव में तेंदुआ को ढूंढ रही है। अभी तक तेंदुए की लोकेशन नहीं पता चली है। कुछ पंजों के निशान मिले हैं, जो इशारा करते हैं कि तेंदुआ चंदौली की तरफ मूव कर गया है। तेंदुए पहले गौराकला गांव में दिखा था, इसके बाद लखरांव गांव की तरफ भागने में कामयाब हो गया। पढ़िए ऑपरेशन तेंदुआ की रिपोर्ट… गुस्साए लोग बोले- न पिंजड़ा, न जाल…ये कैसे पकड़ते
तेंदुए के बढ़ते हमले से परेशान गांववालों का आरोप है कि जिस तरह के प्रयास वन विभाग की टीम को करने चाहिए थे, वैसे पिछले 24 घंटे से दिखाई नहीं दिए। इनके पास पिंजड़ा, जाल और ट्रेंकुलाइजर ही नहीं था। हम गांववाले खुद ही अपने लोगों की सिक्योरिटी के लिए लाठी-डंडे लिए घूम रहे हैं। वाराणसी के गौराकला और लखरांव गांव के 5 Km दायरे में 5 हजार घरों के लोग दहशत में हैं। नवापुरा के सुरेश राजभर बताते हैं- तेंदुए के खौफ के कारण 23 मई की रात मेरा पूरा परिवार सो नहीं पाया। हमारी तरह गांव के लगभग सभी घरों का एक जैसा हाल है। सबसे ज्यादा खौफ में बच्चे और घर की महिलाएं हैं। बता दें कि अब तक तेंदुए ने हमला कर अमित मौर्या, अनिल राजभर और जयदेव राजभर घायल किए हैं। अब इनके घायल होने के बारे में जानिए… अब लोग घायल कैसे हुए, ये जानिए झाड़ियों में छिपा था तेंदुआ, छेड़ते ही हमला किया
चौबेपुर की नई नवापुरा बस्ती में 23 मई की सुबह अमित मौर्य अपने खेत पर फूल तोड़ने पहुंचे थे। उन्होंने झाड़ियों में तेंदुए को छिपा देखा। शोर मचाकर गांववालों को बुला लिया। करीब 25 लोग लाठी-डंडे लेकर पहुंच गए। अभी कोई कुछ कर पाता, इससे पहले अमित ने तेंदुए को डंडे से छेड़ दिया। इसके बाद तेंदुए ने अमित पर हमला कर दिया। मौके पर मौजूद लोगों ने शोर मचाया तो तेंदुआ भागकर पास के एक बगीचे में छिप गया। हमले में घायल अमित को बस्ती के लोगों ने बाइक पर बैठाकर अस्पताल पहुंचा दिया। पुलिस-प्रशासन को तेंदुए के बारे में बताया। अमित के हाथ में गहरी चोट आई थी। सिर, पेट और पीठ पर भी तेंदुए के पंजे के निशान हैं। इसके 2 घंटे के बाद ग्राम पंचायत गौरा कला के कामाख्या नजर कॉलोनी में भी तेंदुए को भागते हुए देखा गया। वहां दो युवक तेंदुए को मारने के लिए बाग में घुस गए। तेंदुए ने दोनों युवकों अनिल और जयदेव को घायल कर दिया। इसके बाद वाराणसी वन विभाग ने 5 जिलों की टीमें बुला लीं। लखनऊ से भी टीम काशी आ गई। प्रशासन की टीम ड्रोन कैमरे से तेंदुए पर नजर रखने की कोशिश करती रही, लेकिन लोकेशन ट्रेस नहीं हो सकी। अब गांव के लोगों की नाराजगी समझिए लोग बोले- ये कहते हैं कि भाग गया, लोग तो घरों में कैद हैं
गौराकला गांव के सर्वेश कुमार गुप्ता कहते हैं- 2 मई की सुबह से कुछ नहीं हुआ। वन विभाग की टीम तेंदुए को पकड़ नहीं सकी, बल्कि वह हम लोगों से कह रही है कि तेंदुआ यहां से भाग गया है। सभी गांववाले दहशत में हैं। रात भर किसी को नींद नहीं आई। विशाल ने बताया- बाहर से टीमें आई थीं। पेड़ों के बीच में कुछ आवाज सुनाई देती रही, लेकिन वह सुबह से बाहर नहीं निकला। हम सभी लोग लाठी-डंडे लेकर पहरा दे रहे हैं, जिससे हमारे घरवाले सुरक्षित रहें। अभी तक गांव में दहशत है। वन विभाग की एक टीम यहां पर है। लेकिन वह जगह दूर है, जहां पर तेंदुआ आखिरी बार देखा गया था। 1 घंटे में वन विभाग वाले आए, संसाधन इकट्ठा करने में 3 घंटे लगे
गांव के ठाकुर, जिन्होंने सबसे पहले तेंदुए को देखा था। उन्होंने बताया- सुबह का वक्त था, महिलाएं फूल तोड़ रही थीं, तभी एक जानवर भागता हुआ दिखाई दिया। गांव के 40-50 लोग उसके पीछे गए। वह एक घर के बाहर बैठा था। तभी एक युवक ने लकड़ी के डंडे से उसे छेड़ दिया। कभी तेंदुए ने जवाब में उसको दौड़ा लिया और उसे बुरी तरह घायल कर दिया। इसके बाद वह गांव के ही एक बगीचे में जाकर बैठ गया। फिर हम लोगों ने वन विभाग की टीम को इसकी सूचना दी। इसके 1 घंटे बाद वन विभाग की टीम यहां पहुंची और संसाधनों को इकट्ठा करने में 3 घंटे का वक्त लग गया। वन विभाग का दावा तेंदुए ने इलाका छोड़ा, लोग घबराएं नहीं
DFO स्वाति श्रीवास्तव ने कहा- चिरईगांव ब्लॉक के अंतर्गत ग्राम सभा गौराकला के लखरांव गांव में 23 मई को एक तेंदुए दिखा था। वन विभाग की टीम सुबह 8 बजे पिंजड़ा, जाल और अन्य आवश्यक उपकरणों के साथ मौके पर पहुंची। मौके पर प्रभागीय वनाधिकारी, उप प्रभागीय वनाधिकारी, क्षेत्रीय वन अधिकारी समेत 25-30 कर्मचारियों की टीम मौजूद रही। जिस बाग में तेंदुआ देखा गया, वो तीनों ओर से रिहायशी इलाके से घिरा था। कुछ देर बाद तेंदुआ दूसरे बाग में चला गया। हमने लखनऊ की मेडिकल टीम, गाजीपुर और चंदौली से भी रेस्क्यू टीमों को बुला लिया। वन विभाग की टीम पूरी रात मौके पर डटी रही और क्षेत्र में लगातार गश्त करती रही। कई नए पिंजड़े भी लगाए गए। देर रात तेंदुए को क्षेत्र से भागते हुए देखा गया। 24 मई की सुबह गश्त के दौरान तेंदुए के पैरों के निशानों से संकेत मिला कि वह अब इस क्षेत्र को छोड़ चुका है। सुरक्षा की दृष्टि से वन विभाग की टीमें अब भी क्षेत्र में सक्रिय हैं। नदी किनारे के गांवों में भी गश्त की जा रही है। पिंजड़े, जाल, और ट्रैप कैमरों के जरिए निगरानी लगातार जारी है। ————————– यह खबर भी पढ़ें : वाराणसी में घुसा तेंदुआ, 3 युवकों पर किया अटैक, 25 लोगों के सामने नोचा, 5000 लोग घरों में कैद, 50 पुलिसवाले निगरानी कर रहे वाराणसी में तेंदुए ने युवक पर जानलेवा हमला कर दिया। 25 लोगों के सामने उसकी पीठ, पेट और हाथ नोच डाले। लोगों ने लाठी फटकार कर उसे बचाया, अस्पताल पहुंचाया। हुआ यूं कि शुक्रवार को युवक फूल तोड़ने बाग में गया था, जहां उसने झाड़ियों में तेंदुए को छिपा देखा। उसने गांव वालों को फोन कर बुलाया। लोग लाठी-डंडे लेकर पहुंचे। स्थानीय युवक अमित मौर्य ने डंडे से तेंदुए पर वार कर दिया। इसके तेंदुआ आक्रामक हो गया। पढ़िए पूरी खबर… यूपी के वाराणसी में तेंदुए ने 48 घंटों में 2 गांव के 3 ग्रामीणों पर हमला करके घायल कर दिया। वाराणसी के साथ 5 जिलों की वन विभाग की टीमें जुटीं, लेकिन तेंदुआ चकमा देकर चंदौली की तरफ भाग निकला। यह सिर्फ अनुमान है। वाराणसी वन विभाग की टीम को 2 हिस्सों में बांटकर सर्च ऑपरेशन चला जा रहा है। पहली टीम- लखरांव गांव के पास डेरा जमाए है। दूसरी टीम- गंगा किनारे के गांव में तेंदुआ को ढूंढ रही है। अभी तक तेंदुए की लोकेशन नहीं पता चली है। कुछ पंजों के निशान मिले हैं, जो इशारा करते हैं कि तेंदुआ चंदौली की तरफ मूव कर गया है। तेंदुए पहले गौराकला गांव में दिखा था, इसके बाद लखरांव गांव की तरफ भागने में कामयाब हो गया। पढ़िए ऑपरेशन तेंदुआ की रिपोर्ट… गुस्साए लोग बोले- न पिंजड़ा, न जाल…ये कैसे पकड़ते
तेंदुए के बढ़ते हमले से परेशान गांववालों का आरोप है कि जिस तरह के प्रयास वन विभाग की टीम को करने चाहिए थे, वैसे पिछले 24 घंटे से दिखाई नहीं दिए। इनके पास पिंजड़ा, जाल और ट्रेंकुलाइजर ही नहीं था। हम गांववाले खुद ही अपने लोगों की सिक्योरिटी के लिए लाठी-डंडे लिए घूम रहे हैं। वाराणसी के गौराकला और लखरांव गांव के 5 Km दायरे में 5 हजार घरों के लोग दहशत में हैं। नवापुरा के सुरेश राजभर बताते हैं- तेंदुए के खौफ के कारण 23 मई की रात मेरा पूरा परिवार सो नहीं पाया। हमारी तरह गांव के लगभग सभी घरों का एक जैसा हाल है। सबसे ज्यादा खौफ में बच्चे और घर की महिलाएं हैं। बता दें कि अब तक तेंदुए ने हमला कर अमित मौर्या, अनिल राजभर और जयदेव राजभर घायल किए हैं। अब इनके घायल होने के बारे में जानिए… अब लोग घायल कैसे हुए, ये जानिए झाड़ियों में छिपा था तेंदुआ, छेड़ते ही हमला किया
चौबेपुर की नई नवापुरा बस्ती में 23 मई की सुबह अमित मौर्य अपने खेत पर फूल तोड़ने पहुंचे थे। उन्होंने झाड़ियों में तेंदुए को छिपा देखा। शोर मचाकर गांववालों को बुला लिया। करीब 25 लोग लाठी-डंडे लेकर पहुंच गए। अभी कोई कुछ कर पाता, इससे पहले अमित ने तेंदुए को डंडे से छेड़ दिया। इसके बाद तेंदुए ने अमित पर हमला कर दिया। मौके पर मौजूद लोगों ने शोर मचाया तो तेंदुआ भागकर पास के एक बगीचे में छिप गया। हमले में घायल अमित को बस्ती के लोगों ने बाइक पर बैठाकर अस्पताल पहुंचा दिया। पुलिस-प्रशासन को तेंदुए के बारे में बताया। अमित के हाथ में गहरी चोट आई थी। सिर, पेट और पीठ पर भी तेंदुए के पंजे के निशान हैं। इसके 2 घंटे के बाद ग्राम पंचायत गौरा कला के कामाख्या नजर कॉलोनी में भी तेंदुए को भागते हुए देखा गया। वहां दो युवक तेंदुए को मारने के लिए बाग में घुस गए। तेंदुए ने दोनों युवकों अनिल और जयदेव को घायल कर दिया। इसके बाद वाराणसी वन विभाग ने 5 जिलों की टीमें बुला लीं। लखनऊ से भी टीम काशी आ गई। प्रशासन की टीम ड्रोन कैमरे से तेंदुए पर नजर रखने की कोशिश करती रही, लेकिन लोकेशन ट्रेस नहीं हो सकी। अब गांव के लोगों की नाराजगी समझिए लोग बोले- ये कहते हैं कि भाग गया, लोग तो घरों में कैद हैं
गौराकला गांव के सर्वेश कुमार गुप्ता कहते हैं- 2 मई की सुबह से कुछ नहीं हुआ। वन विभाग की टीम तेंदुए को पकड़ नहीं सकी, बल्कि वह हम लोगों से कह रही है कि तेंदुआ यहां से भाग गया है। सभी गांववाले दहशत में हैं। रात भर किसी को नींद नहीं आई। विशाल ने बताया- बाहर से टीमें आई थीं। पेड़ों के बीच में कुछ आवाज सुनाई देती रही, लेकिन वह सुबह से बाहर नहीं निकला। हम सभी लोग लाठी-डंडे लेकर पहरा दे रहे हैं, जिससे हमारे घरवाले सुरक्षित रहें। अभी तक गांव में दहशत है। वन विभाग की एक टीम यहां पर है। लेकिन वह जगह दूर है, जहां पर तेंदुआ आखिरी बार देखा गया था। 1 घंटे में वन विभाग वाले आए, संसाधन इकट्ठा करने में 3 घंटे लगे
गांव के ठाकुर, जिन्होंने सबसे पहले तेंदुए को देखा था। उन्होंने बताया- सुबह का वक्त था, महिलाएं फूल तोड़ रही थीं, तभी एक जानवर भागता हुआ दिखाई दिया। गांव के 40-50 लोग उसके पीछे गए। वह एक घर के बाहर बैठा था। तभी एक युवक ने लकड़ी के डंडे से उसे छेड़ दिया। कभी तेंदुए ने जवाब में उसको दौड़ा लिया और उसे बुरी तरह घायल कर दिया। इसके बाद वह गांव के ही एक बगीचे में जाकर बैठ गया। फिर हम लोगों ने वन विभाग की टीम को इसकी सूचना दी। इसके 1 घंटे बाद वन विभाग की टीम यहां पहुंची और संसाधनों को इकट्ठा करने में 3 घंटे का वक्त लग गया। वन विभाग का दावा तेंदुए ने इलाका छोड़ा, लोग घबराएं नहीं
DFO स्वाति श्रीवास्तव ने कहा- चिरईगांव ब्लॉक के अंतर्गत ग्राम सभा गौराकला के लखरांव गांव में 23 मई को एक तेंदुए दिखा था। वन विभाग की टीम सुबह 8 बजे पिंजड़ा, जाल और अन्य आवश्यक उपकरणों के साथ मौके पर पहुंची। मौके पर प्रभागीय वनाधिकारी, उप प्रभागीय वनाधिकारी, क्षेत्रीय वन अधिकारी समेत 25-30 कर्मचारियों की टीम मौजूद रही। जिस बाग में तेंदुआ देखा गया, वो तीनों ओर से रिहायशी इलाके से घिरा था। कुछ देर बाद तेंदुआ दूसरे बाग में चला गया। हमने लखनऊ की मेडिकल टीम, गाजीपुर और चंदौली से भी रेस्क्यू टीमों को बुला लिया। वन विभाग की टीम पूरी रात मौके पर डटी रही और क्षेत्र में लगातार गश्त करती रही। कई नए पिंजड़े भी लगाए गए। देर रात तेंदुए को क्षेत्र से भागते हुए देखा गया। 24 मई की सुबह गश्त के दौरान तेंदुए के पैरों के निशानों से संकेत मिला कि वह अब इस क्षेत्र को छोड़ चुका है। सुरक्षा की दृष्टि से वन विभाग की टीमें अब भी क्षेत्र में सक्रिय हैं। नदी किनारे के गांवों में भी गश्त की जा रही है। पिंजड़े, जाल, और ट्रैप कैमरों के जरिए निगरानी लगातार जारी है। ————————– यह खबर भी पढ़ें : वाराणसी में घुसा तेंदुआ, 3 युवकों पर किया अटैक, 25 लोगों के सामने नोचा, 5000 लोग घरों में कैद, 50 पुलिसवाले निगरानी कर रहे वाराणसी में तेंदुए ने युवक पर जानलेवा हमला कर दिया। 25 लोगों के सामने उसकी पीठ, पेट और हाथ नोच डाले। लोगों ने लाठी फटकार कर उसे बचाया, अस्पताल पहुंचाया। हुआ यूं कि शुक्रवार को युवक फूल तोड़ने बाग में गया था, जहां उसने झाड़ियों में तेंदुए को छिपा देखा। उसने गांव वालों को फोन कर बुलाया। लोग लाठी-डंडे लेकर पहुंचे। स्थानीय युवक अमित मौर्य ने डंडे से तेंदुए पर वार कर दिया। इसके तेंदुआ आक्रामक हो गया। पढ़िए पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
वाराणसी में 25 हजार लोग तेंदुए की दहशत में:लाठी-डंडे लेकर परिवार की रखवाली कर रहे; बोले- वन विभाग पकड़ ही नहीं पा रहा
